सिंधु सभ्यता के सौंदर्य बोध को क्या नाम दिया है

  1. Ateet Mein Dabe Paon Class 12 MCQ
  2. क्या है सिंधु सभ्यता
  3. सिंधु सभ्यता का इतिहास,प्रमुख नगर,वास्तुकला,चित्र कला,मोहरें
  4. सिंधु घाटी की खूबी उसका सौंदर्य बोध है, जो राज पोषित या धर्म पोषित ना होकर समाज पोषित था, ऐसा क्यों कहा गया?
  5. किसने सिंधु सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता का नाम दिया हैं ?
  6. सिंधु घाटी सभ्यता
  7. सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएं एवं प्राचीन भारत का इतिहास


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Ateet Mein Dabe Paon Class 12 MCQ

1. कोठार किसके काम आता होगा? A. सुरक्षा के लिए B. धन जमा करने के लिए C. अनाज जमा करने के लिए D. पानी जमा करने के लिए ANSWER= C. अनाज जमा करने के लिए Check Answer 2. दाढ़ी वाली मूर्ति का नाम क्या रखा गया है? A. मुख्य नरेश B. धर्म नरेश C. याजक नरेश D. गौण नरेश ANSWER= C. याजक नरेश Check Answer 3. मुअनजो-दड़ो हड़प्पा से प्राप्त हुई नर्तकी की मूर्ति किस राष्ट्रीय संग्रहालय में रखी हुई है? A. इस्लामाबाद संग्रहालय में B. लाहौर संग्रहालय में C. दिल्ली संग्रहालय में D. लंदन संग्रहालय में ANSWER= C. दिल्ली संग्रहालय में Check Answer 4. मुअनजो-दड़ो की गलियों तथा घरों को देखकर लेखक को किस प्रदेश का ख्याल आया? A. हरियाणा B. पंजाब C. उत्तर प्रदेश D. राजस्थान ANSWER= D. राजस्थान Check Answer 5. मुअनजो-दड़ो के घरों में टहलते हुए लेखक को किस गाँव की याद आई? A. कुलधरा B. कुलघड़ा C. बुलधरा D. शुभधरा ANSWER= A. कुलधरा Check Answer 6. मुअनजो-दड़ो की खुदाई में निकली पंजीकृत चीज़ों की संख्या कितनी थी? A. 50 हजार से अधिक B. 20 हजार से अधिक C. 30 हजार से अधिक D. 60 हजार से अधिक ANSWER= A. 50 हजार से अधिक Check Answer 7. खुदाई से प्राप्त गेहूँ का रंग कैसा है? A. पीला B. काला C. हरा D. नीला ANSWER= B. काला Check Answer 8. अजायबघर में तैनात व्यक्ति का नाम क्या था? A. नवाज़ खान B. मोहम्मद खान C. अली नवाज़ D. अली बख्तावर ANSWER= C. अली नवाज़ Check Answer 9. सिंधु सभ्यता की खूबी क्या है? A. सौंदर्य-बोध B. संस्कृति-बोध C. सभ्यता-बोध D. नागर-बोध ANSWER= A. सौंदर्य-बोध Check Answer 10. लेखक ने सिंधु सभ्यता के सौंदर्य-बोध को क्या नाम दिया है? A. राज-पोषित B. धर्म-पोषित C. समाज-पोषित D. व्यापार-पोषित ANSWER...

