संत रविदास जी का संपूर्ण इतिहास

  1. संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय
  2. संत शिरोमणि रविदास जी Guru Ravidas Ji
  3. शख्सियत : संत रविदास जी का संपूर्ण इतिहास जानिए » General Knowledge
  4. संत रविदास ( रैदास ) का जीवन परिचय और उनके दोहे,
  5. संत रैदास (रविदास) का जीवन परिचय, रचनाएं, जन्म और मृत्यु, काव्यगत विशेषताएं
  6. संत रविदास जी का जीवन परिचय
  7. सबको बराबर करने वाला : रविदास Sant Ravidas Biography [Hindi]
  8. Guru Ravidas Jayanti: Know When Is Ravidas Jayanti
  9. संत शिरोमणि रविदास जी Guru Ravidas Ji
  10. सबको बराबर करने वाला : रविदास Sant Ravidas Biography [Hindi]


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संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय

संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय | Raidas Biography in Hindi संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय :भारतदेश की आज पूरी दुनिया में विश्व गुरु के नाम से पहचान है क्योंकि भारत देश की भूमि पर कई बड़े बड़े संत और गुरुओं ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपने सत्य वचनों से लोगों को सच्ची राह पर चलना सिखाया है। आज हम आपको इस आर्टिकल में भारत के एक महान गुरु संत रविदास का जीवन परिचय के बारे में विस्तार से माहिति प्रदान करेंगे। संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय संत रविदास 15 वीं शताब्दी के एक सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख संत में से एक थे। रविदास एक महान संत और समाज सुधारक के साथ-साथ ईश्वर के अनुयायी, दर्शन शास्त्री और एक महान कवि थे। संत रविदास जी रैदास के नाम से भी जाने जाते है। निर्गुण सम्प्रदाय के प्रसिद्ध संत रविदास अपनी स्वरचना के माध्यम से अपने अनुयायियों और समाज के लोगों कोसामाजिक और आध्यात्मिक सन्देश दिया। लोग उन्हें मसीहा मानते थे। रविदास जी ने लोगों को ईश्वर के प्रति प्रेम करना सिखाया। रविदास जी को आज भी उत्तरप्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र राज्यों में लोग भगवान की तरह पूजते है और धार्मिक कार्यक्रमों में लोग उनके महान गीतों को सुनते या पढ़ते है। तो चलिए जानते है संत रैदास का जीवन परिचय (raidas ka jivan parichay) विस्तार से। रैदास का जीवन परिचय एक नज़र में (Raidas Biography in Hindi) पूरा नाम गुरु रविदास जी प्रसिद्ध नाम रैदास, रूहिदास, रोहिदास जन्म वाराणसी के पास सीर गोवर्धनपुर, जन्मस्थल 1377 AD से 1398 AD के बीच पिता का नाम श्री संतोख दास जी माता का नाम कलसा देवी दादा का नाम कालू राम जी दादी का नाम लखपति जी गुरु का नाम पंडित शारदा नन्द पत्नी का नाम ल...

संत शिरोमणि रविदास जी Guru Ravidas Ji

www.ravidas.in वेबसाइट पर आप रविदास जी के जीवन और उनके दर्शन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह वेबसाइट रविदास जी के भक्तों के लिए बनाई गई है जो उन्हें और उनके उपदेशों को समझने और उनसे जुड़ने की इच्छा रखते हैं। आपके मित्रों के साथ इस वेबसाइट को साझा करने से रविदास जी के जीवन और उनके उपदेशों को लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। यह वेबसाइट रविदास जी के जीवन, उपदेश, संस्थाओं और दोहों से जुड़ी जानकारी प्रदान करती है। आप इसे ईमेल, व्हाट्सअप मैसेज या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर आदि पर भी साझा कर सकते हैं। धन्यवाद!

शख्सियत : संत रविदास जी का संपूर्ण इतिहास जानिए » General Knowledge

संत रविदास जी का संपूर्ण इतिहास जानिए (Sant Ravidas) : भारत में 15वीं शताब्दी के संत परंपरा में एक चमकते नेतृत्वकर्ता और उत्तर भारतीय भक्ति आंदोलन को नेतृत्व देने वाले महान संत, दर्शनशास्त्री, कवि, समाज-सुधारक और ईश्वर के अनुयायी संत थे शिरोमणि रविदास जिन्होंने लोगों को जातिवाद को छोड़कर प्यार करना सिखाया। रविदास जी (Sant Ravidas) ने हमेशा ही अपने दोहों और रचनाओं के जरिए लोगों को समाज में फैली बुराइयों और कुरीतियों के बारे में बताया है और इन्हें दूर करने के लिए प्रोत्साहित किया है। रविदास जी ने सभी को भगवान की भक्ति के लिए प्रेरित किया है, इसके साथ ही सच्चाई की राह पर चलने की भी प्रेरणा दी है। ऐसे पड़ा नाम: संत शिरोमणि रविदास जी का जन्म माघ पूर्णिमा को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोवर्धनपुर गांव में हुआ था। संत रविदास कबीरदास के समकालीन और गुरुभाई कहे जाते हैं. रविदास जी (Know About Sant Ravidas) के जन्म को लेकर कई मत हैं लेकिन कई विद्वानों का कहना है कि इनका जन्म साल 1398 में हुआ था. कहते हैं कि जिस दिन उनका जन्म हुआ उस दिन रविवार था, इसलिए उनका नाम रविदास रखा गया। संत रविदास जी के पिता का नाम संतोष दास था, वहीँ माता का नाम कर्मा देवी था। उनके दादाजी का नाम कालूराम जी था।रविदास जी की पत्नी का नाम लोना जी और पुत्र का नाम विजय दास जी है। चर्मकार कुल में हुआ जन्म जब रविदास जी का जन्म हुआ उस समय उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में मुगलों का शासन था और हर तरफ अत्याचार गरीबी भ्रष्टाचार और अशिक्षा का माहौल था। उस समय मुस्लिम शासकों का प्रयास रहता था कि वह ज्यादा से ज्यादा हिंदुओं को मुस्लिम बनाएं। रविदास जी की ख्याति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी, जिसके चलते उनके लाखों भक्त थे। जिसमें...

संत रविदास ( रैदास ) का जीवन परिचय और उनके दोहे,

वैसे तो हमारे देश भारत में सदियों से अनेक महान संतो ने जन्म लेकर इस भारतभूमि को धन्य किया है जिसके कारण भारत को विश्वगुरु कहा जाता है और जब जब हमारे देश में ऊचनीच भेदभाव, जातीपाती, धर्मभेदभाव अपने चरम अवस्था पर हुआ है तब तब हमारे देश भारत में अनेक महापुरुषों ने इस धरती पर जन्म लेकर समाज में फैली बुराईयों, कुरूतियो को दूर करते हुए अपने बताये हुए सच्चे मार्ग पर चलते हुए भक्ति भावना से पूरे समाज को एकता के सूत्र में बाधने का काम किया है इन्ही महान संतो में संत गुरु रविदास जी / Sant Guru Ravidas Ji का भी नाम आता है जो की एक 15वी सदी के एक महान समाज सुधारक, दार्शनिक कवि और धर्म की भेदभावना से ऊपर उठकर भक्ति भावना दिखाते है । तो आईये जानते है ऐसे महान संत गुरु रविदास जी / Sant Guru Ravidas Ji के जीवन के बारे में जिनके जीवन से हमे धर्म और जाती से उठकर समाज कल्याण की भावना की सीख मिलती है रविदास भारत में 15वीं शताब्दी के एक महान संत, दर्शनशास्त्री, कवि, समाज-सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे। वो निर्गुण संप्रदाय अर्थात् संत परंपरा में एक चमकते नेतृत्वकर्ता और प्रसिद्ध व्यक्ति थे तथा उत्तर भारतीय भक्ति आंदोलन को नेतृत्व देते थे। ईश्वर के प्रति अपने असीम प्यार और अपने चाहने वाले, अनुयायी, सामुदायिक और सामाजिक लोगों में सुधार के लिये अपने महान कविता लेखनों के जरिये संत रविदास ने विविध प्रकार की आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश दिये। वो लोगों की नजर में उनकी सामाजिक और आध्यात्मिक जरुरतों को पूरा करने वाले मसीहा के रुप में थे। आध्यात्मिक रुप से समृद्ध रविदास को लोगों द्वारा पूजा जाता था। हर दिन और रात, रविदास के जन्म दिवस के अवसर पर तथा किसी धार्मिक कार्यक्रम के उत्सव पर लोग उनके महान गीतों आदि...

संत रैदास (रविदास) का जीवन परिचय, रचनाएं, जन्म और मृत्यु, काव्यगत विशेषताएं

रैदास जी का जीवन परिचय मध्ययुगीन साधकों में संत रविदास अथवा रैदास जी थे। रैदास रामानंद के बारह शिष्य में से एक थे। इनके समकालीन धन्ना और मीराबाई थे। उन्होंने अपनी रचनाओं में इनका उल्लेख बहुत श्रद्धा के साथ किया है। यह भी कहा जाता है कि मीराबाई रैदास की शिष्य थे। रैदास ने अपने एक पद में कबीर अग्रसेन का उल्लेख किया है। जिससे स्पष्ट होता है की वे कबीरदास जी से छोटे थे। संत रैदास का जीवन परिचय रैदास जी का जन्म जन्म सन् 1398 ई० के लगभग जन्म स्थान काशी उत्तर प्रदेश में पिता का नाम श्री संतोषदास माता का नाम श्रीमती कलसा देवी गुरु का नाम रामानंद रचनाएं अनन्यता, भागवत प्रेम, आत्मवेदन और सरल हृदय आदि संत श्री रविदास विख्यात रविदास जी का जन्म सन 1398 में काशी उत्तरप्रदेश में लगभग 15वी शताब्दी में हुआ था। कुछ विद्वान इनका जन्म 1338 में मानते है। रैदास जी का जन्म बनारस में कबीर दास जी के समकालीन माना जाता है। रैदास जी की मृत्यु 1520 ईस्वी. बाराणसी उत्तरप्रदेश दिल्ली सल्तनत में हुई। पढ़ें… पढ़ें… रैदास जी के माता पिता का नाम इनके पिता का नाम संतोषदास था। और इनकी माता का नाम कलसा देवी था। रैदास जी ने साधु संतों की संगति से पर्याप्त व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। उनके पिता का व्यवसाय जूते बनाना था। और उन्होंने इसे खुशी से अपनाया वे इस काम को पूरी लगन, मेहनत और ईमानदारी से करते थे। रैदास जी की शिक्षा संत रविदास जी ने जब बचपन में अपने गुरु रामानंद जी की पाठशाला में शिक्षा ग्रहण करने के लिए गए तब उच्च जाति के लोगों द्वारा उन्हें शिक्षा लेने के लिए रोक दिया गया और उन्हें विद्यालय में दाखिला नहीं लेने दिया। लेकिन शारदानंद जी रविदास जी को कोई सामान्य बालक नहीं मानते थे। उन्हें ईश्वर के द्वारा भ...

संत रविदास जी का जीवन परिचय

Sant Ravidas Biography in Hindi: भारतदेश की आज पूरी दुनिया में विश्व गुरु के नाम से पहचान है क्योंकि भारत देश की भूमि पर कई बड़े बड़े संत और गुरुओं ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपने सत्य वचनों से लोगों को सच्ची राह पर चलना सिखाया है। आज हम आपको इस आर्टिकल में भारत के एक महान गुरु संत रविदास का जीवन परिचय के बारे में विस्तार से माहिति प्रदान करेंगे। संत रविदास 15 वीं शताब्दी के एक सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख संत में से एक थे। रविदास एक महान संत और समाज सुधारक के साथ-साथ ईश्वर के अनुयायी, दर्शन शास्त्री और एक महान कवि थे। संत रविदास जी रैदास के नाम से भी जाने जाते है। निर्गुण सम्प्रदाय के प्रसिद्ध संत रविदास अपनी स्वरचना के माध्यम से अपने अनुयायियों और समाज के लोगों कोसामाजिक और आध्यात्मिक सन्देश दिया। लोग उन्हें मसीहा मानते थे। रविदास जी ने लोगों को ईश्वर के प्रति प्रेम करना सिखाया। रविदास जी को आज भी उत्तरप्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र राज्यों में लोग भगवान की तरह पूजते है और धार्मिक कार्यक्रमों में लोग उनके महान गीतों को सुनते या पढ़ते है। तो चलिए जानते है संत रैदास का जीवन परिचय (raidas ka jivan parichay) विस्तार से। Read Also: संत गुरू रविदास जी का जीवन परिचय | Sant Ravidas Biography in Hindi विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • रैदास का जीवन परिचय एक नज़र में (Raidas Biography in Hindi) पूरा नाम गुरु रविदास जी प्रसिद्ध नाम रैदास, रूहिदास, रोहिदास जन्म वाराणसी के पास सीर गोवर्धनपुर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) जन्मस्थल 1377 AD से 1398 AD के बीच पिता का नाम श्री संतोख दास जी माता का नाम कलसा देवी दादा का नाम कालू राम जी दादी का नाम लखपति जी गुरु का नाम पंडित शारदा नन्द पत्नी का नाम ...

