शुक्ल युग के गद्य की दो विशेषताएं

  1. UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi गद्य
  2. UP Board Solutions for Class 10 Hindi गद्य
  3. हिन्दी गद्य का विकास ( शुक्ल युग तथा शुक्लोत्तर युग )
  4. NCERT Class 10 Hindi Grammar (Hindi Vyakaran) गद्य की विविध विधाएँ
  5. UP Board Solutions for Class 10 Hindi गद्य की विभिन्न विधाओं पर आधारित
  6. द्विवेदी युग के हिन्दी गद्य की विशेषताएँ लिखिए।
  7. शुक्लोत्तर (छायावादोत्तर) युग :
  8. NCERT Class 10 Hindi Grammar (Hindi Vyakaran) गद्य की विविध विधाएँ
  9. UP Board Solutions for Class 10 Hindi गद्य की विभिन्न विधाओं पर आधारित
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UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi गद्य

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi गद्य-साहित्यका विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न are part of Board UP Board Textbook NCERT Class Class 11 Subject Sahityik Hindi Chapter Chapter 1 Chapter Name गद्य-साहित्यका विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न Number of Questions 154 Category UP Board Solutions UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi गद्य-साहित्यका विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1: गद्य एवं पद्य का अन्तर दो पंक्तियों में लिखिए। उत्तर: वाक्यबद्ध विचारात्मक रचना को गद्य कहते हैं। दैनिक जीवन की बोलचाल में गद्य का ही प्रयोग होता है, जब कि छन्दबद्ध, भावपूर्ण और गेय रचनाएँ पद्य कहलाती हैं। प्रश्न 2: हिन्दी की आठ बोलियाँ कौन-कौन-सी हैं? उत्तर: • ब्रज, • अवधी, • बुन्देली, • बघेली, • छत्तीसगढ़ी, • हरियाणवी, • कन्नौजी तथा • खड़ी बोली। प्रश्न 3: हिन्दी गद्य के प्राचीनतम प्रयोग किन भाषाओं में मिलते हैं? उत्तर: हिन्दी गद्य के प्राचीनतम प्रयोग राजस्थानी और ब्रज भाषाओं में मिलते हैं। प्रश्न 4: प्राचीन ब्रज भाषा गद्य की दो रचनाओं के नाम लिखिए। उत्तर: गोकुलनाथ कृत ‘चौरासी वैष्णवन की वार्ता’ और बैकुण्ठमणि कृत ‘अगहन माहात्म्य’; प्राचीन ब्रज भाषा गद्य की रचनाएँ हैं। प्रश्न 5: खड़ी बोली गद्य की प्रथम प्रामाणिक रचना तथा उसके लेखक का नाम व समय लिखिए। या खड़ी बोली गद्य की प्रामाणिक रचनाएँ कब से प्राप्त होती हैं? उत्तर: रचना– गोरा बादल की कथा। लेखक – जटमल। समय– सन् 1623 ई० (सत्तरहवीं शताब्दी से)। प्रश्न 6: खड़ी बोली गद्य की सबसे प्राचीन रचना कौन-सी है? उत्तर: खड़ी बोली गद्य की सबसे प्राचीन रचना कवि गंग द्वारा लिखित ‘चंद छंद बनने की महिमा है। प्रश्न 7: खड़ी बोली गद्...

