शिव चालीसा हिंदी मै

  1. श्री शिव चालीसा, Shri Shiv Chalisa, श्री शिव भगवान का चालीसा, शिव चालीसा, Shri Shiv Bhagwan Chalisa, श्री शिव चालीसा लिरिक्स, Shri Shiv Chalisa Lyrics, Shiv Chalisa In Hindi, भगवान शिव चालीसा हिंदी में, Bhagwan Shiv Chalisa Hindi Me, शिव चालीसा के फायदे, शिव चालीसा के फायदे, Shiv Chalisa Ke Labh, शिव चालीसा का अर्थ, Shiv Chalisa Ka Arth, श्री गणेश चालीसा पाठ, Shiv Chalisa Path In Hindi
  2. shiv ji ki chalisa to get blessings of bholenath recite shiv chalisa on every monday tvi
  3. Maha shivratri read here Shiv chalisa in hindi lyrics iin hindi
  4. शिव चालीसा हिंदी में पढ़ना है
  5. शिव चालीसा इन हिंदी
  6. शिव चालीसा हिंदी अर्थ सहित
  7. शिव चालीसा – laxmimata
  8. Shiva Chalisa Hindi PDF


Download: शिव चालीसा हिंदी मै
Size: 51.44 MB

श्री शिव चालीसा, Shri Shiv Chalisa, श्री शिव भगवान का चालीसा, शिव चालीसा, Shri Shiv Bhagwan Chalisa, श्री शिव चालीसा लिरिक्स, Shri Shiv Chalisa Lyrics, Shiv Chalisa In Hindi, भगवान शिव चालीसा हिंदी में, Bhagwan Shiv Chalisa Hindi Me, शिव चालीसा के फायदे, शिव चालीसा के फायदे, Shiv Chalisa Ke Labh, शिव चालीसा का अर्थ, Shiv Chalisa Ka Arth, श्री गणेश चालीसा पाठ, Shiv Chalisa Path In Hindi

श्री शिव चालीसा, Shri Shiv Chalisa, श्री शिव भगवान का चालीसा, शिव चालीसा, Shri Shiv Bhagwan Chalisa, श्री शिव चालीसा लिरिक्स, Shri Shiv Chalisa Lyrics, Shiv Chalisa In Hindi, भगवान शिव चालीसा हिंदी में, Bhagwan Shiv Chalisa Hindi Me, शिव चालीसा के फायदे, शिव चालीसा के फायदे, Shiv Chalisa Ke Labh, शिव चालीसा का अर्थ, Shiv Chalisa Ka Arth, श्री गणेश चालीसा पाठ, Shiv Chalisa Path In Hindi - The Public श्री शिव चालीसा, Shri Shiv Chalisa, श्री शिव भगवान का चालीसा, शिव चालीसा, Shri Shiv Bhagwan Chalisa, श्री शिव चालीसा लिरिक्स, Shri Shiv Chalisa Lyrics, Shiv Chalisa In Hindi, भगवान शिव चालीसा हिंदी में, Bhagwan Shiv Chalisa Hindi Me, शिव चालीसा के फायदे, शिव चालीसा के फायदे, Shiv Chalisa Ke Labh, शिव चालीसा का अर्थ, Shiv Chalisa Ka Arth, श्री गणेश चालीसा पाठ, Shiv Chalisa Path In Hindi शिव चालीसा के फायदे, शिव चालीसा के लाभ, Shiv Chalisa Ke Fayde माना जाता है कि सोमवार शिव चालीसा का पाठ करने से मनचाहा मनोकामना पूरी हो सकती हैं। भगवान शंकर को खुश करना बहुत ही आसान है। भगवान शंकर की मन से की गई भक्ति से आप मनचाहा वरदान पा सकती है। शिवजी के इसी भोले स्‍वभाव के कारण उन्‍हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। शिव चालीसा का पाठ से परिवार में सदैव सुख-शांति बनी रहती है और उस पर कभी कोई संकट नहीं आता है, उसे सुख वैभव की प्राप्ति होती है. शिव चालीसा के नियमित रूप से पाठ से आप प्रसन्न व संपन्न होंगे, घर में सुख समृद्धि आएगी और संतान की प्राप्ति इच्छा पूरी होती है. भगवान शिव चालीसा हिंदी में, Shiv Chalisa Hindi Me ।।दोहा।। श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ ॥ च...

shiv ji ki chalisa to get blessings of bholenath recite shiv chalisa on every monday tvi

शिवजी की चालीसा: भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रत्येक सोमवार को करें शिव चालीसा का पाठ सोमवार के दिन शिव चालीसा का पाठ श्रद्धापूर्वक करने से भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है. भगवान शिव पर आधारित 40 छन्दों से बनी शिव चालीसा लोकप्रिय प्रार्थना है. कई लोग प्रतिदिन अथवा महाशिवरात्रि सहित भगवान शिव को समर्पित अन्य त्योहारों पर शिव चालीसा का पाठ करते हैं. जय गिरिजा पति दीन दयाला।सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके।कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये।मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे।छवि को देखि नाग मन मोहे॥ मैना मातु की हवे दुलारी।बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे।सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ।या छवि को कहि जात न काऊ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा।तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ किया उपद्रव तारक भारी।देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ तुरत षडानन आप पठायउ।लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ आप जलंधर असुर संहारा।सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ किया तपहिं भागीरथ भारी।पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं।सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ वेद माहि महिमा तुम गाई।अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥ प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला।जरत सुरासुर भए विहाला॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई।नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा।जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ सहस कमल में हो रहे धारी।कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई।कमल नयन पूजन चहं सोई॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी।करत कृपा सब के घटवासी॥ दुष्ट सकल ...

