संत रविदास के दोहे इन हिंदी

  1. New Year 2023 10 Inspiring Dohe For Get Successful In Life New Year Status Wishes Quotes Sant Ravidas Ke Dohe
  2. Ravidas Jayanti 2020:संत रविदास जी के अनमोल विचार
  3. संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय
  4. दोहे संत गुरु रविदास/रैदास जी (हिन्दी कविता)
  5. Raidas Ke Dohe : संत रविदास जी के 10 प्रसिद्ध दोहे अर्थ सहित
  6. संत रविदास जी के दोहे अर्थ सहित
  7. रैदास के पद अर्थ सहित
  8. Guru Ravidas Dohe/Quotes in Hindi. Happy Sant Ravidas Jayanti 2019 Wishes Images, SMS, Wallpaper, Quotes, Messages, Status. संत रविदास के ये दोहे जानना हैं जरुरी


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New Year 2023 10 Inspiring Dohe For Get Successful In Life New Year Status Wishes Quotes Sant Ravidas Ke Dohe

Happy New Year 2023: 'मन चंगा तो कठौती में गंगा' की सीख देने वाले संत रविदास के इन 10 दोहे से बदल जाएगा जीवन मिलेगी प्रेरणा Ravidas Ke Dohe: महान संत, दर्शनशास्त्री, कवि और समाज सुधारक संत रविदास जी धर्म के नाम पर प्रचलित अंधविश्वास, आडंबर और कर्मकांड के विरोधी थे. रविदास जी ने आचरण की पवित्रता पर विशेष बल दिया. New Year 2023, Ravidas Ke Dohe: संत रविदास ने अपने लेखन के जरिए कई प्रकार के आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश दिए, जिससे जीवन में प्रेरणा मिलती है. नए साल में आप भी संत रविवार के दोहे के जरिए दी गई सीख को अपने जीवन में अपनाएंगे तो तमाम मुश्किलों से दूर रहेंगे और जीवन के असली मतलब को समझ पाएंगे. संत रविदास ने लोगों को संदेश दिया कि ईश्वर ने इंसान को बनाया है ना कि इंसान ने ईश्वर को बनाया. इस धरती की मौजूद हर एक चीज ईश्वर की देन है, जिसपर सभी का एक समान अधिकार है. संत गुरु रविदास जी ने इन्हीं संदेशों के जरिए वैश्विक भाईचारा औ सहिष्णुता का ज्ञान लोगों को दिया. जानते हैं रविदास जी के दोहे के जरिए कुछ ऐसे ही संदेशों और ज्ञान के बारे में. ब्राह्मण मत पूजिए जो होवे गुणहीन , पूजिए चरण चंडाल के जो होने गुण प्रवीण अर्थ है: किसी व्यक्ति को केवल इसलिए नहीं पूजना चाहिए क्योंकि उसका जन्म ऊंचे कुल में हुआ है. यदि व्यक्ति गुणहीन है तो फिर चाहे वह किसी भी जाति का हो उसे नहीं पूजना चाहिए. वहीं उसकी जगह यदि कोई व्यक्ति गुणवान है तो उसका सम्मान जरूर करें, भले ही किसी भी जाति से हो. रविदास अपने इस दोहे के जरिए कहते हैं किसी व्यक्ति को उसके गुण पूजनीय बनाते हैं न कि जाति. कह रैदास तेरी भगति दूरि है , भाग बड़े सो पावै तजि अभिमान मेटि आपा पर , पिपिलक हवै चुनि खावै अर्थ है: ईश्वर की भक्ति भाग्य ...

Ravidas Jayanti 2020:संत रविदास जी के अनमोल विचार

आज संत रविदास जयंती है। 14वीं सदी के भक्ति युग में माघी पूर्णिमा के दिन रविवार को काशी के मंडुआडीह गांव में रघु व करमाबाई के पुत्र रूप में जन्मी इस विभूति ने भले ही चर्मकारी के पैतृक व्यवसाय को चुना हो, मगर अपनी रचनाओं से जिस समाज की नींव रखी, वह वाकई अद्भुत है। पेशे से चर्मकार रविदास जी अपने आजीविका को धन कमाने का साधन बनाने की बजाय संत सेवा का माध्यम बना लिया। संत रविदास जी ईश्वर की भक्ति पर पूर्ण विश्वास करते थे। उनके वाणी की मधुरता और ज्ञान से सभी लोग प्रभावित होते हैं। उनके द्वारा कहे शब्द, दोहे, पद और अनमोल वचन (विचार) आज भी हम सभी को सदैव आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। आइयें जानते हैं संत रविदास जी के कुछ अनमोल विचार...

संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय

संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय | Raidas Biography in Hindi संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय :भारतदेश की आज पूरी दुनिया में विश्व गुरु के नाम से पहचान है क्योंकि भारत देश की भूमि पर कई बड़े बड़े संत और गुरुओं ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपने सत्य वचनों से लोगों को सच्ची राह पर चलना सिखाया है। आज हम आपको इस आर्टिकल में भारत के एक महान गुरु संत रविदास का जीवन परिचय के बारे में विस्तार से माहिति प्रदान करेंगे। संत रविदास जी (रैदास) का जीवन परिचय संत रविदास 15 वीं शताब्दी के एक सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख संत में से एक थे। रविदास एक महान संत और समाज सुधारक के साथ-साथ ईश्वर के अनुयायी, दर्शन शास्त्री और एक महान कवि थे। संत रविदास जी रैदास के नाम से भी जाने जाते है। निर्गुण सम्प्रदाय के प्रसिद्ध संत रविदास अपनी स्वरचना के माध्यम से अपने अनुयायियों और समाज के लोगों कोसामाजिक और आध्यात्मिक सन्देश दिया। लोग उन्हें मसीहा मानते थे। रविदास जी ने लोगों को ईश्वर के प्रति प्रेम करना सिखाया। रविदास जी को आज भी उत्तरप्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र राज्यों में लोग भगवान की तरह पूजते है और धार्मिक कार्यक्रमों में लोग उनके महान गीतों को सुनते या पढ़ते है। तो चलिए जानते है संत रैदास का जीवन परिचय (raidas ka jivan parichay) विस्तार से। रैदास का जीवन परिचय एक नज़र में (Raidas Biography in Hindi) पूरा नाम गुरु रविदास जी प्रसिद्ध नाम रैदास, रूहिदास, रोहिदास जन्म वाराणसी के पास सीर गोवर्धनपुर, जन्मस्थल 1377 AD से 1398 AD के बीच पिता का नाम श्री संतोख दास जी माता का नाम कलसा देवी दादा का नाम कालू राम जी दादी का नाम लखपति जी गुरु का नाम पंडित शारदा नन्द पत्नी का नाम ल...

दोहे संत गुरु रविदास/रैदास जी (हिन्दी कविता)

1 ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिलै सबन को अन्न। छोट बड़ो सब सम बसै, रैदास रहै प्रसन्न।। 2 करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस। कर्म मानुष का धर्म है, सत् भाखै रविदास।। 3 कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा। वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा।। 4 कह रैदास तेरी भगति दूरि है, भाग बड़े सो पावै। तजि अभिमान मेटि आपा पर, पिपिलक हवै चुनि खावै।। 5 गुरु मिलीया रविदास जी दीनी ज्ञान की गुटकी। चोट लगी निजनाम हरी की महारे हिवरे खटकी।। 6 जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात। रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।। 7 जा देखे घिन उपजै, नरक कुंड मेँ बास। प्रेम भगति सों ऊधरे, प्रगटत जन रैदास।। 8 रविदास जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच। नर कूँ नीच करि डारि है, ओछे करम की कीच।। 9 रैदास कनक और कंगन माहि जिमि अंतर कछु नाहिं। तैसे ही अंतर नहीं हिन्दुअन तुरकन माहि।। 10 रैदास कहै जाकै हृदै, रहे रैन दिन राम। सो भगता भगवंत सम, क्रोध न व्यापै काम।। 11 वर्णाश्रम अभिमान तजि, पद रज बंदहिजासु की। सन्देह-ग्रन्थि खण्डन-निपन, बानि विमुल रैदास की।। 12 हरि-सा हीरा छांड कै, करै आन की आस। ते नर जमपुर जाहिंगे, सत भाषै रविदास।। 13 हिंदू तुरक नहीं कछु भेदा सभी मह एक रक्त और मासा। दोऊ एकऊ दूजा नाहीं, पेख्यो सोइ रैदासा।। 14 मस्जिद सों कुछ घिन नहीं, मंदिर सों नहीं पिआर। दोए मंह अल्लाह राम नहीं, कहै रैदास चमार॥ 15 ऊँचे कुल के कारणै, ब्राह्मन कोय न होय। जउ जानहि ब्रह्म आत्मा, रैदास कहि ब्राह्मन सोय॥ 16 रैदास प्रेम नहिं छिप सकई, लाख छिपाए कोय। प्रेम न मुख खोलै कभऊँ, नैन देत हैं रोय॥ 17 हिंदू पूजइ देहरा मुसलमान मसीति। रैदास पूजइ उस राम कूं, जिह निरंतर प्रीति॥ 18 माथे तिलक हाथ जपमाला, जग ठगने कूं स्वांग ...

Raidas Ke Dohe : संत रविदास जी के 10 प्रसिद्ध दोहे अर्थ सहित

Sant Ravidas Amritwani : Sant Guru Ravidas Ke Dohe in Hindi माघ पूर्णिमा (Magha Purnima) के दिन संत गुरु रविदास की जयंती (Sant Guru Ravidas Jayanti) देशभर में धूमधाम के साथ मनाई जाती है। इस साल 5 फरवरी को रविदास जयंती (Ravidas Birth Anniversary) है। उनका जन्म वाराणसी (Varanasi) के पास एक गांव में हुआ था। उन्हें संत रैदास भी कहा जाता है। वह 15वीं सदी के महान समाज सुधारक, दार्शनिक कवि (भक्तिकाल) और ईश्वर के अनुयायी थे। उन्होंने दुनिया को भेदभाव से ऊपर उठकर समाज को प्रेम और एकता की सीख दी। उनके दोहे (Raidas Ke Dohe) में समाज की कुरीतियों पर गहरी चोट करते हैं। साथ ही उनकी रचना में भगवान के प्रति अगाध प्रेम झलकता है। आईए रविदास जंयती के मौके पर सुनते हैं उनके कुछ प्रचलित दोहे... Raidas Ke Dohe : संत रविदास जी के 10 प्रसिद्ध दोहे अर्थ सहित ये भी पढ़ें; संत रविदास के दोहे इन हिंदी, संत रविदास जी के दोहे अर्थ सहित, संत रविदास जी के अनमोल वचन, संत रैदास के दोहे हिंदी अर्थ सहित, हिंदी दोहे अर्थ सहित, हिंदी दोहे रैदास के, संत शिरोमणि रविदास जी के दोहे, रविदास जयंती, raidas ke dohe, sant ravidas jayant, sant guru ravidas jayant, hindi dohe, hindi dohe with meaning, best of ravidas, ravidas ke anmol vachan, anmol vichar...

संत रविदास जी के दोहे अर्थ सहित

संत रविदास जी के दोहे अर्थ सहित – नमस्कार दोस्तों आज हम एक ऐसे कवि के बारे में संत के बारे में बात करने जा रहे हैं जिनका नाम रविदास जी है रविदास जी को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है पंजाब में रविदास जी के नाम से पुकारा जाता है और मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और राजस्थान में उन्हें रैदास के नाम से पुकारा जाता है गुजरात और महाराष्ट्र के लोगों द्वारा रोहिदास के नाम से पुकारा जाता है एवं बंगाल में उन्हें रूईदास के नाम से पुकारते हैं अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से रविदास जी को पुकारा जाता है | संत शिरोमणि कवि रविदास का जन्म माघ पूर्णिमा को 1376 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोबर्धनपुर गांव में हुआ था। उनकी माता का नाम कर्मा देवी (कलसा) तथा पिता का नाम संतोख दास (रग्घु) था। उनके दादा का नाम श्री कालूराम जी, दादी का नाम श्रीमती लखपती जी, पत्नी का नाम श्रीमती लोनाजी और पुत्र का नाम श्रीविजय दास जी है। रविदासजी चर्मकार कुल से होने के कारण वे जूते बनाते थे। ऐसा करने में उन्हें बहुत खुशी मिलती थी और वे पूरी लगन तथा परिश्रम से अपना कार्य करते थे। उनका जन्म ऐसे समय में हुआ था जब उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में मुगलों का शासन था चारों ओर अत्याचार, गरीबी, भ्रष्टाचार व अशिक्षा का बोलबाला था। उस समय मुस्लिम शासकों द्वारा प्रयास किया जाता था कि अधिकांश हिन्दुओं को मुस्लिम बनाया जाए। संत रविदास की ख्याति लगातार बढ़ रही थी जिसके चलते उनके लाखों भक्त थे जिनमें हर जाति के लोग शामिल थे। यह सब देखकर एक परिद्ध मुस्लिम ‘सदना पीर’ उनको मुसलमान बनाने आया था। उसका सोचना था कि यदि रविदास मुसलमान बन जाते हैं तो उनके लाखों भक्त भी मुस्लिम हो जाएंगे। ऐसा सोचकर उनपर हर प्रकार से...

रैदास के पद अर्थ सहित

Class 9 Hindi Sparsh Chapter 7 Summary Raidas Biography in Hindi – रैदास का जीवन परिचय : रैदास नाम से विख्यात संत रविदास का जन्म सन् 1388 को बनारस में हुआ था। रैदास कबीर के समकालीन हैं। रैदास की ख्याति से प्रभावित होकर सिकंदर लोदी ने इन्हें दिल्ली आने का निमंत्रण भेजा था। संत कुलभूषण कवि रविदास उन महान सन्तों में अग्रणी थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। रैदास ने ऊँच-नीच की भावना तथा ईश्वर-भक्ति के नाम पर किये जाने वाले विवाद को सारहीन तथा निरर्थक बताया। उन्होंने सबको परस्पर मिल- जुलकर प्रेमपूर्वक रहने का उपदेश दिया। उनका विश्वास था कि राम, कृष्ण, करीम, राघव आदि सब एक ही परमेश्वर के विविध नाम हैं। उनका विश्वास था कि ईश्वर की भक्ति के लिए सदाचार, परहित-भावना तथा सद्व्यवहार का पालन करना अत्यावश्यक है। रैदास की वाणी, भक्ति की सच्ची भावना, समाज के व्यापक हित की कामना तथा मानव प्रेम से ओत-प्रोत होती थी। इसलिए उनकी शिक्षाओं का श्रोताओं के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता था। आज भी सन्त रैदास के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने आचरण तथा व्यवहार से यह प्रमाणित कर दिया है कि मनुष्य अपने जन्म तथा व्यवसाय के आधार पर महान नहीं होता है। विचारों की श्रेष्ठता, समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य तथा सद्व्यवहार जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सन्त रैदास को अपने समय के समाज में अत्यधिक सम्मान मिला और इसी कारण आज भी लोग इन्हें श्रद्धापूर्वक याद करते हैं। Raidas Ke Pad Explanation – रैदास के पद का सार : संत कवि रैदास उन महान सन्तों में अग्रण...

Guru Ravidas Dohe/Quotes in Hindi. Happy Sant Ravidas Jayanti 2019 Wishes Images, SMS, Wallpaper, Quotes, Messages, Status. संत रविदास के ये दोहे जानना हैं जरुरी

माघ पूर्णिमा को संत रविदास की जयंती मनाई जाती है. इस साल यह तिथि 9 फरवरी 2020 को है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, साल 2020 में गुरु रविदास की 643 वीं जयंती मनाई जा रही है. इस दिन संत रविदास जी की पूजा-अर्चना के साथ ही देश के कई हिस्सों में शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं. रविदास के जन्म की प्रामाणिक तिथि को लेकर मतभेद है. लेकिन ज्यादातर विद्वानों साल 1398 में माघ शुक्ल पूर्णिमा को उनकी जन्म तिथि मानते हैं. ऐसा कहा जाता है कि संत रविदास जी का जन्म रविवार के दिन हुआ था. जिसके चलते इनका नाम रविदास रखा गया. गुरु रविदास का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोबर्धनपुर गांव में हुआ था. उनके पिता संतोखदास भी जूते बनाने का काम करते थे. वहीं रैदास बचपन से साधु संतो के प्रभाव में रहने लगे थे. इसके चलते उनमें भक्ति की भावना बचपन से ही आ गई थी. संत रविदास जी की जयंती पर पढ़ें उनके कुछ दोहे- एक पौराणिक कथा के अनुसार, रविदास जी अपने साथी के साथ खेल रहे थे. एक दिन खेलने के बाद दूसरे दिन उनका वह साथी नहीं आता है, तो रविदास जी उसे ढूंढ़ने चले जाते हैं. तभी उन्हें पता चलता है कि उसकी मृत्यु हो गई. यह जानकर रविदास जी बहुत दुखी होते हैं और अपने मित्र को बोलते हैं कि उठो ये समय सोने का नहीं है, मेरे साथ खेलो. उनकी बात सुनकर मृत मित्र खड़ा हो जाता है. यह चमत्कार इसलिए होता है क्योंकि रविदास जी को बचपन से ही आलौकिक शक्तियां प्राप्त थी. कुछ समय के बाद उन्होनें अपना पूरा ध्यान भगवान राम और कृष्ण की भक्ति में लगाया. इस तरह वह लोगों की भलाई करते हुए संत बन गए.