UP Board Solutions for Class 10 Hindi गद्य

UP Board Solutions for Class 10 Hindi गद्य-साहित्य के विकास पर आधारित These Solutions are part of हिन्दी गद्य के विकास का संक्षिप्त परिचय विशेष-पाठ्यक्रम के नवीनतम प्रारूप के अनुसार हिन्दी गद्य के विकास का संक्षिप्त परिचय’ के अन्तर्गत केवल शुक्ल और शुक्लोत्तर युग (छायावादोत्तर युग) ही निर्धारित हैं, किन्तु अध्ययन की दृष्टि से यहाँ सभी युगों के विकास से सम्बन्धित प्रश्नों को संक्षेप में दिया जा रहा है, क्योंकि एक-दूसरे से घनिष्ठता के कारण कभी-कभी निर्धारित युग से अलग प्रश्न भी पूछ लिये जाते हैं। लघु उत्तरीय प्रश्न, केवल विस्तृत अध्ययन के लिए दिये गये हैं। इससे प्रायः अतिलघु उत्तरीय प्रश्न ही पूछे जाते हैं, जिसके लिए कुल 5 अंक निर्धारित है। अतिलघु उत्तरीय प्रश्न गद्य-साहित्य के विकास पर आधारित प्रश्न 1 गद्य का अर्थ लिखिए। उत्तर गद्य हमारे दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाली भाषा का (UPBoardSolutions.com) नाम है। इसकी विषय-वस्तु हमारी बोध-वृत्ति पर आधारित होती है तथा इसमें किसी विषय को विस्तार से कहने की प्रवृत्ति या भावना होती है। गद्य वास्तविकता और व्यावहारिकता से ओत-प्रोत होता है। प्रश्न 2 गद्य और पद्य (काव्य) में अन्तर बताइट। उत्तर गद्य मस्तिष्क के तर्कप्रधान चिन्तन की उपज होता है और छन्दबद्ध, भावपूर्ण तथा ओजयुक्त रचनाएँ काव्य कहलाती हैं। गद्य में विस्तार, वास्तविकता तथा व्यावहारिकता अधिक होती है, जबकि काव्य में संकेत-रूप में बात कही जाती है। इसमें काल्पनिकता का प्राधान्य होता है। प्रश्न 3 गद्य का प्रथम विकास किस रूप में होता है ? उत्तर गद्य का प्रथम विकास सामान्य बोल-चाल की भाषा के रूप में होता है। प्रश्न 4 भाषा-रूपों के विकास की दृष्टि से गद्य की कितनी कोटियाँ उपलब्ध हैं ...

हिन्दी गद्य का विकास ( शुक्ल युग तथा शुक्लोत्तर युग )

शुक्ल युग ( छायावाद युग ) :- शुक्ल युग सन् 1919 से 1938 ईo तक के काल को शुक्ल युग कहा जाता है | हिन्दी गद्य साहित्य मे महत्वपुर्ण योगदान करने वाले विद्वान आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी के नाम पर शुक्ल युग नाम दिया गया | इस युग को ‘ प्रसाद युग’, प्रेमचन्द्र युग, छायावादी युग, के नामो से भी जाना जाता है | हिन्दी खडी बोली गद्य के विकास का संक्षिप्त परिचय :- काल का नाम काल ( समय ) काल का नाम काल ( समय ) 1. भारतेन्दु पूर्व युग अथवा प्राचीन युग 13वीं शताब्दी के मध्यसे 1868 ईo तक 2.भारतेन्दु युग सन् 1868 से 1900 ईo तक 3. व्दिवेदी युग सन् 1900 से 1922 ईo तक 4. शुक्ल युग (छायावादीयुग ) सन् 1919 से 1938 ईo तक 5. शुक्लोत्तर युग ( छायावादोत्तर युग ) सन् 1938 से 1947 ईo तक 6. स्वातन्त्र्योत्तर युग सन् 1947 ईo से अब तक हिन्दी के उपभाषाए एंव बोलिया:- उपभाषाए बोलिया 1. पुर्वी हिन्दी 1. अवधी, 2. बघेली, 3. छत्तीसगढी | 2. पश्चिमी हिन्दी 1. खडीबोली (कौरवी), 2. ब्रजभाषा, 3. हरियाणवी ( बागरू ),4.बुन्देली, 5. कन्नौजी | 3. बिहारी हिन्दी 1. भोजपुरी, 2. मैथिली, 3. मगही | 4. राजस्थानी हिन्दी 1. मारवाडी, 2. जयपुरी, 3. मेवाती, 4. मालवी | 5. पहाडी हिन्दी 1. कुमाऊनी, 2. गढवाली, 3. नेपाली | शुक्लयुग के प्रमुख निबन्धकार एंव उनकी प्रमुख कृतिया:- लेखक कृतिया 1. आचार्य रामचनन्द्र शुक्ल चिन्तामणि 2. श्यामसुन्दर दास गद्य कुसुमावली, रुपक रहस्य 3. जयशंकर प्रसाद काव्य कला 4. गुलाब राय ठलुआ क्लब, मेरे निबन्ध , मेरी असफलताए फिर निराश क्यो 5. आचार्य हजारी प्रसाद व्दिवेदी अशोक के फ़ूल, कल्पलता, विचार और वितर्क, कुटज, विचार प्रवाह, अलोक पर्व 6. डॅI0 सम्पुर्णानन्द जीवन और दर्शन, पृध्वी से सप्तर्षि मण्डल चिद् विलास, ज्योतिर्...

NCERT Class 10 Hindi Grammar (Hindi Vyakaran) गद्य की विविध विधाएँ

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • NCERT Class 10 Hindi Grammar (Hindi Vyakaran) गद्य की विविध विधाएँ भावों एवं विचारों की स्वाभाविक एवं सरल अभिव्यक्ति गद्य के द्वारा ही होती है। इसी कारण सामाजिक, साहित्यिक तथा वैज्ञानिक आदि समस्त विषयों के लिखने का माध्यम प्रायः गद्य है। छन्द , विधान एवं लय के बन्धन से मुक्त रचना गद्य कहलाती है। हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल को आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी ने गद्यकाल कह कर पुकारा है। इस प्रकार हिन्दी में प्रथम बार हिन्दी साहित्य का विकास गद्यात्मक और पद्यात्मक दो प्रकार से हुआ है। – हिन्दी गद्य के प्रवर्तक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र हैं। गद्य साहित्य की अनेक विधाएँ हैं। उनका विभाजन इस प्रकार है- 1. निबन्ध गद्य की उस रचना को कहते हैं जिसमें लेखक किसी विषय पर अपने विचारों को सीमित सजीव, स्वच्छन्द, सुव्यवस्थित रूप से अभिव्यक्त करता है। हिन्दी निबन्धों का प्रारम्भ भारतेन्दु युग से माना जाता है। निबन्ध के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं • वर्णनात्मक, • विवरणात्मक, • विचारात्मक, • भावात्मक, • विवेचनात्मक, • आलोचनात्मक, • व्यंग्यात्मक, • अलंकारिक निबन्ध। 2. कहानी कहानी गद्य साहित्य की सबसे लोकप्रिय मनोरंजक विधा है। कहानी साहित्य की वह गद्य रचना है जिसमें जीवन के किसी एक पक्ष का कल्पना प्रधान हृदयस्पर्शी एवं सुरुचिपूर्ण कथात्मक वर्णन होता है। कहानी एक कलात्मक गद्य विद्या है। कहानी के प्रमुख छः तत्त्व निम्नलिखित हैं • कथानक, • पात्र चरित्र-चित्रण, • कथोपकथन (संवाद), • देशकाल तथा वातावरण, • भाषा-शैली, • उद्देश्य। मुंशी प्रेमचन्द तथा जयशंकर प्रसाद, जैनेन्द्र, अज्ञेय, यशपाल आदि कहानीकारों में लोकप्रिय हैं। 3. उपन्यास उपन्यास गद्य...

