शिव चालीसा हिंदी में

  1. शिव चालीसा हिंदी में, अर्थ
  2. Shiv Chalisa in Hindi
  3. शिव चालीसा अर्थ सहित
  4. शिव चालीसा हिंदी अर्थ सहित, पाठ कैसे करें? (Shiv Chalisa in Hindi)
  5. शिव चालीसा, शिव स्तुति, सवैया हिंदी उच्चारण सहित व श्री शिवाष्टक (शिवपुराण) (Shiv Chalisa, Shiva Stuti, Sawaiah with Hindi pronunciation and Shri Shivashtak (Shiv Purana)) ~ BHAKT or BHAGWAN (भक्त और भगवान)
  6. शिव चालीसा पढ़ने के फायदे और नियम
  7. श्री शिव चालीसा पाठ हिंदी में
  8. शिव चालीसा


Download: शिव चालीसा हिंदी में
Size: 73.72 MB

शिव चालीसा हिंदी में, अर्थ

By Aug 8, 2020 शिवचालीसा (शाब्दिकरूपसेशिवपरचालीसचौपाई) एकभक्तिपूर्णस्तोत्रहैजोहिंदूदेवता, भगवानशिवकोसमर्पितहै।शिवपुराणकेअनुसार, इसमें 40 (चालिस) चौपाई (छंद) शामिलहैंऔरशिवयाशिवकेउपासकोंद्वाराप्रतिदिनयामहाशिवरात्रिजैसेविशेषत्योहारोंपरगाएजातेहैं। शिवचालीसा ॥दोहा॥ जयगणेशगिरिजासुवन, मंगलमूलसुजान। कहतअयोध्यादासतुम, देहुअभयवरदान॥ हेगिरिजापुत्रभगवानश्रीगणेशआपकीजयहो।आपमंगलकारीहैं, विद्वताकेदाताहैं, अयोध्यादासकीप्रार्थनाहैप्रभुकिआपऐसावरदानदेंजिससेसारेभयसमाप्तहोजांए। ॥चौपाई॥ जयगिरिजापतिदीनदयाला।सदाकरतसन्तनप्रतिपाला॥ भालचन्द्रमासोहतनीके।काननकुण्डलनागफनीके॥ हेगिरिजापतिहे, दीनहीनपरदयाबरसानेवालेभगवानशिवआपकीजयहो, आपसदासंतोकेप्रतिपालकरहेहैं।आपकेमस्तकपरछोटासाचंद्रमाशोभायमानहै, आपनेकानोंमेंनागफनीकेकुंडलडालरखेंहैं। अंगगौरशिरगंगबहाये।मुण्डमालतनक्षारलगाए॥ वस्त्रखालबाघम्बरसोहे।छविकोदेखिनागमनमोहे॥ आपकीजटाओंसेहीगंगाबहतीहै, आपकेगलेमेंमुंडमाल (मानाजाताहैभगवानशिवकेगलेमेंजोमालाहैउसकेसभीशीषदेवीसतीकेहैं, देवीसतीका 108वांजन्मराजादक्षप्रजापतिकीपुत्रीकेरुपमेंहुआथा।जबदेवीसतीकेपिताप्रजापतिनेभगवानशिवकाअपमानकियातोउन्होंनेयज्ञकेहवनकुंडमेंकुदकरअपनीजानदेदीतबभगवानशिवकीमुंडमालापूर्णहुई।इसकेबादसतीनेपार्वतीकेरुपमेंजन्मलियावअमरहुई) है।बाघकीखालकेवस्त्रभीआपकेतनपरजंचरहेहैं।आपकीछविकोदेखकरनागभीआकर्षितहोतेहैं। मैनामातुकीहवेदुलारी।बामअंगसोहतछविन्यारी॥ करत्रिशूलसोहतछविभारी।करतसदाशत्रुनक्षयकारी॥ मातामैनावंतीकीदुलारीअर्थातमातापार्वतीजीआपकेबांयेअंगमेंहैं, उनकीछविभीअलगसेमनकोहर्षितकरतीहै, तात्पर्यहैकिआपकीपत्नीकेरुपमेंमातापार्वतीभीपूजनीयहैं।आपकेहाथोंमेंत्रिशूलआपकीछविकोऔरभीआकर्षकबनाताहै।आपनेहमेशाशत्रुओंकानाशकियाहै। नन्दिगणेशसोहैतहँक...

