Savitribai phule nibandh in hindi

  1. सावित्रीबाई फुले पर निबंध (Essay on Savitribai Phule in Hindi) – HistoryDekho.com
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सावित्रीबाई फुले पर निबंध (Essay on Savitribai Phule in Hindi) – HistoryDekho.com

प्रस्तावना सावित्री बाई फुले उन महान लोगों में से एक व्यक्ति थी, जिन्होंने अपने भारत देश के लिए बहुत कुछ किया है। इसी के साथ वह सभी स्त्रियों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत भी है। सावित्री जी पहली ऐसी स्त्री थी, जो अपने भारत देश की सबसे पहली महिला शिक्षिका बनी थीं। इन्होने अपने भारत देश के लिए कई सारे ऐसे काम किये है, जिनकी वजह से वह आज पुरे देश में लोकप्रिय है। जैसे की, उन्होंने भारत देश के लिए एक समाज सुधारक के रूप में भी काम किया है। उसके बाद उन्होंने अपने देश में बढ़ रहे गर्भपात का भी विरोध किया था। इसके साथ उन्होंने अपने देश में शिक्षा को भी बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण काम किया था। जन्म , परिवार और विवाह सावित्री बाई फुले भारत देश के महाराष्ट्र राज्य में रहने वाली व्यक्ति थी। क्योंकि ३ जनवरी १८३१ में सावित्रीबाई फुले जी का जन्म महाराष्ट्र राज्य के सातारा जिले के नायगाव में हुआ था। जहा उनका जन्म एक दलित परिवार में हुआ था। परिवार में उनके पिता का नाम खंडोजी नेवसे और माँ का नाम लक्ष्मीबाई था। उस जमाने में लोग अपने बच्चों की शादियां कम उम्र में कर दिया करते थे। इसलिए सावित्री जी का विवाह भी उनके बचपन में ही किया गया था। जहा उनका विवाह साल १८४० में महात्मा ज्योतिराव फुले इनसे हुआ था। तब सावित्री जी की उम्र सिर्फ नौ साल की थी। सावित्रीबाई फुले जी की शिक्षा सावित्री जी को बचपन से ही पढ़ाई करने में बहुत ज्यादा रूचि थी। लेकिन वह एक गरीब परिवार से होने की वजह से उनको कभी शिक्षा लेने का मौका नहीं मिल रहा था। परन्तु जब उनकी शादी महात्मा ज्योतिराव फुले जी के साथ हुई, तब उन्हें ज्योतिराव फुले जी ने ही अच्छी तरह पढ़ाया लिखाया। क्योंकि ज्योतिराव फुले जी खुद एक महान विचारक और समाज सुधारक व्यक्ति...

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Table of Contents • • • • Savitribai phule nibandh – जन्म सावित्री बाई फुले जी का जन्म महाराष्ट्र राज्य के सातारा जिले मैं नयागांव में 3 जनवरी 1631 में हुआ था । भाई के पिता का नाम खंदोजी और माता का नाम लक्ष्मी था । 1840 में उनकी शादी ज्योति राव फुले से करवाई जाती है ज्योति राव फुले उनके गुरु संरक्षक और समाज सुधारक थे । Savitribai phule nibandh – महिलाओं का उत्थान सावित्रीबाई फुले का जीवन संघर्ष मैं निकला । बचपन से शिक्षा में रुचि के बावजूद वह शिक्षा से वंचित रहीं । भारतवर्ष में उस समय महिलाओं की शिक्षा को समाज की दृष्टि मैं बुरा माना जाता था । इस समय पर ब्राह्मणवाद चरम पर था । दलितों को मुख्य मार्ग से जाने तक की अनुमति नहीं थी। महिलाओं और बालिकाओं पर अत्याचार की कोई सीमा नहीं थी । उस समय पर बालिकाओं के कम उम्र में ही विवाह कर दिए जाते थे । savitribai phule nibandh – कहीं-कहीं तो बालिकाओं को जन्म के बाद ही मृत्यु दे दी जाती थी। समाज में भुखमरी और कुरीतियों का दौ र चल रहा था । सावित्रीबाई फुले ने दलित महिलाओं और बालिकाओं की शिक्षा और उनके अधिकार के लिए संघर्ष किया, ना केवल बालिकाओं को शिक्षित किया बल्कि विधवा महिलाओं को कुरीतियों और उनके अधिकारों से अवगत कराया । savitribai phule nibandh भारतवर्ष में उस समय यह काम आसान नहीं था। सावित्रीबाई फुले को सारे समाज का विरोध सहना पड़ा ,फिर भी वह अपने लक्ष्य से तनक भी विचलित नहीं हूं । savitribai phule nibandh महिला सशक्तिकरण को उन्होंने अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया। शिक्षा और नीति का पाठ सारे विश्व को दिया ।उन्होंने 1852 में प्रथम बालिकाओं का स्कूल स्थापित किया । Savitribai phule nibandh – जीवन संघर्ष शिक्षा में अधिक रूचि के बावजूद ...