UP Board Solutions for Class 10 Hindi गद्य की विभिन्न विधाओं पर आधारित

• Class 2 to 5 • Class 5th • Class 5 Maths • Class 5 English Rainbow • Class 5 Hindi कलरव • Class 5 Science परख • Class 5 EVS • Class 5 संस्कृत पीयूषम • Class 5 नैतिक शिक्षा • Class 5 Computer Education • Class 4th • Class 4 Maths • Class 4 Hindi • Class 4 English • Class 4 Science • Class 4 EVS • Class 4 संस्कृत पीयूषम • Class 4 नैतिक शिक्षा • Class 3 • Class 3 Maths • Class 3 English • Class 3 Hindi • Class 3 संस्कृत पीयूषम • Class 3 Environmental Studies • Class 3 नैतिक शिक्षा • Class 2 • Class 2 Maths • Class 2 English • Class 2 Hindi • Class 2 नैतिक शिक्षा • 6th class • Class 6 English • Class 6 Maths • Class 6 Science • Class 6 History • Class 6 Sanskrit • Class 6 Geography • Class 6 Environment • Class 6 Sports and Fitness • Class 6 Home Craft • Class 6 Agricultural Science • Class 6 Computer Education • 7th class • Class 7 English • Class 7 Maths • Class 7 Science • Class 7 History and Civics • Class 7 Geography • Class 7 Environment • Class 7 Sports and Fitness • Class 7 Home Craft • Class 7 Agricultural Science • Class 7 Computer Education • 8th class • Class 8 English • Class 8 Maths • Class 8 Science • Class 8 Sanskrit • Class 8 History • Class 8 Geography • Class 8 Environment • Class 8 Sports and Fitness • Class 8 Home Craft • Class 8 Agricultural Science • Class 8 Computer Education • 9th class • Class 9 English • Class 9 Science • Class 9 Maths • Class 9 Social Science • Class 9 Hindi • 10th class • Class 10 Maths • Class 10 Science • Class 10 Social Scienc...

द्विवेदी युग के हिन्दी गद्य की विशेषताएँ लिखिए।

Categories • • (31.9k) • (8.8k) • (764k) • (248k) • (2.9k) • (5.2k) • (664) • (121k) • (72.1k) • (3.8k) • (19.6k) • (1.4k) • (14.2k) • (12.5k) • (9.3k) • (7.7k) • (3.9k) • (6.7k) • (63.8k) • (26.6k) • (23.7k) • (14.6k) • (25.7k) • (530) • (84) • (766) • (49.1k) • (63.8k) • (1.8k) • (59.3k) • (24.5k)

शुक्लोत्तर (छायावादोत्तर) युग :

शुक्लोत्तर (छायावादोत्तर) युग :- सन् 1938 ईo से 1947 ईo तक के काल को शुक्लोत्तर युग कहा गया | इस युग मे राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना से प्रेरित होकर लेखको मे यथार्थवादी रचनाये प्रचुर मात्रा मे किया | जीवन के यथार्थ मूल्यो का चित्रण,शोषितो, पिडितो, दीन हीन मानवो का चित्रण, लेखको की मुख्य विषय वस्तु रही | शुक्लोत्तर युग के विभिन्न गद्य विधाओ के लेखको एंव उनकी कृतियो का विवरण निम्नांकित है | शुक्लोत्तर युग के प्रमुख निबंधकार एंव उनकी कृतिया :- लेखक प्रमुख निबंध निबंध संकलन आचार्य हजारी व्दिवेदी कविता का भविष्य, अशोक के फूल, शिरिष के फूल, भारतीय संस्कृति के देन, बसन्त आ गया, आम फिर बौरा गए, कुटज, हिन्दी भक्ति साहित्य आदि | विचार प्रवाह, आलोक पर्व, अशोक के फूल, कल्पलता, कुटज | जैनेन्द्र कुमार भाग्य और पुरूषार्थ, साहित्य का श्रेय और प्रेय, ये और वे | गांधी नीति, सोच – विचार, पूर्वोदय, मंथन | डा0 नगेन्द्र स्वतन्त्रता के पश्चात् हिन्दी आलोचना, हिन्दी उपन्यास, बज्र भाषा का गद्य | आस्था के चरण, अनुसन्धान और आलोचना, विचार और अनुभूति, चेतना के बिम्ब | डा0 रामविलास शर्मा संस्कृति और साहित्य, प्रगति शील साहित्य की समस्याए, प्रगति और परम्परा | संस्कृति और साहित्, प्रगति और परम्परा | विद्या निवास मिश्र आम्र मंजरी, मैंने सिल पहुंचाई, आंगन का पक्षी, हिन्दू धर्म और संस्कृति | तुम चन्दन हम पानी, मेरे राम का मुकुट भीग रहा है, छितवन की छाह, मैंने सिल पहुंचाई | शुक्लोत्तर युग के प्रमुख कहानीकार एंव उनकी कृतिया :- कहानीकार का नाम प्रमुख कहानिया 1. इलाचन्द्र जोशी प्रेतात्मा, मिस्त्री, रोगी, चौथे विवाह के पत्नी | 2. अज्ञेय रोज, खितीन बाबु, अमरवल्लरी, कडिया, रेल की सिटी, हरसिंगार, शरzzणार्थी मैना | 3....

NCERT Class 10 Hindi Grammar (Hindi Vyakaran) गद्य की विविध विधाएँ

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • NCERT Class 10 Hindi Grammar (Hindi Vyakaran) गद्य की विविध विधाएँ भावों एवं विचारों की स्वाभाविक एवं सरल अभिव्यक्ति गद्य के द्वारा ही होती है। इसी कारण सामाजिक, साहित्यिक तथा वैज्ञानिक आदि समस्त विषयों के लिखने का माध्यम प्रायः गद्य है। छन्द , विधान एवं लय के बन्धन से मुक्त रचना गद्य कहलाती है। हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल को आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी ने गद्यकाल कह कर पुकारा है। इस प्रकार हिन्दी में प्रथम बार हिन्दी साहित्य का विकास गद्यात्मक और पद्यात्मक दो प्रकार से हुआ है। – हिन्दी गद्य के प्रवर्तक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र हैं। गद्य साहित्य की अनेक विधाएँ हैं। उनका विभाजन इस प्रकार है- 1. निबन्ध गद्य की उस रचना को कहते हैं जिसमें लेखक किसी विषय पर अपने विचारों को सीमित सजीव, स्वच्छन्द, सुव्यवस्थित रूप से अभिव्यक्त करता है। हिन्दी निबन्धों का प्रारम्भ भारतेन्दु युग से माना जाता है। निबन्ध के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं • वर्णनात्मक, • विवरणात्मक, • विचारात्मक, • भावात्मक, • विवेचनात्मक, • आलोचनात्मक, • व्यंग्यात्मक, • अलंकारिक निबन्ध। 2. कहानी कहानी गद्य साहित्य की सबसे लोकप्रिय मनोरंजक विधा है। कहानी साहित्य की वह गद्य रचना है जिसमें जीवन के किसी एक पक्ष का कल्पना प्रधान हृदयस्पर्शी एवं सुरुचिपूर्ण कथात्मक वर्णन होता है। कहानी एक कलात्मक गद्य विद्या है। कहानी के प्रमुख छः तत्त्व निम्नलिखित हैं • कथानक, • पात्र चरित्र-चित्रण, • कथोपकथन (संवाद), • देशकाल तथा वातावरण, • भाषा-शैली, • उद्देश्य। मुंशी प्रेमचन्द तथा जयशंकर प्रसाद, जैनेन्द्र, अज्ञेय, यशपाल आदि कहानीकारों में लोकप्रिय हैं। 3. उपन्यास उपन्यास गद्य...

