Samvidhan ki paribhasha

  1. Sanvidhan Kise Kahate Hain
  2. संविधानवाद की परिभाषा और तत्व
  3. संविधान की परिभाषा हिंदी मै
  4. [Latest*] भारतीय संविधान अनुच्छेद (1 से 395 तक) PDF Download
  5. भारतीय संविधान की परिभाषा एवं प्रकृति , संविधान के प्रकार


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Sanvidhan Kise Kahate Hain

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • आज के आर्टिकल में हम भारतीय संविधान (Bhartiya Sanvidhan) के बारे में बात करेंगे इसके अंतर्गत संविधान किसे कहते है (Sanvidhan Kise Kahate Hain), संविधान का अर्थ (Sanvidhan Ka Arth) , संविधान की परिभाषा (Sanvidhan Ki Paribhasha), संविधान के प्रकार (Sanvidhan Ke Prakar), भारतीय संविधान की विशेषता (Bhartiya Sanvidhan Ki Visheshta) को पढ़ेंगे। संविधान क्या है – Sanvidhan Kya Hai नियमों और कानूनों का एक ऐसा संग्रह जिससे मानव का सर्वांगीण विकास होता है उसे संविधान कहते है। संविधान (Sanvidhan) किसी देश की नीतियों एवं सिद्धांतों का संग्रह होता है जिसके आधार पर उस देश की शासन व्यवस्था को संचालित किया जाता है। संविधान किसे कहते है – Sanvidhan Kise Kahate Hain संविधान एक ऐसा लिखित दस्तावेज होता है जिनके द्वारा किसी देश में शासन व्यवस्था चलाई जाती है इसमें नियम कायदे कानून सरकार की शक्तियाँ अधिकार आदि के बारे में विस्तार से लिखा होता है उसे संविधान (Constitution) कहते है। संविधान का अर्थ – Sanvidhan Ka Arth संविधान शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है ’सम’ और ’विधान’। सम का अर्थ है – बराबर तथा विधान का अर्थ है- नियम-कानून अर्थात् वह नियम कानून जो सभी नागरिकों पर एक समान लागू हो, संविधान (Sanvidhan) कहलाता है। संविधान को अंग्रेजी में Constitution कहते हैं जो लैटिन भाषा के Constiture से मिलकर बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है – ’शासन करने वाला सिद्धान्त’। संविधान की परिभाषाएं – Sanvidhan Ki Paribhasha लास्की के अनुसार, ’’नियमों का वह भाग जो निर्धारित करता है कि नियम कैसे बनाये जाते हैं, कैसे बदले ...

संविधानवाद की परिभाषा और तत्व

आप इस लेख में संवैधानिक प्रणाली का अध्ययन करेंगे। सर्वप्रथम, आप संविधानवाद के विभिन्न तत्वों का अध्ययन करेंगे। इस प्रकार संविधानवाद की, पृष्ठभूमि में आप, और संविधानवाद पर निबंध पढ़ेंगे । संविधानवाद की परिभाषा 'संविधानवाद', प्रजातांत्रिक भावना और व्यवस्था पर आधारित एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था या प्रणाली है, जो कानूनों और नियमों से संचालित होती है और जिनमें शक्तियों के केन्द्रीकरण और निरंकुश सम्प्रभुता के लिए कोई स्थान नहीं है तथा जिनमें मनुष्य की आधारभूत मान्यताओं, आस्थाओं और मूल्यों की व्यवहार में उपलब्धि सम्भव होती है। अर्थात् संविधानवाद व्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए शासक पर (या राज्य की शक्ति पर) अंकुश रखने की शक्ति स्वयं शासित्तों के हाथों में सौंपता है। इससे यह आशा की जाती है कि, व्यक्तियों की औपचारिक स्वतंत्रता और समानता स्थापित हो जाने पर वे स्वयं ऐसे लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे, जिसमें सब व्यक्तियों का हित निहित हो। संविधानवाद के तत्व • संविधान में आधारभूत संस्थाओं की स्पष्ट व्याख्या • संविधान राजनीतिक शक्ति का प्रतिबन्धक • संविधान विकास का सूचक • संविधान राजनीतिक शक्ति का संगठक पिनॉक तथा स्मिथ ने, संविधानवाद के चार तत्वों की विवेचना की है। संविधानवाद के संदर्भ में ही यह समझना सम्भव है कि, किसी राजनीतिक व्यवस्था में संविधान, संविधानवाद का प्रतीक है अथवा नहीं। संक्षेप में इन तत्वों की विवेचना निम्नलिखित ढंग से की जा सकती है 1. संविधान में आधारभूत संस्थाओं की स्पष्ट व्याख्या: संविधानवाद का महत्वपूर्ण तत्व यह है कि संविधान में आधारभूत संस्थाओं की स्पष्ट व्यवस्था की जानी चाहिए, उसमें व्यवस्थापिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका के संगठन व कार्यों तथा उनके पारस्परिक संबंधों की स्...

