शिव अमृतवाणी सुनाइए

  1. शिव अमृतवाणी SHIV AMRITWANI LYRICS
  2. शिव अमृतवाणी अनुराधा पौडवाल के द्वारा
  3. [Lyrics & PDF] शिव अमृतवाणी
  4. Shiv Amritwani Lyrics in Hindi and English. शिव अमृतवाणी
  5. SHIV AMRITWANI LYRICS शिव अमृतवाणी


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शिव अमृतवाणी SHIV AMRITWANI LYRICS

Part – 1 कल्पतरु पुन्यातामा, प्रेम सुधा शिव नाम हितकारक संजीवनी, शिव चिंतन अविराम पतिक पावन जैसे मधुर, शिव रसन के घोलक भक्ति के हंसा ही चुगे, मोती ये अनमोल जैसे तनिक सुहागा, सोने को चमकाए शिव सुमिरन से आत्मा, अध्भुत निखरी जाये जैसे चन्दन वृक्ष को, दस्ते नहीं है नाग शिव भक्तो के चोले को, कभी लगे न दाग ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय दया निधि भूतेश्वर, शिव है चतुर सुजान कण कण भीतर है, बसे नील कंठ भगवान चंद्र चूड के त्रिनेत्र, उमा पति विश्वास शरणागत के ये सदा, काटे सकल क्लेश शिव द्वारे प्रपंच का, चल नहीं सकता खेल आग और पानी का, जैसे होता नहीं है मेल भय भंजन नटराज है, डमरू वाले नाथ शिव का वंधन जो करे, शिव है उनके साथ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय लाखो अश्वमेध हो, सोउ गंगा स्नान इनसे उत्तम है कही, शिव चरणों का ध्यान अलख निरंजन नाद से, उपजे आत्मा ज्ञान भटके को रास्ता मिले, मुश्किल हो आसान अमर गुणों की खान है, चित शुद्धि शिव जाप सत्संगती में बैठ कर, करलो पश्चाताप लिंगेश्वर के मनन से, सिद्ध हो जाते काज नमः शिवाय रटता जा, शिव रखेंगे लाज ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय शिव चरणों को छूने से, तन मन पवन होये शिव के रूप अनूप की, समता करे न कोई महा बलि महा देव है, महा प्रभु महा काल असुराणखण्डन भक्त की, पीड़ा हरे तत्काल शर्वा व्यापी शिव भोला, धर्म रूप सुख काज अमर अनंता भगवंता, जग के पालन हार शिव करता संसार के, शिव सृष्टि के मूल रोम रोम शिव रमने दो, शिव न जईओ भूल ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय Part शिव अमृत की पावन धारा धो देती है हर कष्ट हमारा शिव का कार्य सदा सदा सुखदायी शिव के बिन है कौन सहायी शिव की निशदिन निशदिन की जो भक्ति देंगे शिव हर भय से मुक्ति माथे धरो शिव नाम नाम नाम की धुली टूट जाएगी यम की सूली सूली शि...

शिव अमृतवाणी अनुराधा पौडवाल के द्वारा

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[Lyrics & PDF] शिव अमृतवाणी

आप अमृतवाणी के लिरिक्स पढ़ने के साथ ही लिरिक्स को PDF में भी डाउनलोड कर सकते है | PDF में डाउनलोड करने का लिंक नीचे दिया गया है | Shiv Amritwani Lyrics in Hindi ।। भाग १ ।। कल्पतरु पुन्यातामा, प्रेम सुधा शिव नाम हितकारक संजीवनी, शिव चिंतन अविराम पतिक पावन जैसे मधुर, शिव रसन के घोलक भक्ति के हंसा ही चुगे, मोती ये अनमोल जैसे तनिक सुहागा, सोने को चमकाए शिव सुमिरन से आत्मा, अध्भुत निखरी जाये जैसे चन्दन वृक्ष को, दस्ते नहीं है नाग शिव भक्तो के चोले को, कभी लगे न दाग ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ! दया निधि भूतेश्वर, शिव है चतुर सुजान कण कण भीतर है, बसे नील कंठ भगवान चंद्र चूड के त्रिनेत्र, उमा पति विश्वास शरणागत के ये सदा, काटे सकल क्लेश शिव द्वारे प्रपंच का, चल नहीं सकता खेल आग और पानी का, जैसे होता नहीं है मेल भय भंजन नटराज है, डमरू वाले नाथ शिव का वंधन जो करे, शिव है उनके साथ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ! लाखो अश्वमेध हो, सोउ गंगा स्नान इनसे उत्तम है कही, शिव चरणों का ध्यान अलख निरंजन नाद से, उपजे आत्मा ज्ञान भटके को रास्ता मिले, मुश्किल हो आसान अमर गुणों की खान है, चित शुद्धि शिव जाप सत्संगती में बैठ कर, करलो पश्चाताप लिंगेश्वर के मनन से, सिद्ध हो जाते काज नमः शिवाय रटता जा, शिव रखेंगे लाज ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ! शिव चरणों को छूने से, तन मन पवन होये शिव के रूप अनूप की, समता करे न कोई महा बलि महा देव है, महा प्रभु महा काल असुराणखण्डन भक्त की, पीड़ा हरे तत्काल शर्वा व्यापी शिव भोला, धर्म रूप सुख काज अमर अनंता भगवंता, जग के पालन हार शिव करता संसार के, शिव सृष्टि के मूल रोम रोम शिव रमने दो, शिव न जईओ भूल ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ! ।। भाग २ & ३ ।। शिव अमृत की पावन धारा, धो देती हर कष्ट...