UP Board Solutions for Class 10 Hindi गद्य की विभिन्न विधाओं पर आधारित

• Class 2 to 5 • Class 5th • Class 5 Maths • Class 5 English Rainbow • Class 5 Hindi कलरव • Class 5 Science परख • Class 5 EVS • Class 5 संस्कृत पीयूषम • Class 5 नैतिक शिक्षा • Class 5 Computer Education • Class 4th • Class 4 Maths • Class 4 Hindi • Class 4 English • Class 4 Science • Class 4 EVS • Class 4 संस्कृत पीयूषम • Class 4 नैतिक शिक्षा • Class 3 • Class 3 Maths • Class 3 English • Class 3 Hindi • Class 3 संस्कृत पीयूषम • Class 3 Environmental Studies • Class 3 नैतिक शिक्षा • Class 2 • Class 2 Maths • Class 2 English • Class 2 Hindi • Class 2 नैतिक शिक्षा • 6th class • Class 6 English • Class 6 Maths • Class 6 Science • Class 6 History • Class 6 Sanskrit • Class 6 Geography • Class 6 Environment • Class 6 Sports and Fitness • Class 6 Home Craft • Class 6 Agricultural Science • Class 6 Computer Education • 7th class • Class 7 English • Class 7 Maths • Class 7 Science • Class 7 History and Civics • Class 7 Geography • Class 7 Environment • Class 7 Sports and Fitness • Class 7 Home Craft • Class 7 Agricultural Science • Class 7 Computer Education • 8th class • Class 8 English • Class 8 Maths • Class 8 Science • Class 8 Sanskrit • Class 8 History • Class 8 Geography • Class 8 Environment • Class 8 Sports and Fitness • Class 8 Home Craft • Class 8 Agricultural Science • Class 8 Computer Education • 9th class • Class 9 English • Class 9 Science • Class 9 Maths • Class 9 Social Science • Class 9 Hindi • 10th class • Class 10 Maths • Class 10 Science • Class 10 Social Scienc...

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi गद्य

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi गद्य-साहित्यका विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न are part of Board UP Board Textbook NCERT Class Class 11 Subject Sahityik Hindi Chapter Chapter 1 Chapter Name गद्य-साहित्यका विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न Number of Questions 154 Category UP Board Solutions UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi गद्य-साहित्यका विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1: गद्य एवं पद्य का अन्तर दो पंक्तियों में लिखिए। उत्तर: वाक्यबद्ध विचारात्मक रचना को गद्य कहते हैं। दैनिक जीवन की बोलचाल में गद्य का ही प्रयोग होता है, जब कि छन्दबद्ध, भावपूर्ण और गेय रचनाएँ पद्य कहलाती हैं। प्रश्न 2: हिन्दी की आठ बोलियाँ कौन-कौन-सी हैं? उत्तर: • ब्रज, • अवधी, • बुन्देली, • बघेली, • छत्तीसगढ़ी, • हरियाणवी, • कन्नौजी तथा • खड़ी बोली। प्रश्न 3: हिन्दी गद्य के प्राचीनतम प्रयोग किन भाषाओं में मिलते हैं? उत्तर: हिन्दी गद्य के प्राचीनतम प्रयोग राजस्थानी और ब्रज भाषाओं में मिलते हैं। प्रश्न 4: प्राचीन ब्रज भाषा गद्य की दो रचनाओं के नाम लिखिए। उत्तर: गोकुलनाथ कृत ‘चौरासी वैष्णवन की वार्ता’ और बैकुण्ठमणि कृत ‘अगहन माहात्म्य’; प्राचीन ब्रज भाषा गद्य की रचनाएँ हैं। प्रश्न 5: खड़ी बोली गद्य की प्रथम प्रामाणिक रचना तथा उसके लेखक का नाम व समय लिखिए। या खड़ी बोली गद्य की प्रामाणिक रचनाएँ कब से प्राप्त होती हैं? उत्तर: रचना– गोरा बादल की कथा। लेखक – जटमल। समय– सन् 1623 ई० (सत्तरहवीं शताब्दी से)। प्रश्न 6: खड़ी बोली गद्य की सबसे प्राचीन रचना कौन-सी है? उत्तर: खड़ी बोली गद्य की सबसे प्राचीन रचना कवि गंग द्वारा लिखित ‘चंद छंद बनने की महिमा है। प्रश्न 7: खड़ी बोली गद्...