सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना का वर्णन करें

  1. सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएँ
  2. सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना का विस्तृत वर्णन करें।
  3. Indus Valley Civilization (सिंधु घाटी सभ्यता)
  4. सिंधु घाटी सभ्यता किस नगर योजना का वर्णन करें? » Sindhu Ghati Sabhyata Kis Nagar Yojana Ka Varnan Karen


Download: सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना का वर्णन करें
Size: 75.32 MB

सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएँ

विषय सूची • 1 विशेषताएँ • 1.1 नगर निर्माण योजना • 1.2 सामाजिक जीवन • 2 धार्मिक जीवन • 3 मृतक संस्कार • 4 कला • 5 टीका टिप्पणी और संदर्भ • 6 संबंधित लेख विशेषताएँ नगर निर्माण योजना सिन्धु घाटी सभ्यता का स्वरूप नगरीय था। सिन्धु सभ्यता की नगर योजना की आधार सामग्री विशाल स्नानागार एक विशाल भवन में स्थित है। इसका जलाशय आयताकार है। यह 39 फीट चौड़ा एवं 8 फीट गहरा है। इसके प्रत्येक ओर जल तक पहुँचने के लिए ईटों की सीढ़ियाँ हैं। जलाशय की दीवार एवं फर्श पक्की ईटों से बना है। जलाशय में जल निकास की समुचित व्यवस्था की गई है। इसके चारों ओर बरामदे हैं तथा इनके पीछे कमरे बने हुए हैं। सामाजिक जीवन सामाजिक संगठन सिन्धु सभ्यता का समाज मुख्यतः वर्गहीन समाज ही था। समाज मुख्यतः व्यापार प्रधान ही था। इसमें मुख्यवर्ग–व्यापारी, योद्धा, श्रमजीवी, विद्वान आदि थे। सम्भवतः इस सभ्यता के अन्तर्गत समाज ‘मातृप्रधान था। कृषि फसल एवं आहार सिन्धु सभ्यता के लोग मुख्यतः नौ प्रकार की फसल उगाते थे। मुख्य फसल एवं आहार- वेशभूषा एव आभूषण शरीर पर दो वस्त्र धारण किए जाते थे। प्रथम एक आधुनिक शाल के समान कपड़ा होता था जिसे कन्धे के ऊपर तथा दाहिनी भुजा के नीचे से निकालकर पहनते थे। जिससे दाहिना हाथ कार्य करने के लिए स्वतंत्र रहे। दूसरा वस्त्र शरीर पर नीचे पहना जाता था, जो आधुनिक धोती के समान होता था। स्त्रियों और पुरुषों के वस्त्रों में विशेष अन्तर नहीं था। साधारणतः सूती कपड़े पहने जाते थे परन्तु ऊनी वस्त्रों का भी प्रचलन था। स्त्री-पुरुष दोनों ही अंगूठी, कड़े, कंगन, कण्ठाहार, कुण्डल आदि पहनते थे। स्त्रियाँ-चूड़ियाँ, कर्णफूल, हंसली, भुजबन्द, करधनी आदि भी पहनती थीं। ये आभूषण सोने, प्रसाधन सामग्री स्त्रियों को प्रसाधन अत्यं...

सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना का विस्तृत वर्णन करें।

सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना ही सिंधु सभ्यता की सबसे बड़ी विशेषता थी। जालनुमा सड़कें व गालियाँ, सुनियोजित जल निकास प्रणाली एवं पक्की ईंटों का प्रयोग आदि कई विशेषताएँ सिंधु सभ्यता में देखने को मिलती हैं। सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस सभ्यता का सर्वप्रथम अवशेष हड़प्पा से ही प्राप्त हुआ था। सिन्धु सभ्यता के प्रमुख नगर थे—मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, चन्हूदड़ो, कालीबंगा, लोथल, सुरकोतड़ा तथा बनावली। सिन्धु सभ्यता के नगर नदियों के किनारे स्थित थे। इनमें मोहनजोदड़ो और हड़प्पा, दो बड़े नगर थे। इनमें हड़प्पा नगर नष्ट हो गया है। मोहनजोदड़ो का क्षेत्रफल लगभग 1 वर्ग मील है। यह नगर दो भागों में विभाजित है। पश्चिमी खण्ड में गारे और कच्ची ईंटों से निर्मित एक चबूतरा है। सभी भवनों का निर्माण इसी भाग में किया गया है। इसके चारों ओर कच्ची ईंटों का परकोटा बनाया गया है, जिसमें मीनारें और बुर्ज हैं। चन्हूदड़ो में एक कारखाना पाया गया है। कालीबंगा में भी दो खण्ड पाए गए हैंएक उच्च वर्ग के लिए परकोटायुक्त और दूसरा जन-साधारण के लिए। यहाँ हवन कुण्ड का भी साक्ष्य मिला है। लेकिन यहाँ के मकान कच्ची ईंटों के बने हैं। यहाँ ईंटों के चबूतरे भी मिले हैं, जो सम्भवतः अन्नागार रहे होंगे। लोथल के पूर्वी खण्ड में पक्की ईंटों का तालाब जैसा घेरा मिला है, जिसे विद्वान् बन्दरगाह मानते है। सिन्धु सभ्यता में सड़कों का निर्माण अत्यन्त वैज्ञानिक ढंग से हुआ था। सड़कें सीधी रेखा में थीं और एक दूसरे को समकोण पर काटती थीं। इस प्रकार प्रत्येक नगर अनेक खण्डों में विभाजित हो जाता था। प्रमुख सड़कों से गलियाँ निकलती थीं, जो 1 से 2 मीटर तक चौड़ी होती थीं। मोहनजोदड़ो में एक 11 मीटर चौड़ी सड़क भी थी,...

Indus Valley Civilization (सिंधु घाटी सभ्यता)

सिंधु घाटी सभ्यता भारत में सिंधु घाटी सभ्यता पहली नगरीय सभ्यता थी। खुदाई में प्राप्त हुए अवशेषों से पता चलता है कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों की सोच अत्यंत विकसित थी। उन्होंने पक्के मकानों में रहना आरंभ कर दिया था। चूँकि इस सभ्यता का विकास सिंधु नदी व उसकी सहायक नदियों के आस पास के क्षेत्र में हुआ था, इसीलिए इसे ‘सिंधु घाटी सभ्यता’ का नाम दिया गया है। इस सभ्यता की खुदाई सबसे पहले वर्तमान पाकिस्तान में स्थित ‘हड़प्पा’ नामक स्थल पर हुई थी। अतः इसे ‘हड़प्पा सभ्यता’ भी कहा गया। लिंक किए गए लेख से IAS हिंदी की जानकारी प्राप्त करें। Explore The Ultimate Guide to IAS Exam Preparation Download Now! सिंधु घाटी सभ्यता का का...

सिंधु घाटी सभ्यता किस नगर योजना का वर्णन करें? » Sindhu Ghati Sabhyata Kis Nagar Yojana Ka Varnan Karen

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। सिंधु घाटी सभ्यता 2380 पुर से 17 ईसवी पूर्व तक परी पर कॉल 2550 यीशु पुर से 1782 विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यता में प्रमुख सभ्यता है जो मुख्य रूप से 10 दक्षिणी रखे उत्तर पश्चिम क्षेत्रों में जो आज तक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम और उत्तर भारत में फैली है प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की प्राचीन सभ्यता के साथ यह प्राचीन दुनिया की सभ्यता के तीन शुरुआती शुरुआती कॉल करने में से एक थी और इन तीन में से सबसे व्यापक तथा सबसे चर्चित sindhu ghati sabhyata 2380 pur se 17 isvi purv tak pari par call 2550 yeshu pur se 1782 vishwa ki prachin nadi ghati sabhyata mein pramukh sabhyata hai jo mukhya roop se 10 dakshini rakhe uttar paschim kshetro mein jo aaj tak uttar purv afghanistan pakistan ke uttar paschim aur uttar bharat mein faili hai prachin mistra aur mesopotamia ki prachin sabhyata ke saath yah prachin duniya ki sabhyata ke teen shuruati shuruati call karne mein se ek thi aur in teen mein se sabse vyapak tatha sabse charchit सिंधु घाटी सभ्यता 2380 पुर से 17 ईसवी पूर्व तक परी पर कॉल 2550 यीशु पुर से 1782 विश्व की प