Shailputri mata ki photo

  1. शैलपुत्री : मां दुर्गा की पहली शक्ति की पावन कथा
  2. Maa Shailputri Katha
  3. Maa Shailputri Aarti, Mata Shailputri Aarti, Shailputri Aarti
  4. शैलपुत्री माता की कहानी, राजा हिमालय की पुत्री हैं ये, सती भी कहा जाता है इन्हें
  5. Chaitra Navratri 2023 Day 1: Worship Goddess Shailputri; Know Puja Vidhi, Mantra and Aarti
  6. Navratri 2022: पहले दिन होती है माता शैलपुत्री की पूजा, जानें पूजा विधि और प्रचलित कथा


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शैलपुत्री : मां दुर्गा की पहली शक्ति की पावन कथा

मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण कर रखा है और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। यही देवी प्रथम दुर्गा हैं। ये ही सती के नाम से भी जानी जाती हैं। उनकी एक मार्मिक कहानी है।

Maa Shailputri Katha

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Maa Shailputri Aarti, Mata Shailputri Aarti, Shailputri Aarti

शैलपुत्री मां बैल असवार । करें देवता जय जयकार ॥ तेरी महिमा किसी ने ना जानी ॥ जो तुझे सिमरे सो सुख पावे ॥ ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू । दया करे धनवान करे तू ॥ सोमवार को आरती तेरी जिसने उतारी ॥ उसकी सगरी आस पुजा दो । सगरे दुख तकलीफ मिला दो ॥ घी का सुंदर दीप जला‌ के । गोला गरी का भोग लगा के ॥ श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं । प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं ॥ जय शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे ॥ मनोकामना पूर्ण कर दो । भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो ॥ ॥ इति मां शैलपुत्री आरती संपूर्णम् ॥ Maa Shailputri Aarti In English Shailputri Maa Bail Aswaar. Kare Devta Jay Jaykaar. Shiv Shankar Ki Priya Bhwani. Teri Mahima Kisi Ne Na Jaani. Parvati Tu Uma Kahlaave. Jo Tujhe Simre So Sukh Paave. Ridhi Sidhi Parvaan Kare Tu. Daya Kare Dhanvaan Kare Tu. Somvaar Ko Shiv Sang Pyaari. Aarti Teri Jisne Utaari. Uski Sagri Aas Puja Do. Sagre Dukh Takleef Mila Do. Ghee Ka Sundar Deep Jla Ke. Gola Gari Ka Bhog Lga Ke. Shrdha Bhaav Se Mantr Gaaye. Prem Sahit Fir Seesh Jhukaaye. Jay Giriraaj Kishori Ambe. Shiv Mukh Chandr Chakori Ambe. Manokamna Purn Kar Do. Bhakt Sda Sukh Sampati Bhar Do. !! Iti Maa Shailputri Aarti !!

शैलपुत्री माता की कहानी, राजा हिमालय की पुत्री हैं ये, सती भी कहा जाता है इन्हें

नवरात्र के 9 दिन भक्ति और साधना के लिए बहुत पवित्र माने गए हैं। इसके पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। हिमालय पर्वतों का राजा है। वह अडिग है, उसे कोई हिला नहीं सकता। जब हम भक्ति का रास्ता चुनते हैं तो हमारे मन में भी भगवान के लिए इसी तरह का अडिग विश्वास होना चाहिए, तभी हम अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। यही कारण है कि नवरात्र के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री की कहानी मां शैलपुत्री सती के नाम से भी जानी जाती हैं। इनकी कहानी इस प्रकार है - एक बार प्रजापति दक्ष ने यज्ञ करवाने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण भेज दिया, लेकिन भगवान शिव को नहीं। देवी सती भलीभांति जानती थी कि उनके पास निमंत्रण आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वो उस यज्ञ में जाने के लिए बेचैन थीं, लेकिन भगवान शिव ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यज्ञ में जाने के लिए उनके पास कोई भी निमंत्रण नहीं आया है और इसलिए वहां जाना उचित नहीं है। सती नहीं मानीं और बार बार यज्ञ में जाने का आग्रह करती रहीं। सती के ना मानने की वजह से शिव को उनकी बात माननी पड़ी और अनुमति दे दी। सती जब अपने पिता प्रजापित दक्ष के यहां पहुंची तो देखा कि कोई भी उनसे आदर और प्रेम के साथ बातचीत नहीं कर रहा है। सारे लोग मुँह फेरे हुए हैं और सिर्फ उनकी माता ने स्नेह से उन्हें गले लगाया। उनकी बाकी बहनें उनका उपहास उड़ा रहीं थीं और सति के पति भगवान शिव को भी तिरस्कृत कर रहीं थीं। स्वयं दक्ष ने भी अपमान करने का मौका ना छोड़ा। ऐसा व्यवहार देख सती दुखी हो गईं। अपना और अपने पति का अपमान उनसे सहन न हुआ...और फिर अगले ही पल उन्होंने वो कदम उठाया जिसकी कल्पना स्वयं दक्ष ने भी नहीं की ह...

