सावित्रीबाई फुले जयंती बॅनर

  1. सावित्रीबाई फुले जयंती शुभेच्छा संदेश चारोळी
  2. Savitribai Phule Jayanti 2022: सावित्रीबाई फुले जयंती आज, भारत की पहली महिला शिक्षिका को दी लोगों ने श्रद्धांजलि
  3. Savitribai Phule Jayanti How Much Do You Know About The Country First Female Teacher
  4. सावित्रीबाई फुले जयंती:अंग्रेजी शासनकाल में जगाई थी शिक्षा की अलख, महिलाओं के लिए किए ये काम
  5. 3 January In History Din Vishesh Savitribai Phule Birth Anniversary Satish Dhawan Death Anniversary
  6. सावित्रीबाई फुले जयंती 2022: आज है भारत की पहली महिला शिक्षिका की जयंती
  7. सावित्रीबाई फुले जयंती बॅनर
  8. 3 January In History Din Vishesh Savitribai Phule Birth Anniversary Satish Dhawan Death Anniversary
  9. सावित्रीबाई फुले जयंती 2022: आज है भारत की पहली महिला शिक्षिका की जयंती
  10. Savitribai Phule Jayanti How Much Do You Know About The Country First Female Teacher


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सावित्रीबाई फुले जयंती शुभेच्छा संदेश चारोळी

सावित्रीबाई फुले जयंती शुभेच्छा संदेश चारोळी कोटस | savitribai phule jayanti shubhecha sandesh charoli sms quotes सावित्रीबाई फुले यांची जयंती 3 जानेवारी रोजी साजरी केली जाते. सावित्रीबाई फुले यांचा जन्मदिवस संपूर्ण महाराष्ट्रभर बालिका दिन म्हणून साजरा केला जातो. या बालिका दिनाच्या निमित्ताने शाळा महाविद्यालयांमध्ये निबंध स्पर्धा भाषण स्पर्धा वक्तृत्व स्पर्धा होत असतात. त्याचबरोबर अनेक छोटे-मोठे कार्यक्रम होत असतात हे छोटे मोठे कार्यक्रम पार पाडण्यासाठी महत्त्वाचा घटक असतो तो म्हणजे सूत्रसंचालक आणि म्हणूनच सावित्रीबाई फुले यांची जयंती तसेच बालिका दिन अतिशय उत्साहामध्ये साजरा व्हावा म्हणून मागील लेखामध्ये आपण सावित्रीबाई फुले जयंती तसेच सावित्रीबाई फुले जयंती शुभेच्छा संदेश चारोळी बालिका दिन शुभेच्छा (toc) सावित्रीबाई फुले जयंती शुभेच्छा संदेश चारोळी | savitribai phule jayanti shubhecha sandesh charoli sms |बालिका जयंती शुभेच्छा संदेश चारोळी|balika din shubhecha sandesh charoli sms सावित्रीबाई फुले यांची जयंती साजरी करत असताना शाळकरी मुले त्याचबरोबर शिक्षक, सुजान नागरिक तसेच संपूर्ण महिलावर्ग तर या दिवसाची आवर्जून वाट पाहत असतो या बालिका दिनाच्या दिवशी सर्वजण एकमेकांना शुभेच्छा संदेश देत असतात. काहीजण चारोळीच्या कवितेच्या माध्यमातून आपल्या भावना एकमेकांपर्यंत पोहोचवत असतात. म्हणूनच आजच्या या लेखातून सावित्रीबाई फुले जयंती विशेष शुभेच्छा संदेश आणि चारोळी यांची एकत्रित अशी माहिती आपल्याला देत आहोत ही माहिती आपल्याला नक्कीच आवडेल. सावित्रीबाई फुले जयंती शुभेच्छा | savitribai phule jayanti shubhecha या पुरोगामी व्यवस्थेच्या विरोधात सावित्रीबाई कणखरपणे उभी राहिली त्यामुळे सज्ञान...

