Shivaji ke putra ka kya naam tha

  1. chhatrapati shivaji history : श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास
  2. चन्द्रगुप्त मौर्य का इतिहास
  3. History of india : Chhatrapati shivaji or unka rajya ,छत्रपति शिवाजी का इतिहास
  4. शिवाजी महाराज का इतिहास
  5. Shivaji Ke Guru Ka Naam Kya Tha


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chhatrapati shivaji history : श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास

भारत के वीर सपूतों में से एक श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में सभी लोग जानते हैं। बहुत से लोग इन्हें हिन्दू हृदय सम्राट कहते हैं तो कुछ लोग इन्हें मराठा गौरव कहते हैं, जबकि वे भारतीय गणराज्य के महानायक थे। छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म सन्‌ 19 फरवरी 1630 में मराठा परिवार में हुआ। कुछ लोग 1627 में उनका जन्म बताते हैं। उनका पूरा नाम शिवाजी भोंसले था। शिवाजी पिता शाहजी और माता जीजाबाई के पुत्र थे। उनका जन्म स्थान पुणे के पास स्थित शिवनेरी का दुर्ग है। राष्ट्र को विदेशी और आतताई राज्य-सत्ता से स्वाधीन करा सारे भारत में एक सार्वभौम स्वतंत्र शासन स्थापित करने का एक प्रयत्न स्वतंत्रता के अनन्य पुजारी वीर प्रवर शिवाजी महाराज ने भी किया था। इसी प्रकार उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता-सेनानी स्वीकार किया जाता है। महाराणा प्रताप की तरह वीर शिवाजी राष्ट्रीयता के जीवंत प्रतीक एवं परिचायक थे। आओ जानते हैं श्रीमंत छत्रपति वीर शिवाजी के बारे में। मुस्लिम विरोधी नहीं थे शिवाजी : शिवाजी पर मुस्लिम विरोधी होने का दोषारोपण किया जाता रहा है, पर यह सत्य इसलिए नहीं कि उनकी सेना में तो अनेक मुस्लिम नायक एवं सेनानी थे ही, अनेक मुस्लिम सरदार और सूबेदारों जैसे लोग भी थे। वास्तव में शिवाजी का सारा संघर्ष उस कट्टरता और उद्दंडता के विरुद्ध था, जिसे औरंगजेब जैसे शासकों और उसकी छत्रछाया में पलने वाले लोगों ने अपना रखा था। 1674 की ग्रीष्म ऋतु में शिवाजी ने धूमधाम से सिंहासन पर बैठकर स्वतंत्र प्रभुसत्ता की नींव रखी। दबी-कुचली हिन्दू जनता को उन्होंने भयमुक्त किया। हालांकि ईसाई और मुस्लिम शासक बल प्रयोग के जरिए बहुसंख्य जनता पर अपना मत थोपते, अतिरिक्त कर लेते थे, जबकि शिवाजी के शासन में इन द...

चन्द्रगुप्त मौर्य का इतिहास

चन्द्रगुप्तमौर्यभारतीयइतिहासकेसबसेप्रसिद्धशासकथे, जिन्हेंआजकईसदियोंबादभीलोगजानतेहैंऔरउनकेपराक्रमकीप्रशंसाकिएबिनानहींरहपातेहैं।चन्द्रगुप्तमौर्यभारतकेसबसेसशक्तऔरमहानशासकोंमेंसेएकथे, जिन्होंनेअपनेअद्भुतसाहस, कुशलरणनीतिसेनसिर्फभारतबल्किइसकेआसपासकेकईदेशोंपरभीराजकियाथा। चन्द्रगुप्तमौर्यकेराज्यारोहणकीतिथिसाधारणतः 324 ईसापूर्वकीमानीजातीहै, उन्होंनेलगभग 24 सालोतकशासनकियाऔरइसप्रकारउनकेशासनकाअंतप्रायः 297 ईसापूर्वमेंहुआ।चन्द्रगुप्तमौर्यनेअपनेअद्भुतशासनकालमेंमौर्यसाम्राज्यकाविस्तारकश्मीरसेलेकरदक्षिणकेडेक्कनतकऔरपूर्वकेअसमसेपश्चिमकेअफगानिस्तानतककियाथाऔर चन्द्रगुप्तमौर्यएकऐसेयोद्धाथे, जिन्होंनेसंपूर्णभारतकोएकसाम्राज्यकेअधीनलानेमेंसफलरहे।महानपराक्रमीऔरशक्तिशालीचन्द्रगुप्तमहाननेसिर्फअपनीबदौलतभारतकेअलग-अलगस्वतंत्रराज्योंकोएककरनेमेंअपनीमहत्वपूर्णभूमिकानिभाईऔरभारतदेशमेंसभीकोएकजुटकरएकताकेसूत्रमेंबांधा।हालांकि, राज्योंकोएकीकृतकरनेमेंसत्यपुत्र, चोल, कलिंग, चेराऔरपंडयाकेतमिलक्षेत्रोंकोशामिलनहींकियागयाथा। हालांकि, बादमेंचन्द्रगुप्तमौर्यजीकेपोतेसम्राटअशोकनेकरीब 260 ईसापूर्वमेंकलिंगमेंविजयहासिलकीथा, वहींइसविजयकेबादहीसम्राटअशोकएकनिर्दयीऔरक्रूरशासकसेएकपरोपकारीऔरदयालुशासकबनगएथे।चन्द्रगुप्तमौर्यकेअद्भुततेजऔरशौर्यकोदेखकरचाणक्यजैसेबुद्धिजीवीभीहक्का-बक्कारहजातेथे। चन्द्रगुप्तजीबचपनसेहीविलक्षणप्रतिभाकेधनीथे, उनमेंएकआदर्श, सफल, सच्चेऔरईमानदारशासककेसभीगुणविद्यमानथे।वहींचाणक्य, सम्राटचन्द्रगुप्तमौर्यकेगुरुथे, जिनसेचन्द्रगुप्तमौर्यनेसामाजिकऔरराजनीतिशिक्षाग्रहणकीथी।आइएजानतेहैंइतिहासकेइसमहानयोद्धाचन्द्रगुप्तमौर्यकेबारेमें– चन्द्रगुप्तमौर्यकाइतिहास– Chandragupta Maurya History in Hindi पूरानाम (Name) चन्द्रगुप्तमौ...

History of india : Chhatrapati shivaji or unka rajya ,छत्रपति शिवाजी का इतिहास

Shivaji ka jivan parchay - 16 sadi ke shuruati saalo me Bhosle parivar ek sthaniya nIwasI hone ka fatwa uthate hue ahmadnagar ke rajy sainik or rajniteek labh kiye to ek nai ladaku jaati ki shuruat hui jisko "maratha "kaha gaya . in logo ne kai marathao ko sainki or sardaro ke rup me bharti kiye . Shivaji bhosle or jijabai ke putra the. Shivaji ka janm 19 feb 1630 b.c me shivneri ke durg me hua tha . Shivaji ki parvarish pune me unki maa or ek yogy brahman or dadaji kounddev ki dekhrekh me hua . dada kound dev ne Shivaji ko ek anubhavi yodha or saksham shasak banaya . Shivaji guru ramdas jike dhamrk prabhav me bhi rahe . Shivaji ke jivan ki mukhya ghattnaye - 1674 me raigad me Shivaji nekhud ko marahta rajya ks raja ghoshit kar diya . or chhatrapati ki upadhi grahan ki . unka rajyabhishek mughal samrajy ke liye ek chunoti ban gaya . rqjyabhishek ke baad unhone nav nirmit Hindvi swarjyke shasak ke rup me Hendv dharm uddarak (hindu astha ka santakshak ) ki upadhi grahan ki . is rajyabhshek ke baad Shivaji ko bhu rajasva pr logo par kat lagane ka adhikar mil gaya . goulkund ke kutubshahi shasako ki sandhi- is sandhi ke sahyog se unhone Bijapur ,karnatak (1676-79) par chadhai ki . jinji , villore or karnatak ke kai kile jit liye . Shivaji ka shasan - shivaji ka shasan dakkan ke shasan se prabhavit tha . unhone 8 mantriyo ko niyukt kiya jo usko rajy ke karyo me salaah dete the. peshva- sabse pramukh pradhan mantri ,jo vittiy or saamany shasan ki dekhrekh karte the. sainapati- s...

शिवाजी महाराज का इतिहास

Chhatrapati Shivaji Maharaj History in Hindi भारतीयइतिहासमेंकईऐसेपराक्रमीराजाहुएजिन्होनेंअपनीमातृभूमिकेलिएअपनीजानकीबाजीतकलगादी।लेकिनकभीदुश्मनोंकेआगेघुटनेनहींटेके।औरजबभीहमवीरपराक्रमीराजाओंकीबातकरतेहैतोहमारीजुबांपरपहलानामछत्रपतिशिवाजीमहाराजकाआताहै।जिन्होनेंमुगलोंकेआनेकेबाददेशमेंढलतीहिंदुऔरमराठासंस्कृतिकोनईजीवनीदी। छत्रपतिशिवाजीमहाराज– Shivaji Maharajकोभारतीयगणराज्यकामहानायकऔरमराठासाम्राज्यकागौरवमानाजाताहै।शिवाजीमहाराजअत्यंतबुद्धिमानी, शौर्य, निडर, सर्वाधिकशक्तिशाली, बहादुरऔरएकबेहदकुशलशासकएवंरणनीतिज्ञथे।उन्होंनेअपनेकौशलऔरयोग्यताकेबलपरमराठोंकोसंगठितकरमराठासाम्राज्यकीस्थापनाकीथी। भारतकेमहानवीरसपूतऔर Shivaji Maharajकीवीरताकीकहानीअद्भुतहै, उनकेजीवनसेनसिर्फलोगोंकोआगेबढ़नेकीप्रेरणामिलतीहैबल्किराष्ट्रप्रेमकीभावनाभीप्रज्वलितहोतीहै। आजहमआपकोइसलेखमेंमराठासाम्राज्यकेसंस्थापकछत्रपतिशिवाजीमहाराज– Shivaji Maharaj केजीवनऔर शिवाजीमहाराजकाइतिहास– Shivaji Maharaj History in Hindi छत्रपतिशिवाजीमहाराजकेबारेमें– Shivaji Maharaj Information in Hindi पूरानाम (Name) शिवाजीराजेभोंसले ( छत्रपतिशिवाजीमहाराज) जन्म (Birthday) 19 फ़रवरी 1630 ( Shiv Jayanti) जन्मस्थान शिवनेरीदुर्ग, महाराष्ट्र मृत्यु (Death) 3 अप्रैल 1680, पिताकानाम (Father Name) शाहजीराजेभोंसले माताकानाम (Mother Name) जीजाबाई शादी (Wife Name) सईबाईनिम्बालकर पुत्र-पुत्री (Childrens) • संभाजी, • राजाराम, • सखुबाई, • रानुबाई, • राजकुंवरबाई, • दिपाबाई, • कमलाबाई, • अंबिकाबाई। छत्रपतिशिवाजीमहाराजकाराज्याभिषेक (Rajyabhishek) 6 जून, साल 1674 को छत्रपतिशिवाजीमहाराजकाशुरुआतीजीवन– Shivaji Maharaj Biography in Hindi हमारेभारतमेंसमय-समयपरकईवीरऔरमहानपुर...

Shivaji Ke Guru Ka Naam Kya Tha

समर्थ गुरु रामदास नामक व्यक्ति छत्रपति शिवाजी के गुरु थे। और ऐसा माना जाता है कि शिवाजी के यह आध्यात्मिक गुरु थे, हालांकि उन्होंने छत्रपति शिवाजी को बहुत सारी जानकारी दिए और उनको साहस और पराक्रम के राह पर चलने की राह भी दिखाई। छत्रपति शिवाजी ने अपने जीवन में एक और व्यक्ति को गुरु माना है जिनका नाम दादाजी कोंडदेव है। वह भी गुरु रामदास की तरह ही थे। कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना था कि समर्थ गुरु रामदास अपने सभी शिष्यों में से छत्रपति शिवाजी को अधिक स्नेह और प्रेम किया करते थे। और उनका अधिक ध्यान इन्हीं पर रहा करता था और रहा बात छत्रपति शिवाजी महाराज का तो वह भी गुरु के समान रामदास जी को पूजते थे और उनकी आदर करते थे। छत्रपति शिवाजी महाराज अपने जीवन में बहुत से लोगों को गुरु मानते थे और उनकी पूजा भी किया करते थे। उनके दिलों में संत के लिए काफी स्नेह और प्रेम भावनाए मौजूद थी और वह अपने भावनाओं का आदर भी करते थे और वह हर एक संत, साधु, महात्मा की मदद भी किया करते थे। हालांकि इतिहास में इस बात को पूरी तरह से पुष्टि नहीं की गई है कि रामदास जी ही छत्रपति शिवाजी के गुरु थे। बस लोग वर्षों से ऐसा मानते आ रहे हैं इसी के आधार पर हम भी आपको बता रहे हैं। समर्थ रामदास जी कौन थे ? समर्थ रामदास जी महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध संत थे यह प्राचीन काल में काफी जाने माने व्यक्ति थे। ऐसा माना जाता है कि यह छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु भी थे। आपको मालूम होगा कि संत और गुरुओं की भूमि है महाराष्ट्र और उन्ही संतो में से एक संत हैं रामदास स्वामी। समर्थ रामदास जी को राष्ट्र गुरु के नाम से भी जाना जाता है, रामदास जी का पूरा नाम नारायण सूर्यजी पंत कुलकर्णी था। समर्थ गुरु रामदास जी का जन्म 1608 ईस्वी को हुआ था...