Sandhi ke kitne bhed hote hain

  1. Sandhi Kise Kahate Hain
  2. संधि
  3. संधि के कितने भेद होते हैं?
  4. Sandhi in Hindi
  5. Swar Sandhi Ke Kitne Bhed Hote Hain
  6. स्वर संधि के कितने भेद होते हैं


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Sandhi Kise Kahate Hain

संधि किसे कहते हैं (sandhi kise kahate hain) संधि का शाब्दिक अर्थ है मेल। व्याकरण में जब दो या दो से अधिक वर्ण परस्पर मिलते हैं, तब एक नया रूप धारण कर लेते हैं। इस मेल को संधि कहते हैं। संधि के उदाहरण – • महा + ईश = महेश, • नर + इंद्र = नरेन्द्र, • देव + आलय + देवालय आदि। उदाहरण में दिए गए शब्द शब्दों में पहले शब्द के अंतिम संधि का परिणाम है। संधि के अंतर्गत पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की प्रथम ध्वनि में मेल होकर परिवर्तन घटित होता है; जैसे- जगत् + ईश = जगदीश, हित + उपदेश + हितोपदेश। जब दो स्वर आपस में मिलते हैं तो उसे स्वर संधि कहते हैं। इसके अंतर्गत पहले शब्द का अंतिम वर्ण तथा दूसरे शब्द का पहला वर्ण स्वर होता है और ये परस्पर मिलकर नया रूप धारण करते हैं। जैसे – विद्या + आलय= विद्यालय, रमा + ईश = रमेश इत्यादी। चलिए अब स्वर संधि के भेद (swar sandhi ke bhed) के बारे में जानते हैं। दीर्घ संधि के उदाहरण- (अ + अ = आ)– • धर्म + अर्थ = धर्मार्थ • सत्य + अर्थी (अ + आ = आ)- • परम = आत्मा + परमात्मा • देव + आलय = देवालय (आ + अ = आ)- • विद्या + अर्थी = विद्यार्थी • परीक्षा + अर्थी = परीक्षार्थी (आ + आ = आ)- • विद्या + आलय = विद्यालय • महा + आत्मा = महात्मा (इ + इ = ई)- • रवि + इन्द्र = रवीन्द्र • अभि + इष्ट = अभीष्ट (इ + ई = ई)- • गिरि + ईश = गिरीश • हरि + ईश = हरीश (ई + इ = ई)- • मही + इंद्र = महिंद्र • योगी + इंद्र = योगीन्द्र (ई + ई = ई)- • सती + ईश = सतीश • रजनी + ईश = रजनीश (उ + उ = ऊ)- • सु + उक्ति – सूक्ति • भानु + उदय = भानुदय (उ + ऊ = ऊ)- • लघु + उर्मी = लघूर्मि • लघु + ऊर्जा = लघुर्जा (ऊ + उ = ऊ)- • वधू + उत्सव = वधूत्सव • भू + उत्सर्ग = भूत्सर्ग (ऊ + ऊ = ऊ)- • ...