संविधान की परिभाषा हिंदी मै

संविधान, मूल सिद्धान्तों या स्थापित नज़ीरों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार है; उसके चरित्र, संगठन, को निर्धारित करती है तथा उसके प्रयोग विधि को बताती है, यह राष्ट्र की परम विधि है तथा विशेष वैधानिक स्थिति का उपभोग करती हैसभी प्रचलित कानूनों को अनिवार्य रूप से संविधान की भावना के अनुरूप होना चाहिए यदि वे इसका उल्लंघन करेंगे तो वे असंवैधानिक घोषित कर दिए जाते है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी सम्प्रभु देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है, जिसमें, उसके अंग्रेज़ी-भाषी संस्करण में 146,385 शब्दों के साथ, 22 भागों में 444 अनुच्छेद 12 अनुसूचियाँ और 101 संशोधन हैं, जबकि मोनाको का संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसमें 97 अनुच्छेदों के साथ 10 अध्याय, और कुल 3,814 शब्द हैं

[Latest*] भारतीय संविधान अनुच्छेद (1 से 395 तक) PDF Download

Indian Constitution PDF Download: जैसा की आप सभी जानते हैं कि हम यहाँ हर दिन बढ़िया Study Material लेकर आते रहते हैं तो उसी तरह आज हम आपके लिए भारतीय संविधान PDF के बारे में बहुत ही उपयोगी पोस्ट लेकर आये हैं. इस पोस्ट भारतीय संविधान अनुच्छेद 1-395 Indian Constitution के कुल अनुच्छेद और उनका सम्पूर्ण विवरण मौजूद है. अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो ये आपको जरूर पढ़ना चाहिये क्यूंकि प्रतियोगी परीक्षाओं में इसमें से कई प्रश्न पूछे जाते हैं. तो आप सभी इस Indian Constitution book PDF संविधान PDF को नीचे दिए हुए download बटन पर क्लिक करके आसानी से download कर सकते हो. जैसा की आप सभी जानते हैं कि बहुत सी कम्पटीशन की परीक्षा में भारतीय संविधान PDF download से सम्बंधित 2 या 4 प्रश्न जरुर पूछे जाते है, और ऐसे में अगर आपको इन प्रश्नों के उत्तर मालूम न हो तो आपको बहुत घटा हो सकता हैं. मेरिट लिस्ट में आपका नाम नीचे खिसक सकता है या ऐसा भी हो सकता है की मेरिट लिस्ट में आपका नाम ही न आये. तो ऐसी परिस्तिथि में हमें बहुत दुःख होता है. तो इसीलिए परीक्षा की तैयारी बहुत ही अच्छे से करना चाहिये. हर एक पॉइंट को अच्छे से cover करना चाहिये क्यूंकि यही छोटे छोटे पॉइंट्स की वजह से ही आपके अच्छे नंबर मिलते हैं. 2.1 भारतीय संविधान PDF Download भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण संबिधान संशोधन तो हम आपको महत्वपूर्ण संविधान संशोधनो के बारे में बता रहे है इनमे से भारतीय संविधान प्रश्न उत्तर PDF को complete कर सकते हो. क्यूंकि हर प्रतियोगी परीक्षा में इसमें से सवाल पूछे जाते हैं- • 1st संविधान संशोधन (1951) – इसके द्वारा भारतीय संविधान मे 9वी अनुसूची को जोडा गया है. • 7वाॅ संविधान संशोधन (195...

भारतीय संविधान की परिभाषा एवं प्रकृति , संविधान के प्रकार

दोस्तों आज हम किस आर्टिकल में आपको मैं बताऊंगा कि भारतीय संविधान की परिभाषा और प्रकृति क्या है उसके बारे में पूरा स्पष्ट रूप से आपको यहां पर इस आर्टिकल में बताऊंगा तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए और मैंने यूट्यूब पर भी इसके बारे में वीडियो बना दी है जो कि मैं आपको नीचे आर्टिकल में वीडियो Ka Link दे दूंगा तो वहां पर डायरेक्टली क्लिक करके इस वीडियो को देख सकते हैं भारतीय संविधान की परिभाषा एवं प्रकृति , संविधान के प्रकार || Bhartiya Samvidhan Ki Prakiti Our Paribhasha, Parkar Bhartiya Samvidhan Ki Paribhasha, Parkiti, Parkar किसी भी देश के संविधान से मुख्यतया 4 बातों का पता चलता है– (1)- उस देश की सरकार के कौन-कौन से प्रमुख अंग है | (2)- इन अंगों की संरचना, कार्य एवं शक्तियां क्या हैं | (3)- इन अंगों के आपस में सम्बन्ध क्या हैं | (4)- इन अंगों का वहां की जनता से क्या सम्बन्ध है | भारतीय संविधान की प्रकृति– किसी भी देश का संविधान वहां का सर्वोच्च कानून होता है | संविधानिक विधि ही सर्वोच्च एवं सर्वोपरि होती है | अन्य सभी विधियां अपनी विधि-मान्यता, संविधानिक विधि से ही प्राप्त करती हैं | दूसरे शब्दों में ; यदि एक साधारण विधि एवं संविधानिक विधि में टकराव हो तो संविधानिक विधि को प्रधानता दी जायेगी | कहने का तात्पर्य यह है कि, यदि साधारण विधि का कोई प्रावधान, संविधानिक विधि के किसी प्रावधान के प्रतिकूल है, तो उस दशा में साधारण विधि का वह प्रावधान, प्रतिकूलता की सीमा अथवा असंवैधानिकता की सीमा तक शून्य होगा| संविधान के प्रकार– संविधान मुख्यतः 4 प्रकार के हैं, जो निम्नलिखित हैं– (1) लिखित अथवा अलिखित संविधान (लिखित संविधान जो बनाया जाता है अर्थात अधिनियमित किया जाता है तथा अलिखित संवि...