Savitribai Phule Jayanti 2022: सावित्रीबाई फुले जयंती आज, भारत की पहली महिला शिक्षिका को दी लोगों ने श्रद्धांजलि

Savitribai Phule Jayanti 2022: सावित्रीबाई फुले जयंती आज, भारत की पहली महिला शिक्षिका को दी लोगों ने श्रद्धांजलि सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र स्थित सातारा के नायगांव में हुआ था. उन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने और उनके अधिकारों के लिए लड़ने में मुख्य भूमिका निभाई थी. देश की पहली महिला शिक्षिका की जयंती के अवसर पर लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है. Savitribai Phule Birth Anniversary 2022: आज देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती (Savitribai Phule Jayanti) मनाई जा रही है. सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) ही वो महिला थीं, जिन्होंने महिलाओं के प्रति समाज में फैली कुरीतियों के बीच उनमें शिक्षा का अलख जगाया था. समाज की रूढ़िवादी परंपराओं की बेड़ियों को तोड़कर सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं को सामाजिक शोषण से मुक्त कराने और उनके लिए समान शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए पुरजोर कोशिश की थी. सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र स्थित सातारा के नायगांव में हुआ था. उन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने और उनके अधिकारों के लिए लड़ने में मुख्य भूमिका निभाई थी. भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक सावित्रीबाई फुले की जयंती के इस खास अवसर पर लोगों ने सोशल मीडिया पर न सिर्फ उन्हें याद किया है, बल्कि उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की है. सावित्रीबाई फुले जयंती My homage to champion of women's rights, social reformer & educationist Smt Savitribai Phule Ji on her jayanti. Regarded as the mother of Indian feminism, she along with Mahatma Phule Ji founded India's first school for girl...

Savitribai Phule Jayanti How Much Do You Know About The Country First Female Teacher

देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की आज जयंती है. सावित्रीबाई फुले उन महान हस्तियों में से हैं जिन्होंने भारत में महिलाओं को शिक्षा दिलाने और उनका सशक्तिकरण करने में बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान दिया था. आज पूरे देश में उनकी जयंती मनाई जा रही है, सोशल मीडिया पर लोग जमकर इनके बारे में लिख रहे हैं. 19वीं सदी के कुछ सबसे बड़े समाज सुधारकों में शुमार सावित्रीबाई फुले ने अपने पति के साथ महाराष्ट्र के पुणे में पहली बार एक कन्या विद्यालय की स्थापना की थी. आज इस आर्टिकल में हम आपको उन्हीं से जुड़ी तमाम जानकारियां देंगे. अंग्रेजों ने भी किया था सम्मानित सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योति राव फुले के साथ मिलकर पूरे देश में लगभग 18 स्कूल खोले. महिलाओं के प्रति उनका समर्पण इतना ज्यादा था कि भयंकर विरोध के बाद भी यह लोग नहीं रुके और महिलाओं की शिक्षा को लेकर आवाज उठाते रहे. इनकी इस शानदार सोच और सामाजिक काम को अंग्रेजों ने भी सराहा. उन्होंने शिक्षा में उनके इस योगदान के लिए उन्हें सम्मानित भी किया. बचपन से ही शिक्षा को लेकर थीं जागरुक सावित्रीबाई फुले बचपन से ही शिक्षा को लेकर बेहद जागरूक थीं और वह हमेशा से स्कूल जाना चाहती थीं. लेकिन बचपन में उन्हें स्कूल जाने से रोका गया. हालांकि इसके बावजूद भी उन्होंने शिक्षा पाने की अपनी इच्छाशक्ति को मरने नहीं दिया और इसके लिए निरंतर प्रयास करती रहीं. महज 9 साल की उम्र में सावित्रीबाई फुले की शादी ज्योति राव फुले से हो गई. जब ज्योति राव फुले ने सावित्रीबाई फुले के अंदर शिक्षा को लेकर इतनी ज्यादा इच्छाशक्ति देखी तो उन्होंने इसे आगे बढ़ाने की ठानी और फिर ज्योतिराव फुले की मदद से सावित्रीबाई फुले ने अपनी शिक्षा ग्रहण की. इसके बाद में उन...

सावित्रीबाई फुले जयंती:अंग्रेजी शासनकाल में जगाई थी शिक्षा की अलख, महिलाओं के लिए किए ये काम