संधि

179 Shares आज के आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण में हिंदी संधि (Sandhi in hindi) को पढेंगे । इसमें हम संधि किसे कहते है (Sandhi kise kahate hain), संधि का अर्थ (Sandhi ka arth), संधि की परिभाषा (Sandhi ki paribhasha), संधि के प्रकार(Sandhi ke prakar), संधि के उदाहरण(Sandhi ke udaharan), संधि के प्रश्न(Sandhi ke prashn), स्वर संधि(Swar sandhi), व्यंजन संधि(Vyanjan sandhi), विसर्ग संधि(Visarg sandhi), को विस्तार से समझेंगे। संधि किसे कहते है – Sandhi Kise Kahate Hain दो ध्वनियों या दो वर्णों के मेल से होने वाले विकार/ परिवर्तन को ही संधि(Sandhi) कहते हैं। Sandhi Viched संधि की परिभाषा – Sandhi ki Paribhasha जब दो वर्ण पास-पास आते हैं या मिलते हैं तो उनमें विकार उत्पन्न होता है अर्थात् वर्ण में परिवर्तन हो जाता है। यह विकार युक्त मेल ही संधि(SANDHI) कहलाता है। कामताप्रसाद गुरु के अनुसार, ’’दो निर्दिष्ट अक्षरों के आस-पास आने के कारण उनके मेल से जो विकार होता है, उसे संधि कहते हैं।’ श्री किशोरीदास वाजपेयीके अनुसार, ’’जब दो या अधिक संधि कहते हैं।’ संधि -विच्छेद क्या होता है ? संधि -विच्छेद – शब्दों के मेल से उत्पन्न ध्वनि परिवर्तन को ही संधि कहते हैं। परिणाम स्वरूप उच्चारण एवं लेखन दोनों ही स्तरों पर अपने मूल रूप से भिन्नता आ जाती है। अतः उन शब्दों को पुनः मूल रूप में लाना ही संधि विच्छेद कहलाता है। जैसे – दो शब्द वर्ण = मेल = संधि युक्त शब्द महा + ईश आ + ई = महेश यहाँ (आ + ई) दो वर्णों के मेल से विकार स्वरूप ’ए’ ध्वनि उत्पन्न हुई । संधि विच्छेद के लिए पुनः मूल रूप में लिखना होगा। संधि युक्त शब्द संधि विच्छेद जैसे – महेश महा + ईश मनोबल मनः + बल गणेश गण + ईश संधि के कितने भेद होते ...

संधि के कितने भेद होते हैं?

आज हम जानेंगे की संधि के कितने भेद होते हैं? (Sandhi ke kitne bhed hote hain) या संधि कितने प्रकार के होते हैं? (Sandhi kitne prakar ke hote hain) दोस्तों किसी भी भाषा को का आधार व्याकरण ही होता है। एक भाषा को सही तरीके से पढ़ने और समझने के लिए उस भाषा के व्याकरण का ज्ञान होना जरूरी होता है। हिंदी हमारी मातृभाषा है, आज के समय में अंग्रेजी को जितना महत्व दिया जाता है, उतना ही महत्व हिंदी का भी है। हिंदी व्याकरण में संधि एक महत्वपूर्ण भाग है। आज इस लेख में हम संधि तथा संधि के कितने भेद होते हैं? इन सभी के बारे में एक-एक करके उदाहरण सहित समझने का प्रयास करेंगे। संधि के भेदो के बारे में जाने से पहले संधि क्या होती है इसे जानना होगा। आसान शब्दों में कहा जाए पसंदी शब्द का सीधा मतलब होता है मेल यानी मिलना। जबएक शब्द किसी दूसरे सब से मिलकर कोई नया शब्द बनाता है उसे ही संधि कहा जाता है। 2 शब्दों को मिलाने पर पहले शब्द की अंतिम ध्वनि दूसरे शब्द की पहली ध्वनि से मिलकर एक नए शब्द का निर्माण करती है और इस प्रक्रिया को ही संधि कहते हैं। संधि का विपरीत संधि विच्छेद होता है। जब संधि के द्वारा बने गए किसी शब्द को हम शब्दों में तोड़कर अलग-अलग करके लिखते हैं, वह संधि विच्छेद कहलाता है। संधि के उदाहरण में – • सर्व+उच्च – सर्वोच्च उपयुक्त उदाहरण में अ तथा उ मिलकर ओ बन गए हैं जिसमें का लोप हो गया है। • भोजन+आलय – भोजनालय इस उदाहरण में भोजन का अ और आलय का आ मिलकर भोजनालय का आ बन गए हैं। • प्रति+एक – प्रत्येक दिए गए उदाहरण में प्रति का ति तथा एक का ए मिलकर त्ये का निर्माण कर रहे हैं। • विद्या+आलय – विद्यालय दिए गए उदाहरण में आ और आ मिलकर आ का निर्माण कर रहे हैं जिसमें एक आ का लोप हो रहा है। संधि ...

