श्लेष अलंकार के 50 उदाहरण

  1. श्लेष अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण
  2. श्लेष अलंकार
  3. Shlesh Alankar
  4. अलंकार
  5. श्लेष अलंकार किसे कहते हैं? उदाहरण, परिभाषा, शब्द, वाक्य, अर्थ shlesh alankar in hindi, examples
  6. अलंकार Alankar In Hindi
  7. अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण, परिभाषा, भेद, वाक्य
  8. Slesh alankar
  9. अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण, परिभाषा, भेद, वाक्य
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श्लेष अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

इस पेज पर आप श्लेष अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए। पिछले पेज पर हमने चलिए आज हम श्लेष अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं। श्लेष अलंकार किसे कहते हैं ‘श्लेष’ का मतलब होता है मिला हुआ या चिपका हुआ। श्लेष अलंकार में ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है, जिनके एक नहीं बल्कि अनेक अर्थ होते हैं। जहाँ पर कोई एक शब्द एक ही बार आये लेकिन उसके अर्थ अलग अलग निकलें वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है। इनमें दो बातें आवश्यक है। 3. चिरजीवौ जोरी जुरै, क्यों न सनेह गँभीर। को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के बीर। श्लेष अलंकार के प्रकार श्लेष के दो प्रकार होते हैं। • अभंग श्लेष अलंकार • सभंग श्लेष अलंकार 1. अभंग श्लेष अभंग श्लेष में शब्दों को बिना तोड़े अनेक अर्थ निकलते हैं। जैसे :- रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गये न ऊबरै, मोती, मानुस, चून।। यहाँ ‘पानी’ के अनेक अर्थ है। इसके तीन अर्थ हैं- कांति, सम्मान और जल। 2. सभंग श्लेष सभंग श्लेष में शब्दों को तोड़ना आवश्यक होता है। जैसे :- सखर सुकोमल मंजु, दोषरहित दूषण सहित। यहाँ ‘सखर’ का मतलब कठोर तथा दूसरा अर्थ दूषण के साथ (स+खर) है। यह दूसरा अर्थ ‘सखर’ को तोड़कर किया गया है, इसलिए यहाँ ‘सभंग श्लेष’ अलंकार है।

श्लेष अलंकार

Shlesh alankar: नमस्कार दोस्तों ! हिंदी विज़न में आपका स्वागत है। आज हम बात करने वाले हैं 'श्लेष अलंकार' की। जैसा कि आप जानते ही होंगे कि वह तत्व जो काव्य की शोभा को बढ़ा देते हैं अलंकार कहलाते हैं। अलंकार के प्रकार के होते हैं जिनमे से श्लेष अलंकार भी एक है। श्लेष अलंकार शब्दालंकार और अर्थालंकार दोनो के अंतर्गत आता है। कई बार ऐसा होता है कि श्लेष अलंकार को समझने में छात्रों को काफी परेशानी होती है। हां तो दोस्तों आशा करते हैं कि आपको हमारी आज की यह पोस्ट "Shlesh alankar"पसंद आई होगी। आज की इस पोस्ट में हमने जाना कि 'श्लेष अलंकार की परिभाषा'और श्लेष अलंकार के उदाहरणदोस्तों हमने इस पोस्ट में यही प्रयास किया है की आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी सरल भाषा मे बता सकें। फिर भी अगर आपके मन मे कोई सवाल हो तो हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं।