सावित्रीबाई फुले जयंती: अंग्रेजी शासनकाल में जगाई थी शिक्षा की अलख, महिलाओं के लिए किए ये काम विस्तार Savitribai Phule Birth Anniversary: भारत की पहली महिला शिक्षिका और समाजसेवी सावित्रीबाई फुले की आज जयंती है। वह समाज सुधारक और महिलाओं के लिए काम करने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने 19वीं शताब्दी में पुणे (महाराष्ट्र) के समाज में व्याप्त दमनकारी सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनका योगदान तर्कसंगतता और मानवीय कारणों जैसे सत्य, समानता और मानवता के इर्द-गिर्द घूमता है। उनका जन्म 03 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र (नायगांव - सतारा) में हुआ था। वह अपने परिवार में सबसे छोटी थीं। उनके तीन भाई-बहन थे। वह माली समुदाय से थीं, जो आज अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत आता है। सावित्रीबाई फुले जब महज नौ साल की थीं तभी उनका विवाह हो गया, वे पढ़-लिख नहीं सकती थीं। उनके पति ज्योतिराव फुले ने उन्हें घर पर शिक्षित करने की जिम्मेदारी ली। जिसके बाद में उन्होंने महाराष्ट्र, विशेष रूप से पुणे में व्याप्त असमानता, पितृसत्ता और सामाजिक उत्पीड़न से लड़ने के लिए काम किया। पुणे के भिडे वाडा में खोला पहला स्कूल 1848 में फुले और उनके पति ने ब्रिटिश शासन के दौरान पुणे के भिडे वाडा में लड़कियों के लिए पहला भारतीय स्कूल शुरू किया। स्कूल में शुरू में सिर्फ नौ लड़कियां थीं। धीरे-धीरे संख्या बढ़कर 25 हो गई। उनके स्कूल में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम में वेद और शास्त्र जैसे ब्राह्मणवादी ग्रंथों के बजाय गणित, विज्ञान और सामाजिक अध्ययन शामिल थे। इसके बाद दंपति ने 1851 तक शहर में तीन और स्कूल शुरू किए। ज्योतिराव फुले के साथ उन्होंने लड़कियों के लिए 18 स्कूल खोले थे। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के बार...

3 January In History Din Vishesh Savitribai Phule Birth Anniversary Satish Dhawan Death Anniversary

Today In History: आजच्या दिवशी (Din Vishesh) काय घडलं हे जाणून घेण्याची इच्छा सर्वांनाच असते. अनेक चांगल्या वाईट घटनांनी इतिहासातील तारखा नोंदलेल्या (Today History) असतात. आज म्हणजे 3 जानेवारी रोजी इतिहासात अनेक महत्वाच्या घटना घडल्या होत्या. भारतातील पहिल्या स्त्री शिक्षिका, महान समाजसुधारक सावित्रीबाई फुले यांची जयंती आहे. सावित्रीबाई फुले यांचा जन्म 3 जानेवारी 1831 रोजी झाला. त्याशिवाय, भारतीय अंतराळ संशोधनातील महत्त्वाचे शास्त्रज्ञ सतीश धवन यांचा स्मृती दिन आहे. 1831: सावित्रीबाई फुले यांची जयंती भारतातील पहिल्या महिला शिक्षिका म्हणून ओळख असलेल्या सावित्रीबाई फुले यांची आज जयंती. सावित्रीबाई फुले यांचा जन्म 3 जानेवारी 1831 रोजी झाला. महात्मा फुले यांनी सुरू केलेल्या स्त्री शिक्षण आणि सामाजिक चळवळीत सावित्रीबाई फुले यांनी मोठी साथ दिली. त्याशिवाय, सावित्रीबाई फुले या कवयित्रीदेखील होत्या. शिक्षण क्षेत्रामध्येच नव्हे तर समाजातील अनिष्ट रूढी- परंपरांना देखील छेद देत त्यांनी मोकळा श्वास घेण्यास मोलाची कामगिरी बजावली. महाराष्ट्र सरकारने तीन वर्षांपूर्वी सावित्रीबाई फुले यांची जयंती ही ‘सावित्री उत्सव’ म्हणून साजरा करण्यास सुरुवात केली होती. महिला आणि बालविकास खात्याच्यावतीने हा दिवस साजरा करण्यात येतो. 1925: बेनिटो मुसोलिनी इटलीच्या सत्तेवर दुसऱ्या महायुद्धात जर्मन हुकूमशहा अडॉल्फ हिटलरला साथ देणारा इटलीचा हुकूमशहा बेनिटो मुसोलिनी हा इटलीच्या सत्तेवर आला. फॅसिझमच्या विचारांचा मुसोलिनी प्रमुख पाठिराखा समजला जातो. इटलीत फॅसिस्ट विचारांची पायाभरणी करणाऱ्यांमध्ये त्याचे नाव अग्रस्थानी आहे. 1921: चित्रपट निर्माते-दिग्दर्शक चेतन आनंद यांची जयंती हिंदी चित्रपटसृष्टीतील नावाजलेले द...