Sandhi in Hindi

In this page we are providing all Sandhi in Hindi(संधि इन हिंदी) | Sandhi ki Paribhasha, Prakar Bhed, Udaharan (Examples) – Hindi Grammar सन्धि –दो वर्णों या ध्वनियों के संयोग से होने वाले विकार (परिवर्तन) को सन्धि कहते हैं। सन्धि करते समय कभी–कभी एक अक्षर में, कभी–कभी दोनों अक्षरों में परिवर्तन होता है और कभी–कभी दोनों अक्षरों के स्थान पर एक तीसरा अक्षर बन जाता है। इस सन्धि पद्धति द्वारा भी शब्द–रचना होती है; जैसे- • सुर + इन्द्र = सुरेन्द्र, • विद्या + आलय = विद्यालय, • सत् + आनन्द = सदानन्द। इन शब्द खण्डों में प्रथम खण्ड का अन्त्याक्षर और दूसरे खण्ड का प्रथमाक्षर मिलकर एक भिन्न वर्ण बन गया है, इस प्रकार के मेल को सन्धि कहते हैं। संधि हिंदी संधि में विषय : • संधि उदाहरण (Sandhi udaharan) • संधि व्याकरण (Sandhi vyakaran) • व्यंजन संधि (Vyanjan Sandhi) • दीर्घ संधि उदाहरण (Deergh Sandhi Udaharan) • संधि विक्षेद (Sandhi Vikshed) • संधि संस्कृत में (Sandhi Sanskrut Mein) • संस्कृत संधि सूत्र (Sanskrt Sandhi Sootr) • विसर्ग संधि उदाहरण (Visarg Sandhi Udaaharan) • अयादि संधि के उदाहरण ( Ayadi Sandhi Ke Udaaharan) • संधि विच्छेद (Sandhi Vichched) सन्धियाँ तीन प्रकार की होती हैं • • गुण सन्धि • वृद्धि सन्धि • • • • 1. स्वर सन्धि स्वर के साथ स्वर का मेल होने पर जो विकार होता है, उसे स्वर सन्धि कहते हैं। स्वर सन्धि के पाँच भेद हैं- (i) दीर्घ सन्धि सवर्ण ह्रस्व या दीर्घ स्वरों के मिलने से उनके स्थान में सवर्ण दीर्घ स्वर हो जाता है। वर्गों का संयोग चाहे ह्रस्व + ह्रस्व हो या ह्रस्व + दीर्घ और चाहे दीर्घ + दीर्घ हो, यदि सवर्ण स्वर है तो दीर्घ हो जाएगा। इस सन्धि को दीर्घ सन्धि कहते है...

