Sarvnam kitne prakar ke hote hain

  1. Swar And Vyanjan In Hindi / स्वर और व्यंजन
  2. purushvachak sarvanam ke kitne prakar hote hain Archives
  3. Sarvnam Kitne Prakar Ke Hote Hain?
  4. सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं
  5. पुरुषवाचक सर्वनाम के कितने भेद होते हैं? » Purushwachak Sarvnaam Ke Kitne Bhed Hote Hain


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Swar And Vyanjan In Hindi / स्वर और व्यंजन

Swar And Vyanjan In Hindi वर्ण क्या होता है ? मनुष्य किसी वर्ण का उच्चारण करते समय जब हवा उसके फेफड़े से निकलती है। फिर यह हवा glottis, larynx जैसे अंगो से होकर गुजरती है और अंत में यह हवा मुँह में प्रवेश करती है। तब नाक, तालू, तालु, वायुकोशीय रिज, दांत, होंठ, जीभ जैसे विभिन्न अंगों की हलचल होती है तब जाकर उच्चारण होता है। फिर इस उच्चारण ध्वनि को लिखकर किसी चिन्ह के रूप में बताए जाता है फिर यह चिन्ह का जब ध्वनियों को व्यक्त करने के लिए उपयोग होता है उसे ‘ जब जीभ और उसका पिछला भाग एक साथ आता है तब एक अलग वर्ण का उच्चारण होता है और जब जीभ और दांत एक दूसरे को छूते है तब अलग वर्ण का उच्चारण होता है। वर्ण का कभी खंड और टुकड़े नहीं होते है। यह एक अखंड स्वरुप में रहते है। उदाहरण: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, क, ख, आदि। यह समस्त वर्णो की माला को ‘वर्णमाला’ कहा जाता है। हिंदी वर्णमाला में 45 वर्ण होते है। जिसमे 10 स्वर 35 व्यंजन होते है। लेखन के आधार पर 52 वर्ण होते हैं इसमें 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते है। यह हिंदी वर्णमाला को दो भागों में विभक्त किए गए है। • स्वर • व्यंजन हिंदी वर्णमाला में स्वर कितने होते है / Swar Kitne Hote Hain हिंदी वर्णमाला में swar kitne hote hain इस प्रश्न का उत्तर कुछ इस तरह है। हिंदी वर्णमाला में कुल 13 स्वर होते है। हिंदी वर्णमाला में व्यंजन कितने होते है / Vyanjan Kitne Hote Hain हिंदी वर्णमाला में Vyanjan kitne hote hain इस प्रश्न का उत्तर कुछ इस तरह है। हिंदी वर्णमाला में कुल 35 व्यंजन होते है। हिंदी वर्णमाला के अनुसार Swar And Vyanjan In Hindi को आसानी से और विस्तार से समझने के लिए इस लेख को आखिर तक पढ़े। आपके Swar And Vyanjan In Hindi के बारेम...

purushvachak sarvanam ke kitne prakar hote hain Archives

इस लेख के माध्यम से आप पुरुषवाचक सर्वनाम की परिभाषा, भेद, उदाहरण का विस्तृत अध्ययन करेंगे। अंततः आप पुरुषवाचक सर्वनाम का समग्र ज्ञान हासिल करते हुए स्वयं इस सर्वनाम को बनाने तथा समझाने के काबिल हो सकेंगे। जैसा कि हम जानते हैं जो शब्द संज्ञा के बदले में प्रयोग किए जाते हैं उसे हम सर्वनाम … Categories Tags

Sarvnam Kitne Prakar Ke Hote Hain?

Contents • 1 Sarvnam Kitne Prakar Ke Hote Hain? • 1.1 Sarvnam Kitne Prakar Ke Hote Hain? • 1.1.1 Formal Sarvnam • 1.1.2 Informal Sarvnam • 1.2 Sarvnam Ka Mahatva • 1.3 Conclusion Sarvnam Kitne Prakar Ke Hote Hain? Sarvnam ek bahut hi prabhavshali shabd hai. Ye shabd samajhne se pehle hi hume ek jhalak dikhaye bina nahi hai. Sarvnam ka matlab hota hai – sabhi prakar ke logo, jagah aur chijo ke liye ek common naam. Sarvnam ek universal naam hai jo hume sari duniya mein milta hai. Aaj ke samay mein, sarvnam ek bahut hi mahatvapurna hissa hai. Sarvnam Kitne Prakar Ke Hote Hain? Sarvnam kitne prakar ke hote hain, ye ek aisi savaal hai jiska jawab hume nahi milta hai. Sarvnam ke do prakar hote hain – ek toh formal aur dusra informal. Formal sarvnam ko hume sarkar ke taraf se milta hai. Sarkar ke taraf se hume jo sarvnam milta hai, vo hume ek official naam deta hai. Isme hume logo ko ek naam diya jata hai jo officially humari identity hai. Formal Sarvnam Formal sarvnam mein hume ek naam diya jata hai jisse humari identity ko officially samajhne mein madad milti hai. Iske alawa, ye humari sarkari identity bhi hoti hai. Formal sarvnam mein hume kuch aisi cheeje milti hain jaise voter ID card, Aadhaar card, PAN card, passport, driving license jaisi cheeje. In sabhi mein hume ek naam diya jata hai jo humari sarkari identity hoti hai. Informal Sarvnam Informal sarvnam mein hume kuch aisi cheeje milti hain jo humari social identity hoti hain. Isme hume kuch aisi cheeje milti hain jaise...

सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं

जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं, उनके सर्वनाम कहते हैं, जैसे कि – हम, तुम, मैं, आप, उसका, उसकी, वह, इत्यादि। सर्वनाम शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है, सर्व + नाम। इसका मतलब कि जो नाम सबके स्थान पर प्रयोग हो, उसको सर्वनाम कहा जाता है। जैसे कि अगर हम गाय बोलते हैं तो बस हमें गाय के बारे में पता चलता है, बाकि किसी और जानवर जैसे कि शेर, बिल्ली इत्यादि के बारे में नहीं। लेकिन अगर हम इसकी जगह “वह” शब्द का इस्तेमाल करेंगे तो वो सब जानवर के बारे में बात होगी। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • सर्वनाम किसे कहते हैं ? (Sarvanam Kise Kahate Hain) संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम शब्द ‘सर्व’ और ‘नाम’ शब्दों से मिलकर बना है, जहाँ ‘सर्व’ शब्द का अर्थ ‘सभी’ या ‘सब’ तथा ‘नाम’ का अर्थ हिंदी व्याकरण में ‘संज्ञा’ से लिया जाता है। अतः हम कह सकते हैं कि- वे सभी शब्द सर्वनाम हैं, जिनका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है। जैसे:- • मैं – इसका इस्तेमाल वक्ता स्वयं के लिए करता है। • तू – इसका इस्तेमाल वक्ता की बात सुनने वाले के लिए किया जाता है। • यह – आस-पास की किसी वस्तु को इंगित करने के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है। • वह – दूर की किसी वस्तु को इंगित करने के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है। हम ये बात एक उदाहरण दे कर समझते हैं : रीना ने कहा कि मैं जा रही हूँ। यहाँ पर रीना एक संज्ञा है, तथा वह एक सर्वनाम है जोकि संज्ञा के स्थान पर प्रयोग हुआ है। सर्वनाम कौन-कौन से होते हैं? मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या सर्वनाम होते हैं. हिंदी में 11 सर्वनाम होते हैं। इन ग्यारह सर्वनामों को मूल सर्वनाम कहते हैं। यह...

पुरुषवाचक सर्वनाम के कितने भेद होते हैं? » Purushwachak Sarvnaam Ke Kitne Bhed Hote Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। पुरुषवाचक सर्वनाम जब वक्त आया लेखक अपने लिए या अन्य के लिए जिन शब्दों का प्रयोग करता है यही पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं यह तीन प्रकार के होते हैं उत्तम पुरुष मध्यम पुरुष अन्य पुरुष उत्तम पुरुष अपने लिए प्रयोग किया जाता है जैसे मैं मेरा मेरी मध्यम पुरुष वहां उनका उनकी अन्य पुरुष व आदि purushwachak sarvnaam jab waqt aaya lekhak apne liye ya anya ke liye jin shabdon ka prayog karta hai yahi purushwachak sarvnaam kehte hain yah teen prakar ke hote hain uttam purush madhyam purush anya purush uttam purush apne liye prayog kiya jata hai jaise main mera meri madhyam purush wahan unka unki anya purush va aadi पुरुषवाचक सर्वनाम जब वक्त आया लेखक अपने लिए या अन्य के लिए जिन शब्दों का प्रयोग करता है यह