Shiv Amritwani Lyrics in Hindi and English. शिव अमृतवाणी

शिव अमृतवाणी लिरिक्स हिंदी में (Shiv Amritwani Lyrics in Hindi) कल्पतरु पुन्यातामा, प्रेम सुधा शिव नाम हितकारक संजीवनी, शिव चिंतन अविराम पतिक पावन जैसे मधुर, शिव रसन के घोलक भक्ति के हंसा ही चुगे, मोती ये अनमोल जैसे तनिक सुहागा, सोने को चमकाए शिव सुमिरन से आत्मा, अध्भुत निखरी जाये जैसे चन्दन वृक्ष को, दस्ते नहीं है नाग शिव भक्तो के चोले को, कभी लगे न दाग ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ! दया निधि भूतेश्वर, शिव है चतुर सुजान कण कण भीतर है, बसे नील कंठ भगवान चंद्र चूड के त्रिनेत्र, उमा पति विश्वास शरणागत के ये सदा, काटे सकल क्लेश शिव द्वारे प्रपंच का, चल नहीं सकता खेल आग और पानी का, जैसे होता नहीं है मेल भय भंजन नटराज है, डमरू वाले नाथ शिव का वंधन जो करे, शिव है उनके साथ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ! लाखो अश्वमेध हो, सोउ गंगा स्नान इनसे उत्तम है कही, शिव चरणों का ध्यान अलख निरंजन नाद से, उपजे आत्मा ज्ञान भटके को रास्ता मिले, मुश्किल हो आसान अमर गुणों की खान है, चित शुद्धि शिव जाप सत्संगती में बैठ कर, करलो पश्चाताप लिंगेश्वर के मनन से, सिद्ध हो जाते काज नमः शिवाय रटता जा, शिव रखेंगे लाज ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ! शिव चरणों को छूने से, तन मन पवन होये शिव के रूप अनूप की, समता करे न कोई महा बलि महा देव है, महा प्रभु महा काल असुराणखण्डन भक्त की, पीड़ा हरे तत्काल शर्वा व्यापी शिव भोला, धर्म रूप सुख काज अमर अनंता भगवंता, जग के पालन हार शिव करता संसार के, शिव सृष्टि के मूल रोम रोम शिव रमने दो, शिव न जईओ भूल ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ! शिव अमृत की पावन धारा, धो देती हर कष्ट हमारा शिव का काज सदा सुखदायी, शिव के बिन है कौन सहायी शिव की निसदिन की जो भक्ति, देंगे शिव हर भय से मुक्ति माथे धरो शिव नाम...

SHIV AMRITWANI LYRICS शिव अमृतवाणी

कल्पतरु पुण्यात्मा प्रेम सुधा शिव नाम हितकारक संजीवनी शिव चिंतन अविराम पतिक पावन जैसे मधुर शिव रसना के घोल भक्ति के हंसा ही चुगे मोती ये अनमोल जैसे तनिक सुहागा सोने को चमकाए शिव सुमिरन से आत्मा अध्भुत निखरी जाये जैसे चंदन वृक्ष को दस्ते नहीं है नाग शिव भक्तो के चोले को कभी लगे न दाग ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय दया निधि भूतेश्वर शिव है चतुर सुजान कण कण भीतर है बसे नील कंठ भगवान चंद्र चूड के त्रिनेत्रा उमा पति विश्वास शरणागत के ये सदा काटे सकल क्लेश शिव द्वारे प्रपंच का चल नहीं सकता खेल आग और पानी का जैसे होता नहीं है मेल भय भंजन नटराज है डमरू वाले नाथ शिव का वंधन जो करे शिव है उनके साथ ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय लाखो अश्वमेध हो सो गंगा स्नान उनसे उत्तम है कही शिव चरणों का ध्यान अलख निरंजन नाद से उपजे आत्मा ज्ञान भटके को रास्ता मिले मुश्किल हो आसान अमर गुणों की खान है चित शुद्धि शिव जाप सत-संगत में बैठ कर करलो पश्चाताप लिंगेश्वर के मनन से सिद्ध हो जाते काज नमः शिवाय रटता जा शिव रखेंगे लाज ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय शिव चरणों को छूने से तन मन पावन होये शिव के रूप अनूप की समता करे न कोई महाबलि महादेव है महाप्रभु महाकाल असुरनिकंदन भक्त की पीड़ा हरे तत्काल शर्व व्यापी शिव भोला धर्म रूप सुख काज अमर अनंता भगवंता जग के पालन हार शिव करता संसार के शिव सृष्टि के मूल रोम रोम शिव रमने दो शिव न जईओ भूल ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय शिवअमृत की पावन धारा धो देती हर कष्ट हमारा शिव का काज सदा सुखदायी शिव के बिन है कौन सहायी शिव की निसदिन की जो भक्ति देंगे शिव हर भय से मुक्ति माथे धरो शिव नाम की धुली टूट जायेगी यम कि सूली शिव का साधक दुःख...