Savinay avagya andolan kab aur kis yatra se shuru hua

  1. सविनय अवज्ञा आंदोलन कब शुरू हुआ
  2. (सविनय अवज्ञा आंदोलन) Civil Disobedience Movement in Hindi – Hindi Jaankaari
  3. asahyog andolan kab shuru hua
  4. (सविनय अवज्ञा आंदोलन) Civil Disobedience Movement in Hindi – Hindi Jaankaari
  5. सविनय अवज्ञा आंदोलन कब शुरू हुआ
  6. asahyog andolan kab shuru hua
  7. सविनय अवज्ञा आंदोलन कब शुरू हुआ


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सविनय अवज्ञा आंदोलन कब शुरू हुआ

सही उत्तर : 12 मार्च 1930 को सविनय अवज्ञा आंदोलन : सविनय अवज्ञा का शाब्दिक अर्थ होता है किसी चीज का विनम्रता के साथ तिरस्कार या उल्लंघन करना। इसे सरल भाषा में ऐसे समझे जिसमें अहिंसा के साथ हिंसा की कोई गुंजाइश न हो। यह आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ था, जिसकी शुरुआत गांधी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुई थी। 12 मार्च 1930 को गांधीजी और आश्रम के 78 अन्य सदस्यों ने अहमदाबाद से 241 मील दूर भारत के पश्चिमी तट के एक गाँव दांडी तक पैदल ही साबरमती आश्रम से अपनी यात्रा शुरू की थी। और इसके बाद वह 6 अप्रैल 1930 को दांडी पहुंचे, जहां उन्होंने नमक कानून तोड़ा। उस समय किसी के द्वारा भी नमक बनाना गैरकानूनी था क्योंकि उस पर सरकार का एकाधिकार था। गांधीजी ने समुद्र के पानी के वाष्पीकरण से बने नमक को मुट्ठी में उठाकर सरकार की अवज्ञा की। नमक कानून की अवज्ञा के साथ, सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil disobedience movement in India) पूरे देश में फैल गया। सविनय अवज्ञा आन्दोलन क्यों शुरू हुआ? कारण निम्नलिखित है.... • सरकार ने सन् 1928 की नेहरू समिति की रिपोर्ट को ठुकरा दिया था। • भारत को औपनिवेशिक स्वराज्य प्रदान करने से मना कर दिया था। • विश्व मन्दी के कारण किसानों व मजदूरों की दशा बिगड़ चुकी थी और उनमें साम्यवादी विचारों का उदय हो रहा था, जिसे रोकने के लिए कांग्रेस को कदम उठाना आवश्यक था। • सन् 1928 में बारदोली (सूरत जिला) में सरदार पटेल ने भूमि कर न देने से सम्बन्धित आन्दोलन का सफल प्रयोग कर लिया था। • इन सब कारणों के अलावा गांधीजी ने यह अनुभव किया कि यदि देश में स्वाधीनता के लिए शीघ्र ही शान्तिपूर्ण व अहिंसक आन्दोलन न चलाया गया, तो देश में हिंसात्मक क्रान्ति की सम्भावना है। सविनय अवज्ञा ...

(सविनय अवज्ञा आंदोलन) Civil Disobedience Movement in Hindi – Hindi Jaankaari

सन 1947 को भारत देश आजाद हुआ । लेकिन ये आजादी अचानक से प्राप्त नहीं हुई । हजारों लाखों लोगों के बलिदान उनके संघर्ष का फल है ये आजादी । इस आजादी को प्राप्त करने के लिए देश में कई आंदोलन चलाए गए । इन प्रतिवाद में से एक था ब्रिटिश शासन के विरुद्ध Bapu Mahatma gandhi के संचलन में चलाया गया सविनय अवज्ञा आंदोलन। जिसकी शुरुआत 1930 में गाँधी जी द्वारा किए जा रहे दांडी मार्च से हुई । savinay avagya andolan in hindi , in english , In marathi, in tamil, in PDF, में पूरी जानकारी या upsc और class 10 से related कोई information या meaning in hindi जानना चाहते है , तो ये सब जानकारी हम आपको नीचे लिखे आर्टिकल में देंगे । Date 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी जी एवं उनके साथ 78 उनके साथियों ने ब्रिटिश सरकार ले खिलाफ एक उग्र मार्च आरंभ हुआ।ये मार्च साबरमती आश्रम से लेकर अहमदाबाद से 385 कि मी की दूरी पर भारत के पश्चिमी तट पर स्तिथ एक गाँव तक पैदल चल कर पूरा किया गया। सविनय अवज्ञा आंदोलन कब हुआ था ?-Information About Civil Disobedience Movement अंग्रेजी सरकार द्वारा भारतीयों पर नामक इकट्ठा करने और उसको बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया । साथ साथ नमक पर बहुत अधिक कर लगा दिया गया जबकि नमक भोजन का आवश्यक तत्व होता है जिस कारण नागरिकों में असंतोष और बढ़ गया । सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ • गाँधी जी के नेतृत्व में 6 अप्रैल in 1930 को Civil Disobedience Movement की औपचारिक शुरुआत हुई । इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए कानून को तोड़ना तथा उनके नियमों को ना मानना था । • इस आंदोलन की शुरुआत गाँधी जी द्वारा किए गए मार्च से हुए । ये यात्रा date 12 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल को 24 दिन में प...

Hindi

महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत की गयी जिसका प्रारंभ गाँधी जी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुआ| 12 मार्च, 1930 में साबरमती आश्रम से गाँधी जी और आश्रम के 78 अन्य सदस्यों ने दांडी, अहमदाबाद से 241 मील दूर स्थित भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक गाँव, के लिए पैदल यात्रा आरम्भ की| 1930 में महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत की गयी जिसका प्रारंभ गाँधी जी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुआ| 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से गाँधी जी और आश्रम के 78 अन्य सदस्यों ने दांडी, अहमदाबाद से 241 मील दूर स्थित भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक गाँव, के लिए पैदल यात्रा आरम्भ की| वे 6 अप्रैल ,1930 को दांडी पहुंचे,जहाँ उन्होंने नमक कानून तोड़ा| उस समय किसी के द्वारा नमक बनाना गैर क़ानूनी था क्योंकि इस पर सरकार का एकाधिकार था| गाँधी जी ने समुद्री जल के वाष्पीकरण से बने नमक को मुट्ठी में उठाकर सरकार की अवज्ञा की| नमक कानून की अवज्ञा के साथ ही पूरे देश में सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रसार हो गया| इस आन्दोलन के प्रथम चरण में नमक बनाने की घटनाएँ पूरे देश में घटित हुई और नमक बनाना लोगों द्वारा सरकारी अवज्ञा का प्रतीक बन गया| तमिलनाडु में सी.राजगोपालाचारी ने दांडी मार्च जैसे ही एक मार्च का आयोजन तिरुचिरापल्ली से वेदारंयम तक किया| प्रसिद्ध कवयित्री सरोजिनी नायडू,जो कांग्रेस की महत्वपूर्ण नेता थी और कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही थी, ने सरकार के धरसना (गुजरात) स्थित नमक कारखाने पर अहिंसक सत्याग्रहियों के मार्च का नेतृत्व किया| सरकार द्वरा बर्बरतापूर्वक किये गए लाठी चार्ज में 300 से अधिक लोग घायल हुए और दो लोगों की मौत हो गयी| धरना, हड़ताल व विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कि...

asahyog andolan kab shuru hua

People Also Read: asahyog andolan kab shuru hua asahyog andolan kab shuru hua tha asahyog andolan ke parinam asahyog andolan year asahyog andolan starting date khilafat andolan kab hua asahyog andolan ka prastav congress ke kis adhiveshan mein parit hua asahayog andolan date asahyog andolan kis varsh shuru hua tha savinay avagya andolan non cooperation movement meaning in hindi non cooperation meaning in hindi asahyog andolan kab shuru hua tha. Asahyog Andolan असहयोग आंदोलन की शुरुआत गांधी जी ने भारत के पूर्ण स्वराज्य के लिए की थी. 1 अगस्त 1920 को गांधी जी ने Asahyog Andolan को प्रारंभ कर दिया था. What is Asahyog Andolan / असहयोग आन्दोलन के प्रणेता महात्मा गाँधी असहयोग आन्दोलन (Non Coperation Movement / Asahyog Andolan) की शुरुवात 1920 में कलकत्ता अधिवेशन से हुई थी। आन्दोलन के उद्देश्य के सम्बंध में गाँधी जी ने कहा था कि,. We are grateful to Anita Ji for sharing a very informative Hindi article on Ashayog Andolan / Non Coperation Movement. कलकत्ता में काँग्रेस के विशेष अधिवेशन (1920) में पास हुआ असहयोग आंदोलन संबंधी प्रस्ताव का दिसंबर,1920 में नागपुर में हुए काँग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में पुष्टि की गई।. How to use असहयोग आंदोलन कब हुआ? » Asahayog Aandolan Kab Hua – Download the Vokal App The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. असहयोग आंदोलन किसके विरुद्ध किया था – asahayog andolan kiske viruddh kiya tha ; असहयोग आंदोलन किसने कब शुरु किया – asahayo...

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सन 1947 को भारत देश आजाद हुआ । लेकिन ये आजादी अचानक से प्राप्त नहीं हुई । हजारों लाखों लोगों के बलिदान उनके संघर्ष का फल है ये आजादी । इस आजादी को प्राप्त करने के लिए देश में कई आंदोलन चलाए गए । इन प्रतिवाद में से एक था ब्रिटिश शासन के विरुद्ध Bapu Mahatma gandhi के संचलन में चलाया गया सविनय अवज्ञा आंदोलन। जिसकी शुरुआत 1930 में गाँधी जी द्वारा किए जा रहे दांडी मार्च से हुई । savinay avagya andolan in hindi , in english , In marathi, in tamil, in PDF, में पूरी जानकारी या upsc और class 10 से related कोई information या meaning in hindi जानना चाहते है , तो ये सब जानकारी हम आपको नीचे लिखे आर्टिकल में देंगे । Date 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी जी एवं उनके साथ 78 उनके साथियों ने ब्रिटिश सरकार ले खिलाफ एक उग्र मार्च आरंभ हुआ।ये मार्च साबरमती आश्रम से लेकर अहमदाबाद से 385 कि मी की दूरी पर भारत के पश्चिमी तट पर स्तिथ एक गाँव तक पैदल चल कर पूरा किया गया। सविनय अवज्ञा आंदोलन कब हुआ था ?-Information About Civil Disobedience Movement अंग्रेजी सरकार द्वारा भारतीयों पर नामक इकट्ठा करने और उसको बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया । साथ साथ नमक पर बहुत अधिक कर लगा दिया गया जबकि नमक भोजन का आवश्यक तत्व होता है जिस कारण नागरिकों में असंतोष और बढ़ गया । सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ • गाँधी जी के नेतृत्व में 6 अप्रैल in 1930 को Civil Disobedience Movement की औपचारिक शुरुआत हुई । इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए कानून को तोड़ना तथा उनके नियमों को ना मानना था । • इस आंदोलन की शुरुआत गाँधी जी द्वारा किए गए मार्च से हुए । ये यात्रा date 12 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल को 24 दिन में प...

सविनय अवज्ञा आंदोलन कब शुरू हुआ

सही उत्तर : 12 मार्च 1930 को सविनय अवज्ञा आंदोलन : सविनय अवज्ञा का शाब्दिक अर्थ होता है किसी चीज का विनम्रता के साथ तिरस्कार या उल्लंघन करना। इसे सरल भाषा में ऐसे समझे जिसमें अहिंसा के साथ हिंसा की कोई गुंजाइश न हो। यह आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ था, जिसकी शुरुआत गांधी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुई थी। 12 मार्च 1930 को गांधीजी और आश्रम के 78 अन्य सदस्यों ने अहमदाबाद से 241 मील दूर भारत के पश्चिमी तट के एक गाँव दांडी तक पैदल ही साबरमती आश्रम से अपनी यात्रा शुरू की थी। और इसके बाद वह 6 अप्रैल 1930 को दांडी पहुंचे, जहां उन्होंने नमक कानून तोड़ा। उस समय किसी के द्वारा भी नमक बनाना गैरकानूनी था क्योंकि उस पर सरकार का एकाधिकार था। गांधीजी ने समुद्र के पानी के वाष्पीकरण से बने नमक को मुट्ठी में उठाकर सरकार की अवज्ञा की। नमक कानून की अवज्ञा के साथ, सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil disobedience movement in India) पूरे देश में फैल गया। सविनय अवज्ञा आन्दोलन क्यों शुरू हुआ? कारण निम्नलिखित है.... • सरकार ने सन् 1928 की नेहरू समिति की रिपोर्ट को ठुकरा दिया था। • भारत को औपनिवेशिक स्वराज्य प्रदान करने से मना कर दिया था। • विश्व मन्दी के कारण किसानों व मजदूरों की दशा बिगड़ चुकी थी और उनमें साम्यवादी विचारों का उदय हो रहा था, जिसे रोकने के लिए कांग्रेस को कदम उठाना आवश्यक था। • सन् 1928 में बारदोली (सूरत जिला) में सरदार पटेल ने भूमि कर न देने से सम्बन्धित आन्दोलन का सफल प्रयोग कर लिया था। • इन सब कारणों के अलावा गांधीजी ने यह अनुभव किया कि यदि देश में स्वाधीनता के लिए शीघ्र ही शान्तिपूर्ण व अहिंसक आन्दोलन न चलाया गया, तो देश में हिंसात्मक क्रान्ति की सम्भावना है। सविनय अवज्ञा ...

Hindi

महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत की गयी जिसका प्रारंभ गाँधी जी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुआ| 12 मार्च, 1930 में साबरमती आश्रम से गाँधी जी और आश्रम के 78 अन्य सदस्यों ने दांडी, अहमदाबाद से 241 मील दूर स्थित भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक गाँव, के लिए पैदल यात्रा आरम्भ की| 1930 में महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत की गयी जिसका प्रारंभ गाँधी जी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुआ| 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से गाँधी जी और आश्रम के 78 अन्य सदस्यों ने दांडी, अहमदाबाद से 241 मील दूर स्थित भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक गाँव, के लिए पैदल यात्रा आरम्भ की| वे 6 अप्रैल ,1930 को दांडी पहुंचे,जहाँ उन्होंने नमक कानून तोड़ा| उस समय किसी के द्वारा नमक बनाना गैर क़ानूनी था क्योंकि इस पर सरकार का एकाधिकार था| गाँधी जी ने समुद्री जल के वाष्पीकरण से बने नमक को मुट्ठी में उठाकर सरकार की अवज्ञा की| नमक कानून की अवज्ञा के साथ ही पूरे देश में सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रसार हो गया| इस आन्दोलन के प्रथम चरण में नमक बनाने की घटनाएँ पूरे देश में घटित हुई और नमक बनाना लोगों द्वारा सरकारी अवज्ञा का प्रतीक बन गया| तमिलनाडु में सी.राजगोपालाचारी ने दांडी मार्च जैसे ही एक मार्च का आयोजन तिरुचिरापल्ली से वेदारंयम तक किया| प्रसिद्ध कवयित्री सरोजिनी नायडू,जो कांग्रेस की महत्वपूर्ण नेता थी और कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही थी, ने सरकार के धरसना (गुजरात) स्थित नमक कारखाने पर अहिंसक सत्याग्रहियों के मार्च का नेतृत्व किया| सरकार द्वरा बर्बरतापूर्वक किये गए लाठी चार्ज में 300 से अधिक लोग घायल हुए और दो लोगों की मौत हो गयी| धरना, हड़ताल व विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कि...

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People Also Read: asahyog andolan kab shuru hua asahyog andolan kab shuru hua tha asahyog andolan ke parinam asahyog andolan year asahyog andolan starting date khilafat andolan kab hua asahyog andolan ka prastav congress ke kis adhiveshan mein parit hua asahayog andolan date asahyog andolan kis varsh shuru hua tha savinay avagya andolan non cooperation movement meaning in hindi non cooperation meaning in hindi asahyog andolan kab shuru hua tha. Asahyog Andolan असहयोग आंदोलन की शुरुआत गांधी जी ने भारत के पूर्ण स्वराज्य के लिए की थी. 1 अगस्त 1920 को गांधी जी ने Asahyog Andolan को प्रारंभ कर दिया था. What is Asahyog Andolan / असहयोग आन्दोलन के प्रणेता महात्मा गाँधी असहयोग आन्दोलन (Non Coperation Movement / Asahyog Andolan) की शुरुवात 1920 में कलकत्ता अधिवेशन से हुई थी। आन्दोलन के उद्देश्य के सम्बंध में गाँधी जी ने कहा था कि,. We are grateful to Anita Ji for sharing a very informative Hindi article on Ashayog Andolan / Non Coperation Movement. कलकत्ता में काँग्रेस के विशेष अधिवेशन (1920) में पास हुआ असहयोग आंदोलन संबंधी प्रस्ताव का दिसंबर,1920 में नागपुर में हुए काँग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में पुष्टि की गई।. How to use असहयोग आंदोलन कब हुआ? » Asahayog Aandolan Kab Hua – Download the Vokal App The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. असहयोग आंदोलन किसके विरुद्ध किया था – asahayog andolan kiske viruddh kiya tha ; असहयोग आंदोलन किसने कब शुरु किया – asahayo...