Shlesh Alankar

Learn श्लेष अलंकार की परिभाषा ‘श्लेष’ का अर्थ चिपकना। जिस शब्द में एकाधिक अर्थ हों, उसे ही श्लिष्ट शब्द कहते हैं। श्लेष के दो भेद होते हैं–शब्द-श्लेष और अर्थ-श्लेष (a) शब्द श्लेष : जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है, वहाँ शब्द-श्लेष होता है। जैसे- रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।। यहाँ दूसरी पंक्ति में ‘पानी’ श्लिष्ट शब्द है, जो प्रसंग के अनुसार तीन अर्थ दे। रहा है- मोती के अर्थ में – चमक मनुष्य के अर्थ में – प्रतिष्ठा और चूने के अर्थ में – जल इस एक शब्द के द्वारा अनेक अर्थों का बोध कराए जाने के कारण यहाँ श्लेष (b) अर्थ श्लेष : जहाँ सामान्यतः एकार्थक शब्द के द्वारा एक से अधिक अर्थों का बोध हो, उसे अर्थ-श्लेष कहते हैं। जैसे- नर की अरु नलनीर की गति एकै कर जोय। जेतो नीचो ह्वै चले, तेतो ऊँचो हो।। उक्त उदाहरण की दूसरी पंक्ति में ‘नीचो हवै चले’ और ऊँचो होय’ शब्द सामान्यतः एक ही अर्थ का बोध कराते हैं, लेकिन ‘नर’ और ‘नलनीर’ के प्रसंग में दो भिन्नार्थों की प्रतीति कराते हैं। कुछ अन्य उदाहरण : (a) पी तुम्हारी मुख बास तरंग आज बौरे भौरे सहकार। बौर-भौंर के प्रसंग में मस्त होना आम के प्रसंग में–मंजरी निकलना (b) जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। बारे उजियारे करै, बढ़े अँधेरो होय।। ‘बारे’ का अर्थ-जलाना और बचपन ‘बढ़े’ का अर्थ-बुझने पर और बड़े होने पर (c) जो घनीभूत पीड़ा थी मस्तक में स्मृति-सी छाई। दुर्दिन में आँसू बनकर आज बरसने आई।। ‘घनीभूत’ के अर्थ–इकट्ठी और मेघ बनी हुई दुर्दिन के अर्थ-बुरे दिन और मेघाच्छन्न दिन। (d) रावन सिर सरोज बनचारी चलि रघुवीर सिलीमुख धारी। सिलीमुख’ के अर्थ-बाण, भ्रमर (e) सुबरन को ढूँढ़त फिरत कवि, व्यभिचारी, चोर। ‘सु...

अलंकार

काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्वों को अलंकार कहते हैं। प्रस्तुत लेख में class 9 से class 12 तक के छात्रों के लिए अलंकार को आसान भाषा में तैयार किया गया है। एवं इसे प्रतियोगी परीक्षार्थी भी पढ़ सकते हैं। अलंकार की परिभाषा अलंकार शब्द का अर्थ है आभूषण। जिस प्रकार आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़ जाती है। उसी प्रकार अलंकारों (alankar in Hindi) से काव्य की शोभा बढ़ जाती है। “किसी बात को इस ढंग से प्रस्तुत करना, कि जिससे शब्द या अर्थ में एक प्रकार का चमत्कार उत्पन्न हो जाए। एवं काव्य का सौंदर्य बढ़ जाए, तब इसे काव्य का अलंकार alankar kise kahate Hain कहते हैं।” अलंकार के दो भेद या प्रकार होते हैं। 1. शब्दालंकार 2. अर्थालंकार 1. शब्दालंकार जिन अलंकारों के प्रयोग से शब्द सौंदर्य में वृद्धि आ जाती है। उन्हें शब्दालंकार कहते हैं। अनुप्रास, यमक और श्लेष आदि शब्दालंकार हैं। अनुप्रास अलंकार जहां एक ही व्यंजन की बार-बार आवृत्ति हो, वहां अनुप्रास अलंकार होता है। अनुप्रास अलंकार का उदाहरण कानन कठिन भयंकर भारी। घोर घाम हिम वारि बयारि।। स्पष्टीकरण ⇒ प्रस्तुत उदाहरण में क, भ, र, घ, म व्यंजनों की एक से ज्यादा बार आवृत्ति हुई है। अतः अनुप्रास अलंकार है। Note – अनुप्रास अलंकार के पांच भेद होते हैं। 1. छेकानुप्रास 2. वृत्त्यनुप्रास 3. श्रुत्त्यनुप्रास 4. लाटानुप्रास 5. अन्त्त्यनुप्रास Note – उदाहरण के बाद स्पष्टीकरण जरूर करना चाहिए। इससे आपको पूरे नंबर मिलने की संभावना ज्यादा रहती है। एवं अगर प्रशन में स्पष्टीकरण मांगता है। तब तो जरूर ही करना चाहिए। यमक अलंकार जहां एक शब्द का एक से अधिक बार प्रयोग हो, किंतु उनका अर्थ प्रत्येक बार भिन्न हो तब वहां यमक अलंकार होता है। यमक अलंकार का उदाहरण कनक कनक ते सौ ...

श्लेष अलंकार किसे कहते हैं? उदाहरण, परिभाषा, शब्द, वाक्य, अर्थ shlesh alankar in hindi, examples

विषय-सूचि • • इसलेखमेंहमनेंअलंकारकेभेदश्लेषअलंकारकेबारेमेंचर्चाकीहै। अलंकारकामुख्यलेखपढ़नेंकेलिएयहाँक्लिककरें– श्लेषअलंकारकीपरिभाषा श्लेषकाअर्थहोताहैचिपकाहुआयामिलाहुआ।जबएकहीशब्दसेहमेंविभिन्नअर्थमिलतेहोंतोउससमयश्लेषअलंकारहोताहै। यानीजबकिसीशब्दकाप्रयोगएकबारहीकियाजाताहैलेकिनउससेअर्थकईनिकलतेहैंतोवहश्लेषअलंकारकहलाताहै। जैसे: श्लेषअलंकारकेउदाहरण • रहिमनपानीराखिये,बिनपानीसबसून। पानीगयेनऊबरै, मोतीमानुषचून।। इसदोहेमेंरहीमनेपानीकोतीनअर्थोंमेंप्रयोगकियाहै : • पानीकापहलाअर्थमनुष्यकेसंदर्भमेंहैजबइसकामतलब विनम्रतासेहै।रहीमकहरहेहैंकिमनुष्यमेंहमेशाविनम्रता (पानी) होनाचाहिए। • पानीकादूसराअर्थ आभा, तेजयाचमकसेहै. रहीमकहतेहैंकिचमककेबिनामोतीकाकोईमूल्यनहीं। • पानीकातीसराअर्थजलसेहैजिसेआटे (चून) सेजोड़करदर्शायागयाहै।रहीमकाकहनाहैकिजिसतरहआटेकाअस्तित्वपानीकेबिनानम्रनहींहोसकताऔरमोतीकामूल्यउसकीआभाकेबिनानहींहोसकताहै, उसीतरहमनुष्यकोभीअपनेव्यवहारमेंहमेशापानी (विनम्रता) रखनाचाहिएजिसकेबिनाउसकामूल्यह्रासहोताहै।अतःयहउदाहरणश्लेषकेअंतर्गतआएगा। • जेरहीमगतिदीपकी, कुलकपूतगतिसोय।बारेउजियारोकरै,बढ़ेअंघेरोहोय। जैसाकिआपऊपरउदाहरणमेंदेखसकतेहैंकिरहीमजीनेदोहेकेद्वारादीयेएवंकुपुत्रकेचरित्रकोएकजैसादर्शानेकीकोशिशकीहै।रहीमजीकहतेहैंकिशुरूमेंदोनोंहीउजालाकरतेहैंलेकिनबढ़नेपरअन्धेराहोजाताहै। यहाँबढेशब्दसेदोविभिन्नअर्थनिकलरहेहैं।दीपककेसन्दर्भमेंबढ़नेकामतलबहैबुझजानाजिससेअन्धेराहोजाताहै।कुपुत्रकेसन्दर्भमेंबढ़नेसेमतलबहैबड़ाहोजाना। बड़ेहोनेपरकुपुत्रकुकर्मकरताहैजिससेपरिवारमेंअँधेराछाजातहै।एकशब्दसेहीडोविभिन्नअर्थनिकलरहेहैंअतःयहउदाहरणश्लेषअलंकारकेअंतर्गतआएगा। • जोकरतेविप्लव, उन्हें, ‘हरि’काहैआतंक|| ऊपरदिएगएउदाहरणमेंजैसाकिआपदेखसकतेहैंहरिशब्दएकब...

अलंकार Alankar In Hindi

हिंदी हमारी मातृभाषा है लेकिन इसके बावजूद भी कहीं लोग हिंदी को ही शुद्ध रूप में नहीं बोल पाते हैं इसका मुख्य कारण है लोगो का सही तरह से हिंदी व्याकरण की जानकारी पर पकड़ का न होना। अलंकार।इस पोस्ट में आप जानेंगे कि (Alankar In Hindi ) अलंकार क्या होते है? अलंकार के कितने प्रकार होते है? और वो भी उदहारण के साथ।” आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार- ” भावों का उत्कर्ष दिखाने और वस्तुओं के रूप,गुण और क्रिया का अधिक तीव्र अनुभव कराने में कभी-कभी सहायक होने वाली उक्ति अलंकार के प्रकार(Types Of Alankar) अलंकार मुख्य तीन प्रकार के होते हैं। • शब्दालंकार • अर्थालंकार • उभयालंकार 1. शब्दालंकार जब अलंकार का चमत्कार शब्द में निहित होता है तब वहां शब्दालंकार होता है। यहां शब्द का पर्याय रखने पर चमत्कार खत्म हो जाता है। अनुप्रास, लाटानुप्रास, यमक ,श्लेष,वक्रोक्ति, पुनरुक्तिप्रकाश पुनरुक्तिवदाभास, विप्सा आदि शब्दालंकार है। अनुप्रास अलंकार जहां वाक्य में समान वर्णों की आवृत्ति एक से अधिक बार हो तो वहां अनुप्रास अलंकार होता है।वर्णों की आवृत्ति में स्वरों का समान होना आवश्यक नहीं होता है। अनुप्रास अलंकार के उदाहरण – चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल-थल में। इस वाक्य में ‘च’ वर्ण की आवृत्ति तीन बार हुई है। अनुप्रास अलंकार के भेद अनुप्रास अलंकार के मुख्यत: चार भेद होते हैं। • छेकानुप्रास • वर्त्यनुप्रास • श्रुत्यनुप्रास • अंत्यानुप्रास यमक अलंकार एक ही शब्द का वर्ण समूह दो या दो से अधिक बार भिंड भिन्न अर्थों में प्रयुक्त होता है तब वहां पर यमक अलंकार होता है।जैसे यमक अलंकार के उदाहरण– कनक कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय। या खाए बोराय जग, वा पाये बोराय ।। तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती है। ...

अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण, परिभाषा, भेद, वाक्य

विषय-सूचि • • • इसलेखमेंहमनेंअलंकारकेभेदअतिशयोक्तिअलंकारकेबारेमेंचर्चाकीहै। अलंकारकामुख्यलेखपढ़नेंकेलिएयहाँक्लिककरें– अतिशयोक्तिअलंकारकीपरिभाषा जबकिसीवस्तु, व्यक्तिआदिकावर्णनबहुतबाधाचढ़ाकरकियाजाएतबवहांअतिशयोक्तिअलंकारहोताहै।इसअलंकारमेंनामुमकिनतथ्यबोलेजातेहैं। जैसे : अतिशयोक्तिअलंकारकेउदाहरण : • हनुमानकीपूंछमेंलगननपाईआग, लंकासिगरीजलगईगएनिशाचरभाग। ऊपरदिएगएउदाहरणमेंकहागयाहैकिअभीहनुमानकीपूंछमेंआगलगनेसेपहलेहीपूरीलंकाजलकरराखहोगयीऔरसारेराक्षसभागखड़ेहुए। यहबातबिलकुलअसंभवहैएवंलोकसीमासेबढ़ाकरवर्णनकियागयाहै।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। • आगेनदियांपड़ीअपारघोडाकैसेउतरेपार।राणानेसोचाइसपारतबतकचेतकथाउसपार।। ऊपरदीगयीपंक्तियोंमेंबतायागयाहैकिमहाराणाप्रतापकेसोचनेकीक्रियाख़त्महोनेसेपहलेहीचेतकनेनदियाँपारकरदी। यहमहाराणाप्रतापकेघोड़ेचेतककीअतिशयोक्तिहैएवंइसतथ्यकोलोकसीमासेबहुतबढ़ा-चढ़ाकरवर्णनकियागयाहै।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। • धनुषउठायाज्योंहीउसने, औरचढ़ायाउसपरबाण | धरा–सिन्धुनभकाँपेसहसा, विकलहुएजीवोंकेप्राण। ऊपरदिएगएवाक्योंमेंबतायागयाहैकिजैसेहीअर्जुननेधनुषउठायाऔरउसपरबाणचढ़ायातभीधरती, आसमानएवंनदियाँकांपनेलगीओरसभीजीवोंकेप्राणनिकलनेकोहोगए। यहबातबिलकुलअसंभवहैक्योंकिबिनाबाणचलायेऐसाहोहीनहींसकताहै।इसथथ्यकालोकसीमासेबहुतबढ़ा-चढ़ाकरवर्णनकियागयाहै।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। अतिशयोक्तिअलंकारकेअन्यउदाहरण: • भूपसहसदसएकहिंबारा।लगेउठावनटरतनटारा।। ऊपरदिएगएउदाहरणमेंकहागयाहैकिजबधनुर्भंगहोरहाथाकोईराजाउसधनुषकोउठानहींपारहाथातबदसहज़ाररजाएकसाथउसधनुषकोउठानेलगेलेकिनवहअपनीजगहसेतनिकभीनहींहिला। यहबातबिलकुलअसंभवहैक्योंकिदसहज़ारलोगएकसाथधनुषकोनहींउठासकते।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। • ...

Slesh alankar

श्लेष अलंकार Definition Of Slesh Alankar: “श्लेष” का अर्थ है-“चिपकना” । जहां एक शब्द एक ही बार प्रयुक्त होने पर दो अर्थ दे वहां श्लेष अलंकार होता है। अर्थात जहां एक ही शब्द से दो अर्थ चिपके हो वहां पर श्लेष अलंकार होता है। Shlesh Alankar Ka Udaaharan रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून। पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।। स्पष्टीकरण-यहां पर पानी शब्द के तीन अर्थ प्रयुक्त हुआ है। १-चमक २-सम्मान ३-चून चरन धरत चिंता करत, चितवत चारों ओर – सुवरन को खोजत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर – स्पष्टीकरण-उपर्युक्त दोहे की दूसरी पंक्ति में “सुबरन” का प्रयोग किया गया है जिसे कवि, व्यभिचारी और चोर- तीनों ढूंढ रहे हैं। इस प्रकार एक शब्द सुबरन के यहां तीन अर्थ है। १- कवि सुबरन अर्थात अच्छे शब्द २-व्यभिचारी सुबरन अर्थात अच्छा रूप रंग और ३-चोर भी सुबरन अर्थात स्वर्ण ढूंढ रहा है। अतः यहाँ पर श्लेष अलंकार है। श्लेष अलंकार के अन्य उदाहरण- 1. जे रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। बारे उजियारो करै, बढ़े अंघेरो होय। 2. सीधी चलते राह जो,रहते सदा निशंक- जो करते विप्लव, उन्हें, ‘हरि’ का है आतंक। 3. विमाता बन गई आधी भयावह। हुआ चंचल ना फिर भी श्याम घन वह। 4. चिरजीवो जोरी जुरे क्यों न सनेह गंभीर। को घटि ये वृष भानुजा, वे हलधर के बीर।।

अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण, परिभाषा, भेद, वाक्य

विषय-सूचि • • • इसलेखमेंहमनेंअलंकारकेभेदअतिशयोक्तिअलंकारकेबारेमेंचर्चाकीहै। अलंकारकामुख्यलेखपढ़नेंकेलिएयहाँक्लिककरें– अतिशयोक्तिअलंकारकीपरिभाषा जबकिसीवस्तु, व्यक्तिआदिकावर्णनबहुतबाधाचढ़ाकरकियाजाएतबवहांअतिशयोक्तिअलंकारहोताहै।इसअलंकारमेंनामुमकिनतथ्यबोलेजातेहैं। जैसे : अतिशयोक्तिअलंकारकेउदाहरण : • हनुमानकीपूंछमेंलगननपाईआग, लंकासिगरीजलगईगएनिशाचरभाग। ऊपरदिएगएउदाहरणमेंकहागयाहैकिअभीहनुमानकीपूंछमेंआगलगनेसेपहलेहीपूरीलंकाजलकरराखहोगयीऔरसारेराक्षसभागखड़ेहुए। यहबातबिलकुलअसंभवहैएवंलोकसीमासेबढ़ाकरवर्णनकियागयाहै।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। • आगेनदियांपड़ीअपारघोडाकैसेउतरेपार।राणानेसोचाइसपारतबतकचेतकथाउसपार।। ऊपरदीगयीपंक्तियोंमेंबतायागयाहैकिमहाराणाप्रतापकेसोचनेकीक्रियाख़त्महोनेसेपहलेहीचेतकनेनदियाँपारकरदी। यहमहाराणाप्रतापकेघोड़ेचेतककीअतिशयोक्तिहैएवंइसतथ्यकोलोकसीमासेबहुतबढ़ा-चढ़ाकरवर्णनकियागयाहै।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। • धनुषउठायाज्योंहीउसने, औरचढ़ायाउसपरबाण | धरा–सिन्धुनभकाँपेसहसा, विकलहुएजीवोंकेप्राण। ऊपरदिएगएवाक्योंमेंबतायागयाहैकिजैसेहीअर्जुननेधनुषउठायाऔरउसपरबाणचढ़ायातभीधरती, आसमानएवंनदियाँकांपनेलगीओरसभीजीवोंकेप्राणनिकलनेकोहोगए। यहबातबिलकुलअसंभवहैक्योंकिबिनाबाणचलायेऐसाहोहीनहींसकताहै।इसथथ्यकालोकसीमासेबहुतबढ़ा-चढ़ाकरवर्णनकियागयाहै।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। अतिशयोक्तिअलंकारकेअन्यउदाहरण: • भूपसहसदसएकहिंबारा।लगेउठावनटरतनटारा।। ऊपरदिएगएउदाहरणमेंकहागयाहैकिजबधनुर्भंगहोरहाथाकोईराजाउसधनुषकोउठानहींपारहाथातबदसहज़ाररजाएकसाथउसधनुषकोउठानेलगेलेकिनवहअपनीजगहसेतनिकभीनहींहिला। यहबातबिलकुलअसंभवहैक्योंकिदसहज़ारलोगएकसाथधनुषकोनहींउठासकते।अतःयहउदाहरणअतिशयोक्तिअलंकारकेअंतर्गतआएगा। • ...

अलंकार Alankar In Hindi

हिंदी हमारी मातृभाषा है लेकिन इसके बावजूद भी कहीं लोग हिंदी को ही शुद्ध रूप में नहीं बोल पाते हैं इसका मुख्य कारण है लोगो का सही तरह से हिंदी व्याकरण की जानकारी पर पकड़ का न होना। अलंकार।इस पोस्ट में आप जानेंगे कि (Alankar In Hindi ) अलंकार क्या होते है? अलंकार के कितने प्रकार होते है? और वो भी उदहारण के साथ।” आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार- ” भावों का उत्कर्ष दिखाने और वस्तुओं के रूप,गुण और क्रिया का अधिक तीव्र अनुभव कराने में कभी-कभी सहायक होने वाली उक्ति अलंकार के प्रकार(Types Of Alankar) अलंकार मुख्य तीन प्रकार के होते हैं। • शब्दालंकार • अर्थालंकार • उभयालंकार 1. शब्दालंकार जब अलंकार का चमत्कार शब्द में निहित होता है तब वहां शब्दालंकार होता है। यहां शब्द का पर्याय रखने पर चमत्कार खत्म हो जाता है। अनुप्रास, लाटानुप्रास, यमक ,श्लेष,वक्रोक्ति, पुनरुक्तिप्रकाश पुनरुक्तिवदाभास, विप्सा आदि शब्दालंकार है। अनुप्रास अलंकार जहां वाक्य में समान वर्णों की आवृत्ति एक से अधिक बार हो तो वहां अनुप्रास अलंकार होता है।वर्णों की आवृत्ति में स्वरों का समान होना आवश्यक नहीं होता है। अनुप्रास अलंकार के उदाहरण – चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल-थल में। इस वाक्य में ‘च’ वर्ण की आवृत्ति तीन बार हुई है। अनुप्रास अलंकार के भेद अनुप्रास अलंकार के मुख्यत: चार भेद होते हैं। • छेकानुप्रास • वर्त्यनुप्रास • श्रुत्यनुप्रास • अंत्यानुप्रास यमक अलंकार एक ही शब्द का वर्ण समूह दो या दो से अधिक बार भिंड भिन्न अर्थों में प्रयुक्त होता है तब वहां पर यमक अलंकार होता है।जैसे यमक अलंकार के उदाहरण– कनक कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय। या खाए बोराय जग, वा पाये बोराय ।। तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती है। ...