सावित्रीबाई फुले जयंती 2022: आज है भारत की पहली महिला शिक्षिका की जयंती

सावित्रीबाईफुलेजयंती 2022:- आजदेशकीपहलीमहिलाशिक्षिकासावित्रीबाईफुलेकीजयंती ( Savitribai Phule Jayanti) मनाईजारहीहै | महाराष्‍ट्रकेपुणेमेंएकदलितपरिवारमेंजन्‍मींसावित्रीबाईकेपिताकानामखण्डोजीनेवसेऔरमाताकानामलक्ष्मीबाईथा | उनकाजन्म 03 जनवरी 1831कोमहाराष्ट्रकेसताराजिलेमेंस्थितनायगांवनामकछोटेसेगांवमेंहुआथा | वहभारतकेपहलेबालिकाविद्यालयकीपहलीप्रिंसिपलऔरपहलेकिसानस्कूलकीसंस्थापिकाथीं | 1840 मेंमात्र 9 सालकीउम्रमेंसावित्रीबाईकाविवाह 13 सालकेज्योतिरावफुलेकेसाथहुआ | उससमयवोपूरीतरहअनपढ़थींऔरपतिमात्रतीसरीकक्षातकहीपढ़ेथे | पढ़ाईकरनेकाजोसपनासावित्रीबाईनेदेखाथाविवाहकेबादभीउन्‍होंनेउसपररोकनहींलगनेदी | इनकासंघर्षकितनाकठिनथा, इसेइनकेजीवनकेएककिस्‍सेसेसमझाजासकताहै | एकदिनवोकमरेमेंअंग्रेजीकीकिताबकेपन्‍नेपलटरहीथीं, इसपरइनकेपिताखण्डोजीकीनजरपड़ी | यहदेखतेवोभड़कउठेऔरहाथोंसेकिताबकोछीनकरघरकेबाहरफेंकदिया | उनकाकहनाथाकिशिक्षापरकेवलउच्‍चजातिकेपुरुषोंकाहीहकहै | दलितऔरमहिलाओंकेलिएशिक्षाग्रहणकरनापापहै | यहीवोपलथाजबसावित्रीबाईनेप्रणलियाकिवोएकनएकदिनजरूरपढ़नासीखेंगी | उनकीमेहनतरंगलाई | उन्‍होंनेसिर्फपढ़नाहीनहींसीखाबल्किनजानेकितनीलड़कियोंकोशिक्ष‍ितकरकेउनकाभविष्‍यसंवारा, लेकिनयहसफरआसाननहींरहा | 1848 मेंकीदेशकासबसेपहलेबालिकास्कूलकीस्थापना:- सावित्रीबाईऔरज्योतिरावनेवर्ष 1848 मात्रनौविद्यार्थियोंकोलेकरएकस्कूलकीशुरुआतकीथी | उससमयलड़कियोंकीशिक्षापरसामाजिकपाबंदीबनीहुई | वर्ष 1848 मेंमहाराष्ट्रकेपुणेमेंदेशकासबसेपहलेबालिकास्कूलकीस्थापनासावित्रीबाईफुलेनेकीथी | सावित्रीबाईफुलेमात्रइनस्कूलोंमेंकेवलपढ़ातीनहींथीबल्किलड़कियांस्कूलोंकोनाछोड़ेइसकेलिएवहमददभीप्रदानकरतीथी | गौरतलबहैकिसावित्रीबाईफुलेकोप्रथमशिक्षिकाहोनेकाश्रेयभीजाताह...

सावित्रीबाई फुले जयंती बॅनर

Table of Contents • • Savitribai Phule Jayanti Images In Marathi 2023 सावित्रीबाई फुले जयंती बॅनर: 3 जानेवारी ही सावित्रीबाई फुले यांची जयंती आहे, ज्या 19व्या शतकातील समाजसुधारक आहेत ज्यांना भारतातील पहिली महिला शालेय शिक्षिका मानले जाते. राजकारणी, केंद्रातील आणि विविध राज्यातील मंत्र्यांनी सोशल मीडियावर सावित्रीबाई फुले यांना आदरांजली वाहिली तुम्ही पण या पोस्ट च्या माध्यमातून सावित्रीबाई फुले जयंती बॅनर शेअर करू शकतात धन्यवाद.

