सी सेक्शन डिलीवरी रिकवरी टाइम

  1. Cesarean Delivery Myths and Facts in Hindi
  2. सिजेरियन डिलीवरी से बच्चा कैसे होता है, क्यों होता है, खर्च और सावधानियां
  3. Debina Banerjee Recovering After C
  4. सिजेरियन डिलीवरी
  5. सिजेरियन डिलीवरी (सी


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Cesarean Delivery Myths and Facts in Hindi

Written by |Published : April 21, 2023 2:01 PM IST • • • • • आजकल ज्यादातर डिलीवरी सी-सेक्शन के जरिए की जा रही है, जो कि एक सामान्य तरीका है। इसे सीजेरियन डिलीवरी भी कहा जाता है, जो एक तरह की सर्जिकल प्रक्रिया होती है। इस प्रॉसेस में डॉक्टर मां के पेट और गर्भाशय में चीरा लगाकर बच्चे को बाहर निकालते हैं। आमतौर पर सी-सेक्शन तब किया जाता है, जब नॉर्मल डिलीवरी के दौरान बच्चे या मां की जान को खतरा होता है। डिलीवरी के दौरान सी-सेक्शन का विकल्प ऑप्शनल रहता है। जोकि ट्रेंड और योग्य सर्जिकल टीम द्वारा किया जाता है। सी-सेक्शन दुनियाभर में बच्चे के जन्म का एक समान्य तरीका है। जो मेडिकली लाइफ सेविंग की तरह काम कर सकता है। इसके बाद भी कई बार सी-सेक्शन के इस प्रॉसेस से जुड़े मिथक, लोगों को काफी परेशान करते हैं। इस वजह से प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को बिना बात का डर और चिंता घेर लेती है। ऐसे में सी-सेक्शन से जुड़े मिथकों को दूर करना बेहद जरूरी है। ताकि नई माएं अपना सारा ध्यान अपने बच्चे की देखभाल में लगा सकें। सी-सेक्शन डिलीवरी से जुड़े झूठ - (Myths and Facts About Cesarean Delivery In Hindi) मिथक: सी-सेक्शन पीठ दर्द का कारण बनता है तथ्य: इस बात में कोई दम नहीं है कि, सी-सेक्शन की वजह से पीठ में दर्द होता है। आपको इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि, प्रेगनेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद, एक नॉर्मल सा पीठ में दर्द महसूस हो सकता है। इसके पीछे की वजह प्रेगनेंसी के दौरान पोजिशन में बदलाव, वजन का बढ़ना और हार्मोंस में उतार-चढ़ाव है। मिथक: सी-सेक्शन के बाद वजन कम करना होता है मुश्किल तथ्य: सी-सेक्शन के बाद वजन कम करना चैलेंजिंग हो सकता है, लेकिन असंभव नहीं। सी-सेक्शन के बाद शरीर को रिपेयर होने में थ...

सिजेरियन डिलीवरी से बच्चा कैसे होता है, क्यों होता है, खर्च और सावधानियां

गर्भावस्था एक फिजियोलॉजिकल प्रक्रिया है, जिसमें एक बच्चा अपनी मां के गर्भ में नौ महीने तक पलता है। सी सेक्शन या सिजेरियन डिलीवरी बच्चे को मां के गर्भ से बाहर निकालने की एक सर्जिकल प्रक्रिया है। आमतौर पर शिशु का जन्म बर्थ कैनाल से होता है, जिसे वेजाइनल डिलीवरी कहा जाता है। लेकिन कई बार कुछ समस्याओं के कारण सामान्य डिलीवरी नहीं हो पाती है और सिजेरियन डिलीवरी करने की जरूरत पड़ती है। सी सेक्शन के बाद बच्चे और मां का अधिक ध्यान रखा जाना बहुत आवश्यक है। सर्जरी के समय डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी होता है। इस सर्जरी से कुछ खतरे हो सकते हैं जैसे योनि से स्त्राव, ब्लीडिंग, बुखार, दर्द आदि। जिनका ध्यान डॉक्टर से समय-समय पर मिलकर रखा जा सकता है। • • • • • • • जब पुरुष का शुक्राणु महिला के शरीर में शारीरिक संबंध के बाद जा कर अंडे से मिलता है, तो महिला गर्भधारण कर पाती है। यह फर्टिलाइज हुआ अंडा गर्भ की परत से जुड़ जाता है और एक शिशु के रूप में विकसित होने लगता है। आमतौर पर शिशु को योनि से बाहर निकाला जाता है। यह शिशु को जन्म देने की प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह माता और शिशु दोनों के लिए अच्छी होती है। सी सेक्शन डिलीवरी को सिजेरियन डिलीवरी भी कहा जाता है, जिसमें शिशु को माता के गर्भ से पेट में चीरे लगाकर निकाला जाता है। शिशु को बाहर निकालने के बाद पेट और गर्भाशय को सिल दिया जाता है। वे टांकें जिनका प्रयोग गर्भाशय को बंद करने के लिए किया जाता है शरीर में स्वयं ही कुछ समय में घुल जाते हैं। अधिकतर डिलीवरी योनि द्वारा ही होती हैं, लेकिन कई बार कुछ जटिलताओं या खतरों के चलते सिजेरियन डिलीवरी की जाती है। कभी-कभी केवल यही तरीका होता है, जिससे माता व शिशु का जीवन बचाया जा सक...

