शिव रात्रि कब है 2023

  1. 2023 में महाशिवरात्रि कब है New Delhi, India में
  2. Shiv Navratri 2023: जानें कब से शुरू हो रही है शिव नवरात्रि, इस विधि से करें शिव पूजा और रुद्र पाठ
  3. June 2023 Weekly Vrat Tyohar: कब है योगिनी एकादशी, मिथुन संक्रांति, मासिक शिवरात्रि, सूर्य गोचर? देखें सप्ताह के व्रत
  4. Masik Shivratri 2023 Date Time image Rituals importance Significance puja vidhi Shivratri totke
  5. Maha Shivratri 2023: जानें कब है महा शिवरात्रि व्रत तिथि व पूजा मुहूर्त


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2023 में महाशिवरात्रि कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में महाशिवरात्रि कब है व महाशिवरात्रि 2023 की तारीख व मुहूर्त। महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है। दक्षिण भारतीय पंचांग (अमावस्यान्त पंचांग) के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यह पर्व मनाया जाता है। वहीं उत्तर भारतीय पंचांग (पूर्णिमान्त पंचांग) के मुताबिक़ फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का आयोजन होता है। पूर्णिमान्त व अमावस्यान्त दोनों ही पंचांगों के अनुसार महाशिवरात्रि एक ही दिन पड़ती है, इसलिए अंग्रेज़ी कैलेंडर के हिसाब से पर्व की तारीख़ वही रहती है। इस दिन शिव-भक्त मंदिरों में शिवलिंग पर बेल-पत्र आदि चढ़ाकर पूजा, व्रत तथा रात्रि-जागरण करते हैं। महाशिवरात्रि व्रत का शास्त्रोक्त नियम महाशिवरात्रि व्रत कब मनाया जाए, इसके लिए शास्त्रों के अनुसार निम्न नियम तय किए गए हैं - 1. चतुर्दशी पहले ही दिन निशीथव्यापिनी हो, तो उसी दिन महाशिवरात्रि मनाते हैं। रात्रि का आठवाँ मुहूर्त निशीथ काल कहलाता है। सरल शब्दों में कहें तो जब चतुर्दशी तिथि शुरू हो और रात का आठवाँ मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में ही पड़ रहा हो, तो उसी दिन शिवरात्रि मनानी चाहिए। 2. चतुर्दशी दूसरे दिन निशीथकाल के पहले हिस्से को छुए और पहले दिन पूरे निशीथ को व्याप्त करे, तो पहले दिन ही महाशिवरात्रि का आयोजन किया जाता है। 3. उपर्युक्त दो स्थितियों को छोड़कर बाक़ी हर स्थिति में व्रत अगले दिन ही किया जाता है। शिवरात्रि व्रत की पूजा-विधि 1. मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहिए। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए। 2. शिव पुराण का ...

Shiv Navratri 2023: जानें कब से शुरू हो रही है शिव नवरात्रि, इस विधि से करें शिव पूजा और रुद्र पाठ

डीएनए हिंदी: शिवभक्तों का सबसे खास महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का पर्व आने वाला है. साल 2023 में यह त्योहार 18 फरवरी को शनिवार के दिन मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) के दिन मां पार्वती और भगवान शिव जी की पूजा-अर्चना की जाती है. महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का दिन तो शिवभक्तों के लिए खास होता है लेकिन इस त्योहार से पहले के 9 दिन भी बहुत खास होते हैं. महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) से पहले शिव नवरात्रि (Shiv Navratri 2023) का पर्व मनाया जाता है. उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Mahakaleshwar Jyotirlinga) में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) और शिव नवरात्रि (Shiv Navratri 2023) का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. शिव नवरात्रि (Shiv Navratri 2023) के दौरान 9 दिनों तक महाकाल का अलग-अलग रूपों में शृंगार किया जाता है. इस दिन से मनाई जाएगी शिव नवरात्रि 2023 (Shiv Navratri 2023 Date) महाशिवरात्रि से पहले शिव नवरात्रि का पर्व उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. शिव नवरात्रि पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि से त्रयोदशी तक मनाई जाती है. इस साल महाशिवरात्रि 10 फरवरी से 17 फरवरी के बीच मनाई जाएगी और उसके बाद 18 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि के दौरान महाकाल को शेषनाग, मनमहेश, चंद्रमौलेश्वर, शिव तांडव, उमा महेश, होल्कर, घटाटोप और सप्त धान मुखारविंद आदि रूपों में सजाया जाता है. यह भी पढ़ें - शिव नवरात्रि पूजा विधि (Shiv Navratri 2023 Puja Vidhi) - शिव नवरात्रि के पहले दिन यानी 10 फरवरी को जल्दी उठकर स्नान करें. स्नान के बाद व्रत और...

June 2023 Weekly Vrat Tyohar: कब है योगिनी एकादशी, मिथुन संक्रांति, मासिक शिवरात्रि, सूर्य गोचर? देखें सप्ताह के व्रत

इस सप्ताह में सूर्य का राशि परिवर्तन होगा. सूर्य देव मिथुन रा​शि में गोचर करेंगे. योगिनी एकादशी व्रत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. मिथुन संक्रांति 15 जून गुरुवार को शाम 06 बजकर 29 मिनट पर है. जून 2023 का तीसरा सप्ताह आज 11 जून रविवार से प्रारंभ हुआ है. 11 जून से 17 जून के बीच योगिनी एकादशी, गुरु प्रदोष, आषाढ़ मासिक शिवरात्रि, आषाढ़ दर्श अमावस्या जैसे व्रत और पर्व आने वाले हैं. इस सप्ताह में ही सूर्य की मिथुन संक्रांति भी है. जिस दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने का विधान है. इससे पुण्य प्राप्त होता है. इस सप्ताह में सूर्य का राशि परिवर्तन होगा. सूर्य देव मिथुन रा​शि में गोचर करेंगे. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि इस सप्ताह के ये व्रत-त्योहार कब और किस दिन हैं? इनका क्या महत्व हैं? जून 2023 साप्ताहिक व्रत और त्योहार 14 जून, दिन-बुधवार: योगिनी एकादशी व्रत योगिनी एकादशी व्रत 2023: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है. इस साल योगिनी एकादशी व्रत 14 जून को हे. उस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं. भगवान विष्णु की कृपा से पाप मिट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से 80 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का पुण्य फल प्राप्त होता है. जो इस व्रत की कथा को सुनता है, उसे भी पुण्य मिलता है. यह भी पढ़ें: 15 जून, दिन-गुरुवार: मिथुन संक्रांति, गुरु प्रदोष व्रत, सूर्य गोचर मिथुन संक्रांति 2023: सूर्य की मिथुन संक्रांति 15 जून गुरुवार को है. उस दिन मिथुन संक्रांति का क्षण शाम को 06 बजकर 29 मिनट पर है. इस दिन मिथुन संक्रांति का पुण्यकाल और महा पुण्यकाल शाम 06 बजकर 19...

Masik Shivratri 2023 Date Time image Rituals importance Significance puja vidhi Shivratri totke

Masik Shivratri 2023 Date Time image Rituals importance Significance puja vidhi Shivratri totke | Masik Shivratri: मासिक शिवरात्रि पर महादेव की करें ऐसे पूजा, जानें रात्रि में शिव जी की पूजा का महत्व | Hindi News, Himachal Pradesh Masik Shivratri: मासिक शिवरात्रि पर महादेव की करें ऐसे पूजा, जानें रात्रि में शिव जी की पूजा का महत्व Masik Shivratri 2023 Date: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि हर माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के अवसर पर मध्यरात्रि भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से भक्तों पर महादेव की असीम कृपा बनती है. साथ ही शिव जी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं. Jai Shree Ram: देखें प्रभु श्री राम की अलौकिक और भव्य तस्वीर बता दें, मासिक शिवरात्रि का व्रत पुरुष और महिलाएं दोनों रखती हैं. ये व्रत कुंवारी कन्या भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रख सकती है. रखती हैं. बता दें, इस बार आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि गुरुवार 16 जून को पड़ रही है. शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 39 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 17 जून को सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक पर खत्म होगी. मान्यता के अनुसार, ऐसा बताया गया है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने वाले भक्तों पर भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की हमेशा कृपा बनीं रहती है. साथ ही घर परिवार में और गृहस्थ जीवन में खुशहाली आती है. पूजा करते वक्त पढ़ें ये मंत्र ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ. ऊँ नम: शिवाय. ओम साधो जातये नम:. जानें रात्रि में शिव जी की पूजा का महत्व बता...

Maha Shivratri 2023: जानें कब है महा शिवरात्रि व्रत तिथि व पूजा मुहूर्त

हिंदुओं का सबसे पवित्र एवं प्रमुख पर्व हैं महाशिवरात्रि। वर्ष 2023में कब है महाशिवरात्रि का पर्व? क्या है इस पर्व का महत्व? जानने के लिए पढ़ें। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का त्यौहार हिन्दुओं के सर्वाधिक पवित्र एवं महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है जो देवो के देव "महादेव" को समर्पित होता हैं। पुराणों, वेदों और हिन्दू धर्म शास्त्रों में भगवान शिव के महात्म्य का वर्णन किया गया है। शिवशंकर की आराधना के लिए हर दिन शुभ होता है लेकिन सोमवार, सावन,शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि 2023तिथि एवं पूजा मुहूर्त 9वाँ मार्च को, शिवरात्रि पारण समय - 06:41 ए एम से 03:36 पी एम रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 06:33 पी एम से 09:35 पी एम रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:35 पी एम से 12:37 ए एम, मार्च 09 रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 12:37 ए एम से 03:39 ए एम, मार्च 09 रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:39 ए एम से 06:41 ए एम, मार्च 09 27वाँ फरवरी को, शिवरात्रि पारण समय - 06:50 ए एम से 08:54 ए एम रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 06:29 पी एम से 09:34 पी एम रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:34 पी एम से 12:39 ए एम, फरवरी 27 रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 12:39 ए एम से 03:45 ए एम, फरवरी 27 रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:45 ए एम से 06:50 ए एम, फरवरी 27 16वाँ फरवरी को, शिवरात्रि पारण समय - 06:59 ए एम से 03:32 पी एम रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 06:23 पी एम से 09:32 पी एम रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:32 पी एम से 12:41 ए एम, फरवरी 16 रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 12:41 ए एम से 03:50 ए एम, फरवरी 16 रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:50 ए एम से 06:59 ए एम, फरवरी 16 7वाँ मार्च को, श...