क्या है सिंधु सभ्यता

सिंधुसभ्यता–Sindhu Sabhyata History in Hindi (Indus Civilization in Hindi) सिंधुनदीकेतटपरमिलीथीइसलिएइसकानामसिंधुनदीकेनामपरसिंधुसभ्यताहमलोगकहतेहैं।इसकीजानकारीकेलिएपहलीखुदाईहड़प्पामेंहुईथीअतःइसेहड़प्पासभ्यताभीहमसबकहसकतेहैं। किसनेबतायासिंधुसभ्यताकेबारेमें– (Indus Civilization In Hindi) सिंधुसभ्यताकीजानकारीसबसेपहलेचार्ल्समैसननेदियाथायानीसबसेपहलेचार्ल्समैसननेसिंधुसभ्यताकेबारेमेंविश्वकोबतायाथा। सिंधुसभ्यताकानामकरणजॉनमार्शलनेकियाथाएवंखुदाईभारतीयदयारामसाहनीनेकरवाईथी सिंधुसभ्यताकाएरिया– Total area of indus valley civilization in hindi आपलोगोंनेसिंधुसभ्यताकेबारेमेंजानाहैअभीतकलेकिनआपलोगोंकोजानकरहैरानीहोगीसिंधुसभ्यताकेएरियाकेबारेमेंसिंधुसभ्यताकाएरियालगभग 1300000 वर्गकिलोमीटरमेंफैलाथाजोकाफीबड़ामानाजाताहै। अभीतकहमलोगोंनेसिंधुसभ्यताकेआकार, सिंधुसभ्यताकाक्षेत्रफलऔरसीमाकेबारेमेंऊपरजानाहैअबहमसिंधुसभ्यताकेप्रमुखस्थलोंकेबारेमेंभीकुछनजरडालहीलेतेहैं। सिंधुसभ्यताकेप्रमुखस्थल– Main Places of the Indus Valley Civilization चलिएअबजानलेतेहैंसिंधुसभ्यताकेप्रमुखस्थलोंकेबारेमेंजोकिनिम्नप्रकारसेहैंवैसेतोसिंधुसभ्यतामेंकईप्रमुखस्थलहै हड़प्पा (1921) – Harappa sabhyata in hindi सिंधुसभ्यतामेंहड़प्पाकीखुदाईभारतकेरहनेवालेदयारामसाहनीनेकरवाईथीयहरावीनदीकेतटपरपाकिस्तानकेमाउंटगुमरीजिलामेंस्थितहैयहपाकिस्तानमेंस्थितहैक्योंकिजब 1921 मेंइसकीखुदाईकरवाईगईथीतबभारतऔरपाकिस्तानकाविभाजननहींहुआथा। सिंधुसभ्यतामेंहड़प्पासेजोवस्तुओंकेसाथमेंनहींउसकेबारेमेंअभीजाननाजरूरीहोताहैइसलिएआपकोयहजाननाचाहिए। • कुम्हारकाचाक • अन्नागार • श्रमिकआवाज • मातृदेवीकीमूर्ति • लकड़ीकीओखली • लकड़ीकाताबूत • Rh 37 कब्रिस्तान • हाथीकाकपाल • स्वास्तिकचिन्ह ...

सिंधु सभ्यता का इतिहास,प्रमुख नगर,वास्तुकला,चित्र कला,मोहरें

• • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • हड़प्पा व मोहनजोदड़ो की कला पाषाण युगीन सहस्त्रों वर्षों के पश्चात् की प्राचीनतम संस्कृतियाँ सिन्धु घाटी में मोहनजोदड़ो व हडप्पा के प्राचीन खण्डहरों से ही प्राप्त होती है। इस सभ्यता से प्राप्त प्राचीन अवशेषों से तत्कालीन भारत के रहन-सहन, रीति-रिवाज, खान-पान, वस्त्राभूषण और ज्ञान-विज्ञान का परिचय प्राप्त होता है। इन नगरों की खुदाई से प्राप्त अवशेषों को देखकर इतना निश्चित रूप से पता चल जाता है कि बहुत प्राचीन काल में ही भारत का सम्बन्ध सुमेर, मिस्र, फिलीस्तीन, ईरान आदि सुदूर देशों से स्थापित हो चुका था। वस्तुतः मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा नामक स्थलों की खोज जो बीसवीं शताब्दी के प्रथम चरण में हुई, भारतीय सभ्यता के इतिहास की एक युग प्रवर्तक घटना थी। 1856 ई. में अंग्रेज जनरल कनिंघम को ‘सेलखड़ी’ (स्टिएटाइट) की मुहरों सहित अनेक प्राचीन वस्तुएँ प्राप्त हुई, परन्तु इन वस्तुओं का महत्व हड़प्पा व मोहनजोदड़ो की खुदाई के बाद ही प्रकाशित हो सका। 1921 ई. में दयाराम साहनी ने हड़प्पा टीले में खुदाई का कार्य आरम्भ कराया। इसके एक वर्ष पश्चात् राखलदास बनर्जी को मोहनजोदड़ो (मृतकों का टीला) में 1922 ई. में अनेक प्रकार के पुरावशेष प्राप्त हुए। सिन्धु घाटी सभ्यता सिन्धु नदी के किनारे विकसित होने वाली संस्कृति के इन दोनों केन्द्रों में खुदाई होने से अन्य अनेक तथ्य प्रकाश में आये। साथ ही अन्य अनेक स्थानों- चाहुन्दड़ो, लाहुमजोदडो, शाहजी कोटीरो, झूकर, झांगर, कुटली, मेही, पेरियानो, धुण्डई, रानाघुण्डई, कोटडीजी आदि में भी इस हड़प्पन संस्कृति के अनेक पुरावशेष प्रकाश में आये। प्रारम्भ में यहाँ के सांस्कृतिक अवशेषों का सुमेरियन सभ्यता से ...

सिंधु घाटी की खूबी उसका सौंदर्य बोध है, जो राज पोषित या धर्म पोषित ना होकर समाज पोषित था, ऐसा क्यों कहा गया?