Maha shivratri read here Shiv chalisa in hindi lyrics iin hindi

शिव चालीसा ॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ ॥चौपाई॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥ मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥ प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥ त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥ मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥ ध...

शिव चालीसा हिंदी में पढ़ना है

वेदों में शिव का अर्थ मंगलकारी बताया गया है। श्री शिव चालीसा भगवान शिव की स्तुति करने का एक सरल माध्यम है, जो भक्त सच्चे मन से इसका नियमित पाठ करता है, उसकी विभिन्न प्रकार की कामनाये पूर्ण होती है. विशेषकर जो व्यक्ति सोमवार को शिव चालीसा का पाठ करता है उसके सभी दुख व क्लेश नष्ट होने लगते है। भगवान भोलेनाथ करुणा के सागर वह अपने भक्तो पर सदैव करुणा बनाये रखते है. इसलिए शिव चालीसा का भजन करने से मस्तिष्क में भक्ति रस का उदय होकर मन शांत हो जाता है। भगवान शिव भी अपने सच्चे भक्तों का सदैव ध्यान रखते है, इसलिए भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते है। माना जाता है कि यदि कोई अविवाहित कन्या शिव की सच्चे अन्तःकरण से आरधाना करें और साथ ही सोमवार का व्रत भी रखें तो उसे शिव जैसा वर प्राप्त होता है। शिव अपने निर्धन भक्तों को धन धान्य से भर देते है और उनके सारे कष्टो को भी हर लेते है। जो व्यक्ति शिव की साधना करता है उसकी आत्मा निर्भीक हो जाती है और आत्मविश्वास में अपार वृद्धि होती है जिस कारण उसका जीवन सुखमय हो जाता है। श्री शिव चालीसा दोहा(Shiv Chalisa Doha) जय गणेश गिरिजा सुवन; मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम; देहु अभय वरदान ॥ शिव चालीसा चौपाई जय गिरिजा पति दीन दयाला |, सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।, कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।, मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।, छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ मैना मातु की हवे दुलारी ।, बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।, करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।, सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।, या छवि को कहि जात न काऊ ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा ।, तब ही द...

शिव चालीसा इन हिंदी

• शिव चालीसा में गणपति के पिता एवं गुरु शिव जी के गुणों का वर्णन चौपाइयों द्वारा किया गया है। शिव चालीसा पूरे भारत में प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय है। और लगभग सभी हिंदू शिव चालीसा का नित्य पाठ करते हैं। शिव चालीसा | Shiva chalisa ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ मैना मातु की हवे दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद माहि महिमा तुम गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला । जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी । करत कृपा सब के घट...

शिव चालीसा हिंदी अर्थ सहित

जब समुद्र का मंथन हो रहा था तब उसमें से अमृत के साथ विष की ज्वाला भी निकली। उस विष रूपी ज्वाला की लपट से देवतागण और दानव दोनों जलने लगे तथा जलन से व्याकुल हो उठे। उस संकट की घड़ी में केवल आप ही उनकी सहायता के लिए पहुंचे और सारा विष पीकर उनकी जान बचाई। इसी विष को पीने से आपका सारा शरीर नीला हो गया जिसके कारण आपको “नीलकंठ“ कहा जाने लगा। • Q.1 शिव चालीसा क्या है? शिव चालीसा • Q.2 शिव चालीसा का क्या महत्व है? शिव चालीसा में अपार आध्यात्मिक शक्ति है और भगवान शिव से आशीर्वाद लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह जीवन में शांति, समृद्धि और खुशी लाता है और किसी भी बाधा या कठिनाइयों को दूर करने में मदद कर सकता है। • Q.3 शिव चालीसा का पाठ कैसे किया जाता है? शिव चालीसा का पाठ आमतौर पर सुबह या शाम को स्नान करने और साफ कपड़े पहनने के बाद किया जाता है। यह भक्ति और एकाग्रता के साथ जप किया जाता है, और इसकी शक्ति से पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए प्रत्येक छंद के अर्थ को समझने की कोशिश करनी चाहिए। • Q.4 शिव चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होता है? कहा जाता है कि शिव चालीसा का पाठ करने से आध्यात्मिक विकास और ज्ञान, नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से सुरक्षा, और सभी प्रयासों में सफलता के लिए आशीर्वाद सहित कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। • Q.5 क्या कोई शिव चालीसा का पाठ कर सकता है? हां, कोई भी शिव चालीसा का पाठ कर सकता है, चाहे उसकी उम्र, लिंग या धार्मिक संबद्धता कुछ भी हो। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सच्ची भक्ति और विश्वास सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं। • Q.6 क्या शिव चालीसा का पाठ करने का कोई विशेष समय या अवसर है? शिव चालीसा का पाठ करने का कोई विशेष स...

शिव चालीसा – laxmimata

शिव चालीसा शिव चालीसा हिंदी मै, शिव चालीसा के फायदे, शिव चालीसा का अर्थ, शिव चालीसा shri shiv Chalisa, शिव चालीसा स्तुति, शिव चालीसा वीडियो डाउनलोड, शिव चालीसा pdf download, शिव चालीसा सुनाइए शिव चालीसा हिंदी मै, शिव चालीसा के फायदे, शिव चालीसा का अर्थ, शिव चालीसा shri shiv Chalisa, शिव चालीसा स्तुति, शिव चालीसा वीडियो डाउनलोड, शिव चालीसा pdf download, शिव चालीसा सुनाइए

Shiva Chalisa Hindi PDF

Shiva Chalisa Hindi Lyrics शिव चालीसा ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ मैना मातु की हवे दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद माहि महिमा तुम गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला । जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट ते मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता...