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  1. Savitribai Phule Death Anniversary: पढ़ें, सावित्रीबाई फुले की कविताएं


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Savitribai Phule Death Anniversary: पढ़ें, सावित्रीबाई फुले की कविताएं

Savitribai Phule Death Anniversary: आज महिलाएं हर सेक्टर में आगे हैं. सफलता के मार्ग में लगातार आगे बढ़ रही हैं लेकिन उनके यहां तक पहुंचने की राह आसान नहीं रही. इसी समाज में कई ऐसी कुप्रथाएं थीं जिन्होंने सदियों तक लड़कियों और महिलाओं को बेड़ियों में बांध कर रखा लेकिन फिर 18वीं सदी में एक क्रांति आई. सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) के नाम से आई इस क्रांति ने बाल-विवाह, सती प्रथा, जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई. सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1931 को महाराष्ट्र (Maharashtra) के सतारा में स्थित नायगांव में हुआ था. आपको यह जानकार हैरानी और सावित्रीबाई पर गर्व होगा कि उन्होंने साल 1848 से लेकर 1852 के बीच लड़कियों के लिए 18 स्कूल खोले थे. महज 17 साल की उम्र में ही वह अध्यापिका और प्रधानाचार्या बन गईं थीं. कम उम्र में उनके इस ऐतिहासिक कदम में उनका साथ उनके पति व सामाजिक क्रांतिकारी नेता ज्योतिबा फुले ने दिया था. आज है उनकी पुण्यतिथि साल 1897 में सावित्रीबाई फुले प्लेग-पीड़ितों की मसीहा बनीं. जिसके बाद वह खुद भी प्लेग पीड़ित हो गईं. इसी साल 10 मार्च को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. आज भारत की पहली अध्यापिका और सामाजिक क्रांति की अगुआ सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) की पुण्यतिथि पर पढ़ें उनकी लिखी चुनिंदा कविताएं. आपको बता दें कि उनकी मूल कविताएं मराठी में हैं. यहां आप उनकी रचनाओं का अनुवाद पढ़ेंगे. इसके साथ ही आपको यह जानकारी भी दे दें कि कविताओं के अलावा उन्होंने पत्र, भाषण, लेख और पुस्तकें आदि भी लिखी हैं. उन्होंने 2 काव्य संग्रहों की रचना की थी. पढ़ें, सावित्रीबाई फुले की रचनाएं शूद्रों का दुख दो हजार वर्ष पुराना शूद्रों से जुड़ा एक दुख। ब्राह्मणों ...