सिंधु घाटी की खूबी उसका सौंदर्य बोध है, जो राज्य पोषित या धर्म पोषित ना होकर समाज पोषित था, ऐसा लेखक ने इसलिए कहा है क्योंकि लेखक के अनुसार सिंधु घाटी की सभ्यता साधन संपन्न सभ्यता तो थी लेकिन उसमें सिंधु घाटी के सामान्य लोगों की कला और रुचि का महत्व प्रकट होता था। सिंधु घाटी की सभ्यता के जो भी नगर नियोजन योजना है, उस का केंद्र बिंदु आम जन अभिरुचि और उसके उपयोग पर आधारित था। यहाँ का नगर नियोजन ऐसा था, जहाँ पर धातु और पत्थर की मूर्तियां सिंधु घाटी सभ्यता का नगर नियोजन और वास्तुकला में धातु और पत्थर की मूर्तियों, मृदमंग और उनके ऊपर मनुष्य आदि के चित्र, वनस्पति और पशु पक्षियों की छवियां, मोहरे आदि तथा बेहद बारीकी से उत्पन्न किए गए खिलौने, तरह-तरह के आभूषण, केश विन्यास आदि सिंधु घाटी के आमजन अभिरुचि को प्रदर्शित करने वाली वस्तुएं थीं। इस सभ्यता में धर्म तंत्र या राज तंत्र की भव्यता को प्रकट करने वाली चीजों की प्राप्ति नहीं हुई है। इस सभ्यता में ना तो बड़े-बड़े राजमहल और ना ही बड़े बड़े मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल प्राप्त हुए हैं। जो भी चीजें प्राप्त हुई हैं वह आम जनजीवन के दैनिक उपयोग से जुड़ी वस्तुएं हैं और इन सभी वस्तुओं में उनकी सौंदर्य बोध प्रकट होता है। इस बात से स्पष्ट होता है कि सिंधु घाटी की सभ्यता उसका सौंदर्य बोध है, जो राज पोषित या धर्म घोषित ना होकर समाज पोषित थी। हम यह भी मान सकते हैं कि सिंधु घाटी सभ्यता संस्था का समर्थन करती थी, जिसमें शक्ति के बल पर कोई कार्य नहीं किया जाता था बल्कि आपसी सोच समझ के कार्य किए जाते थे। वहां पर कोई राजा या शासक प्रमुख नहीं होता था। ना ही व्यर्थ के आडंबर होते थे। सिंधु घाटी का समाज स्वयं को अनुशासित करने वाला समाज था। पाठ के बारे में...

किसने सिंधु सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता का नाम दिया हैं ?

p. 1- 1 [Multi Choice Question] Description: This is a Most important question of gk exam. Question is : किसने सिंधु सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता का नाम दिया हैं ? , Options is : 1. सर जॉन मार्शल ने, 2. चार्ल्स मैसन ने, 3.विलियम ब्रटन ने, 4. कोई भी नहीं, 5. NULL Publisher: mympsc.com Source: Online General Knolwedge किसने सिंधु सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता का नाम दिया हैं ? This is a Most important question of gk exam. Question is : किसने सिंधु सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता का नाम दिया हैं ? , Options is : 1. सर जॉन मार्शल ने, 2. चार्ल्स मैसन ने, 3.विलियम ब्रटन ने, 4. कोई भी नहीं, 5. NULL Correct Answer of this Question is : 1 Online Electronics Shopping Store - Buy Mobiles, Laptops, Camera Online India Electronics Bazaar is one of best Online Shopping Store in India. Buy online Mobile Phones, Laptops, Tablets, Cameras & much more at best prices. Buy Now! online shopping Electronics india, online shopping in india, online shopping store, buy electronics online, online electronics shopping, online shopping stores, electronics online shopping, online electronics store, online electronic shopping india, online electronics store india • ☞ >तेनालीराम किस शासक के दरबार में थे ? • ☞ >किस संस्था को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ‘पिन्जरे में बन्द तोता’ की संज्ञा दी थी ? • ☞ >समुद्र तल के ऊपर विश्व की सबसे बड़ी पर्वत श्रंखला कौनसी है ? • ☞ >अक्टूबर और नवम्बर के महीनों में भारी वर्षा कहाँ होती है ? • ☞ >बिरजू महाराज ने किस नृत्य शैली में ख्याति प्राप्त की थी ? • ☞ >नाथुला एक स्थान है, जहाँ 44 वर्षों ...

सिंधु घाटी सभ्यता

सिंधु घाटी सभ्यता (Indus valley civilization in Hindi): भारत की सबसे पुरानी सभ्यता सिंधु नदी के तट पर बनी थी. इस महान सभ्यता के खंडहरों की खोज 1921 में खुदाई से हुई थी. इस सभ्यता की खोज ने प्राचीन भारत के इतिहास में एक नया दिशा खोल दिया. यह ऐतिहासिक विश्लेषण से है कि यह वैदिक सभ्यता की तुलना में बहुत पुराना और बेहतर था. शहरी नियोजन, जल निकासी प्रणाली, वास्तुकला, वाणिज्य, व्यापार और धर्म, ने अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए इसे प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की सभ्यताओं के बराबर बना दिया. भारत में और भारत के बाहर इस सभ्यता के प्रसार और विभिन्न स्थानों में इसके समान संदर्भ ने इसे एक विशेष दर्जा देने में मदद की. इस सभ्यता को ‘सिंधु घाटी सभ्यता’ या ‘हड़प्पा संस्कृति’ या ‘हड़प्पा सभ्यता’ के नाम से जाना जाता है. सिंधु घाटी सभ्यता – Indus valley civilization in Hindi सिंधु घाटी सभ्यता : आविष्कार भारत में ब्रिटिश शासन प्रचलित के समय 1921 में पश्चिमी पंजाब में रावी नदी के बाएं किनारे पर मोंटगोमरी जिले के हड़प्पा जिले में पहली बार भारत सरकार के पुरातत्व सर्वेक्षण के पक्ष में खुदाई की गई थी और इसके बाद सिंध प्रांत के लरकाना जिले में सिंधु नदी के दक्षिण में महेनजोदड़ो में इस सभ्यता की खोज की गई थी. यह सर जन मार्शल, राखाल दास बनर्जी और दयाराम सहानी जैसे पुरातत्वविदों के प्रयासों से संभव हुआ. 1946 में Sir Mortimer Wheeler ने वहाँ फिर से खुदाई करवाई थी. मोहनजोदड़ो शब्द का अर्थ है ‘mound of the dead. 1947 में भारत के विभाजन के बाद से, महेनजोदड़ो और हड़प्पा को पाकिस्तान में शामिल किया गया है. समय के साथ, इस सभ्यता के अवशेष भारत में और भारत के बाहर एक हजार से अधिक स्थानों पर खोजे गए हैं. सबस...

सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएं एवं प्राचीन भारत का इतिहास

सिंधु घाटी की सभ्यता से संबंधित जानकारी के परिणाम स्वरूप भारतीय इतिहास का गौरवशाली अध्ययन अध्याय प्रारंभ होता है यह सभ्यता और संस्कृति विशुद्ध भारतीय है तथा इसका उद्देश्य रूप और प्रयोजन आदि सभी कुछ मौलिक एवं स्वदेशी है उत्खनन में प्राप्त पुरातत्व सामग्री के आधार पर सिंधु घाटी की सभ्यता की निम्नलिखित विशेषताएं उभरकर सामने आती है सिंधु घाटी की सभ्यता की निम्नलिखित विशेषताएं उभरकर सामने आती है सुव्यवस्थित नगर योजना सिंधु घाटी की सभ्यता नगरीय सभ्यता का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है इसकी नगर योजना निश्चित ही विस्मय में डाल देने वाली है हड़प्पा, मोहनजोदड़ो एवं इस सभ्यता के अन्य प्रमुख पूरा स्थलों से प्राप्त अवशेषों को देखने से यह भली-भांति स्पष्ट हो जाता है कि इस सभ्यता के निर्माता नगर निर्माण की कला में अत्यंत निपुण थे। सड़के प्राप्त अवशेषों में नगर की सड़कें और गलियां सीधी बनी हुई है और एक दूसरे को समकोण पर काटती है नगर की प्रमुख सड़क नगर के एकदम मध्य में उत्तर से दक्षिण की ओर जाती है इसकी चौड़ाई 33 फीट है पूर्व से पश्चिम को जाने वाली एक अन्य सड़क मुख्य सड़क को समकोण पर काटती हुई जाती है इन दो प्रमुख सड़कों से समांतर और समकोण पर मिलने और काटने वाले अन्य मार्ग भी पर्याप्त चौड़े है। मुख्य मार्गों पर आकर खुलने वाली गलियां 9फीट से 18फीट तक चौड़ी है। सड़कों के दोनों ओर निर्मित मकान आकर्षक एवं भव्य है नालियां मकानों से गन्दे जल की निकासी की भी उत्तम व्यवस्था है पूरे नगर में नालियों का जाल बिछा हुआ है प्रत्येक सड़क और गली के दोनों ओर पक्की एवं ढकी हुई नालियां बनी हुई देखी गई। प्रत्येक छोटी नाली बड़ी नाली में और बड़ी नालियां अन्त नाले में जाकर मिलती थी इस प्रकार नगर के सारे गन्द...