Shabd shakti kise kahate hain

  1. shabd shakti kise kahate hain
  2. शब्द शक्ति किसे कहते है? Shabd Shakti
  3. शब्द शक्ति किसे कहते हैं ?। Shabd Shakti Kise Kahate Hain
  4. निपात
  5. शब्द शक्ति की परिभाषा और प्रकार
  6. शब्द शक्ति किसे कहते हैं


Download: Shabd shakti kise kahate hain
Size: 25.20 MB

shabd shakti kise kahate hain

जब शब्द के वाच्यार्थ (मुख्यार्थ) का अतिक्रमण कर किसी दूसरे अर्थ को ग्रहण किया जाता है, तब उसे लक्ष्यार्थ कहते हैं। लक्ष्यार्थ का बोध कराने वाली शक्ति को लक्षणा-शक्ति कहा जाता है। जबे वक्ता अपने वाक्य में मुख्यार्थ से हटकर कुछ अन्य अर्थ भरने की कोशिश करता है, तब लक्षणों के आधार पर अर्थ-ग्रहण किया जाता है। इन वाक्यों में प्रयुक्त काले छपे शब्दों का प्रयोग विशेष प्रयोजन से हुआ है। यहाँ‘शेर’ अर्थात्‘शेर’ जैसे गुणों वाला, निर्भीक और बलशाली, ‘पत्थर’ अर्थात् पत्थर जैसे कठोर हृदय वाला, ‘गंगावासी’ अर्थात् गंगा जैसी पवित्रता से युक्त, ‘ताजमहल’ अर्थात् ताजमहल जैसा भव्य भवन और ‘यमुना-पुत्र’ अर्थात् यमुना पर आधारित आजीविका वाला होगा। अभिधा शक्ति से शब्द का मुख्य या सामान्यतया प्रचलित अर्थ व्यक्त होता है। अभिधा से व्यक्त अर्थ को यथावत् ग्रहण किया जाता है। पॐ या श्रोता को अपनी कल्पना या अनुमान को प्रयोग नहीं करना पड़ता। अभिधेयार्थ अपने आप में स्पष्ट और पूर्ण होता है, जबकि लक्षणा से प्राप्त होने वाले अर्थ को मुख्यार्थ से हटकर लक्षणों के आधार पर निश्चित किया जाता है। पाठक या श्रोता को प्रसंगानुसार अपनी कल्पना और तर्क-शक्ति के उपयोग से अभीष्ट अर्थ तक पहुँचना होता है। इस प्रकार शब्द के मुख्य अर्थ से हटकर, लक्षणों के आश्रय से प्राप्त होने वाला भिन्न या नवीन अर्थ लक्षणा-शक्ति से ही व्यक्त होता है। जैसे– यहाँ प्रथम वाक्य में‘रात’ तथा‘सवेरा’ शब्दों का प्रयोग अपने सामान्य या मुख्य अर्थ में हुआ है, जबकि द्वितीय वाक्य में‘रात’ का अर्थ ‘कष्ट’ या‘अज्ञान’ लेना होगा और ‘सवेरा’ का अर्थ ‘सुख के दिन या ज्ञानोदय’ ग्रहण किया जायेगा। अत: प्रथम वाक्य में अभिधा-शक्ति का प्रयोग हुआ है और द्वितीय वाक्य में लक्षण...

शब्द शक्ति किसे कहते है? Shabd Shakti

Shabd shakti शब्द शक्ति की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण | Shabd shakti in hindi – दोस्तो आज हम शब्द शक्ति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेके आए है । इसमें हम शब्द शक्ति किसे कहते है? शब्द शक्ति के भेद, शब्द शक्ति के प्रकार एवं शब्द शक्ति के उदाहरण देखेंग।इस टॉपिक से सभी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है। हम यहां पर शब्द शक्ति ( Shabd Shakti) के सभी भेदों/प्रकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेके आए है। hindi में शब्द शक्ति ( Shabd Shakti ) से संबंधित बहुत सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं और राज्य एवं केंद्र स्तरीय बोर्ड की सभी परीक्षाओं में यहां से questions पूछे जाते है। Shabd Shakti in Hindi के बारे में उदाहरणों सहित इस पोस्ट में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। तो चलिए शुरू करते है – शब्द शक्ति किसे कहते है? | Shabd shakti kise kahate hain परिभाषा –शब्द के अंदर छुपे अर्थ को प्रकट करने वाले व्यापर को शब्द शक्तिकहते है। शब्द शक्ति का अर्थ है- शब्द की अभिव्यंज शक्ति। शब्द शक्ति की परिभाषा | shabd Shakti ki paribhasha शब्द का अर्थ बोध करानेवाली शक्ति ‘शब्द शक्ति’ कहलाती है। शब्द-शक्ति को संक्षेप में ‘शक्ति’ कहते हैं। इसे ‘वृत्ति’ या ‘व्यापार’ भी कहा जाता है। शब्द शक्ति के कारण ही प्रत्येक शब्द में वक्त के वास्तविक अर्थ को व्यक्त करने का गुण होता है। शब्द शक्ति के प्रकार | Shabd Shakti Ke Prakar शब्द शक्ति के अनुसार शब्द तीन प्रकार के होते है – 1. वाचक 2. लक्षण 3. व्यंजन “वाचक “शब्द द्वारा व्यंजित अर्थ वाच्यार्थ, अभिधेयार्थ, मुख्यार्थ या संकेतितार्थ कहलाता है। लक्षण के द्वारा आरोपित अर्थ लक्ष्यार्थकहलाता है। व्यंजन शब्द के द्वारा प्रकट अर्थ अथवा व्यंजित भाव व्यंग्यार्थकहलाता है। अर्थ एवं ...

शब्द शक्ति किसे कहते हैं ?। Shabd Shakti Kise Kahate Hain

Contents • • • • • Shabd Shakti Kise Kahate Hain : आज के इस आर्टिकल में हम आपको शब्द शक्ति किसे कहते हैं ? ( Shabd Shakti Kise Kahate Hain ) OR Shabd Shakti Ki Paribhasaha तथा इसके उदाहरण भी बताने जा रहे हैं। हिंदी होने के बावजूद भी हम हिंदी की कई चीजों के बारे में नहीं जानते हैं। शब्द शक्ति के बारे में भी काफी कम लोग ही जानते हैं। अगर आप भी शब्द शक्ति के बारे में नहीं जानते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। शब्द शक्ति किसे कहते है ? | शब्द शक्ति की परिभाषा | Shabd Shakti Kise Kahate Hain Shabd Shakti Kise Kahate Hain : जिस शब्द में ” शब्द ” का अर्थ बोध कराने की शक्ति हो, उससे शब्द शक्ति कहते हैं। तथा शब्द के अर्थों को जन नीतियों के साथ ग्रहण किया जाता है। • छंद किसे कहते है, छंद की परिभाषा ? • समास किसे कहते हैं, समास के कितने भेद हैं ? शब्द शक्ति के भेद कितने प्रकार के होते हैं ? | Shabd Shakti Ke Bhed शब्द शक्ति के भेद तीन प्रकार के होते हैं :- • अभिधा शब्द शक्ति • लक्षणा शब्द शक्ति • व्यंजना शब्द शक्ति आइए इन तीनों प्रकार के शब्द शक्तियों के बारे में विस्तार से जानते हैं :- 1. अभिधा शब्द शक्ति जिस शक्ति से शब्द अपने स्वाभाविक साधारण बोलचाल में प्रसिद्ध अर्थ को बताता है, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहा जाता है। सरल शब्दों में समझें, तो वाच्य अर्थ पर आधारित शब्द शक्ति को अभिधा शब्द शक्ति कहा जाता है। जो अर्थ शब्द स्वाभाविकता को दर्शाता है, उससे वाचक कहा जाता है। इन शब्दों के अर्थ को वाच्यार्थ कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर :- • राम ने पानी पिया। ऊपर की ओर दिखाए गए उदाहरण में ” पानी ” शब्द को रेखांकित किया गया है। यहां पर पानी से अर्थ किसी पेय सामग्री से है। यह अर्थ ही पानी शब्द का...

निपात

आपके मन में निपात को लेकर विभिन्न प्रश्न होंगे कि nipat shabd kise kahte hain। इस अंश में हम निपात के हर पहलू पर प्रकाश डालेंगे जिससे निपात के विषय में जानने को कुछ शेष न रहे। व्याकरण की दृस्टि से Nipat निपात उन शब्दों को कहते हैं जो वाक्य में किसी शब्दों के बाद लगकर एक उस शब्द को विशेष बल प्रदान करते है। सम्पूर्ण वाक्य का परिचय – पढ़ें nipat shabd kise kahte hain NIPAT KE KITNE BHED HOTE HAIN ? निपात के कितने भेद होते है? निपात के मूलतः नौ भेद होते है। जो निम्नलिखित है। १। तुलनात्मक निपात – ( सा ) यह निपात वाक्यों में उन स्थानों में प्रयोग में लाये जाते है जहाँ किसी से तुलना करने का बोध कराया जाता है। जैसे – • तुम सा दुनिया में कोई नहीं। • बीरबल सा बुद्धिमान कोई दरबार में नहीं था। • पुस्तक सा कोई सच्चा साथी नहीं होता। • हर महिला को मनु सा बनना चाहिए। • तुम सा धोकेबाज पुरे संसार में नहीं है। nipat shabd kise kahte hain २। प्रश्नवाचक निपात – (क्या ) ये निपात, वाक्यों को प्रश्न वाचक बना देते है। जैसे- • रोहन और सोहन क्या साथ में रहेंगे? • अब तो देश की हालत ऐसी है कि कहा क्या जाये ? • ये तो अपने माता – पिता तक को धोका देते है, मेरी तो बात ही क्या ? • हम सब के बारे में तुम क्या कुछ जानती हो ? • इन मुश्किल हालातों में रोटी क्या, पानी तक नसीब नहीं हो रहा है? nipat shabd kise kahte hain ३। सम्मानवाचक निपात – ( जी ) ये निपात मूलतः संज्ञा शब्दों को सम्मान देने का बोध करते है। जैसे – • मैंने तो बचपन से दादा जी को मेहनत करते देखा है । • गुरु जी की आज्ञा का पालन करना चाहिए। • मेरे स्कुल में आज महंत जी आये थे। • आज पूरा गांव मंत्री जी को देखने गया है। • माँ जी की बात तुम क्यों नहीं सुनत...

शब्द शक्ति की परिभाषा और प्रकार

शब्द शक्ति शब्द शक्ति क्या है? शब्द या शब्द समूह में जो अर्थ छिपा होता है, उसे प्रकाशित करने वाली शक्ति का नाम शब्द शक्ति (shabd shakti) है।शब्द से अर्थ का बोध होता है और शब्द को‘बोधक’ (बोध करानेवाला) और अर्थ को‘बोध्य’ (जिसका बोध कराया जाये) कहा जाता है ।शब्द तीन प्रकार के होते हैं- वाचक,लक्षक एवं व्यंजक, इन्हीं शब्दों के अनुरूप ही तीन प्रकार के अर्थ होते हैं- वाच्यार्थ,लक्ष्यार्थ एवं व्यंग्यार्थ। इन अर्थों का बोध शब्द शक्तियों द्वारा होता है, दूसरे शब्दों में प्रत्येक शब्द से जो अर्थ निकलता है, उसका बोध कराने वाली शक्ति शब्द शक्तिकहलाती है। अत: शब्द शक्तियों के तीन भेद हुए- शब्द शक्ति केप्रकार- 1.वाच्यार्थ पर आधारित शब्द शक्ति- अभिधा 2.लक्ष्यार्थ पर आधारित शब्द शक्ति- लक्षणा 3.व्यंग्यार्थ पर आधारित शब्द शक्ति- व्यंजना ध्यान रखने योग्य बात यह है कि- वाच्यार्थ कथित होता है,लक्ष्यार्थ लक्षित होता है और व्यंग्यार्थ व्यंजित,ध्वनित,सूचित या प्रतीत होता है। काव्यशास्त्र ने अभिधा के लिए व्याकरण-शास्त्र का सहारा लिया, लक्षणा के लिए मीमांसा का, लेकिन व्यंजना के लिए उसने अपना अलग रास्ता बनाया। 1. अभिधा शब्द शक्ति- शब्द को सुनते ही अथवा पढ़ते ही श्रोता या पाठक उसके सबसे सरल,प्रचलित अर्थ को बिना अवरोध के ग्रहण करता है,वह अभिधा शब्द शक्ति,कहलाती है। दूसरे शब्दों में शब्द की जिस शक्ति से उसके संकेतिक (प्रसिद्ध) अर्थ का बोध हो, उसे अभिधा कहते हैं। अभिधा शब्द का पहला व्यापार है। शब्दोच्चार के साथ ही जिस अर्थ का बोध होता है, वह उस शब्द का मुख्य अथवा वाच्य अर्थ है। शब्द और उसके मुख्य अर्थ में जो संवंध होता है उसे वाचक-वाच्य संवंध कहते हैं-शब्द वाचक होता है और उसका मुख्यार्थ वाच्य। अभिधा शब्...

शब्द शक्ति किसे कहते हैं

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का अपनी बेबसाइट शब्द शक्ति किसे कहते हैं के बारे में जानेंगे। शब्द शक्ति किसे कहते हैं शब्द के अर्थ का बोध होता है इसमें शब्द बोधक है और अर्थबोध गाय का दूध पियो में गाय और दूध शब्द है। शब्द अर्थ (वस्तु) का बोध कराने के बाद शब्द निवृत्त हो जाता है। इसलिए भाषा में महत्व अर्थ का है। वह इस व्याख्या को ‘शब्दशक्ति’ या ‘वृत्ति-निरुपण’ के नाम से प्रस्तुत करते हैं। शब्दों से तीन प्रकार के अर्थ निकलते हैं – वाच्य , लक्ष्य और व्यंग। इस आधार पर शब्द तीन प्रकार के होते हैं वाचक लक्षक और व्यंजक। शब्द शक्ति के भेद शब्द और अर्थ के संबंध के अनुसार शब्द शक्ति तीन प्रकार की होती है- • अभिधा: • लक्षणा • व्यंजना अभिधा: यह मुख्य वृत्ति या शक्ति है। अभिघा द्वारा व्यक्त किया गया अर्थ मुख्य है। यह शब्द का अस्थायी और व्यावहारिक अर्थ है। ‘गाय दूध देती है’, ‘घोड़ा दौड़ता है’, ‘मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है’, गाय, घोडा का लोक प्रचलित अर्थ लिया गया है। इसमें गाय जैसे शब्दों का पाठ करने वाला, गाय (पशु) आदि का अर्थ पढ़ा जाता है और इस अर्थ को व्यक्त करने वाली शक्ति को ‘अभिघा’ कहा जाता है। लक्षणा लक्षणा में तीन बातें हैं- 1. मुख्य अर्थ में बाधा, 2. मुख्याअर्थ से संबंधित अर्थ लेना, 3. रूढ़िवादी उद्देश्य कारण। ‘गंगायां घोष:’ (गंगा में झोपड़ी)। गंगा जल की धारा है। पानी की धारा में झोपड़ी नहीं हो सकती, इसलिए गंगा के किनारे एक झोपड़ी है। ‘देवदत्त गधा है’, ‘मोहन एक जानवर है’ में आदमी को गधा या जानवर कहा जाता है। मनुष्य गधा नहीं हो सकता, तो इसका अर्थ है कि मनुष्य गधे के समान मूर्ख और अज्ञानी है। इसमें गंगा आदि शब्द बोधशक्ती लक्षणा हैं। व्यंजना व्यंजन में व्यंग्य का अर्थ प्रमुख है। इ...