तवांग मोनेस्ट्री

  1. बेहद ही खूबसूरत है भारत का तवांग, अब चीन की है इस पर बुरी नजर
  2. इलाहाबाद किला (प्रयागराज किला) के बारे में पूरी जानकारी
  3. Tawang तवांग
  4. आनंद भवन इलाहाबाद
  5. भारत के टॉप 20 हिल स्टेशन
  6. Buddha Purnima 2018: भारत के मशहूर बौद्ध मंदिर और मोनेस्ट्री


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बेहद ही खूबसूरत है भारत का तवांग, अब चीन की है इस पर बुरी नजर

बेहद ही खूबसूरत है भारत का तवांग, अब चीन की है इस पर बुरी नजर तवांग एशिया का सबसे बड़ा मठ माना जाता है जो कि करीब 400 साल पुराना है और समुन्द्र दल से 3000 किलोमीटर ऊँचाई पर है हालाँकि इस मठ को दुनिया का सबसे बड़ा और दूसरे नंबर का दर्जा दिया गया है बता दें कि यह मठ 300 से भी अधिक बौध भिक्षुओ के आश्रय स्थल के रूप में माना जाता है नई दिल्ली :अरुणाचल प्रदेश में एक फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन है जिसका नाम तवांग मोनेस्ट्री है जानकारी के लिए आपको बता दें कि इसको गोल्डन नामग्याल ल्हासे भी कहा जाता है .जानकारी के मुताबिक चीन और भारत की हुई झड़प के बाद यह तवांग मोनेस्ट्री एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गयी है हालाँकि इस मोनेस्ट्री को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद भी चल रहे हैं जिसके कारण तवांग मोनेस्ट्री में भारतीय सेना की आवाजाही लगी ही रहती है बता दें कि तवांग मोनेस्ट्री बौध मठो के लिए काफी ज्यादा मशहुर है हालाँकि इस बौध मठ की खूबसूरती का भी कोई जवाब नही है यह का प्राकर्तिक सौन्दर्य ,बर्फीले पहाड़ और हरी भरी वादियाँ पर्यटको का मन मोह लेती हैं तो आइये जानते हैं इस जगह के बारे में थोड़ा विस्तार से एशिया का सबसे बड़ा मठ है तवांग जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह तवांग एशिया का सबसे बड़ा मठ माना जाता है जो कि करीब 400 साल पुराना है और समुन्द्र दल से 3000 किलोमीटर ऊँचाई पर है हालाँकि इस मठ को दुनिया का सबसे बड़ा और दूसरे नंबर का दर्जा दिया गया है बता दें कि यह मठ 300 से भी अधिक बौध भिक्षुओ के आश्रय स्थल के रूप में माना जाता है बता दें कि यहाँ की झील और झरने की भी खूबसूरती बेमिशाल है जो कि लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है ऐसे में लोग इस जगह पर घुमने फिरने और पिकनिक मनाने भी आते हैं तवांग की नदियां...

इलाहाबाद किला (प्रयागराज किला) के बारे में पूरी जानकारी

3/5 - (2 votes) Allahabad Fort in Hindi इलाहाबाद किला उत्तर-भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में दो पवित्र नदियों (गंगा और यमुना) के संगम के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध किला है जिसे “प्रयागराज किला” के नाम से भी जाना जाता है। इलाहाबाद किला अकबर द्वारा निर्मित अब तक का सबसे बड़ा किला है। यह प्रसिद्ध आकर्षण दुनिया भर के हजारों पर्यटकों को न केवल इसके ऐतिहासिक महत्व के लिए बल्कि इसकी वास्तुकला की भव्यता के लिए भी आकर्षित करता है। हालांकि किला आम जनता के लिए बंद है, इसे 12 साल में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के दौरान ही पर्यटकों के लिए खोला जाता है। यह किला अपने अक्षयवट वृक्ष (बरगद के पेड़) के लिए भी जाना जाता है, जो एक किंवदंती के अनुसार, स्थानीय लोगों द्वारा मोक्ष प्राप्त करने के लिए आत्महत्या करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। इस लेख में आगे हम इलाहाबाद किला का इतिहास, रहस्य, वास्तुकला और इससे जुड़ी अन्य सभी महत्वपूर्ण बातों के बारे में बात करने वाले है इसीलिए यदि आप इलाहाबाद किले में बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े – Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • इलाहाबाद किले का इतिहास – History of Allahabad Fort in Hindi Image Credit : Jagadeesh Reddy Pabbathi इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के अनुसार इलाहाबाद किले का निर्माण 1583 में मुगल सम्राट अकबर द्वारा करवाया गया था। उस समय इस किले का नाम इलाहबास (“अल्लाह द्वारा आशीर्वाद”) रखा, जिसे बाद में “इलाहाबाद” के नाम से जाना गया। इलाहाबाद किला अकबर द्वारा निर्मित सबसे बड़ा किला है। स्थानीय प्रयागवाल ब्राह्मणों के अनुसार कहा जाता है की अकबर को इस किले के निर्माण में काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ा था क्यों...

Tawang तवांग

तवांग पर्यटन स्थळ भारताच्या अरुणाचल प्रदेश राज्यातील उत्तर-पश्चिम भागात आहे, जे भूतानच्या सीमेला लागून आहे. तवांग समुद्रसपाटीपासून 2669 मीटर उंचीवर आहे. तवांग हे पर्यटन स्थळ दलाई लामा यांचे जन्मस्थान म्हणूनही ओळखले जाते. तवांगमध्ये अनेक आकर्षक मठ आहेत, ज्यांचे बौद्ध भिक्खूंसाठी खूप महत्त्व आहे. तवांग ही धार्मिक महत्त्वाची भूमी आहे जी तेथील नैसर्गिक सौंदर्य आणि पवित्र स्थळांमुळे पर्यटकांचे आवडते ठिकाण बनले आहे. दूरदूरवरून पर्यटक येथे भेट देण्यासाठी येतात. तुम्हालाही तवांग शहर आणि त्यातील प्रमुख पर्यटन स्थळांबद्दल अधिक माहिती मिळवायची असेल, तर आमचा लेख नक्कीच वाचा. तवांगच्या इतिहासाची पानं उलटल्यावर आपल्याला तवांगच्या उगमाची माहिती अस्पष्ट असल्याचे दिसून येते. मध्ययुगीन काळात तवांग हा तिबेट राज्याचा महत्त्वाचा भाग होता. या जागेवर येथील स्थानिक आदिवासी राज्यकर्त्यांची सत्ता आहे. 1873 मध्ये ब्रिटीश सरकारने हे क्षेत्र हद्दबंदी घोषित केले होते. 1947 मध्ये भारताला स्वातंत्र्य मिळाल्यापासून हा प्रदेश भारत आणि चीन यांच्यातील वादाचा विषय राहिला आहे. त्यामुळे चिनी सैन्याने 1962 मध्ये तवांगवर हल्ला केला होता, मात्र भारतीय लष्कराच्या प्रत्युत्तराच्या कारवाईमुळे चिनी सैन्याने माघार घेतली. तवांग मठाला गोल्डन नामग्याल ल्हासे म्हणूनही ओळखले जाते, हे तवांग पर्यटनाचे प्रमुख आकर्षण आहे. तवांग मठ अरुणाचल प्रदेशातील प्रमुख रत्नांपैकी एक आहे. हे आकर्षक ठिकाण समुद्रसपाटीपासून सुमारे 3,000 मीटर उंचीवर आहे आणि ल्हासा मठ पहिल्या स्थानावर असले तरी जगातील दुसऱ्या क्रमांकाच्या मठाचा दर्जा प्राप्त करते. मठाचा इतिहास दर्शवतो की तो 400 वर्षे जुना आहे आणि ती एक मोठी हवेली म्हणून बांधली गेली होती ज्यामध्ये ...

आनंद भवन इलाहाबाद

5/5 - (1 vote) Anand Bhawan Allahabad in Hindi : आनंद भवन नेहरू परिवार का पूर्व निवास है जिसे अब भारत में स्वतंत्रता आंदोलन के युग के विभिन्न कलाकृतियों और लेखों को दर्शाने वाले संग्रहालय में बदल गया है। बता दे इस दो मंजिला भवन को व्यक्तिगत रूप से मोतीलाल नेहरू द्वारा डिजाइन किया गया था। यह भवन चीन और यूरोप से आयातित लकड़ी के फर्नीचर और दुनिया भर से विभिन्न कलाकृतियों के साथ खूबसूरती से सुशोभित है। आनंद भवन का न केवल इसके निर्माण के कारण बल्कि, भारत के इतिहास में प्रमुख भूमिका के लिए एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक मूल्य है। यहाँ कई प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दौरा किया गया था ताकि अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने के लिए योजना बनाई जा सके। आनंद भवन में म्यूजियम के साथ साथ जवाहर तारामंडल भी स्थित है जो अपने कार्यक्रमों के माध्यम से जनता के बीच वैज्ञानिक स्वभाव को विकसित करने का प्रयास कर रहा है। यदि आप आनंद भवन इलाहाबाद के बारे में और अधिक विस्तार जे जानना चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े – Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • आनंद भवन का इतिहास – History of Anand Bhawan i n Hindi Image Credit : Vineet यदि हम आनंद भवन के इतिहास पर नजर डालें तो आनंद भवन का इतिहास आज से लगभग 100 साल पुराना है जब इसे राजनीतिक नेता मोतीलाल नेहरू ने 1930 के दशक में नेहरू परिवार के निवास के रूप में सेवा करने के लिए खरीदा था,जब मूल हवेली स्वराज भवन (जिसे पहले आनंद भवन कहा जाता था) को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थानीय मुख्यालय में बदल दिया गया था। लगभग 40 बर्ष निवास करने के बाद 1970 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आनंद भवन को भारत सरकार को दान कर दिया गया था। ताकि...