Debina Banerjee Recovering After C

Health News: सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद तेजी से रिकवर हो रही हैं एक्ट्रेस देबिना बनर्जी, आपके भी काम आएंगे उनके टिप्स Health News: देबिना बनर्जी को हाल ही में बेबी गर्ल हुई. देबिना की डिलीवरी सी सेक्शन से हुई है. ये तो हम सभी जानते हैं कि सी सेक्शन डिलीवरी के बाद मां को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. Debina Banerjee:टीवी की दुनिया का जाना पहचाना नाम हैं देबिना बनर्जी. एक्टर गुरमीत चौधरी और देबिना बनर्जी को शादी के 11 साल बाद माता पिता बनने का सुख मिला है. लेकिन इस सी-सेक्शन डिलीवरी के दौरान एक्ट्रेस ने बड़ी मुश्किलों को झेला है. यही नहीं डिलीवरी के दौरान एक्ट्रेस ने दर्द के साथ डर को भी झेला है. लेकिन बेबी गर्ल पाकर कपल बहुत खुश हैं. अभी देबिना रिकवर कर रहीं हैं. आइए जानते हैं बेबी गर्ल के जन्म के बाद देबिना क्या रूटीन और टिप्स को फॉलो कर रही हैं.. देबिना बनर्जी को हाल ही में बेबी गर्ल हुई. देबिना की डिलीवरी सी सेक्शन से हुई है. ये तो हम सभी जानते हैं कि सी सेक्शन डिलीवरी के बाद मां को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. हाल ही में देबिना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट अपडेट कर सी सेक्शन डिलीवरी से रिकवरी के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि किस तरह वह रिकवरी के लिए कुछ टिप्स फॉलो कर रही हैं जिन्हें आप भी फॉलो कर सी सेक्शन डिलीवरी से रिकवर कर सकती हैं. उन्होंने बताया कि जल्द ही वह वॉकिंग भी शुरू कर देंगी क्योंकि टहलना इसकी रिकवरी का एक बेहतरीन तरीका है. उन्होनें ये भी बताया कि डिलीवरी के बाद उन्होंने पेल्विक स्पोर्टिव बेल्ट का यूज नहीं किया. पेट को कम करने के लिए वो वर्कआउट की मदद ले रही हैं. एक्सपर्ट कहते हैं सी सेक्शन डिलीवरी में बॉडी पर ज्यादा दवाब पड़ता है...

सिजेरियन डिलीवरी

सी– सेक्शन प्रसव एक शल्य– प्रक्रिया है जहाँ डॉक्टर बच्चे को जन्म दिलाने के लिए माँ के पेट और उसके गर्भाशय में एक चीरा लगाते हैं। अधिकांश सी– सेक्शन प्रसव तब किए जाते हैं जब सामान्य प्रसव से संबंधित कुछसमस्याएं होती हैं। एक सी– सेक्शन प्रसव उन मामलों में जीवनदान दे सकता है जहाँ सामान्य प्रसव में जटिलताओं का खतरा होता है। क्या सिज़ेरियन प्रसव सुरक्षित है? पुराने दिनों में यह माना जाता था कि सी– सेक्शन प्रसव सामान्य प्रसव की तुलना में अधिक जोखिम भरा होता है, लेकिन शल्य– चिकित्सा के क्षेत्र में प्रगति होने के साथ, यह प्रक्रिया अब ऐसी ही गई है, जिस पर कोई शंका नहीं होनी चाहिए। यद्यपि यदि आपकी गर्भावस्था या प्रसव के दर्द में कोई समस्या नहीं है तो सामान्य प्रसव आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन सी– सेक्शन प्रसव भी पूरी तरह से सुरक्षित है। सी– सेक्शन प्रसव उन मामलों में आवश्यक होता है जहाँ माँ या बच्चे के जीवन को खतरा हो। ऐसे मामलों में यह माँ और बच्चे दोनों के लिए सामान्य प्रसव से बेहतर विकल्प होता है। साथ ही, उन मामलों में जहाँ माँ को प्रसव दर्द तो होता है, लेकिन वह बढ़ न रहा हो, माँ के गर्भ में एक से ज्यादा शिशु हों, या बच्चे का शरीर बड़ा हो, सी– सेक्शन एकमात्र विकल्प है। • नियोजित डिलीवरी: यदि आपने सी– सेक्शन प्रसव की योजना पहले से बनाई है, तो यह आपको अपनी और बच्चे की जरूरतें पहले से ही समझने और उनकी पूर्व तैयारी करने में मदद करेगा। • इसमें योनि के फटने का डर नहीं होता: सी– सेक्शन प्रसव आपके पृष्ठ– भाग, पेरनियम और योनि के बीच के भाग के फटने की चिंता से बचा सकता है। हालांकि, सी– सेक्शन के दौरान भी प्रसव का दर्द होता है और ये सामान्य प्रसव के दर्द की तरह ही तीव्र होता है। • ...

C

Written by |Updated : July 12, 2022 12:57 AM IST • • • • • Tips to avoid prevent C-Section delivery: जिन गर्भवती महिलाओं के लिए नेचुरल तरीके से डिलीवरी संभव नहीं हो पाती उन्हें सी-सेक्शन कराना पड़ता है। इसी तरह समय पूर्व प्रसव या किसी कॉम्प्लिकेशन की वजह से भी गर्भवती महिलाओं को सी-सेक्शन कराना पड़ता है। हालांकि, सिजेरियन या सी-सेक्शन डिलीवरी भी पूरी तरह सेफ मानी जाती है। लेकिन, नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में सिजेरियन के बाद महिलाओं को रिकवर होने में अधिक समय लगता है। इसी तरह सी-सेक्शन के बाद इंफेक्शन्स का रिस्क भी बढ़ जाता है। इसके अलावा कई महिलाओं को सी-सेक्शन के बाद बहुत अधिक कमजोरी और थकान महसूस होने लगती हैं। इसीलिए, महिलाएं सी-सेक्शन से बचने के प्रयास करती हैं। सी-सेक्शन की संभावना को कम करने के लिए कई बातों पर ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। वहीं, कई प्रकार की सावधानियां बरतने से सीजेरियन डिलिवरी की स्थिति से बचने में मदद होती है। जानें कौन-से हैं ये उपाय। (Ways to prevent C-Section delivery in Hindi.) बच्चे के आने से पहले करें ऐसी तैयारी बच्चे के जन्म से पहले प्रेगनेंसी के दौरान आप कुछ ऐसी किताबें पढ़ें जिनमें प्रसव और उसके मेथड्स से जुड़ी जानकारियां हों। साथ ही अपने डॉक्टर की मदद से ऐसी जानकारियां इकट्ठा करें जो प्राकृतिक तरीके से बच्चे के जन्म से जुड़ी हुई हों। एक्सपर्ट्स के अनुसार, किसी भी प्रकार की डिलीवरी में दर्द और तकलीफ से गुजरना तो पड़ता ही है लेकिन, समझदारी से इस तकलीफ को कम किया जा सकता है। जैसा कि महिलाओं के मन में लेबर पेन और डिलिवरी से जुड़ी कई बातों को लेकर डर बना रहता है लेकिन, जब उन्हें पर्याप्त और सही जानकारी मिलेगी तो उनके मन से डर भी कम होगा और उनकी ...

सिजेरियन डिलीवरी (सी

In this article • • • • • • • • • • • ऑपरेशन से डिलीवरी कैसे होती है?सिजेरियन सेक्शन या सी-सेक्शन सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर आपके पेट और गर्भाशय पर चीरा लगाती हैं, ताकि शिशु का जन्म हो सके। यदि जन्म के दौरान कोई जटिलता हो तो यह डिलीवरी का सबसे शीघ्र तरीका है। अधिकांश सिजेरियन ऑपरेशन स्पाइनल या हालांकि, कुछ मामलों में जनरल एनेस्थीसिया देने की जरुरत हो सकती है। आपकी और शिशु की सेहत को देखते हुए डॉक्टर यह निर्णय लेंगी कि आपको किस तरह के एनेस्थीसिया की जरुरत है। सी-सेक्शन पेट का एक बड़ा ऑपरेशन होता है और इसमें कुछ कैसे पता चलेगा कि मेरी डिलीवरी नॉर्मल होगी या सिजेरियन?आपकी डिलीवरी नॉर्मल होगी या फिर सिजेरियन, यह आपकी ​व्यक्तिगत स्थिति को देखते हुए डॉक्टर ही तय कर सकती हैं। अगर आपकी पूरी गर्भावस्था बिना किसी समस्या के एकदम सामान्य रही है, तो संभावना है कि आपकी नॉर्मल डिलीवरी ही होगी। वहीं, अगर आपकी प्रेगनेंसी में जटिलताएं रही हैं या फिर यह उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था है, तो फिर शायद आपके और शिशु के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सिजेरियन डिलीवरी ही की जाएगी। कई बार प्रसव के दौरान कुछ अप्रत्याशित जटिलताएं सामने आ जाती हैं, जिनकी वजह से आपातकालीन (इमरजेंसी) सिजेरियन ऑपरेशन करना पड़ता है। वहीं, कुछ मामलों में गर्भवती महिलाएं प्रसव पीड़ा के डर से या मुहुर्त डिलीवरी के लिए पूर्व नियोजित या ऐच्छिक (इलेक्टिव) सिजेरियन डिलीवरी का विकल्प चुनती हैं। इमरजेंसी और पूर्व-नियोजित सिजेरियन डिलीवरी में क्या अंतर होता है?कुछ मामलों में सिजेरियन ऑपरेशन की तिथि पहले से तय कर दी जाती है। वहीं कुछ अन्य मामलों में ऑपरेशन की जरुरत अप्रत्याशित कारणों की वजह से पड़ती है। यदि आपको पहले से पता हो कि ...