सबसे अच्छा रुद्राक्ष कौन सा होता है

  1. रुद्राक्ष पहनने के फायदे और नुकसान
  2. 7 मुखी रुद्राक्ष से संबंधित संपूर्ण जानकारी, लाभ, महत्व और विशेषता
  3. Rudraksha Benefits Every Rudraksha Has A Special Effect Know Which Rudraksha Is Best For You To Wear
  4. कुंभ राशि के लिए कौन सा रुद्राक्ष अच्छा है? – Expert
  5. कौनसा रुद्राक्ष धारण करें
  6. Rudraksha
  7. ऐसे करें पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण जीवन से दूर हो जाएंगी सभी परेशानियां – Buy Spiritual Products
  8. कौनसा रुद्राक्ष धारण करें
  9. Rudraksha
  10. कुंभ राशि के लिए कौन सा रुद्राक्ष अच्छा है? – Expert


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रुद्राक्ष पहनने के फायदे और नुकसान

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • रुद्राक्ष पहनने के फायदे आज की इस भागदौड़ की जिंदगी में हर व्यक्ति किसी न किसी परेशानी से जूझ रहा है ,और इन्ही परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए इंसान कोई न कोई उपायों के जरिये प्रयत्न करता रहता है, आइये! इस पोस्ट में जानते है, रुद्राक्ष पहनने के फायदे। रुद्राक्ष पहनने के फायदे और नुकसान भगवान भोलेनाथ का रुद्राक्ष इन्ही उपायों में सबसे चमत्कारी है,आइये जानते है- रुद्राक्ष पहनने के फायदे और नुकसान | रुद्राक्ष कौन सा पहनना चाहिए? जिससे की हमारे जीवन की परेशानियाँ ख़त्म हो। रुद्राक्ष क्या है। चलिए, सबसे पहले यह जानते है की, रुद्राक्ष क्या है ? “रुद्राक्ष” , एक ‘इलियोकार्पस गेनिट्रस’ नमक पेड़ का फल है। यह फल जब पक जाता है, तब पेड़ से नीचे गिर जाता है। इस गोल आकार के फल के ऊपर बेर के समान एक परत होती है, जब इस परत को हटाया जाता है, फिर इसमें से निकलता है एक अमूल्य और पूजनीय “रुद्राक्ष” फिर इस गुठली को साफ किया जाता है, और साफ करने के बाद रुद्राक्ष उभरकर सामने आता है, इसपर धारियां रहती है, और इन्ही धारियों को गिनकर यह निर्धारित किया जाता है की रुद्राक्ष कितने मुखी का है। रुद्राक्ष यानी कि एक तरह से भगवान शंकर का वरदान, रुद्राक्ष यानी कि त्रिनेत्रधारी भगवान शिव का अंश। भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। रुद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जाओं से दूर रखता है, रुद्राक्ष के इस्तेमाल से जीवन की हर तरह की बाधाएं टल जाती है। आपने चमत्कारी रुद्राक्ष का महत्व तो जान लिया, लेकिन क्या आप जानते हैं रुद्राक्ष आपको कैसे लाभ दे सकता है और किन हालातों में रुद्राक्ष आपको ...

7 मुखी रुद्राक्ष से संबंधित संपूर्ण जानकारी, लाभ, महत्व और विशेषता

रूद्राक्ष के पेड़ का सांटिफिक नाम इलियोकार्पस गेनिट्रस है, इसके पत्ते चैड़े होते हैं और यह दुनिया के कुछ सीमित रूप से पाए जाते हैं। इलियोकार्पस गेनिट्रस से ही रुद्राक्ष के फल या कहें बीज प्राप्त होते हैं। ये पेड़ सदाबहार होते हैं और ज्यादातर हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। वे इंडोनेशिया, इटली, नेपाल और भारत में महत्वपूर्ण रूप से उगाए जाते हैं। रुद्राक्ष के महत्व पर एक संपूर्ण उपनिषद है जिसे रुद्राक्ष उपनिषद कहा जाता है। हिंदू वैदिक ग्रंथों और शास्त्रों से संकेत मिलता है कि उनका जबरदस्त महत्व है। रुद्राक्ष संस्कृत के दो शब्दों – रुद्र और अक्ष का मिश्रण है। रुद्र का अर्थ है शिव, और अक्ष का अर्थ है आंख। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, रुद्राक्ष शिव के आंसुओं से बना था। जब रुद्राक्ष की माला की सतह पर सात हिस्से या 7 रेखाएं होती हैं, तो उन्हें सात मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है। इनका आकार गोल होता है। इनकी अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी हैं। 7 मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह शनि है। ये शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करते हैं। वे वृषभ, तुला, मकर और कुंभ राशि के लिए सबसे उपयुक्त हैं। 7 मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र है – ओम हुं नमः। 7 मुखी रुद्राक्ष के लाभ सात मुखी रुद्राक्ष की माला बहुत शक्तिशाली और पहनने वाले के लिए फायदेमंद होती है। वे शुक्र और शनि ग्रह से प्रभावित क्षेत्रों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अगर आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, तो यह समाधान हो सकता है। धन और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी द्वारा शासित, 7 मुखी रुद्राक्ष धन और धन प्रवाह की नई संभावनाओं को खोलता है। यह सभी सुखों और विलासिता की इच्छाओं को पूरा कर सकता है। यह गरीबी के काले साये को दूर करता है और पहनने...

Rudraksha Benefits Every Rudraksha Has A Special Effect Know Which Rudraksha Is Best For You To Wear

Rudraksha Benefits: हर रुद्राक्ष का होता है खास असर, यहां जानें कौन सा रुद्राक्ष पहनना आपके लिए सबसे अच्छा Rudraksha Benefits: रुद्राक्ष को पवित्र माना जाता है. कहा जाता है कि इसका संबंध भगवान शिव से है. मान्यानुसार, हर रुद्राक्ष का अलग-अलग असर होता है. आइए जानते हैं कि कौन का रुद्राक्ष धारण करना आपके लिए अच्छा रहेगा. Rudraksha Benefits in Hindi: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बेहद पवित्र माना गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, रुद्राक्ष (Rudraksha) का संबंध भगवान शिव (Lord Shiva) से है. कहा जाता है कि इसे धारण करने से ना सिर्फ शिवजी की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि संकटों के भी छुटकारा मिलता है. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि रुद्राक्ष पहनने से कई प्रकार के रोगों से भी मुक्ति मिलती है. रुद्राक्ष (Types of Rudraksha) के कई प्रकार होते हैं. हर रुद्राक्ष का असल-अलग असर होता है. आइए जानते हैं कि किस रुद्राक्ष का क्या महत्व है और उसे धारण करने से क्या लाभ मिलते हैं. आइए जानते हैं एक मुखी रुद्राक्ष से लेकर 7 मुखी रुद्राक्ष के बारे में. एक मुखी रुद्राक्ष के दुर्लभ माना जाता है. इसकी उपलब्धता बहुत कम होती है. इसके साथ ही इसकी कीमत भी अधिक होती है. एक मुखी रुद्राक्ष मुख्य तौर पर हृदय संबंधी रोगों को दूर करने में सहायक होता है. यह शरीर में रक्त का प्रवाह सुचारू बनाए रखने में मददगार होता है. दो मुखी रुद्राक्ष दो मुखी रुद्राक्ष पेट के रोगों को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है. गैस की समस्या और एसिडिटी इत्यादि में दोमुखी रुद्राक्ष असरकारक माना गया है. इसके साथ ही यह तनाव और अवसाद दूर करने में सहायक माना गया है. तीन मुखी रुद्राक्ष जिन बच्चों को बार-बार बुखार आता हो उन्हें तीन मुखी रुद्राक्ष...

कुंभ राशि के लिए कौन सा रुद्राक्ष अच्छा है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • कुंभ राशि के लिए कौन सा रुद्राक्ष अच्छा है? कुम्भ राशि के जातकों को छह या 13 मुखी और सात या 14 पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। जिसे धारण करने से कुम्भ राशि या कुम्भ राशि को सर्वांगीण सफलता मिलती है। हिंदू ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक राशि में जन्म लेने वाले लोगों को सफलता, प्रेम, शांति और समृद्धि के लिए एक विशेष मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। पंचमुखी रुद्राक्ष कौन से धागे में पहनना चाहिए? पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि -इसे काले या लाल धागे में भी पहना जा सकता है। गले में कितने रुद्राक्ष की माला पहननी चाहिए? श्रीमद् देवी भागवत के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से बढ़कर संसार में और कोई वस्तु नहीं है. # हृदय पर 50 मनकों की माला और सिर पर 20 मनकों की माला धारण करनी चाहिए. # श्रीमद् देवी भागवत के अनुसार रुद्राक्ष की 16 मनकों की माला भुजाओं पर, 12 मनकों की माला कलाई पर तथा 108 मनकों की माला गले में धारण करना चाहिए. 5 मुखी रुद्राक्ष क्या काम करता है? पंचमुखी (5 Mukhi) रुद्राक्ष के फायदे मानसिक शांति प्राप्‍त करने के लिए इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं। धारणकर्ता को विभिन्‍न विषयों का ज्ञान अर्जित करने में मदद मिलती है। धन और समृद्धि पाने के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह दी जाती है। अकाल मृत्‍यु से रक्षा पाने के लिए भी इस रुद्राक्ष को पहन सकते हैं। READ: अक्टूबर में दुर्गा पूजा कब है? कुंभ राशि वाले कछुए की अंगूठी कैसे पहने? अंगूठी इस तरह पहनें की कछुए का मुख आपकी तरफ होना चाहिए। इसस धन आपकी तरफ आकर्षित होगा। अगर आप इसे इस तरह पहनेंगे की कछुए का मुख बाहर की तरफ हो तो धन एकत्र करने और धनवृद्धि में बाधा आ...

कौनसा रुद्राक्ष धारण करें

कौनसा रुद्राक्ष धारण करें | Konsa Rudraksha Dharan Kare कौनसा रुद्राक्ष धारण करें | Konsa Rudraksha Dharan Kare चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को उन्नति के लिए 2 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए तथा औद्योगिक क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए जबकि कपड़े का व्यापार करने वाले लोगों को 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। शिक्षा क्षेत्र का व्यवसाय करने वाले लोगों को 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए तथा ऑनलाइन व्यवसाय करने वाले लोगों को 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए जबकि प्रॉपर्टी से संबंधित कार्य करने वाले लोगों को 21 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। बिल्डिंग मटेरियल से संबंधित तथा मोटर गैराज से संबंधित कार्य करने वाले लोगों को 17 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए जबकि ड्राइविंग करने वाले लोगों को 21 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। जानिए किस क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के लिए कौन सा रुद्राक्ष शक्तिशाली होता है- समाज में अपना मान सम्मान तथा प्रतिष्ठा बढ़ाने की दृष्टि से 12 मुखी रुद्राक्ष सबसे शक्तिशाली होता है जबकि अपने उज्जवल भविष्य के बारे में सोचने वाले लोगों के लिए 17 मुखी रुद्राक्ष सबसे शक्तिशाली होता है। जो लोग आर्टिस्ट, मैजिशियन, तथा किसी भी प्रकार की कला से संबंधित कार्य करते हैं या फिर कलाकार है उन लोगों के लिए दो मुखी , सात मुखी तथा 13 मुखी रुद्राक्ष सबसे शक्तिशाली होता है। यह भी पढ़ें लेखक , ब्लॉगर , पाठक श्रेणी में कार्य करने वाले लोगों के लिए सबसे शक्तिशाली रुद्राक्ष 2 मुखी तथा 15 रुद्राक्ष होता है जबकि जो लोग वक्ता है तथा वक्ता बनना चाहते हैं उनको 15 मुखी तथा 17 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए क्योंकि उनके लिए यह सबसे...

Rudraksha

हिंदू और सनातन धर्म में मालाओं और रत्नों का बहुत महत्व है। माना जाता है कि मनुष्य को ये मालाएं और रत्न ही नकारात्मक ऊर्जा से बचाते हैं। प्राचीन काल में ऋषि मुनि अपनी साधना को सिद्ध करने के लिए इन मालाओं से मंत्र जाप किया करते थे लेकिन आज भी लोग रुद्राक्ष और तुलसी की माला को धारण करते हैं ताकि उनका चित्त शांत और मन एकाग्र रहे। आमतौर पर बात जब रुद्राक्ष की आती है तो सबसे पहले ख्याल आता है कि रुद्राक्ष कौन सा अच्छा होता है और इससे रुद्राक्ष की उत्पत्ति रुद्राक्ष की महिमा का वर्णन आपको वेदों में, पुराणों में और उपनिषदों में मिल जाएगा। शिवपुराण के अध्याय 25 में "दर्शकनास्पर्शनाप्यत्सर्वपापहर: स्मृतः ॥" श्लोक को वर्णित किया गया है। कहा गया है कि यह रुद्राक्ष एक अत्यंत शुभ मनका है और भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। इस मनका का जाप करने से या इसे माला के रूप में धारण करने से ही पाप नष्ट हो जाते हैं। यह कहना अतिश्योक्ति न होगी कि शिव और रुद्राक्ष एक-दूसरे के पूरक हैं। मान्यता है कि रुद्राक्ष में शिव वास करते हैं। रुद्राक्ष की उत्पत्ति को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं। एक प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार, हजारों वर्षों तक समाधि में लीन रहने के बाद जब भगवान भोलेनाथ ने अपने नेत्र खोले तो उनके नेत्रों से अश्रु छलक आए और वह धरती पर गिर पड़े। इन्ही अश्रु की बूंदों से रुद्राक्ष वृक्ष की उत्पत्ति हुई। रुद्राक्ष के प्रकार शिव के अश्रु से उत्पन्न रुद्राक्ष जनासाधारण के लिए बहुत महत्व रखता है। आमतौर पर रुद्राक्ष के प्रकार की बात की जाए तो यह एकमुखी से चौदहमुखी तक पाए जाते हैं, लेकिन अक्सर मन में संदेह रहता है कि कौन सा रुद्राक्ष उत्तम और फलदायी है? ज्योतिष की माने तो आंवले के आकार वाला धारण करने क...

ऐसे करें पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण जीवन से दूर हो जाएंगी सभी परेशानियां – Buy Spiritual Products

पंचमुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के महादेव स्वरुप का प्रतीक है। यह व्यक्ति के सभी पापों और बुरे कर्मों को खत्म कर व्यक्ति को अध्यात्म की ओर जाने के लिए प्रेरित करता है। पंचमुखी रुद्राक्ष में कालाग्नि नामक रूद्र का वास है, जो व्यक्ति के दैहिक रोग को समाप्त कर देता है। आज के इस लेख में हम आपको पंचमुखी रुद्राक्ष के बारे में संक्षेप में पूरी जानकारी देंगे और साथ ही उससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब भी देंगे। पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के लाभ पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से पहले क्या करना चाहिए पंचमुखी रुद्राक्ष धारण कैसे करें पंचमुखी रुद्राक्ष कौन कौन धारण कर सकता है पंचमुखी रुद्राक्ष की क्या कीमत है पंचमुखी रुद्राक्ष किसका प्रतीक है पंचमुखी रुद्राक्ष का मंत्र क्या है रुद्राक्ष कौन सा अच्छा होता है असली रुद्राक्ष कौन सा होता है रुद्राक्ष का पानी पीने से क्या होता है कितने रुद्राक्ष की माला पहननी चाहिए रुद्राक्ष कौन से धागे में पहनना चाहिए पंचमुखी रुद्राक्ष के कई सारे चमत्कारिक लाभ हैं जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है यह मनुष्य के दैहिक रोगों की समाप्ति करता है। इसमें खासकर मधुमेह, स्तनशिथिलता, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी जैसे रोग शामिल हैं। साथ ही अनिद्रा की स्थिति, श्वसन संबंधी रोगों से भी छुटकारा मिलता है। यह गुरु के उल्टे प्रभाव को कम करने में सहायक है। बताते चलें कि पंचमुखी रुद्राक्ष तनावमुक्त और सुखी जीवन प्रदान करते हुए आलस्य को दूर भगाता है। रुद्राक्ष को पहनने से पहले व्यक्ति के शरीर और मन का शुद्धिकरण किया जाना बहुत जरुरी है। इसे पहनने से पहले मांस-मदिरा का सेवन रोक देना चाहिए और मन-मस्तिष्क भगवान के ध्यान में अधिक लगाना चाहिए। साथ ही भगवान शिव की नियमित तौर पर पूजा किया...

कौनसा रुद्राक्ष धारण करें

कौनसा रुद्राक्ष धारण करें | Konsa Rudraksha Dharan Kare कौनसा रुद्राक्ष धारण करें | Konsa Rudraksha Dharan Kare चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को उन्नति के लिए 2 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए तथा औद्योगिक क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए जबकि कपड़े का व्यापार करने वाले लोगों को 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। शिक्षा क्षेत्र का व्यवसाय करने वाले लोगों को 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए तथा ऑनलाइन व्यवसाय करने वाले लोगों को 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए जबकि प्रॉपर्टी से संबंधित कार्य करने वाले लोगों को 21 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। बिल्डिंग मटेरियल से संबंधित तथा मोटर गैराज से संबंधित कार्य करने वाले लोगों को 17 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए जबकि ड्राइविंग करने वाले लोगों को 21 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। जानिए किस क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के लिए कौन सा रुद्राक्ष शक्तिशाली होता है- समाज में अपना मान सम्मान तथा प्रतिष्ठा बढ़ाने की दृष्टि से 12 मुखी रुद्राक्ष सबसे शक्तिशाली होता है जबकि अपने उज्जवल भविष्य के बारे में सोचने वाले लोगों के लिए 17 मुखी रुद्राक्ष सबसे शक्तिशाली होता है। जो लोग आर्टिस्ट, मैजिशियन, तथा किसी भी प्रकार की कला से संबंधित कार्य करते हैं या फिर कलाकार है उन लोगों के लिए दो मुखी , सात मुखी तथा 13 मुखी रुद्राक्ष सबसे शक्तिशाली होता है। यह भी पढ़ें लेखक , ब्लॉगर , पाठक श्रेणी में कार्य करने वाले लोगों के लिए सबसे शक्तिशाली रुद्राक्ष 2 मुखी तथा 15 रुद्राक्ष होता है जबकि जो लोग वक्ता है तथा वक्ता बनना चाहते हैं उनको 15 मुखी तथा 17 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए क्योंकि उनके लिए यह सबसे...

Rudraksha

हिंदू और सनातन धर्म में मालाओं और रत्नों का बहुत महत्व है। माना जाता है कि मनुष्य को ये मालाएं और रत्न ही नकारात्मक ऊर्जा से बचाते हैं। प्राचीन काल में ऋषि मुनि अपनी साधना को सिद्ध करने के लिए इन मालाओं से मंत्र जाप किया करते थे लेकिन आज भी लोग रुद्राक्ष और तुलसी की माला को धारण करते हैं ताकि उनका चित्त शांत और मन एकाग्र रहे। आमतौर पर बात जब रुद्राक्ष की आती है तो सबसे पहले ख्याल आता है कि रुद्राक्ष कौन सा अच्छा होता है और इससे रुद्राक्ष की उत्पत्ति रुद्राक्ष की महिमा का वर्णन आपको वेदों में, पुराणों में और उपनिषदों में मिल जाएगा। शिवपुराण के अध्याय 25 में "दर्शकनास्पर्शनाप्यत्सर्वपापहर: स्मृतः ॥" श्लोक को वर्णित किया गया है। कहा गया है कि यह रुद्राक्ष एक अत्यंत शुभ मनका है और भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। इस मनका का जाप करने से या इसे माला के रूप में धारण करने से ही पाप नष्ट हो जाते हैं। यह कहना अतिश्योक्ति न होगी कि शिव और रुद्राक्ष एक-दूसरे के पूरक हैं। मान्यता है कि रुद्राक्ष में शिव वास करते हैं। रुद्राक्ष की उत्पत्ति को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं। एक प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार, हजारों वर्षों तक समाधि में लीन रहने के बाद जब भगवान भोलेनाथ ने अपने नेत्र खोले तो उनके नेत्रों से अश्रु छलक आए और वह धरती पर गिर पड़े। इन्ही अश्रु की बूंदों से रुद्राक्ष वृक्ष की उत्पत्ति हुई। रुद्राक्ष के प्रकार शिव के अश्रु से उत्पन्न रुद्राक्ष जनासाधारण के लिए बहुत महत्व रखता है। आमतौर पर रुद्राक्ष के प्रकार की बात की जाए तो यह एकमुखी से चौदहमुखी तक पाए जाते हैं, लेकिन अक्सर मन में संदेह रहता है कि कौन सा रुद्राक्ष उत्तम और फलदायी है? ज्योतिष की माने तो आंवले के आकार वाला धारण करने क...

कुंभ राशि के लिए कौन सा रुद्राक्ष अच्छा है? – Expert

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