साइमन कमीशन पर टिप्पणी

  1. Simon Commission
  2. साइमन कमीशन
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  4. साइमन कमीशन
  5. साइमन कमीशन
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Simon Commission

Table of Contents • • • • • • • • आज के आर्टिकल में हम साइमन कमीशन (Simon Commission) के बारे में जानने वाले है।इसमें हम साइमन कमीशन क्या है(Simon commission kya tha), साइमन कमीशन भारत कब आया(Simon commission bharat kab aaya), साइमन कमीशन भारत क्यों आया(Simon commission bharat kyon aaya), साइमन कमीशन का विरोध क्यों हुआ(Simon commission ka virodh kyon kiya gaya), साइमन कमीशन का गठन कब किया (Simon commission ka gathan kab kiya gaya), साइमन कमीशन में कितने सदस्य थे(Simon commission mein kitne sadasya the)के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे ,इससे जुड़े महत्त्वपूर्ण तथ्य भी जानेंगे। साइमन कमीशन भारत में क्यों लाया गया ? साइमन कमीशन की स्थापना ब्रिटेन में क्यों की गयी, इसके पीछे क्या कारण थे और इसका विरोध राष्ट्रीय स्तर पर क्यों हुआ। ये सारे सवाल आपके दिमाग में चल रहे होंगे, तो दोस्तों चलिए अपने सवालों का जबाव हमारी इस पोस्ट में हम पढ़ेगे विशेष महत्त्वपूर्ण तथ्यों के साथ। • भारत शासन अधिनियम 1919 में (मांटेग्यू- चेम्सफोर्ड) यह प्रावधान किया गया था कि 10 वर्ष के बाद एक कमीशन गठित किया जायेगा। 1919 एक्ट की समीक्षा हेतु एक संवैधानिक आयोग के गठन का प्रावधान था। • आयोग को यह देखना था कि यह अधिनियम व्यवहार में कहां तक सफल रहा तथा उत्तरदायी शासन की दिशा में कहाँ तक प्रगति करने की स्थिति में है। उत्तरदायी सरकार की प्रगति की समीक्षा करने के लिए यह कमीशन भेजा गया था। • इस कमीशन को 1931 में गठित किया जाना था, क्योंकि 1919 के एक्ट में 10 वर्ष के बाद की बात कही गयी थी। लेकिन इसको 1927 में ही गठित कर दिया गया। इस कमीशन के समय से पहले आने का निम्नलिखित कारण था – • ब्रिटेन में कंजरवेटिव...

साइमन कमीशन

इस लेख में अतिरिक्त संदर्भ अथवा स्रोतों की आवश्यकता है। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर (जुलाई 2016) स्रोत खोजें: · · · · साइमन आयोग सात ब्रिटिश सांसदो का समूह था, जिसका गठन 8 नवम्बर 1927 में भारत में संविधान सुधारों के अध्ययन के लिये किया गया था और इसका मुख्य कार्य ये था कि मांटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार कि जांच करना था। 3 फरवरी 1928 में साइमन कमीशन भारत आया। भारतीय आंदोलनकारियों में ‛‛साइमन कमीशन वापस जाओ’’ के नारे लगाए और जमकर विरोध किया। साइमन कमीशन के विरुद्ध होने वाले इस आंदोलन में कांग्रेस के साथ साथ मुस्लिम लीग ने भी भाग लिया। साइमन आयोग (कमीशन) नाम इसके अध्यक्ष 1.भारत में एक संघ की स्थापना हो जिसमें ब्रिटिश भारतीय प्रांत और देशी रियासतें शामिल हों। 2.केन्द्र में उत्तरदायी शासन की व्यवस्था हो। 3.वायसराय और प्रांतीय गवर्नर को विशेष शक्तियाँ दी जाएं। 4.एक लचीले संविधान का निर्माण हो। अनुक्रम • 1 साइमन कमीशन के सुझाव • 2 विरोध और लाला लाजपत राय की मृत्यु • 3 क्रान्तिकारियों द्वारा बदला • 4 आयोग के सदस्य • 5 सन्दर्भ • 6 इन्हेंभीदेखें • 7 बाहरीकड़ियाँ साइमन कमीशन के सुझाव [ ] साइमन कमीशन की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि- (१) प्रांतीय क्षेत्र में विधि तथा व्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में उत्तरदायी सरकार गठित की जाए। (२) केन्द्र में उत्तरदायी सरकार के गठन का अभी समय नहीं आया। (३) केंद्रीय विधान मण्डल को पुनर्गठित किया जाय जिसमें एक इकाई की भावना को छोड़कर संघीय भावना का पालन किया जाय। साथ ही इसके सदस्य परोक्ष पद्धति से प्रांतीय विधान मण्डलों द्वारा चुने जाएं। विरोध और लाला लाजपत राय की मृत्यु [ ] कमीशन के सभी सदस्य अंग्रेज थे जो भारतीयों का बहुत बड़ा अपमान था। 3 फरवरी 1928 को कमी...

Simon Commission

Table of Contents • • • • • • • • आज के आर्टिकल में हम साइमन कमीशन (Simon Commission) के बारे में जानने वाले है।इसमें हम साइमन कमीशन क्या है(Simon commission kya tha), साइमन कमीशन भारत कब आया(Simon commission bharat kab aaya), साइमन कमीशन भारत क्यों आया(Simon commission bharat kyon aaya), साइमन कमीशन का विरोध क्यों हुआ(Simon commission ka virodh kyon kiya gaya), साइमन कमीशन का गठन कब किया (Simon commission ka gathan kab kiya gaya), साइमन कमीशन में कितने सदस्य थे(Simon commission mein kitne sadasya the)के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे ,इससे जुड़े महत्त्वपूर्ण तथ्य भी जानेंगे। साइमन कमीशन भारत में क्यों लाया गया ? साइमन कमीशन की स्थापना ब्रिटेन में क्यों की गयी, इसके पीछे क्या कारण थे और इसका विरोध राष्ट्रीय स्तर पर क्यों हुआ। ये सारे सवाल आपके दिमाग में चल रहे होंगे, तो दोस्तों चलिए अपने सवालों का जबाव हमारी इस पोस्ट में हम पढ़ेगे विशेष महत्त्वपूर्ण तथ्यों के साथ। • भारत शासन अधिनियम 1919 में (मांटेग्यू- चेम्सफोर्ड) यह प्रावधान किया गया था कि 10 वर्ष के बाद एक कमीशन गठित किया जायेगा। 1919 एक्ट की समीक्षा हेतु एक संवैधानिक आयोग के गठन का प्रावधान था। • आयोग को यह देखना था कि यह अधिनियम व्यवहार में कहां तक सफल रहा तथा उत्तरदायी शासन की दिशा में कहाँ तक प्रगति करने की स्थिति में है। उत्तरदायी सरकार की प्रगति की समीक्षा करने के लिए यह कमीशन भेजा गया था। • इस कमीशन को 1931 में गठित किया जाना था, क्योंकि 1919 के एक्ट में 10 वर्ष के बाद की बात कही गयी थी। लेकिन इसको 1927 में ही गठित कर दिया गया। इस कमीशन के समय से पहले आने का निम्नलिखित कारण था – • ब्रिटेन में कंजरवेटिव...

साइमन कमीशन

इस लेख में अतिरिक्त संदर्भ अथवा स्रोतों की आवश्यकता है। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर (जुलाई 2016) स्रोत खोजें: · · · · साइमन आयोग सात ब्रिटिश सांसदो का समूह था, जिसका गठन 8 नवम्बर 1927 में भारत में संविधान सुधारों के अध्ययन के लिये किया गया था और इसका मुख्य कार्य ये था कि मांटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार कि जांच करना था। 3 फरवरी 1928 में साइमन कमीशन भारत आया। भारतीय आंदोलनकारियों में ‛‛साइमन कमीशन वापस जाओ’’ के नारे लगाए और जमकर विरोध किया। साइमन कमीशन के विरुद्ध होने वाले इस आंदोलन में कांग्रेस के साथ साथ मुस्लिम लीग ने भी भाग लिया। साइमन आयोग (कमीशन) नाम इसके अध्यक्ष 1.भारत में एक संघ की स्थापना हो जिसमें ब्रिटिश भारतीय प्रांत और देशी रियासतें शामिल हों। 2.केन्द्र में उत्तरदायी शासन की व्यवस्था हो। 3.वायसराय और प्रांतीय गवर्नर को विशेष शक्तियाँ दी जाएं। 4.एक लचीले संविधान का निर्माण हो। अनुक्रम • 1 साइमन कमीशन के सुझाव • 2 विरोध और लाला लाजपत राय की मृत्यु • 3 क्रान्तिकारियों द्वारा बदला • 4 आयोग के सदस्य • 5 सन्दर्भ • 6 इन्हेंभीदेखें • 7 बाहरीकड़ियाँ साइमन कमीशन के सुझाव [ ] साइमन कमीशन की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि- (१) प्रांतीय क्षेत्र में विधि तथा व्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में उत्तरदायी सरकार गठित की जाए। (२) केन्द्र में उत्तरदायी सरकार के गठन का अभी समय नहीं आया। (३) केंद्रीय विधान मण्डल को पुनर्गठित किया जाय जिसमें एक इकाई की भावना को छोड़कर संघीय भावना का पालन किया जाय। साथ ही इसके सदस्य परोक्ष पद्धति से प्रांतीय विधान मण्डलों द्वारा चुने जाएं। विरोध और लाला लाजपत राय की मृत्यु [ ] कमीशन के सभी सदस्य अंग्रेज थे जो भारतीयों का बहुत बड़ा अपमान था। 3 फरवरी 1928 को कमी...

साइमन कमीशन

इस लेख में अतिरिक्त संदर्भ अथवा स्रोतों की आवश्यकता है। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर (जुलाई 2016) स्रोत खोजें: · · · · साइमन आयोग सात ब्रिटिश सांसदो का समूह था, जिसका गठन 8 नवम्बर 1927 में भारत में संविधान सुधारों के अध्ययन के लिये किया गया था और इसका मुख्य कार्य ये था कि मांटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार कि जांच करना था। 3 फरवरी 1928 में साइमन कमीशन भारत आया। भारतीय आंदोलनकारियों में ‛‛साइमन कमीशन वापस जाओ’’ के नारे लगाए और जमकर विरोध किया। साइमन कमीशन के विरुद्ध होने वाले इस आंदोलन में कांग्रेस के साथ साथ मुस्लिम लीग ने भी भाग लिया। साइमन आयोग (कमीशन) नाम इसके अध्यक्ष 1.भारत में एक संघ की स्थापना हो जिसमें ब्रिटिश भारतीय प्रांत और देशी रियासतें शामिल हों। 2.केन्द्र में उत्तरदायी शासन की व्यवस्था हो। 3.वायसराय और प्रांतीय गवर्नर को विशेष शक्तियाँ दी जाएं। 4.एक लचीले संविधान का निर्माण हो। अनुक्रम • 1 साइमन कमीशन के सुझाव • 2 विरोध और लाला लाजपत राय की मृत्यु • 3 क्रान्तिकारियों द्वारा बदला • 4 आयोग के सदस्य • 5 सन्दर्भ • 6 इन्हेंभीदेखें • 7 बाहरीकड़ियाँ साइमन कमीशन के सुझाव [ ] साइमन कमीशन की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि- (१) प्रांतीय क्षेत्र में विधि तथा व्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में उत्तरदायी सरकार गठित की जाए। (२) केन्द्र में उत्तरदायी सरकार के गठन का अभी समय नहीं आया। (३) केंद्रीय विधान मण्डल को पुनर्गठित किया जाय जिसमें एक इकाई की भावना को छोड़कर संघीय भावना का पालन किया जाय। साथ ही इसके सदस्य परोक्ष पद्धति से प्रांतीय विधान मण्डलों द्वारा चुने जाएं। विरोध और लाला लाजपत राय की मृत्यु [ ] कमीशन के सभी सदस्य अंग्रेज थे जो भारतीयों का बहुत बड़ा अपमान था। 3 फरवरी 1928 को कमी...

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