3 January In History Din Vishesh Savitribai Phule Birth Anniversary Satish Dhawan Death Anniversary

Today In History: आजच्या दिवशी (Din Vishesh) काय घडलं हे जाणून घेण्याची इच्छा सर्वांनाच असते. अनेक चांगल्या वाईट घटनांनी इतिहासातील तारखा नोंदलेल्या (Today History) असतात. आज म्हणजे 3 जानेवारी रोजी इतिहासात अनेक महत्वाच्या घटना घडल्या होत्या. भारतातील पहिल्या स्त्री शिक्षिका, महान समाजसुधारक सावित्रीबाई फुले यांची जयंती आहे. सावित्रीबाई फुले यांचा जन्म 3 जानेवारी 1831 रोजी झाला. त्याशिवाय, भारतीय अंतराळ संशोधनातील महत्त्वाचे शास्त्रज्ञ सतीश धवन यांचा स्मृती दिन आहे. 1831: सावित्रीबाई फुले यांची जयंती भारतातील पहिल्या महिला शिक्षिका म्हणून ओळख असलेल्या सावित्रीबाई फुले यांची आज जयंती. सावित्रीबाई फुले यांचा जन्म 3 जानेवारी 1831 रोजी झाला. महात्मा फुले यांनी सुरू केलेल्या स्त्री शिक्षण आणि सामाजिक चळवळीत सावित्रीबाई फुले यांनी मोठी साथ दिली. त्याशिवाय, सावित्रीबाई फुले या कवयित्रीदेखील होत्या. शिक्षण क्षेत्रामध्येच नव्हे तर समाजातील अनिष्ट रूढी- परंपरांना देखील छेद देत त्यांनी मोकळा श्वास घेण्यास मोलाची कामगिरी बजावली. महाराष्ट्र सरकारने तीन वर्षांपूर्वी सावित्रीबाई फुले यांची जयंती ही ‘सावित्री उत्सव’ म्हणून साजरा करण्यास सुरुवात केली होती. महिला आणि बालविकास खात्याच्यावतीने हा दिवस साजरा करण्यात येतो. 1925: बेनिटो मुसोलिनी इटलीच्या सत्तेवर दुसऱ्या महायुद्धात जर्मन हुकूमशहा अडॉल्फ हिटलरला साथ देणारा इटलीचा हुकूमशहा बेनिटो मुसोलिनी हा इटलीच्या सत्तेवर आला. फॅसिझमच्या विचारांचा मुसोलिनी प्रमुख पाठिराखा समजला जातो. इटलीत फॅसिस्ट विचारांची पायाभरणी करणाऱ्यांमध्ये त्याचे नाव अग्रस्थानी आहे. 1921: चित्रपट निर्माते-दिग्दर्शक चेतन आनंद यांची जयंती हिंदी चित्रपटसृष्टीतील नावाजलेले द...

सावित्रीबाई फुले जयंती 2022: आज है भारत की पहली महिला शिक्षिका की जयंती

सावित्रीबाईफुलेजयंती 2022:- आजदेशकीपहलीमहिलाशिक्षिकासावित्रीबाईफुलेकीजयंती ( Savitribai Phule Jayanti) मनाईजारहीहै | महाराष्‍ट्रकेपुणेमेंएकदलितपरिवारमेंजन्‍मींसावित्रीबाईकेपिताकानामखण्डोजीनेवसेऔरमाताकानामलक्ष्मीबाईथा | उनकाजन्म 03 जनवरी 1831कोमहाराष्ट्रकेसताराजिलेमेंस्थितनायगांवनामकछोटेसेगांवमेंहुआथा | वहभारतकेपहलेबालिकाविद्यालयकीपहलीप्रिंसिपलऔरपहलेकिसानस्कूलकीसंस्थापिकाथीं | 1840 मेंमात्र 9 सालकीउम्रमेंसावित्रीबाईकाविवाह 13 सालकेज्योतिरावफुलेकेसाथहुआ | उससमयवोपूरीतरहअनपढ़थींऔरपतिमात्रतीसरीकक्षातकहीपढ़ेथे | पढ़ाईकरनेकाजोसपनासावित्रीबाईनेदेखाथाविवाहकेबादभीउन्‍होंनेउसपररोकनहींलगनेदी | इनकासंघर्षकितनाकठिनथा, इसेइनकेजीवनकेएककिस्‍सेसेसमझाजासकताहै | एकदिनवोकमरेमेंअंग्रेजीकीकिताबकेपन्‍नेपलटरहीथीं, इसपरइनकेपिताखण्डोजीकीनजरपड़ी | यहदेखतेवोभड़कउठेऔरहाथोंसेकिताबकोछीनकरघरकेबाहरफेंकदिया | उनकाकहनाथाकिशिक्षापरकेवलउच्‍चजातिकेपुरुषोंकाहीहकहै | दलितऔरमहिलाओंकेलिएशिक्षाग्रहणकरनापापहै | यहीवोपलथाजबसावित्रीबाईनेप्रणलियाकिवोएकनएकदिनजरूरपढ़नासीखेंगी | उनकीमेहनतरंगलाई | उन्‍होंनेसिर्फपढ़नाहीनहींसीखाबल्किनजानेकितनीलड़कियोंकोशिक्ष‍ितकरकेउनकाभविष्‍यसंवारा, लेकिनयहसफरआसाननहींरहा | 1848 मेंकीदेशकासबसेपहलेबालिकास्कूलकीस्थापना:- सावित्रीबाईऔरज्योतिरावनेवर्ष 1848 मात्रनौविद्यार्थियोंकोलेकरएकस्कूलकीशुरुआतकीथी | उससमयलड़कियोंकीशिक्षापरसामाजिकपाबंदीबनीहुई | वर्ष 1848 मेंमहाराष्ट्रकेपुणेमेंदेशकासबसेपहलेबालिकास्कूलकीस्थापनासावित्रीबाईफुलेनेकीथी | सावित्रीबाईफुलेमात्रइनस्कूलोंमेंकेवलपढ़ातीनहींथीबल्किलड़कियांस्कूलोंकोनाछोड़ेइसकेलिएवहमददभीप्रदानकरतीथी | गौरतलबहैकिसावित्रीबाईफुलेकोप्रथमशिक्षिकाहोनेकाश्रेयभीजाताह...

Savitribai Phule Jayanti How Much Do You Know About The Country First Female Teacher

देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की आज जयंती है. सावित्रीबाई फुले उन महान हस्तियों में से हैं जिन्होंने भारत में महिलाओं को शिक्षा दिलाने और उनका सशक्तिकरण करने में बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान दिया था. आज पूरे देश में उनकी जयंती मनाई जा रही है, सोशल मीडिया पर लोग जमकर इनके बारे में लिख रहे हैं. 19वीं सदी के कुछ सबसे बड़े समाज सुधारकों में शुमार सावित्रीबाई फुले ने अपने पति के साथ महाराष्ट्र के पुणे में पहली बार एक कन्या विद्यालय की स्थापना की थी. आज इस आर्टिकल में हम आपको उन्हीं से जुड़ी तमाम जानकारियां देंगे. अंग्रेजों ने भी किया था सम्मानित सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योति राव फुले के साथ मिलकर पूरे देश में लगभग 18 स्कूल खोले. महिलाओं के प्रति उनका समर्पण इतना ज्यादा था कि भयंकर विरोध के बाद भी यह लोग नहीं रुके और महिलाओं की शिक्षा को लेकर आवाज उठाते रहे. इनकी इस शानदार सोच और सामाजिक काम को अंग्रेजों ने भी सराहा. उन्होंने शिक्षा में उनके इस योगदान के लिए उन्हें सम्मानित भी किया. बचपन से ही शिक्षा को लेकर थीं जागरुक सावित्रीबाई फुले बचपन से ही शिक्षा को लेकर बेहद जागरूक थीं और वह हमेशा से स्कूल जाना चाहती थीं. लेकिन बचपन में उन्हें स्कूल जाने से रोका गया. हालांकि इसके बावजूद भी उन्होंने शिक्षा पाने की अपनी इच्छाशक्ति को मरने नहीं दिया और इसके लिए निरंतर प्रयास करती रहीं. महज 9 साल की उम्र में सावित्रीबाई फुले की शादी ज्योति राव फुले से हो गई. जब ज्योति राव फुले ने सावित्रीबाई फुले के अंदर शिक्षा को लेकर इतनी ज्यादा इच्छाशक्ति देखी तो उन्होंने इसे आगे बढ़ाने की ठानी और फिर ज्योतिराव फुले की मदद से सावित्रीबाई फुले ने अपनी शिक्षा ग्रहण की. इसके बाद में उन...