Swar Sandhi Ke Kitne Bhed Hote Hain

Table of Contents • • • • Swar Sandhi Ke Kitne Bhed Hote Hain संधि का मतलब होता है ‘मेल’। जब दो वर्णों के परस्पर मेल से जो तीसरा विकार उत्पन्न होता है उसे संधि कहते हैं। संधि ध्वनियों का मेल होता है। जब दो शब्दों का मेल किया जाता है तो पहले शब्द के आखिरी अक्षर दूसरे शब्द के पहले अक्षर के बीच में परिवर्तन होता है। स्वर संधि के कितने भेद होते है? दो स्वरों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है तो उसे स्वर संधि कहा जाता है। जैसे – विद्या + आलय = विद्यालय। स्वर संधि कितने भेद होते है ? स्वर संधि पांच प्रकार की होती है। • दीर्घ संधि • गुण संधि • वृद्धि संधि • यण संधि • अयादि संधि दीर्घ संधि जब दो सवर्ण मिलकर दीर्घ बन जाते हैं तो दीर्घ संधि कहलाता है। ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद यदि ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ आ जाएँ तो दोनों मिलकर आ, ई और ऊ हो जाते हैं। जैसे – ई + ई = ई, नदी + ईश = नदीश मही + ईश = महीश गुण संधि जब अ और आ के बाद इ,ई या उ ,ऊ या ऋ आ जाये तो दोनों मिलकर ए ,ओ और अर हो जाते हैं। तो इस मेल को गुण संधि कहते हैं। जैसे – अ + इ = ए , योग + इंद्र = योगेंद्र अ + ऋ = अर् , सप्त + ऋषि = सप्तर्षी इसे भी पढ़े: वृद्धि संधि यदि अ, आ के बाद ए, ऐ से मेल होने पर ऐ तथा अ, आ का ओ, औ से मेल होने पर औ हो जाता है। इसे वृद्धि संधि कहते हैं। जैसे – अ + ऐ = ऐ ; हित + ऐषी = हितैषी अ + ओ = औ ; महा + औषधि = महौषधि यण संधि यदि इ , ई या उ ,ऊ और ऋ के बाद कोई अलग स्वर आये तो इ और ई का ‘य्’ , उ और ऊ का ‘व्’ और ऋ का ‘र्’ हो जाता है तो उसे यण संधि कहते हैं। जैसे – ऋ + अ = र् + आ ; पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा अयादि संधि यदि ए, ऐ और ओ, औ के बाद जब कोई स्वर आ जाता है तब “ए” के साथ मिल कर अय्, ओ के साथ मिल कर ...

स्वर संधि के कितने भेद होते हैं

स्वर संधि के कितने भेद होते हैं | स्वर संधि के कितने प्रकार होते हैं | swar sandhi ke kitne bhed hote hain –हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा का एक महत्वपूर्ण अंग हैं. तथा हिंदी भाषा को शुध्द रूप से लिखने और बोलने के लिए हिंदी व्याकरण में विभिन्न नियम दीए गए हैं. जिसका प्रयोग कर के कोई भी व्यक्ति हिंदी भाषा को आसानी से सिख सकता हैं. इस आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण के एक महत्वपूर्ण पाठ स्वर संधि और स्वर संधि के भेद या प्रकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने वाले हैं. स्वर संधि के कितने भेद होते हैं | स्वर संधि के कितने प्रकार की होती हैं | swar sandhi ke kitne bhed hote hain स्वर संधि पांच प्रकार की होती हैं. इन पांच प्रकारों के नाम निम्न अनुसार हैं: • दीर्घ स्वर संधि • गुण स्वर संधि • वृध्दि स्वर संधि • यण स्वर संधि • अयादी स्वर संधि दीर्घ स्वर संधि किसे कहते हैं जब एक ही स्वर के ह्रस्व और दीर्घ रूपों को संधि में मिलाया जाता हैं. तो दीर्घ स्वर बन जाता हैं. इस प्रकार की संधि को दीर्घ स्वर संधि कहा जाता हैं. जैसे अ स्वर का ह्रस्व रूप अ और दीर्घ रूप आ को मिलाया जाता हैं. तो आ बन जाएगा. • युग + अंतर = युगांतर • दिव्य + अस्त्र = दिव्यास्त्र • हस्त + अंतरण = हस्तांतरण • ध्वंस + अवशेष = ध्वंसावशेष • आग्नेय + अस्त्र = आग्नेयास्त्र • दिवस + अंत = दिवसांत • राष्ट्र + अध्यक्ष = राष्ट्राध्यक्ष • लोहित + अंग = लोहितांग (मंगल ग्रह) • नयन + अभिराम = नयनाभिराम • उदय + अचल = उदयाचल • अस्त + अचल = अस्ताचल • उप + अध्याय (अधि + आय) = उपाध्याय वचन बदलो क्या हैं? चिड़िया का बहुवचन (chidiya ka bahuvachan) इ / ई + इ / ई = ई • प्राप्ति + इच्छा = प्राप्तीच्छा • अति + इंद्रिय = अतींद्रिय • कवि + इ...