सामाजिक परिवर्तन किसे कहते हैं

  1. सामाजिक परिवर्तन क्या है? » Samajik Parivartan Kya Hai
  2. सामाजिक परिवर्तन किसे कहते हैं?
  3. सामाजिक परिवर्तन क्या है? अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ ✔️
  4. समाजवाद
  5. क्रांति का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएं
  6. सामाजिक प्रक्रिया किसे कहते हैं?


Download: सामाजिक परिवर्तन किसे कहते हैं
Size: 40.60 MB

सामाजिक परिवर्तन क्या है? » Samajik Parivartan Kya Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। सामाजिक परिवर्तन समाज के आधारभूत परिवर्तनों पर प्रकाश डालने वाला एक विस्तृत एवं कठिन विषय है इस प्रक्रिया में समाज की संरचना एवं कार्य प्रणाली का एक नया जन्म होता है इसके अंतर्गत मूल्य परिस्थिति स्टाइल तथा व्यवहार के अनेकानेक का प्रतिमान बनते एवं बिगड़ते हैं समाज में गतिशील है और समय के साथ परिवर्तन अवश्यंभावी है आधुनिक संसार में प्रत्येक क्षेत्र में विकास हुआ है तथा विभिन्न समाजों ने अपने तरीके से विकास ओं को समाहित किया है samajik parivartan samaj ke adharbhut parivartanon par prakash dalne vala ek vistrit evam kathin vishay hai is prakriya mein samaj ki sanrachna evam karya pranali ka ek naya janam hota hai iske antargat mulya paristithi style tatha vyavahar ke anekanek ka pratiman bante evam bigadte hain samaj mein gatisheel hai aur samay ke saath parivartan awasyambhavi hai aadhunik sansar mein pratyek kshetra mein vikas hua hai tatha vibhinn Samajon ne apne tarike se vikas yuvaon ko samahit kiya hai सामाजिक परिवर्तन समाज के आधारभूत परिवर्तनों पर प्रकाश डालने वाला एक विस्तृत एवं कठिन विषय

सामाजिक परिवर्तन किसे कहते हैं?

समाज में होने वाले परिवर्तन को सामाजिक परिवर्तन कहते हैं अर्थात् जब किसी भी सामाजिक घटना में किसी भी प्रकार का अंतर उसकी भूत अवस्था से वर्तमान अवस्था में होता है, तो इस अंतर को सामाजिक परिवर्तन कहा जाता है। सामाजिक परिवर्तन समाज से संबंधित होता है तथा समाज सामाजिक संगठन, सामाजिक ढांचे तथा सामाजिक संबंधों का मिला हुआ रूप है। अतः समाज के इन सभी भागों में परिवर्तन को सामाजिक परिवर्तन कहा जाता है। सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया सार्वभौमिक है। संसार के सभी देशों में सामाजिक परिवर्तन होता है। यह परिवर्तन सभी कालों में होता आया है। परिवर्तन की यह प्रक्रिया विश्व के सभी समाजों में क्रियाशील रहती है।

सामाजिक परिवर्तन क्या है? अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ ✔️

• • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • सामाजिकपरिवर्तनकाअर्थ :- सामाजिकपरिवर्तनदोशब्दोंकायोगहै, पहलासामाजिकऔरदूसरापरिवर्तन।सामाजिकशब्दकाअर्थहै“समाजसेसंबंधित”औरपरिवर्तनकाअर्थहै“अलगहोना।इसप्रकार, सामाजिकपरिवर्तनकाअर्थसामाजिकसंबंधोंमेंपरिवर्तनयाअंतरहै।सामाजिकपरिवर्तनकेलिएपरिस्थितियाँजिम्मेदारहैं।इसलिए, सामाजिकपरिवर्तनमें, सामाजिकसंबंधोंऔरघटनाओंमेंहरपरिवर्तनआताहे। सामाजिकपरिवर्तनकीपरिभाषा :- सामाजिकपरिवर्तनकोऔरभीस्पष्टकरनेकेलिएकुछप्रमुखविद्वानोंकीपरिभाषाओंकाउल्लेखकरसकतेहैं– “समाजशास्त्रीहोनेकेनातेहमारेप्रत्यक्षसम्बन्धसामाजिकसम्बन्धोंसेहैऔरइसलिएइसमेंहोनेवालेपरिवर्तनकोहमसामाजिकपरिवर्तनमानतेहैं।” मैकाइवरतथापेज सांस्कृतिकप्रतिमानोंमेंजबपरिवर्तनहोताहैतोउसेसामाजिकपरिवर्तनकहतेहैं।“ आगबर्नवनिमकाफ “जबसामाजिकढ़ाँचेअथवा गिन्सबर्ग “सामाजिकपरिवर्तनसेअभिप्रायसामाजिकप्रतिक्रियाओं, प्रतिमानोंयास्वरूपोंमेंहोनेवालेकिन्हींभीपरिवर्तनसेहै।“ फेयरचाइल्ड सामाजिकपरिवर्तनकीविशेषताएँ :- • सामाजिकपरिवर्तनव्यक्तिसेसंबंधितनहींहै। • सामाजिकपरिवर्तनसामुदायिकपरिवर्तनसेसंबंधितहै। • सामाजिकपरिवर्तनअपरिहार्यहै। • सामाजिकपरिवर्तनएकसार्वभौमिकघटनाहै। • सामाजिकपरिवर्तनकीगतिअसमानहै। • सामाजिकपरिवर्तनकीगतितुलनीयहै। • सामाजिकपरिवर्तनकीगतिऔरप्रकृतिसमयकेकारकसेप्रभावितऔरसंबंधितहोतीहै। सामाजिकपरिवर्तनकेकारण :- सामाजिकपरिवर्तनकेदोप्रमुखकारणहैं– १. आधुनिककारण :- आधुनिककारणोंमेंऔद्योगीकरण, शहरीकरण, आधुनिकीकरण, पश्चिमीकरण, निजीकरण, भूमण्डलीकरणऔरवैश्वीकरणआदिशामिलहैं। २. सामाजिकपरिवर्तनकेपरम्परागतकारण :- जैविककारण– इसकेअंतर्गतजन्मऔरमृत्यु, पुरुषोंसेमहिलाओंकाअनुपात, स्वास्थ्यआदिकोप्रमुखमानागयाहै। जनसंख्यात्मककारण– जनसंख्याकाआक...

समाजवाद

• कृपया उपयुक्त स्थानों पर • व्याकरण संबंधित त्रुटियों को सुधारें। • विकिलिंक जोड़ें। उचित स्थानों पर शब्दों के दोनो ओर [[ और ]] डालकर अन्य लेखों की कड़ियाँ जोड़ें। ऐसे शब्दों की कड़ियाँ न जोड़ें जो अधिकतर पाठक जानते हों, जैसे आम व्यवसायों के नाम और रोज़मर्रा की वस्तुएँ। अधिक जानकारी के लिये • भूमिका बाँधें लेख की • भागों को व्यवस्थित रूप से लगाएँ। • यदि उपयुक्त हो तो लेख में • इस सब के पश्चात यह टैग हटाएँ। • दे • वा • सं समाजवाद (Socialism) एक आर्थिक-सामाजिक ब्रिटिश राजनीतिक विज्ञानी सी० ई० एम० जोड ने कभी समाजवाद को एक ऐसी टोपी कहा था जिसे कोई भी अपने अनुसार पहन लेता है। समाजवाद की विभिन्न किस्में सी० ई० एम० जोड के इस चित्रण को काफी सीमा तक रूपायित करती है। समाजवाद की एक किस्म विघटित हो चुके सोवियत संघ के सर्वसत्तावादी नियंत्रण में चरितार्थ होती है जिसमें मानवीय जीवन के हर सम्भव पहलू को राज्य के नियंत्रण में लाने का आग्रह किया गया था। उसकी दूसरी किस्म राज्य को समाजवाद समाजवाद शब्द का प्रयोग अनेक और कभी कभी परस्पर विरोधी प्रसंगों में किया जाता है; जैसे समूहवाद अराजकतावाद, आदिकालीन कबायली साम्यवाद, सैन्य साम्यवाद, ईसाई समाजवाद, सहकारितावाद, आदि - यहाँ तक कि नात्सी दल का भी पूरा नाम 'राष्ट्रीय समाजवादी दल' था। समाजवाद की परिभाषा करना कठिन है। यह सिद्धांत तथा आंदोलन, दोनों ही है और यह विभिन्न ऐतिहासिक और स्थानीय परिस्थितियों में विभिन्न रूप धारण करता है। मूलत: यह वह आंदोलन है जो उत्पादन के मुख्य साधनों के समाजीकरण पर आधारित वर्गविहीन समाज स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है और जो मजदूर वर्ग को इसका मुख्य आधार बनाता है, क्योंकि वह इस वर्ग को शोषित वर्ग मानता है जिसका ऐतिहासिक का...

क्रांति का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएं

आगबर्न एवं निमकाॅक " क्रांति संस्कृति मे द्रुतगामी परिवर्तन है जो कुछ विस्तार के लिए होता हैं। किम्बाल यंग " क्रांति एक ऐसा आकस्मिक सामाजिक परिवर्तन है जो साधारणतः वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था के बलपूर्वक उलट जाने से उत्पन्न होता है और जिसके फलस्वरूप सामाजिक तथा कानून नियंत्रण के नये स्वरूपों की स्थापना होती है। क्रांति की विशेषताएं (kranti ki visheshta) 1. क्रांति का उद्देश्य मनुष्यों की मनोवृत्तियो को तीव्र गति से परिवर्तन करना है। 2. क्रांति तभी सम्भव है जबकि सामाजिक व्यवस्था और सांस्कृतिक व्यवस्था के बीच अंतर उत्पन्न हो जाये। 3. क्रांति वह परिवर्तन है जिसके द्वारा समाज मे पाये जाने वाले विभिन्न वर्गों और समूहों की सामाजिक स्थितियों मे परिवर्तन हो जाता है। 4. क्रांति चेतन प्रयत्नों के द्वारा किया गया परिवर्तन है। 5. क्रांति वर्तमान के प्रति असंतोष का फल नही है। प्रचलित समाज व्यवस्था और मूल्य व्यवस्था के स्थान पर नवीन समाज रचना का कार्यक्रम लोगों के सामने होना जरूरी है। 6. सामाजिक जीवन को निर्धारित और संचालित करने मे संस्थाओं, सामाजिक मूल्यों और सामाजिक मनोवृत्तियो का प्रमुख हाथ होता हैं। मूल्य और मनोवृत्तियाँ भी सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से विकसित होती है। अतः सामाजिक क्रांति का अभिप्राय सामाजिक संस्थाओं के वर्तमान स्वरूप को समाप्त करना ही है। 7. क्रांति के लिए आवश्यक है कि समाज के अधिकांश व्यक्ति वर्तमान सामाजिक दशाओं को पूर्ण रूप मे बदलने के लिए जागरूक होकर सक्रिय प्रयत्न करे। आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर प...

सामाजिक प्रक्रिया किसे कहते हैं?

सामाजिक प्रक्रिया से अभिप्राय सामाजिक अंत:क्रिया के विभिन्न स्वरूपों से है। यह परस्पर संबंधित घटनाओं का एक क्रम है जिसे हम विशिष्ट परिणाम और परिवर्तन को जन्म देने वाला मानते हैं। फेयरचाइल्ड ने समाजशास्त्र के शब्दकोश में सामाजिक प्रक्रिया की परिभाषा इन शब्दों में दी है-“कोई भी सामाजिक परिवर्तन या अंत:क्रिया, जिसमें अवलोकनकर्ता एक सतत (निरत) गुण या दिशा देखता हो, जिसे एक वर्गीय नाम दिया जा सके, सामाजिक परिवर्तन या अंत:क्रिया का एक वर्ग जिसमें सामान्य रूप से सामान्य आदर्श देखा जा सके व नामांकित किया जा सके। उदाहरणार्थ-अनुकरण, पर-संस्कृतिग्रहण, संघर्ष, सामाजिक नियंत्रण, संस्तरण।” Categories • • (31.9k) • (8.8k) • (764k) • (248k) • (2.9k) • (5.2k) • (664) • (121k) • (72.1k) • (3.8k) • (19.6k) • (1.4k) • (14.2k) • (12.5k) • (9.3k) • (7.7k) • (3.9k) • (6.7k) • (63.8k) • (26.6k) • (23.7k) • (14.6k) • (25.7k) • (530) • (84) • (766) • (49.1k) • (63.8k) • (1.8k) • (59.3k) • (24.5k)