शिवरात्रि कब है

  1. महाशिवरात्रि 2023 कब है? समय, शुभ मुहूर्त और शुभ त्योहार के बारे में
  2. Ashadha Masik Shivratri 2023 Date Shubh Muhurat Lord Shiva Puja At Night Significance
  3. Shivratri 2021: When Is Mahashivratri? Date, Time, Significance Of Fasting
  4. Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि कब है? जानें तिथि, पूजा विधि और 4 पहर की पूजा का सही समय
  5. Maha Shivratri 2022: इस दिन है महाशिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का समय
  6. mahashivratri 2022 live updates date kab hai shivratri subh muhrat paran time pujan samagri aarti and mantra sry
  7. सावन की शिवरात्रि कब है 2023?
  8. Masik Shivratri 2023 : जानें कब है मासिक शिवरात्रि, इस विधि से करें पूजा, सभी मनोकामना होगी पूरी


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महाशिवरात्रि 2023 कब है? समय, शुभ मुहूर्त और शुभ त्योहार के बारे में

महाशिवरात्रि हाइलाइट • महाशिवरात्रि शब्द "शिव की महान रात" दो संस्कृत शब्दों से लिया गया है - "महा", जिसका अर्थ है महान, "शिव" भगवान शिव का जिक्र है, और "रात्रि" का अर्थ है रात, जिसका अर्थ है भगवान शिव की रात। • महाशिवरात्रि के खास मौके पर भक्त, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं। महाशिवरात्रि महिलाओं के लिए विशेष रूप से शुभ पर्व माना जाता है। महाशिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जिसे हर साल दुनिया भर के हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का त्यौहार हर साल चंद्र माह की 13वीं या 14वीं रात या हिंदू कैलेंडर के अनुसार अमावस्या से एक दिन पहले आता है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर में फरवरी या मार्च के महीने में आता है। महाशिवरात्रि शब्द "शिव की महान रात" दो संस्कृत शब्दों से लिया गया है - "महा", जिसका अर्थ है महान, "शिव" भगवान शिव का जिक्र है, और "रात्रि" का अर्थ है रात, जिसका अर्थ है भगवान शिव की रात। ऐसा माना जाता है कि इस रात को, भगवान शिव ने "तांडव" नृत्य किया, एक नृत्य जो निर्माण, संरक्षण और विनाश का प्रतीक है। इसलिए, त्योहार को भगवान शिव के भक्तों के लिए एक अत्यंत शुभ माना जाता है। सामग्री की तालिका • 2023 में महाशिवरात्रि कब है? | महाशिवरात्रि 2023 तारीख • महाशिवरात्रि 2023 का समय/मुहूर्त दिल्ली समय के अनुसार • कैसे मनाएं महाशिवरात्रि? • महाशिवरात्रि का महत्व • महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है? | महाशिवरात्रि की कहानियां • महाशिवरात्रि 2023 पर बैंक अवकाश 2023 में महाशिवरात्रि कब है? | महाशिवरात्रि 2023 तारीख महाशिवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जो हर साल हिंदू धर्म के सर्वोच्च देवता माने जाने वाले भगवान शिव के सम्मान मे...

Ashadha Masik Shivratri 2023 Date Shubh Muhurat Lord Shiva Puja At Night Significance

Ashadha Masik Shivratri 2023: त्रिनेत्रधारी भगवान शंकर को भोलेनाथ कहा गया है, शिव मन के भोले हैं. कहते हैं जो सच्चे मन से एक लोटा जल शिवलिंग पर अर्पित कर दे तो महादेव उसके समस्त कष्ट हर लेते हैं. वैसे तो हर सोमवार शिव जी को समर्पित है लेकिन हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि महादेव को प्रसन्न करने के लिए उत्तम मानी गई है, इस तिथि के मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. शिव की प्रिय शिवरात्रि तिथि पर रात्रि में जागरण कर पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त होता है. आइए जानते हैं आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि व्रत की डेट, मुहूर्त और पूजा विधि. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 डेट (Ashadha Masik Shivratri 2023 Date) आषाढ़ महीने की मासिक शिवरात्रि का व्रत 16 जून 2023 को रखा जाएगा. समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है. इस तिथि पर शिव जी का विवाह हुआ था वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर पहली बार महादेव का शिवलिंग के रूप में प्राक्ट्य माना जाता है. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 मुहूर्त (Ashadha Masik Shivratri 2023 Muhurat) पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 जून 2023 को सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर होगा और इसकी समाप्ति 17 जून 2023 को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर पर होगी. • शिव पूजा का समय - 17 जून 2023, प्रात: 12.02 - प्रात: 12.42 रात्रि में क्यों होती है शिव पूजा (Shiv Puja at Night Significance) चतुर्दशी तिथि पर रात्रि में शिव का विवाह हुआ था. शिव संहार के देवता है, इसलिए उन्हें रात्रि प्रिय है. रात्रि संहार काल की प्रति...

Shivratri 2021: When Is Mahashivratri? Date, Time, Significance Of Fasting

इन दिनों हम सभी अपने पसंदीदा मौसम वसंत का मजा लें रहे हैं जिनमें दिन लंबे और सुखद भरे हो जाते हैं. भारत में वसंत का मौसम त्योहारों से भरा होता है, महाशिरात्रि उन्हीं में से एक है. महाशिवरात्रि जिसका मतलब है 'शिव की महान रात', हिंदुओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन भगवान शिव के भक्त शिवरात्रि का व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ अपने ईष्ट से प्रार्थना करते हैं. इस मंदिरों में खूब सजावट ​की जाती है और सारा दिन भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है. मंदिरों शिवलिंग का महाअभिषेक होता है, दूध, फल और बेल के पत्तों सहित कई प्रकार का प्रसाद भोलेनाथ को अर्पित करते हैं. सारा दिन उपवास करने के बाद ही भगवान शिव के भक्त शाम को सात्विक भोजन ग्रहण कर अपना उपवास तोड़ते हैं. 11 मार्च 2021 गुरुवार को महाशिवरात्रि निशित ,काल पूजा का समय - दोपहर 12:06 बजे से 12:54 बजे, 12 मार्च तक 12 मार्च को, शिवरात्रि पराना समय - प्रातः 06:33 से प्रातः 03:02 तक रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का समय - प्रातः 06:26 से प्रातः 09:28 तक रत्रि दूसरी प्रहर पूजा का समय - प्रातः 09:28 से 12:30 बजे, 12 मार्च रात्रि तृतीय प्रहर पूजा का समय - दोपहर 12:30 से रात 03:32 बजे, 12 मार्च रात्रि चौथा प्रहर पूजा का समय - प्रातः 03:32 से 06:33 AM, 12 मार्च चतुर्दशी तिथि शुरू होती है - 02:39 PM 11 मार्च, 2021 को चतुर्दशी तिथि समाप्त - 03:02 PM 12 मार्च, 2021 को (स्रोत: द्रिकपंचाग डॉटकॉम) महाशिवरात्रि का महत्व | शिवरात्रि पर लोग उपवास क्यों करते हैं शिवरात्रि भारत के सबसे पुराने त्योहारों में से एक है. शिवरात्रि के साथ बहुत ही बाते हैं, कुछ लोग कहते हैं कि यह एक वह रात है जब शिव ने सृष्टि, संरक्षण और विनाश का स्वर्गीय नृत्य किय...

Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि कब है? जानें तिथि, पूजा विधि और 4 पहर की पूजा का सही समय

Maha Shivratri 2022: भगवान शिव की आराधना के लिए महाशिवरात्रि को विशेष माना गया है.शिवरात्रि के मुख्य पर्व साल में दो बार व्यापक रुप से मनाया जाता है. एक फाल्गुन के महीने में तो दूसरा श्रावण मास में. फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. महाशिवरात्रि के दिन लोग व्रत रखते हैं और पूरे विधि विधान से शंकर भगवान की पूजा करते हैं. Maha Shivratri 2022: भगवान शिव का दिन महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ये पर्व मनाया जाता है. इस बार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा 1 मार्च,2022 दिन मंगलवार को होगी. मान्यता है कि इस दिन पूजा-आराधना से माता पार्वती और भोले बाबा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. आइये जानते हैं महाशिवरात्रि का महत्व व पूजा का शुभ मुहूर्त... महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त (Maha Shivratri Puja Shubh Muhurat) 1 मार्च को ये शिवरात्रि सुबह 3 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर बुधवार 2 मार्च को सुबह 10 तक रहेगी. रात्रि की पूजा शाम को 6 बजकर 22 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 33 मिनट तक होगी. शिवरात्रि में जो रात का समय होता है उसमें चार पहर की पूजा होती है. महाशिवरात्रि चार पहर की पूजा का समय (Mahashivratri 2022 Char Pahar Puja Timings) 1: पहले पहर की पूजा- 1 मार्च, 2022 शाम 6:21 मिनट से रात्रि 9:27 मिनट तक. 2: दूसरे पहर की पूजा- 1 मार्च रात्रि 9:27 मिनट से 12: 33 मिनट तक. 3: तीसरे पहर की पूजा- 1 मार्च रात्रि 12:33 मिनट से सुबह 3 :39 मिनट तक. 4: चौथे प्रहर की पूजा- 2 मार्च सुबह 3:39 मिनट से 6:45 मिनट तक. व्रत पारण का शुभ समय- 2 मार्च, 2022 दिन बुधवार को 6 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. महाशिवरात्रि की प...

Maha Shivratri 2022: इस दिन है महाशिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का समय

• • Faith Hindi • Maha Shivratri 2022: इस दिन है महाशिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का समय Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि पर चारों पहर होती है शिव की पूजा, जानें समय और शुभ मुहूर्त Maha Shivratri 2022: हर साल शिवरात्रि दो बार मनाई जाती है. फाल्गुन मास में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. इस साल यह शिवरात्रि 1 मार्च,2022 को मनाई जा रही है. जानते हैं शुभ मुहूर्त और चारों पहर की पूजा का समय... Maha Shivratri 2022 Maha Shivratri 2022: भगवान शिव के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) का दिन किसी त्यौहार से कम नहीं होता. शिवरात्रि साल में दो बार आती है. पहली शिवरात्रि फाल्गुन के महीने में आती है तो दूसरी शिवरात्रि श्रावण मास में मनाई जाती है. जो शिवरात्रि फाल्गुन के महीने में आती है उसे महाशिवरात्रि कहा जाता है. महाशिवरात्रि पर देवों के देव महादेव की पूजा कर भक्त व्रत रखते हैं और शंकर भगवान (Shiv Puja) की पूजा करते हैं. Also Read: • • • इस साल महाशिवरात्रि 1 मार्च, 2022 दिन मंगलवार को मनाई जा रही है. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त महाशिवरात्रि पर सच्चे मन से भगवान शिव और पार्वती की पूजा करते हैं साथ ही विधिपूर्वक व्रत (Maha Shivratri Vrat) संपन्न करते हैं, भगवान शिव और पार्वती उनकी सभी मनोकामनाएं को पूरा करती हैं. इस दिन महाशिवरात्रि की पूजा चारों पहर की जाती है. यहां हम जानेंगे महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त और चारों पहर की जाने वाली पूजा का समय (Maha Shivratri Timings) क्या है? महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 1 – महाशिवरात्रि आरंभ तिथि – 1 मार्च, 3.16 मिनट (सुबह) 2 – महाशिवरात्रि समापन तिथि – 2 मार्च, 10.00 (सुबह) महाशिवरात्रि के चारों पहर की पूजा का शुभ समय...

mahashivratri 2022 live updates date kab hai shivratri subh muhrat paran time pujan samagri aarti and mantra sry

Maha Shivratri 2022 Date: महाशिवरात्रि कब है? जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार,महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 01 मार्च, मंगलवार को है. महाशिवरात्रि 2022 पूजा विधि और शुभ मुहूर्त जान लें. • महाशिवरात्रि पर प्रात: स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. फिर पूजा आरंभ करें. • व्रत में नियमों का कठोरता से पालन करने से इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है. • साथ ही महाशिवरात्रि के व्रत का पारण भी विधिपूर्वक करना चाहिए. • सूर्योदय और चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य समय में ही व्रत पारण करना चाहिए. पौराणिक धार्मिक मान्यता के अनुसार निशित रात्रि के एक कल्पित पुत्र का नाम है, जिसका अर्थ होता है तीक्ष्ण रात्रि. शिवरात्रि पर रात्रि के समय महादेव की पूजा करने के लिए निशित काल सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. पौराणिक मान्यताएं कहती हैं कि जब भगवान शिव शिवलिंग के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुए तब वह निशित काल ही समय था. यही कारण है कि शिव जी के मंदिरों में लिंगोद्भव पूजा का अनुष्ठान इसी समय में किया जाता है। इसके अलावा यह दिन भगवान शिव के विवाह का दिन है इसलिए रात्रि में जागकर चारों प्रहर पूजा करने का विधान है. अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किये होने चाहिए. शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप जरूर करें. सुविधानुसार माला पर भी जप कर सकते हैं. अब आप भगवान शिव की धूप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें. शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें. महा...

सावन की शिवरात्रि कब है 2023?

सवाल: सावन की शिवरात्रि कब है 2023? सावन की शिवरात्रि एक ऐसा पर्व है जिसमें भगवान शिव की पूजा की जाती है। सावन की शिवरात्रि 2023 में 21 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन, भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र, फूल, चंदन, सिन्दूर, अक्षत, मोली, धूप-दीप, प्रसाद आदि का अभिषेक करते हैं। सावन की शिवरात्रि का महत्व है कि इस दिन पूजा करने से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है, संकटों से रक्षा होती है, सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, संतान की प्राप्ति होती है, स्वास्थ्य में सुधार होता है, मन में शांति होती है, और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Masik Shivratri 2023 : जानें कब है मासिक शिवरात्रि, इस विधि से करें पूजा, सभी मनोकामना होगी पूरी

नई दिल्ली : Masik Shivratri 2023 : हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि हर माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के अवसर पर मध्यरात्रि भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से भक्तों पर विशेष कृपा बनी रहती है और व्यक्ति की सभी मनोकामना भी पूरी हो जाती है, साथ ही सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है. मासिक शिवरात्रि का व्रत पुरुष और महिलाएं दोनों रखती हैं. ये व्रत कुंवारी कन्या भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं. बता दें, इस बार आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि दिांक 16 जून को सुबह 08 बजकर 39 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 17 जून तो सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर समाप्ति होगी. ये भी पढ़ें - जानें मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि दिनांक 16 जून दिन शुक्रवार को सुबह 8 बजकर 39 बजे से लेकर अगले दिन दिनांक 17 जून दिन शनिवार को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर होगा. इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से जल्द शुभ फल की प्राप्ति होती है. भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती व्यक्ति को हर कष्ट से बचाते हैं शिव पुराण के अनुसार, ऐसा बताया गया है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने वाले भक्तों पर भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की हमेशा कृपा बनीं रहती है और उन्हें सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन रात्रि में पूजा करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है. इस दिन करें इन मंत्रों का जाप, भगवान शिव जल्द होंगे प्रसन्न ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय । ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा । ॐ इं क्षं मं औं अं । ॐ प्रौं ह्रीं ठः ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय ...