संत रविदास जयंती कब है

  1. गुरू रविदास जयंती
  2. Sant Ravidas Jayanti 2022: आज है संत ​रविदास जयंती, पढ़ें उनके 7 अनमोल विचार
  3. 16 फरवरी को संत रविदास जयंती, पढ़ें उनकी अनमोल रचनाएं
  4. Guru Ravidas Jayanti 2021 आज है रविदास जयंती जानें कब और कहां हुआ था जन्म
  5. Guru Ravidass Jayanti 2023
  6. Guru Ravidas Jayanti 2021 Date: जाने कब है संत रविदास जयंती, पढ़ें उनके बारे में महत्वपूर्ण बातें


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गुरू रविदास जयंती

अनुक्रम • 1 जन्म • 2 जयंती • 3 महत्व • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ जन्म [ ] रविदास जी का जन्म सीर गोवर्धनपुर गाँव में हुआ था। जयंती [ ] रविदास के जन्म को रविदास जयंती के रूप में मनाया जाता है। जातिवाद और अंधविश्वास के खिलाफ काम करने के कारण रविदास पूजनीय हैं। इस दिन, उनके अनुयायी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। फिर, वे अपने जीवन से जुड़ी महान घटनाओं और चमत्कारों को याद करके अपने गुरु रविदास जी से प्रेरणा लेते हैं। उनके भक्त उनके जन्म स्थान पर जाते हैं और रविदास जयंती पर उनका जन्मदिन मनाते हैं। महत्व [ ] रविदास जयंती, रविदास जी के जन्म का प्रतीक है। रविदास जी जाति प्रथा के उन्मूलन में प्रयास करने के लिए जाने जाते हैं। इन्हें भी देखें [ ] • • सन्दर्भ [ ] • दैनिक भास्कर. 18 फरवरी 2019 . अभिगमन तिथि 5 दिसम्बर 2020. • PublicHolidays.in . अभिगमन तिथि 5 दिसम्बर 2020. • Singh, Archana (2014-07-07). . अभिगमन तिथि 2020-10-01. • S A NEWS (अंग्रेज़ी में). 2020-02-06 . अभिगमन तिथि 2020-10-02. • The Economic Times . अभिगमन तिथि 2020-10-02. • Feb 10, TNN / Updated:; 2020; Ist, 12:22. The Times of India (अंग्रेज़ी में) . अभिगमन तिथि 2020-10-03. सीएस1 रखरखाव: फालतू चिह्न ( • Zee News (अंग्रेज़ी में). 2016-02-22 . अभिगमन तिथि 2020-10-02. • Zee News (अंग्रेज़ी में). 2015-02-02 . अभिगमन तिथि 2020-10-02.

Sant Ravidas Jayanti 2022: आज है संत ​रविदास जयंती, पढ़ें उनके 7 अनमोल विचार

Sant Ravidas Jayanti 2022: संत रविदास जयंती आज 16 फरवरी दिन बुधवार को है. संत रविदास का जन्म हिन्दू कैलेंडर के आधार पर माघ माह (Magh Month) की पूर्णिमा तिथि को हुआ था, इसलिए हर साल माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) को रविदास जयंती मनाते हैं. संत रविदास धार्मिक प्रवृति के दयालु एवं परोपकारी व्यक्ति थे. उनका जीवन दूसरों की भलाई करने में और समाज का मार्गदर्शन करने में व्यतीत हुआ. वे भक्तिकालीन संत एवं महान समाज सुधारक थे. उनके उपदेशों एवं शिक्षाओं से आज भी समाज को मार्गदर्शन मिलता है. संत रविदास को रैदास, गुरु रविदास, रोहिदास जैसे नामों से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं संत रविदास के उपदेशों (Teachings) के बारे में. संत रविदास के महत्वपूर्ण उपदेश 1. व्यक्ति पद या जन्म से बड़ा या छोटा नहीं होता है, वह गुणों या कर्मों से बड़ा या छोटा होता है. रैदास जन्म के कारणै, होत न कोई नीच। नर को नीच करि डारि हैं, औछे करम की कीच।। 2. वे समाज में वर्ण व्यवस्था के विरोधी थे. उन्होंने कहा है कि सभी प्रभु की संतान हैं, किसी की कोई जात नहीं है. ‘जन्म जात मत पूछिए, का जात और पात। रैदास पूत सम प्रभु के कोई नहिं जात-कुजात।। यह भी पढ़ें: 3. रविदास जी ने बताया है कि सच्चे मन में ही प्रभु का वास होता है. जिनके मन में छल कपट होता है, उनके अंदर प्रभु का वास नहीं होता है. संत रैदास ने कहा है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा. का मथुरा का द्वारका, का काशी हरिद्वार। रैदास खोजा दिल आपना, तउ मिलिया दिलदार।। 4. संत रविदास जी ने दुराचार, अधिक धन का संचय, अनैतिकता और मांसाहार को गलत माना है. उन्होंने अंधविश्वास, भेदभाव, मानसिक संकीर्णता को समाज विरोधी माना है. 5. संत रविदास जी भी कर्म को प्रधानता देते थे. उनका कहना था कि ...