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महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत की गयी जिसका प्रारंभ गाँधी जी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुआ| 12 मार्च, 1930 में साबरमती आश्रम से गाँधी जी और आश्रम के 78 अन्य सदस्यों ने दांडी, अहमदाबाद से 241 मील दूर स्थित भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक गाँव, के लिए पैदल यात्रा आरम्भ की| 1930 में महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत की गयी जिसका प्रारंभ गाँधी जी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुआ| 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से गाँधी जी और आश्रम के 78 अन्य सदस्यों ने दांडी, अहमदाबाद से 241 मील दूर स्थित भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक गाँव, के लिए पैदल यात्रा आरम्भ की| वे 6 अप्रैल ,1930 को दांडी पहुंचे,जहाँ उन्होंने नमक कानून तोड़ा| उस समय किसी के द्वारा नमक बनाना गैर क़ानूनी था क्योंकि इस पर सरकार का एकाधिकार था| गाँधी जी ने समुद्री जल के वाष्पीकरण से बने नमक को मुट्ठी में उठाकर सरकार की अवज्ञा की| नमक कानून की अवज्ञा के साथ ही पूरे देश में सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रसार हो गया| इस आन्दोलन के प्रथम चरण में नमक बनाने की घटनाएँ पूरे देश में घटित हुई और नमक बनाना लोगों द्वारा सरकारी अवज्ञा का प्रतीक बन गया| तमिलनाडु में सी.राजगोपालाचारी ने दांडी मार्च जैसे ही एक मार्च का आयोजन तिरुचिरापल्ली से वेदारंयम तक किया| प्रसिद्ध कवयित्री सरोजिनी नायडू,जो कांग्रेस की महत्वपूर्ण नेता थी और कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही थी, ने सरकार के धरसना (गुजरात) स्थित नमक कारखाने पर अहिंसक सत्याग्रहियों के मार्च का नेतृत्व किया| सरकार द्वरा बर्बरतापूर्वक किये गए लाठी चार्ज में 300 से अधिक लोग घायल हुए और दो लोगों की मौत हो गयी| धरना, हड़ताल व विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कि...

सविनय अवज्ञा आंदोलन कब शुरू हुआ

सही उत्तर : 12 मार्च 1930 को सविनय अवज्ञा आंदोलन : सविनय अवज्ञा का शाब्दिक अर्थ होता है किसी चीज का विनम्रता के साथ तिरस्कार या उल्लंघन करना। इसे सरल भाषा में ऐसे समझे जिसमें अहिंसा के साथ हिंसा की कोई गुंजाइश न हो। यह आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ था, जिसकी शुरुआत गांधी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुई थी। 12 मार्च 1930 को गांधीजी और आश्रम के 78 अन्य सदस्यों ने अहमदाबाद से 241 मील दूर भारत के पश्चिमी तट के एक गाँव दांडी तक पैदल ही साबरमती आश्रम से अपनी यात्रा शुरू की थी। और इसके बाद वह 6 अप्रैल 1930 को दांडी पहुंचे, जहां उन्होंने नमक कानून तोड़ा। उस समय किसी के द्वारा भी नमक बनाना गैरकानूनी था क्योंकि उस पर सरकार का एकाधिकार था। गांधीजी ने समुद्र के पानी के वाष्पीकरण से बने नमक को मुट्ठी में उठाकर सरकार की अवज्ञा की। नमक कानून की अवज्ञा के साथ, सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil disobedience movement in India) पूरे देश में फैल गया। सविनय अवज्ञा आन्दोलन क्यों शुरू हुआ? कारण निम्नलिखित है.... • सरकार ने सन् 1928 की नेहरू समिति की रिपोर्ट को ठुकरा दिया था। • भारत को औपनिवेशिक स्वराज्य प्रदान करने से मना कर दिया था। • विश्व मन्दी के कारण किसानों व मजदूरों की दशा बिगड़ चुकी थी और उनमें साम्यवादी विचारों का उदय हो रहा था, जिसे रोकने के लिए कांग्रेस को कदम उठाना आवश्यक था। • सन् 1928 में बारदोली (सूरत जिला) में सरदार पटेल ने भूमि कर न देने से सम्बन्धित आन्दोलन का सफल प्रयोग कर लिया था। • इन सब कारणों के अलावा गांधीजी ने यह अनुभव किया कि यदि देश में स्वाधीनता के लिए शीघ्र ही शान्तिपूर्ण व अहिंसक आन्दोलन न चलाया गया, तो देश में हिंसात्मक क्रान्ति की सम्भावना है। सविनय अवज्ञा ...