Chaitra Navratri 2023 Day 1: Worship Goddess Shailputri; Know Puja Vidhi, Mantra and Aarti

Chaitra Navratri 2023 Day 1: Worship Goddess Shailputri; Know Puja Vidhi, Mantra and Aarti Chaitra Navratri 2023 Day 1: Goddess Shailputri is the first incarnation of Durga's nine manifestations. Every day of this festival is devoted to a different manifestation of Durga, with the first day honouring Maa Shailputri. Image Source : FREEPIK Chaitra Navratri 2023 Day 1: Goddess Shailputri puja vidhi, mantra, and aarti Chaitra Navratri's first day of the Navratri celebration is dedicated to worshipping Goddess Shailputri, the first incarnation of the Hindu goddess Durga. Shail refers to mountains, and Putri, which means daughter, makes up the name Shailputri. She is also referred to as Sati, Parvati, and Hemavati. Hindu legend holds that Shailputri is the reincarnation of Sati, the daughter of King Daksha and the wife of Lord Shiva. Due to her father's humiliation, Sati set herself on fire. In her next birth, she was born as Parvati and later became Shailputri. The image of Goddess Shailputri riding a bull symbolises the strength of Dharma, or righteousness. She is holding a trishul, a lotus flower, a damaru, and a rosary or mala. She wears a red saree and adorns her hands with bracelets and bangles. These symbols represent: bravery and spiritual awakening; purity and enlightenment; the rhythmic cycle of life and death; focus and meditation; and power as well as desire. As per astrology, the moon is ruled by the goddess Shailputri. All the negative effects of the moon can be r...

Navratri 2022: पहले दिन होती है माता शैलपुत्री की पूजा, जानें पूजा विधि और प्रचलित कथा

• • Faith Hindi • Navratri 2022: नवरात्रि का पहला दिन आज, माता शैलपुत्री की प्रचलित कथा और पूजा विधि के बारे में जानें Navratri 2022: नवरात्रि का पहला दिन आज, माता शैलपुत्री की प्रचलित कथा और पूजा विधि के बारे में जानें Navratri 2022 Mata Shailputri Vrat Katha: नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है. ऐसे में पूजा विधि और शैलपुत्री से जुड़ी प्रचलित कथा के बारे में भी पता होना जरूरी है. जानते हैं इनके बारे में... Navratri 2022 Mata Shailputri Vrat Katha & Puja Vidhi: नवरात्रि अप्रैल महीने की 2 तारीख यानि आज से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रों की शुरुआत कलश स्थापना और 9 दिन जलने वाली अखंड ज्योति से होती है. वहीं पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है. नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री को समर्पित है. इस दिन न केवल हवन और पूजा होती है बल्कि शैलपुत्री से जुड़ी कथा सुननी भी जरूरी होती है. ऐसे में शैलपुत्री की कथा के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख शैलपुत्री की कथा पर ही है. आज हम आपको अपने लेख के माध्यम से बताएंगे कि पूजा विधि और शैलपुत्री की कथा. पढ़ते हैं आगे… माता शैलपुत्री की पूजा सामग्री • एक छोटी चुनरी, एक बड़ी चुनरी, कलावा, चौकी, कलश, कुमकुम, पान, सुपारी, कपूर, जौ, नारियल, लौंग. • बताशे, आम के पत्ते, केले का फल, देसी घी, धूप, दीपक, अगरबत्ती, माचिस. • मिट्टी का बर्तन, माता का श्रृंगार का सामान, देवी की प्रतिमा या फोटो, फूलों की माला. • गोबर का उपला, सूखे मेवा, मावे की मिठाई, लाल फूल, एक कटोरी गंगाजल और दुर्गा सप्तशती या दुर्गा स्तुति आदि का पाठ जरूर करें. माता शैलपुत्री की कथा माता शैलपुत्री का दूसरा नाम सती भी है. एक बार प्रजापति ...