16 फरवरी को संत रविदास जयंती, पढ़ें उनकी अनमोल रचनाएं

भारत के महान कवि, संत रविदास जयंती (sant ravidas jyanati) इस वर्ष 16 फरवरी 2022 (16 February 2022) को मनाई जा रही है। यह दिन माघ मास के पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला गुरु रविदास का जन्मदिवस है। हालांकि उनकी जन्मतिथि को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं। उन्हें रैदास (Raidas) के नाम से भी जाना जाता है। यहां पढ़ें उनके द्वारा रचित अनमोल रचनाएं (Great Poet)...

Guru Ravidas Jayanti 2021 आज है रविदास जयंती जानें कब और कहां हुआ था जन्म

Guru Ravidas Jayanti 2021: आज संत रविदास जयंती है। इन्हें संत रैदास और भगत रविदास जी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु रविदास जी का जन्म माघ माह की पूर्णिमा तिथि को वर्ष 1398 में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन रविदास जी का जन्म हुआ था उस दिन रविवार था। इसी के चलते इनका नाम रविदास पड़ा। गुरू रविदास जयंती को दुनियाभर के लाखों द्वारा बेहद ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं इनके जन्म और जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातें। ऐसा कहा जाता है कि गुरु रविदास जी का जन्म यूपी के काशी में हुआ था। ऐसे में इनके जन्मदिन यानी माघ पूर्णिमा के दिन दुनियाभर से लाखों लोग काशी पहुंचते हैं। यहां पर भव्य उत्सव मनाया जाता है। साथ ही रविदास जयंती को सिख धर्म के लोग बेहद ही श्रद्धा से मनाते हैं। इस दिन के दो दिन पहले गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ किया जाता है। इसे पूर्णिमा के दिन समाप्त किया जाता है। इसके बाद कीर्तन दरबार होता है। साथ ही रागी जत्था गुरु रविदास जी की वाणियों का गायन करते हैं। डिसक्लेमर 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

Guru Ravidass Jayanti 2023

Sant Guru Ravidass Jayanti 2023: गुरु रविदास जयंती प्रति वर्ष माघी पूर्णिमा, शोभन माघ को मनाई जाती है. रविदास जयंती को रैदास जयंती नाम से भी जाना जाता है. यह जयंती खासकर गुरु संत रविदास के जन्मोत्सव को मनाने के लिए लिए मनाई जाती है. रविदास जयंती हर वर्ष हिंदी महीनों के अनुसार माघ शुक्ल, माघी पूर्णिमा को आती है. लेकिन तारिख के अनुसार इसे मनाने की कोई भी date फिक्स नहीं है क्योंकि माघी पूर्णिमा हर वर्ष अलग-अलग तारीख को आती जिसका कोई भी सटीक दिन नहीं है. वर्ष 2021 में रविदास जयंती 27 फरवरी को मनाई गई थी और 2022 में 16 फरवरी को इसी से यह पता चलती है कि इस जयंती का कोई फिक्स दिन नहीं होता है यदि आप जानना चाहते हैं कि संत गुरु रविदास जी जयंती क्यों और कब मनाई जाती है तारीख और दिन 2023 में रविदास जयंती किस तारीख को है और कितने तारीख को मनाई जायेंगी तो आपको बता दें कि संत रविदास जयंती 2023 में 5 फरवरी को है. • • Ravidas Jayanti 2023 ke baare me रविदास जयंती भारतीयों के लिए है जो भारत की बड़ी-बड़ी जयंतियों में से एक है जिसे पूरे भारत में मनाया जाता है यह जयंती संत गुरु रविदास के लिए मनाई जाती है जो एक उत्सव की तरह होती है. इस दिन रविदास जी के भक्त उनके जन्म स्थान पर जाकर उन्हें याद करते है इस जयंती पर रविदास जी के भक्त उनके जन्म स्थान पर दोहे गाते है, भजन-कीर्तन करते है और बहुत से कार्यक्रम आयोजित करते है. सिख धर्म के लोगों में इस जयंती को लेकर उत्साह काफी ज्यादा रहता है. रविदास जयंती हर वर्ष बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ पूरे भारत में मनाई जाती है. Ravidas Jayanti kyu manaya jata hai रविदास जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य संत रविदास जी की शिक्षाओं को याद करना है. रविदास जयंती रविदास...

Guru Ravidas Jayanti 2021 Date: जाने कब है संत रविदास जयंती, पढ़ें उनके बारे में महत्वपूर्ण बातें

Guru Ravidas Jayanti 2021 Date: भक्तिकालीन संत (Devout saint) व कवि रविदास का जीवन व उनकी शिक्षाएं अत्यंत प्रेरक हैं। वे महान आध्यात्मिक समाज सुधारक थे। उन्होंने कहा, मनोवांक्षित जन्म किसी के वश की बात नहीं है। जन्म ईश्वर के हाथ में है। सभी ईश्वर की संतान हैं अत: जन्म के आधार पर भेदभाव करना ईश्वर की व्यवस्था को नकारने जैसा है। संत रविदास जयंती 27 फरवरी, शुक्रवार को मनाई जाएगी। मध्यकालीन भारतीय संत परंपरा में संत रविदास जी का विशिष्ट स्थान है। संत रविदास जी को संत रैदास और भगत रविदास जी के नाम से भी संबोधित किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, गुरु रविदास जी का जन्म वर्ष 1398 में माघ महीने की पूर्णिमा के दिन हुआ था। हालांकि उनके जन्म को लेकर कई विद्वानों का मत है कि 1482 से 1527 ईस्वी के बीच उनका जन्म हुआ था। कहा जाता है कि जिस दिन उनका जन्म हुआ, उस दिन रविवार था, इसलिए उनका नाम रविदास पड़ गया। गुरु रविदास जी का जन्म चर्मकार कुल में हुआ था। यूं तो हर वर्ग की निष्ठा गुरु रविदास जी के साथ जुड़ी हुई है, लेकिन इनके अनुयायियों में चर्मकार एवं सिख समुदाय की संख्या ज्यादा होती है। वर्ष 2021 में रविदास जयंती वर्ष 2021 में माघ पूर्णिमा 27 फरवरी, शुक्रवार को है। अतः इस वर्ष गुरु रविदास जयंती 27 फरवरी को ही, खूब धूमधाम के साथ मनाई जाएगी। इस दौरान जयंती का समय अर्थात पूर्णिमा का समय 26 फरवरी, 15:51 से लेकर। 27 फरवरी 13: 458 तक है। गुरु रविदास जी का जन्मस्थान गुरु रविदास जी का जन्मस्थान, यूपी के काशी में हुआ था। माघ पूर्णिमा के दिन उनके जन्मस्थान पर, दुनियाभर से लाखों की संख्या में उनके भक्त व अनुयायी काशी पहुंचते हैं। यहां पर भव्य उत्सव मनाया जाता है। सिख धर्म के अनुयायी भी बड़ी श्रद्धा...