स्कंदमाता बीज मंत्र

  1. नवरात्रि के पांचवें दिन माँ स्कंदमाता का ऐसे करें पूजन, होगा विशेष लाभ।
  2. माँ स्कंदमाता के मंत्र
  3. नवरात्र में 9 देवियों के 9 बीज मंत्र, Navdurga Beej Mantra In Hindi, नवदुर्गा बीजमंत्र
  4. Maa Skandmata Ki Upasana
  5. नव दुर्गा बीज मंत्र, माँ शैलपुत्री बीज मंत्र, माँ ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र, माँ चंद्रघंटा बीज मंत्र, माँ कूष्माण्डा बीज मंत्र, माँ स्कंदमाता बीज मंत्र, माँ कात्यायनी बीज मंत्र, माँ कालरात्रि बीज मंत्र, माँ महागौरी बीज मंत्र, माँ सिद्धिदात्री बीज मंत्र, माँ चन्द्रघंटा बीज मंत्र, Nav Durga Beej Mantra, Shailaputri Beej Mantra, Brahmacharini Beej Mantra, Chandraghanta Beej Mantra, Kushmanda Beej Mantra, Skandamata Beej Mantra, Katyayani Beej Mantra, Kaalratri Beej Mantra, Mahagauri Beej Mantra, Siddhidhatri Beej Mantra
  6. माँ काली को बुलाने का 08 शक्तिशाली मंत्र अर्थ, लाभ


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नवरात्रि के पांचवें दिन माँ स्कंदमाता का ऐसे करें पूजन, होगा विशेष लाभ।

जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में 2 अप्रैल, 2022 से चैत्र नवरात्रि का त्योहार शुरू हो चुका है जिसमें माँ दुर्गा के 9 दिव्य रूपों की विधिविधान से पूजा-अर्चना की जाती है। चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता को समर्पित होता है। आइए जानते हैं कि माँ दुर्गा के इस स्वरूप का क्या महत्व है तथा स्कंदमाता को प्रसन्न करने की पूजा विधि क्या है। माँ स्कंदमाता का स्वरूप सिंह यानी शेर पर सवारी करने वाली माँ स्कंदमाता की 4 भुजाएं होती हैं। गोद में बालक स्कन्द अर्थात कार्तिकेय विराजमान होते हैं। एक भुजा में कमल का फूल होता है। इनकी बायीं तरफ़ की ऊपर वाली भुजा को वरमुद्रा कहा जाता है और नीचे सफेद रंग का दूसरा कमल का फूल होता है। कमल के फूल पर आसन होने के कारण इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। मान्यता है कि स्कंदमाता की सच्चे दिल से पूजा करने से ज्ञान बढ़ता है। यही वजह है कि इन्हें विद्यावाहिनी दुर्गा के नाम से भी जाना जाता है। भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके पूजा विधि • चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन सबसे पहले दिव्य स्नान करें। • उसके बाद माता की पूजा की तैयारी कर लें। • माँ स्कंदमाता की मूर्ति, फोटो या प्रतिमा को गंगा जल से पवित्र करें। • इसके बाद माता को कुमकुम, अक्षत, फूल, फल आदि अर्पित करें। • फिर मिठाई का भोग लगाएं। • माता के सामने घी का दीपक या दीया प्रज्वलित करें। • उसके बाद सच्ची निष्ठा से माँ स्कंदमाता की पूजा करें। • इसके बाद घंटी बजाते हुए माता की आरती करें। • स्कंदमाता की कथा पाठ करें। • और आख़िरी में माँ स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें। बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा माँ स्क...

माँ स्कंदमाता के मंत्र

माँ स्कंदमाता के मंत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। भगवान स्कंद जो कुमार कार्तिकेय के नाम से जाने जाते हैं। भगवान कार्तिकेय देवासुर संग्राम के दौरान देवताओं के सेनापति थे। भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के इस स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। स्कंदमाता की पूजा से साधक का मन समस्त लौकिक, सांसारिक और मायिक बंधनों से मुक्त होता है। मां स्कंदमाता के स्वयं सिद्ध बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:। मां स्कंदमाता का पूजन मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नम:। या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। मंत्र जाप विधि: मां स्कंदमाता के स्वयं सिद्ध बीज मंत्र की एक माला यानी 108 बार जाप करना चाहिए। मां के मंत्रों की माला का जाप करने से सभी रुके हुए काम पूर्ण होने लगते हैं। मां दुर्गा का पांचवां स्वरूप मां स्कंदमाता हैं। मां इस स्वरूप में वे चार भुजाधारी कमल के पुष्प पर बैठती हैं। इसलिए मां के इस स्वरूप को पद्मासना देवी भी कहा जाता है। मां स्कंदमाता की गोद में भगवान कार्तिकेय भी बैठे हुए हैं। जो मां के इस स्वरूप की पूजा करता है, वो भगवान कार्तिकेय का भी आशीर्वाद पाता है। मान्यता है कि मां स्कंदमाता की आराधना से संतान सुख की प्राप्ति होती है। हर मनुष्य को एकाग्र भाव से मन को पवित्र रख मां की शरण में आना चाहिए। इससे मनुष्य तमाम भौतिक दुखों से मुक्त होकर बैकुंठ जाता है।

नवरात्र में 9 देवियों के 9 बीज मंत्र, Navdurga Beej Mantra In Hindi, नवदुर्गा बीजमंत्र

बीज मंत्र सभी मंत्रों का प्रमुख होता हैं (Maa Durga Beej Mantra In Hindi)। जिस प्रकार इस विश्व तथा ब्रह्मांड में सभी चीज़ों की उत्पत्ति बीज से ही हुई हैं उसी प्रकार बीज मंत्र भी उक्त सभी मंत्रों का मूल होता है। ॐ को सभी मंत्रों का बीज मंत्र माना जाता हैं, उसी प्रकार नवरात्र में नवदुर्गा के सभी नौ रूपों के नौ बीज मंत्र होते हैं (Nav Durga Ka Beej Mantra)। इन बीज मंत्रों का जाप करने से ज्यादा लाभ की प्राप्ति होती है (Nav Durga Beej Mantra)। प्रत्येक दिन माता रानी के स्वरुप के अनुसार उनके मंत्रों तथा आरती के साथ-साथ बीज मंत्र का भी उच्चारण आवश्यक रूप से करेंगे तो माता रानी का आशीर्वाद हम पर बना रहेगा व किसी प्रकार का कोई संकट नही आएगा। आइए जानते हैं नवदुर्गा के नौ रूपों के अनुसार नौ बीज मंत्र। नवदुर्गा के 9 रूपों के 9 बीज मंत्र (Nav Durga Beej Mantra In Hindi) #1. माँ शैलपुत्री बीज मंत्र (Devi Shailputri Beej Mantra) ह्रीं शिवायै नम:।। #2. माँ ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र (Devi Brahmcharini Beej Mantra) ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।। #3. माँ चंद्रघंटा बीज मंत्र (Devi Chandraghanta Beej Mantra) ऐं श्रीं शक्तयै नम:।। #4. माँ कूष्मांडा बीज मंत्र (Devi Kushmanda Beej Mantra) ऐं ह्री देव्यै नम:।। #5. माँ स्कंदमाता बीज मंत्र (Devi Skandmata Beej Mantra) ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।। #6. माँ कात्यायनी बीज मंत्र (Devi Katyayani Beej Mantra) क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।। #7. माँ कालरात्रि बीज मंत्र (Devi Kalratri Beej Mantra) क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।। #8. माँ महागौरी बीज मंत्र (Devi Mahagauri Beej Mantra) श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।। #9. माँ सिद्धिदात्री बीज मंत्र (Devi Siddhidatri Beej Mantra...

Maa Skandmata Ki Upasana

Navratri Ke Fifth Day Kare Maa Skandmata Ki Puja नवरात्रि के पाँचवें दिन करें माँ स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि के पाँचवें दिन माँ दुर्गा के पाँचवें स्वरूप माँ स्कंदमाता की पूजा किये जाने का विधान हैं। स्कंद भगवान कार्तिकेय का नाम है। स्कंदमाता का अर्थ हैं कार्तिकेय की माता हैं। भगवान कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र और तारकासुर से हुये देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति थे। माँ स्कंदमाता की उपासना से साधक को सुख-शांति, धन-ऐश्वर्य, संतानसुख और मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। माँ स्कंदमाता अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। Maa Skandmata Ka Swaroop माँ स्कंदमाता का स्वरूप • माँ दुर्गा के पाँचवे स्वरूप माँ स्कंदमाता ने चतुर्भुज रूप धारण किया हैं। • मां स्कंदमाता के चार हाथों में से एक हाथ से गोद में बैठे कार्तिकेय जी को सम्भाल रखा हैं। उनके दो हाथों में कमल शोभायमान है और एक हाथ अभय मुद्रा में हैं जिससे वो भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। • माँ स्कंदमाता के कमल के आसन पर विराजमान होने के कारण इन्हे पद्मासना के नाम से भी जाना जाता है। • माँ स्कंदमाता की सवारी सिंह हैं। • माँ को श्वेत रंग बहुत पसंद हैं। Maa Skandmata Ki Katha माँ स्कंदमाता की पौराणिक कथा पौराणिक कथाओं के अनुसार एक असुर जिसका नाम तारकासुर था, उसने अपनी कठोर तपस्या से ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर लिया था। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने वरदान माँगने के लिये कहा। तब तारकासुर ने ब्रहमा जी से अमरता का वरदान माँगा। ब्रह्मा जी ने उसे कहा कि जो भी जन्म लेता है उसकी मृत्यु निश्चित हैं। इसलिये तुम कुछ और माँग लो। तब तारकासुर ने विचार किया और ब्रह्मा जी से कहा कि मेरा वध भगवान शिव के पुत्...

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माँ काली को बुलाने का 08 शक्तिशाली मंत्र अर्थ, लाभ

माँ काली का मंत्र जाप करने से मनुष्य के जीवन आने वाले सभी कष्ट और सकंट शीघ्र दूर हो जाते है। माँ काली सृष्टि की माता है। यदि आप मंत्र जाप क्रिया से माता को बुलाना चाहते है तो आज हम इस लेख में माता के मंत्र बारे में जानकारी देने जा रहे है निचे दिए गए मंत्र का जप करे। ज्योतिषियों के अनुसार माँ काली मंत्र दिए गए है काली माता का चेहरा हमेशा क्रोधित दिखाया गया है क्योकि शस्त्रुओ को नाश करने वाली माता कहा गया है आप यदि Kaali Mantra Hindi जाप क्रिया से माता को बुलाना चाहते है तो आपके मन में माता के प्रति अटूट विश्वास होना चाहिए। काली माता आपका कल्याण और मनोकामनाएं पूरी करेगी। माँ काली एक 1. माँ काली बीज मंत्र: ” ॐ क्रीं काली ” इस मंत्र का सही अर्थ : सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करना। कष्टों और विपदाओं को हरनेवाली हो। लाभ : काली माता का यह मंत्र जाप सभी नकारात्मक शक्ति और ऊर्जा को ख़त्म करने में लाभकारी है। 2. देवी काली मंत्र: Mantra ”ॐ क्रीं कालिकायै नमः ” इस मंत्र का अर्थ है इस Kaali Mantra Hindi का उपयोग काली के प्रतिनिधित्व के लिए किया जाता है। लाभ : काली माता का यह मंत्र भक्त के मन को शुद्ध कर देता है। 3.महा काली मंत्र (Maha Kali mantra) ”ॐ श्री महा कलिकायै नमः ” अर्थ: माँ काली को प्रणाम करते हुए सर झुकता हूँ माता का आशीर्वाद लेता हूँ। लाभ: इस मंत्र जाप से में माता की कृपा पाने के लिए जाप करता है जीवन में खुश रहने के लिए माता का आशीर्वाद लेता हूँ। जीवन में सफलता पाने के लिए हमेशा इस मंत्र का जाप करना चाहिए। 4. काली माता मंत्र कालिका ”ॐ कलिं कालिका-य़ेइ नमः” लाभ: यह काली माँ का मंत्र जाप करने से सभी प्रकार की समस्यों छुटकारा मिलता है। इस मंत्र जप से जीवन में आ रही परेशानिओ को हल करने...