Shiv Chalisa in Hindi

Shiv Chalisa (शिव चालीसा) is a devotional stotra dedicated to one of the supreme being of Shaivism and Hinduism Lord Shiva. It is recited to worship the Lord Shiva. Chalisa means fourty (40). Shri Shiv Chalisa consists of 40 verses dedicated to Lord Shiva. It is composed and written by the Saint Ayodhyadas according to Hindu scriptures. It is believed that Shiv Chalisa is adapted from the Shiv Purana. All mantra and stotra in Hinduism are composed in Sanskrit language. In this article we will talk about Shiv Chalisa text Lyrics in hindi. Shiv Chalisa is mostly recited on the holy occasion of Shivratri. भगवान शिव हिंदू धर्म और शैव समुदाय के प्रमुख देवता है | हिंदू शास्रो के अनुसार भगवान शिव को सृष्टी का संहारक माना जाता है | सनातन धर्म में प्राचीन साधु और ऋषियों ने मानवजाती के कल्याण हेतु बहुत सारे उपाय बताये है और भगवान से मंत्र सिद्धि हासिल की है | हिंदू धर्म में हर एक देवता का अपना बीज मंत्र, चालीसा, और स्तोत्र दिया गया है | और ऐसी मान्यता है की जो कोई भी व्यक्ति इन मंत्र, स्तोत्र, और चालीसा का पाठ करता है उसे भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है | ऐसे बहुत सारे मंत्र है जो की लोगो को पता नही है | जब चालीसा स्तोत्र का नाम आता है तो व्यक्ति को सिर्फ हनुमान चालीसा का पता होता है | लेकिन हिंदू धर्म में हर देवता का चालीसा स्तोत्र प्राचीन ग्रंथो में दिया गया है | इस आर्टिकल में हम shiv ji ki chalisa hindi likhit mein (in hindi written) देखेंगे | प्राचीन हिंदू ग्रंथो के अनुसार शिव चालीसा शिव पुराण से ली गई है और उसके रचयिता संत अयोध्यादास हैं | शिव चालीसा और शिव पुराण दोनों ही सं...

शिव चालीसा अर्थ सहित

( 0) शिव चालीसा अर्थ सहित – भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योंकि वो अपने भक्तो से जल्दी प्रसन्न हो जाते है, भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत ही सरल माना जाता है एक बार भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया जाए तो भक्त जनों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी चालीसा का पाठ करना अति लाभदायक होता है। 2.5 शिव चालीसा सम्पूर्ण : यह भी पढ़े – शिव चालीसा अर्थ सहित : जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम , देउ अभय वरदान ।। अर्थ – समस्त मंगलो के ज्ञाता गिरिजा सुत श्री गणेश की जय हो । मैं अयोध्यादस आपसे अभय होने का वर मांगता हूं । जय गिरिजापति दिनदयाला । सदा करत संतन प्रतिपाला । भाल चंद्रमा सोहत नी के । कानन कुंडल नागफनी के ।। अर्थ – दीनो पर दया करने वाले तथा संतों की रक्षा करने वाले, पार्वती के पति शंकर भगवान की जय हो, जिनके मस्तक पर चंद्रमा शोभायमान है और जिन्होंने कानों में नागफनी के कुंडल धारण किए हुए है । अंग गौर सिर गंग बहाए । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ।। वस्त्र ख़ाल बाघंबर सोहे । छवि को देखि नाग मुनि मोहे ।। अर्थ – जिनके अंग गौरवर्ण है, सिर से गंगा बह रही है, गले में मुण्ड माला है और शरीर पर भस्म लगी हुई है जिन्होंने बघांबर धारण किया हुआ है ऐसे शिवजी शोभा देकर नाग और मुनि भी मोहित हो जाते हैं । शिव चालीसा अर्थ सहित : मैना मातु कि हवै दुलारी । वाम अंग सोहत छवि न्यारी ।। कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी ।। अर्थ – महारानी मैना की दुलारी पुत्री पार्वती उनके वाभ भाग में सुशोभित हो रही है । जिनके हाथ का त्रिशूल अत्यंत सुंदर पतित हो रहा है, वही निरंतर शत्रुओं का विनाश करता रहता है । नन्दि गणेश सोहै तहं कैसे । सागर मध्...