सबको बराबर करने वाला : रविदास Sant Ravidas Biography [Hindi]

हमारे देश में बहुत सारे ऐसे संत महात्मा हुए जिनकी सुरति बचपन से ही ईश्वर में लगी हुई थी और बहुत सारे ऐसे थे जिन्हे ठोकर खा कर या समय पा कर भगवान की वास्तविकता और सच्चाई का पता चला। (यहाँ पढ़ें: भगवान कभी भी ये नहीं देखता के उसकी उपासना करने वाला अमीर है या गरीब, वो किस जाति से संबंध रखता है या फिर समाज में उसका रुतबा कितना बड़ा या छोटाहै। भगवान सिर्फ आराधना करने वाले की आस्थाको देखता है । Sant Ravidas Biography in Hindi भारत बहुत मुश्किल दौर से गुजरता रहा है | हमने कई सदियों तक गुलामी को भी सहा है, कभी मुग़लों की गुलामी की, कभी अंग्रेज़ों की, तो कभी इस देश में रहने वाले कुछ बड़े लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए छोटे लोगों को अपना गुलाम बनाया। परन्तु इस गुलामी में भी बहुत सारे संत महात्मा आम लोगों के लिए भगवान का रूप बनकर आये और लोगों को सही गलत का पाठ पढ़ाया आज हम ऐसी ही महान संत के बारे में जानेगे। Table of Contents • • • • • • • • • संत रविदास का जीवन परिचय Sant Ravidas Biography in Hindi बेगम पुरा सहर को नाउ।। दूखु अंदोहु नहीं तिहि ठाउ।। शारीरिक गुलामी से भी ज्यादा खतरनाक होती है मानसिक गुलामी।पुराने समय में लोग मानसिक गुलामी के शिकार थे। ऊँच नीच, छूआ छूत, ऊँची जाति, नीची जाति, इन सब मे लोग फसे हुए थे। उस समय किसी आम व्यक्ति के लिए एक ऐसे समाज की कल्पना करना जो इन सब बिमारियों से जकड़ा हुआ न हो, नामुनकिन सा लगता था |। ऐसे ही समाज में संत रविदास जी का जन्म हुआ ।इतिहासकारों के अनुमान के मुताबिक संत रविदासका जन्म हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र शहर और दुनिया के सबसे पुराने शहर वाराणसी के पास सीर गोबर्धनगाँव में 1377 AD में हुआ। संत रविदास को बचपन में रैदास, रूहीदासनामोंसे भी बुलायाज...

Guru Ravidas Jayanti: Know When Is Ravidas Jayanti

Guru Ravidas Jayanti: संत शिरोमणि रविदास जी के अनमोल वचन और दोहे दिखाते हैं जीने की नई राह संत रविदास जी का जन्म माघ माह (Magh Month) की पूर्णिमा तिथि को हुआ था, इसलिए हर साल माघ पूर्णिमा को रविदास जयंती (Sant Ravidas Jayanti) मनाई जाती है. वे भक्तिकालीन संत और महान समाज सुधारक थे. उनके उपदेशों और शिक्षाओं से आज भी समाज को मार्गदर्शन मिलता है. आइए जानते हैं संत रविदास के उपदेशों के बारे में. नई दिल्ली: देशभर में आज (16 फरवरी, 2022) महान कवि, चिंतक और विचारक संत रविदास जी (Ravidas Jayanti 2022) की जयंती मनाई जा रही है. गुरु रविदास, जिन्हें रैदास और रोहिदास के नाम से भी जाना जाता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, संत रविदास जी का जन्म माघ माह (Magh Month) की पूर्णिमा तिथि को हुआ था, इसलिए हर साल माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) को रविदास जयंती (Sant Ravidas Jayanti) मनाई जाती है. संत रविदास के महत्वपूर्ण उपदेश रैदास जन्म के कारणै, होत न कोई नीच। नर को नीच करि डारि हैं, औछे करम की कीच।। व्यक्ति पद या जन्म से बड़ा या छोटा नहीं होता है, वह गुणों या कर्मों से बड़ा या छोटा होता है. जन्म जात मत पूछिए, का जात और पात। रैदास पूत सम प्रभु के कोई नहिं जात-कुजात।। वे समाज में वर्ण व्यवस्था के विरोधी थे. उन्होंने कहा है कि सभी प्रभु की संतान हैं, किसी की कोई जात नहीं है. का मथुरा का द्वारका, का काशी हरिद्वार। रैदास खोजा दिल आपना, तउ मिलिया दिलदार।। गुरू रविदास जी ने बताया है कि सच्चे मन में ही प्रभु का वास होता है, जिनके मन में छल कपट होता है, उनके अंदर प्रभु का वास नहीं होता है. करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस कर्म मानुष का धर्म है, सत् भाखै रविदास हमेशा कर्म करते रहो, लेकिन उससे मि...

संत शिरोमणि रविदास जी Guru Ravidas Ji

www.ravidas.in वेबसाइट पर आप रविदास जी के जीवन और उनके दर्शन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह वेबसाइट रविदास जी के भक्तों के लिए बनाई गई है जो उन्हें और उनके उपदेशों को समझने और उनसे जुड़ने की इच्छा रखते हैं। आपके मित्रों के साथ इस वेबसाइट को साझा करने से रविदास जी के जीवन और उनके उपदेशों को लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। यह वेबसाइट रविदास जी के जीवन, उपदेश, संस्थाओं और दोहों से जुड़ी जानकारी प्रदान करती है। आप इसे ईमेल, व्हाट्सअप मैसेज या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर आदि पर भी साझा कर सकते हैं। धन्यवाद!

सबको बराबर करने वाला : रविदास Sant Ravidas Biography [Hindi]

हमारे देश में बहुत सारे ऐसे संत महात्मा हुए जिनकी सुरति बचपन से ही ईश्वर में लगी हुई थी और बहुत सारे ऐसे थे जिन्हे ठोकर खा कर या समय पा कर भगवान की वास्तविकता और सच्चाई का पता चला। (यहाँ पढ़ें: भगवान कभी भी ये नहीं देखता के उसकी उपासना करने वाला अमीर है या गरीब, वो किस जाति से संबंध रखता है या फिर समाज में उसका रुतबा कितना बड़ा या छोटाहै। भगवान सिर्फ आराधना करने वाले की आस्थाको देखता है । Sant Ravidas Biography in Hindi भारत बहुत मुश्किल दौर से गुजरता रहा है | हमने कई सदियों तक गुलामी को भी सहा है, कभी मुग़लों की गुलामी की, कभी अंग्रेज़ों की, तो कभी इस देश में रहने वाले कुछ बड़े लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए छोटे लोगों को अपना गुलाम बनाया। परन्तु इस गुलामी में भी बहुत सारे संत महात्मा आम लोगों के लिए भगवान का रूप बनकर आये और लोगों को सही गलत का पाठ पढ़ाया आज हम ऐसी ही महान संत के बारे में जानेगे। Table of Contents • • • • • • • • • संत रविदास का जीवन परिचय Sant Ravidas Biography in Hindi बेगम पुरा सहर को नाउ।। दूखु अंदोहु नहीं तिहि ठाउ।। शारीरिक गुलामी से भी ज्यादा खतरनाक होती है मानसिक गुलामी।पुराने समय में लोग मानसिक गुलामी के शिकार थे। ऊँच नीच, छूआ छूत, ऊँची जाति, नीची जाति, इन सब मे लोग फसे हुए थे। उस समय किसी आम व्यक्ति के लिए एक ऐसे समाज की कल्पना करना जो इन सब बिमारियों से जकड़ा हुआ न हो, नामुनकिन सा लगता था |। ऐसे ही समाज में संत रविदास जी का जन्म हुआ ।इतिहासकारों के अनुमान के मुताबिक संत रविदासका जन्म हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र शहर और दुनिया के सबसे पुराने शहर वाराणसी के पास सीर गोबर्धनगाँव में 1377 AD में हुआ। संत रविदास को बचपन में रैदास, रूहीदासनामोंसे भी बुलायाज...