भारत के टॉप 20 हिल स्टेशन

5/5 - (1 vote) Top 20 Hill Stations of India in Hindi : भारत दुनिया के सबसे खूबसूरत क्षेत्रों में से एक है जो अपनी मनोरम पहाड़ियों, खूबसूरत झीलों, बर्फीली चोटियों और अपने खूबसूरत परिदृश्यो के लिए जाना जाता है। यदि आप भारत की खूबसूरत वादियों, मनमोहनीय नजारों और प्राकृतिक सुन्दरता से रूबरू होना चाहते है भारत के प्रमुख हिल स्टेशन से अच्छी और कोई जगह हो ही नही सकते है। भारत के टॉप हिल स्टेशन है अपने इन्ही आकर्षणों के कारण हर लाखों भारतीय और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में कामयाब होते है,जिससे इनकी खूबसूरती और लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। भारत के प्रमुख हिल्स स्टेशन चाहे फ्रेंड्स के साथ एडवेंचर टूर पर जाना हो, फैमली और बच्चो के साथ वीकेंड या वेकेशन पर या फिर अपने लाइफ पार्टनर के साथ हनीमून पर सभी पर्यटकों के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन के रूप में कार्य करते है। वैसे तो भारत में छोटे बड़े अनगिनत हिल स्टेशन है लेकिन यदि आप अपनी ट्रिप के लिए किसी अच्छे हिल स्टेशन को सर्च कर रहें है तो आप भारत के टॉप 20 हिल स्टेशन में से किसी एक को पिक कर सकते है जिनके बारे में आगे इस लेख में हम विस्तार से जानने वाले है – शिमला के प्रमुख पर्यटक स्थल • • • माल रोड • जाखू हिल • • • • क्राइस्ट चर्च • समर हिल • चैल • अर्की किला एक्टिविटीज एट शिमला हिल स्टेशन • टॉय ट्रेन राइड • शॉपिंग • ट्रेकिंग • स्कीइंग, • पैराग्लाइडिंग शिमला हिल स्टेशन घूमने जाने का सबसे अच्छा समय : • नवम्बर से फरबरी के मध्य नैनीताल हिल स्टेशन – Nainital Hill Station in Hindi कुमाऊं पहाड़ियों के बीच में स्थित यदि आप अपनी फैमली, फ्रेंड्स या खासकर अपनी वाइफ के साथ हनीमून पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो नैनीताल हिल स्टेशन भार...

Buddha Purnima 2018: भारत के मशहूर बौद्ध मंदिर और मोनेस्ट्री

30 अप्रैल को है बुद्ध पूर्णिमा 2018 नई दिल्ली: बौद्ध धर्म का जन्म भारत में ही हुआ था. बुद्ध का जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था. भगवान बुद्ध को नारायण का अवतार माना जाता है, इसलिए बौद्ध धर्म के साथ-साथ हिन्दू धर्म में भी भगवान बुद्ध का महत्व माना गया है. देश में बुद्ध के लिए कई मंदिर और मोनेस्ट्री बनाए गए, इनमें से कुछ को ध्वस्त भी कर दिया गया. लेकिन अब भी देश में कई मशहूर बौद्ध मंदिर, स्तूप और मोनेस्ट्री मौजूद हैं, जो आज तीर्थ स्थल हैं. इस साल बुद्ध पूर्णिमा 30 अप्रैल 2018 को है. इस मौके पर आप भी जानिये बुद्ध के उन मशहूर मंदिरों के बारे में. यहां बुद्ध ने ‘बोध’ प्राप्त किया था. भारत के बिहार में स्थित गया स्टेशन से यह स्थान 7 मील दूर है. 2. तवांग मोनेस्ट्री यह अरुणाचल प्रदेश में स्थित है. दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोनेस्ट्री है. यह तवांग नदी के किनारे बना है. यहां कम से 300 मॉन्क रहते हैं. 3. थिकसे मोनेस्ट्री यह लेह से 18 किलोमीटर दूर बना है. इंडस नदी की पहाड़ियों पर. इसे साल 1430 में बनाया गया था. यह लद्दाख का सबसे बड़ा बौद्ध मोनेस्ट्री है. इस एक मोनेस्ट्री में 10 मंदिर बने हुए हैं. 4. नामग्याल मोनेस्ट्री यह हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में है. यहां 200 मॉन्क रहते हैं. दलाई लामा भी यहीं रहते हैं. धर्मशाला में यह आकर्षण का केंद्र है. 5. घुम मोनेस्ट्री पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग से 8 किलोमीटर दूरी पर है यह. यह 15 फूट लंबी बुद्ध की मूर्ति है. 6. माइंडरोलिंग मोनेस्ट्री उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित इस मोनेस्ट्री बहुत महत्व है और लोग दूर-दूर से इसके दर्शन के लिए आते हैं. यहां बुद्ध की 107 फीट लंबी मूर्ति है...