शिव चालीसा हिंदी अर्थ सहित, पाठ कैसे करें? (Shiv Chalisa in Hindi)

Quick Links • • शिव चालीसा का पाठ कैसे करें? (Shiv Chalisa Path) • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहने। • अपना मुंह पूर्व दिशा में रखें और साफ आसन पर बैठें। • पूजा में धूप दीप सफेद चंदन माला और सफेद 5 फूल भी रखें और मिश्री को प्रसाद के लिए रखें। • पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलायें और एक लोटे में शुद्ध जल भरकर रखें। • भगवान शिव की शिव चालीसा का तीन बार पाठ करें। • शिव चालीसा का पाठ बोल बोलकर करें, जितने लोगों को यह सुनाई देगा उनको भी लाभ होगा। • शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें और भगवान शिव को प्रसन्न करें। • पाठ पूरा हो जाने पर लोटे का जल सारे घर मे छिड़क दें और थोड़ा सा जल स्वयं पी लें। • मिश्री प्रसाद के रूप में खाएं औऱ बच्चों में भी बांट दें। शिव चालीसा हिंदी अर्थ सहित (Shiv Chalisa in Hindi) ॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ अर्थ: हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए। ॥चौपाई॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अर्थ: हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं। अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥ अर्थ: आपकी जटाओं से ही गंगा बहती है, आपके गले में मुंडमाल (माना जाता है भगवान शिव के गले में जो माला है उसके सभी शीष द...

शिव चालीसा, शिव स्तुति, सवैया हिंदी उच्चारण सहित व श्री शिवाष्टक (शिवपुराण) (Shiv Chalisa, Shiva Stuti, Sawaiah with Hindi pronunciation and Shri Shivashtak (Shiv Purana)) ~ BHAKT or BHAGWAN (भक्त और भगवान)

• • • शिव चालीसा, शिव स्तुति, सवैया हिंदी उच्चारण सहित व श्री शिवाष्टक (शिवपुराण) (Shiv Chalisa, Shiva Stuti, Sawaiah with Hindi pronunciation and Shri Shivashtak (Shiv Purana)) शिव चालीसा, शिव स्तुति, सवैया हिंदी उच्चारण सहित व श्री शिवाष्टक (शिवपुराण) (Shiv Chalisa, Shiva Stuti, Sawaiah with Hindi pronunciation and Shri Shivashtak (Shiv Purana)) ।। ॐ नमः शिवाय ।। "शिव चालीसा हिंदी उच्चारण सहित " सूर्योदय से पूर्व स्नान कर श्वेत वस्त्र धारण करें, तत्पश्चात मृगचर्म या कुश के आसन पर बैठकर, भगवान शंकर की मूर्ति या चित्र तथा इस पुस्तक में बने शिव यंत्र को ताम्र पत्र पर खुदवाकर सामने रखें। फिर चंदन, चावल, आक के सफेद पुष्प, धूप, दीप, धतूरे का फल, बेल-पत्र तथा काली मिर्च आदि से पूजन करके शिवजी का ध्यान करते हुए निम्न श्लोक पढ़कर पुष्प समर्पित करें। कर्पूरगौरं करुणावतारं, संसार सारं भुजगेंद्रहारम्। सदा वसंतं हृदयारविंदे, भवं भवानी सहितं नमामि॥ इसके बाद पुष्प अर्पण करें फिर चालीसा का पाठ करें। पाठ के अंत में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का १०८ बार तुलसी या सफेद चंदन की माला से जप करें। जप के साथ अर्थ की भावना करने से कार्यसिद्धि जल्दी होती है। "प्रारंभ" जय गणेश गिरिजा सुवन । मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम । देउ अभय वरदान ।। अर्थ ;- समस्त मंगलों के ज्ञाता गिरिजा सुत श्री गणेश की जय हो। मैं अयोध्यादास आपसे अभय होने का वर मांगता हूं। जय गिरिजापति दीनदयाला। सदा करत संतन प्रतिपाला। भाल चंद्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के।। अर्थ ;- दीनों पर दया करने वाले तथा संतों की रक्षा करने वाले, पार्वती के पति शंकर भगवान की जय हो। जिनके मस्तक पर चंद्रमा शोभायमान है और जिन्होंने कानों में नागफनी के...

शिव चालीसा पढ़ने के फायदे और नियम

पढ़ें लाल रंग में अंकित Shiv Chalisa in Hindi अर्थ के साथ क्या है शिव चालीसा, शिव चालीसा पढ़ने के फायदे क्या हैं, कितना प्रभावी है शिव चालीसा, शिव चालीसा पढ़ने के नियम क्या हैं, कैसे और कितने दिनों में सिद्ध कर सकतें हैं शिव चालीसा को। ऐसे हीं कई सवालों के जबाब जानने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहें। शिव चालीसा क्या है शिव चालीसा के माध्यम से आप अपने आराध्य भगवान् शंकर को बड़े हीं आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार, शिव चालीसा के नित्य पाठ से व्यक्ति समस्त प्रकार के भय, रोग और दुःख से मुक्त हो जाता है। शिव चालीसा भगवान् शिव की स्तुति में लिखी गयी 40 चौपाइयों का संग्रह है जिसकी रचना संत अयोध्यादास ने की थी। शिव चालीसा पढ़ने के नियम हममे से कई लोग शिव चालीसा का पाठ तो करते हैं पर उन्हें पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं हो पाती है। इसका सिर्फ और सिर्फ एक हीं कारण है की आपने शिव चालीसा का पाठ नियम, भक्ति और आस्था पूर्वक नहीं किया है। अगर आप शिव चालीसा का पूर्ण फल पाना चाहतें हैं तो ये अनिवार्य हो जाता है की आपको श्री शिव चालीसा पढ़ने के नियम और विधि की सही जानकारी हो। तो आईये अब हम जानते है की शिव चालीसा पढ़ने के नियम और विधि क्या हैं जिससे हमें पूर्ण फल की प्राप्ति हो सकें। शिव चालीसा पढ़ने के नियम और विधि शिव चालीसा के पाठ के लिए सबसे उत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त को माना गया है, अतः कोशिश करें की आप सूर्योदय से पहले जाग जाएँ। स्नान-आदि से निवृत होने के बाद स्वक्ष वस्त्र धारण करें, भगवान् शिव के किसी भी पूजा में हमेशा हलके रंग के वस्त्रों का चुनाव करें। इस दिन गहरे रंग के कपड़े बिलकुल ना पहने। शिव चालीस के पाठ के लिए सफेद रंग के साफ सुथरे आसन या फिर कुश के आसन का प्रयोग करें। शिव ...

श्री शिव चालीसा पाठ हिंदी में

शिव चालीसा 2021 – भगवान भोलेनाथ जो की महादेव, शंकर भगवान, शिव आदि अनेकों नामों से जाने जाते है। जिनको प्रसन्न करके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्त शिव मूल मंत्र, महामृत्युंज मंत्र, शिव आरती आदि का पाठ करते है। ऐसा माना जाता है भोलेनाथ की शंकर चालीसा का पाठ करने से भी शिवजी जल्दी प्रसन्न होते है। वैदिक शास्त्रों के ज्ञाताओं के अनुसार, शिव चालीसा का पाठ (Shiv Chalisa in Hindi) नियमित करने वाले भक्तो पर भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। 1.2.1 Youtube Video of Shiv Chalisa with Hindi Lyrics By Ashwani Amarnath शिव चालीसा हिंदी में (Shiv Chalisa Lyrics in Hindi) श्री शिव चालीसा इन हिंदी – संपूर्ण शिव चालीसा (शंकर भगवान की चालीसा) का पाठ हिंदी में भक्तों के लिए उपलब्ध है। शिव जी की चालीसा का पाठ महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर सभी भक्तो के लिए Shiv Chalisa Hindi Main आप सभी को समर्पित है। श्री शिव चालीसा पाठ – Shri Shiva Chalisa in Hindi Text ॥शिव चालीसा दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ ॥श्री शिव चालीसा चौपाई॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥ मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि...

शिव चालीसा

लेख सारिणी • • • शिव चालीसा – Shiv Chalisha Lyrics शिव चालीसा (Shiv Chalisha) के माध्यम से दुखों को भूला शिव चालीसा आरती (Shiv Chalisa Lyrics) की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा पाठ (Shiv Chalisa Hindi Lyrics) करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है. Shiv Chalisa in Hindi – शिव चालीसा हिंदी में ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ मैना मातु की हवे दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद माहि महिमा तुम गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला । जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभ...