समास

  1. Tatpurush Samas
  2. Avyayibhav Samas
  3. समास की परिभाषा और उसके भेद उदाहरण सहित
  4. समास (samas)
  5. Samas in Hindi, समास की परिभाषा, प्रकार, उदाहरण
  6. समास


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Tatpurush Samas

Tatpurush Samas in Hindi Tatpurush Samas Ki Paribhasha –समास का वह रूप जिसमें द्वितीय पद या उत्तर पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। तत्पुरुष समास में प्रथम पद जैसे: गंगा जल लाओ। इस वाक्य को सुनकर, सुनने वाला ‘गंगा’ को नहीं ला सकता, बल्कि केवल ‘जल’ लेकर आएगा। अतः गंगाजल सामासिक पद में प्रथम पद ‘गंगा’ प्रधान न होकर द्वितीय पद ‘जल’ प्रधान है, इसलिए यहाँ तत्पुरुष समास होगा। तत्पुरुष समास के उदाहरण (Tatpurush Samas Ke Udaharan) • स्वर्गप्राप्त = स्वर्ग को प्राप्त • दिल तोड़ = दिल को तोड़ने वाला • शरणागत = शरण को आया हुआ • अकालपीड़ित = अकाल से पीड़ित • तुलसीकृत = तुलसीदास द्वारा किया हुआ • कष्टसाध्य = कष्ट से साध्य • देशभक्ति = देश के लिए भक्ति • घुड़साल = घोड़ों के लिए साल (भवन) • सभामंडप = सभा के लिए मंडप • गुणरहित = गुण से रहित • जन्मान्ध = जन्म से अन्धा • पापमुक्त = पाप से मुक्त • राजसभा = राजा की सभा • चर्मरोग = चर्म का रोग • जलधारा = जल की धारा • आत्मनिर्भर = स्वयं पर निर्भर • कविराज = कवियों में राजा • सिरदर्द = सिर में दर्द • आपबीती = अपने पर बीती हुई तत्पुरुष समास के भेद (Tatpurush Samas ke Bhed) मूल व्याकरण, संस्कृत व्याकरण, के अनुसार तत्पुरुष समास के दो भेद होते हैं- व्याधिकरण समास और समानाधिकरण समास। • व्याधिकरण तत्पुरुष समास • समानाधिकरण तत्पुरुष समास व्याधिकरण तत्पुरुष समास (Vyadhikaran Tatpurush Samas) तत्पुरुष समास का वह रूप जिसमें समास-विग्रह करते समय पुर्व एवं पर पद में भिन्न-भिन्न विभक्तियों का प्रयोग किया जाता है उसे व्याधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं। मुल तत्पुरुष समास ही व्याधिकरण तत्पुरुष समास होता है। व्याधिकरण तत्पुरुष समास के भेद (Vyadhikaran Tatpurush S...

Avyayibhav Samas

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • Avyayibhav Samas इस लेख में हम अव्ययीभाव समास (Avyayibhav Samas) के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं. इस लेख में आपको अव्ययीभाव समास की परिभाषा (Avyayibhav Samas Ki Paribhasha), अव्ययीभाव समास के उदाहरण (Avyayibhav Samas Examples in Hindi), अव्ययीभाव समास के प्रकार (Avyayibhav Samas Ke Prakar) और अव्ययीभाव समास से सम्बंधित विशेष नियमों से जुड़ी विस्तृत जानकारी मिलेगी। avyayibhav samas Avyayibhav Samas in Hindi अव्ययीभाव समास की परिभाषा –जहाँ प्रथम पद या पूर्व पद प्रधान हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। यदि किसी सामासिक पद में प्रथम पद अव्ययीभाव समास में समस्त पद अव्यय के भाव का बोध करवाता है, अर्थात समस्त पद को लिंग या वचन के आधार पर परिवर्तित नहीं किया जा सकता। अव्ययीभाव समास में प्रथम पद प्रधान होता है, लेकिन कुछ उदाहरण ऐसे भी होते हैं जिनमें द्वितीय पद प्रधान हो जाता है. प्रथम एवं द्वितीय पद की प्रधानता के आधार पर अव्ययीभाव समास के दो भेद होते हैं- अव्यय पद पूर्व अव्ययीभाव समास और नाम पद पूर्व अव्ययीभाव समास। • अव्यय पद पूर्व अव्ययीभाव समास • नाम पद पूर्व अव्ययीभाव समास अव्यय पद पूर्व अव्ययीभाव समास (Avyay Pad Purv Avyayibhav Samas) अव्ययीभाव समास का वह रूप जिसमें प्रथम पद अव्यय एवं द्वितीय पद अव्यय पद पूर्व अव्ययीभाव समास के उदाहरण (Avyay Pad Purv Avyayibhav Samas Ke Udahran) • यथामति = मति के अनुसार • यथासंख्य = संख्या के अनुसार • यथायोग्य = योग्यता के अनुसार नाम पद पूर्व अव्ययीभाव समास (Naam Pad Purv Avyayibhav Samas) अव्ययीभाव समास का वह रूप जिसमें प्रथम पद नाम पद पूर्व अव्ययीभा...

समास की परिभाषा और उसके भेद उदाहरण सहित

समास की परिभाषा समास के कितने भेद हैं समास के प्रकार और उदाहरण समास किसे कहते हैं और उसके भेद समास पहचानने की ट्रिक समास का शाब्दिक अर्थ क्या होता है समास के कितने भेद होते हैं samas hindi grammar with tricks samaas ke prakaar tatpurus samas hindi tet questions samas tricks in hindi hindi vyakaran hindi samas objective question ७. नत्र समास :- इसमे नही का बोध होता है। जैसे - अनपढ़,अनजान ,अज्ञान । कर्मधारय और बहुब्रीहि समास में अंतर जब साधारण अर्थ में लिया जाता है तब कर्मधारय समास होता है . जब विशेष अर्थ में लिया जाता है तब बहुब्रीहि समास होता है . जैसे - लम्बोदर - लम्बा है उदर जिसका अर्थात गणेश - बहुब्रीहि. लम्बोदर - लम्बा उदर - कर्मधारय. नीलकंठ - नील कंठ जिसका अर्थात महादेव जी - बहुब्रीहि . नीलकंठ - नीलकंठ - कर्मधारय . द्विगु और बहुब्रीहि समास में अंतर जब संख्यावाचक पद संख्या का ज्ञान कराता है ,तब द्विगु समास होता है ,जब त्रिवेणी = तीन वेणी है जिसको अर्थात गंगा ,यमुना तथा सरस्वती का संगम = बहुब्रीहि . त्रिवेणी = तीन वेणियों का समूह = द्विगु समास आर.बाबूराज जैन "हिंदी कुंज" नामक वेब साईट का हिंदी के प्रचार - प्रसार में बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसमें और विस्तार से अन्य कई विषयों में प्रकाश डाला जा सकता है। जैसे:- संधि, पद, पदबंध, वाक्य, वाक्य-भेद आदि कई विषय हैं जिनमें विविध उदाहरणों से और अच्छा बनाया जा सकता है। फिर भी प्रयास प्रशंसनीय है। द्वारा : आर.बाबूराज जैन, पुदुच्चेरी बेनामी It would be highly beneficial for us if the administrator of this blog could enable "printing" and "Cut copy paste" options so that we can use the content offline and to make it more user friendl...

समास (samas)

प्रिय पाठकों , आपका स्वागत है हमारे वेबसाईट personalstudys.com में। दोस्तों आज के इस ब्लॉग समास (samas)- Types of samas और उदाहरण में हम आपको सन्धि के प्रकार एवं उदाहरण, संधि के भेद, आदि के बारे में बताएंगे। दोस्तों आज का ब्लाग पोस्ट किसी भी प्रतियोगी परिक्षा की तैयारी के लिए काफी महत्वपूर्ण है, तो इसे अन्त तक जरुर पढें। समास की परिभाषा अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है। समास-प्रक्रिया में जिन दो शब्दों का मेल होता है, उनके अर्थ परस्पर भिन्न होते हैं तथा इन दोनों के योग से जो एक नया शब्द बनाते हैं; उसका अर्थ इन दोनों से अलग होता है। जैसा ऊपर बताया गया है, समास-रचना दो शब्दों या दो पदों के बीच होती है तथा इसमें पहला पद ‘पूर्वपद तथा दूसरा पद उत्तर पद कहलाता है। ‘पूर्वपद’ तथा ‘उत्तरपद’ के संयोग से जो नया शब्द बनता है,उसे समस्तपद कहते हैं। समास की परिभाषा के निम्नलिखित उदाहरण इस प्रकार हैं- समास की विशेषताएं समास की निम्नलिखित विशेषताएँ नीचे दी गई हैं- समास में दो पदों का योग होता है। दो पद मिलकर एक पद का रूप धारण कर लेते हैं। दो पदों के बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। दो पदों में कभी पहला पद प्रधान और कभी दूसरा पद प्रधान होता है। कभी दोनों पद प्रधान होते हैं। संस्कृत में समास होने पर संधि अवश्य होती है, किंतु हिंदी में ऐसी विधि नहीं है। समास-विग्रह समस्त पद के दोनों पदों को अलग-अलग किए जाने की प्रक्रिया समास-विग्रह कही जाती है। पदों को अलग-अलग करते समय दोनों पदों के बीच के विभक्ति/कारकीय-चिह्नों को भी जोड़ दिया ज...

Samas in Hindi, समास की परिभाषा, प्रकार, उदाहरण

बोर्ड परीक्षा में हाई स्कोर करें: हमारे SuccessCDs कक्षा 10 हिंदी कोर्स के साथ! Click here Samas in Hindi | SAMAS Definition, Types and Examples in Hindi "हिंदी भाषा की प्रमुख विशेषताओं में से एक समास या " समासा" है, जो एक यौगिक शब्द बनाने के लिए शब्दों को जोड़ने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। हिंदी व्याकरण में, समास जटिल विचारों और संबंधों को संक्षेप में और प्रभावी ढंग से व्यक्त करने का एक तरीका है। शब्द। विकल्प समास, बहुवचन समास, तत्पुरुष समास, और कर्मधारी समास विभिन्न प्रकार के समासों में से केवल कुछ हैं जो हिंदी में दिखाई देते हैं। विभिन्न प्रकार के समासों को जानने और उन्हें कैसे नियोजित किया जाए, हिंदी की समझ को बहुत बढ़ाया जा सकता है। यह लेख हिंदी में समास की परिभाषा, प्रकारों और उदाहरणों का अध्ययन करेगा और पाठकों को अवधारणा को ठीक से समझने में सहायता करने के लिए स्पष्ट, संक्षिप्त उदाहरण प्रदान करेगा।" Samas in Hindi - Samaas (समास): इस लेख में हम समास और समास के भेदों को उदहारण सहित जानेंगे। समास किसे कहते हैं? सामासिक शब्द किसे कहते हैं? पूर्वपद और उत्तरपद किसे कहते हैं? समास विग्रह कैसे होता है? समास और संधि में क्या अंतर है? समास के कितने भेद हैं? इन सभी प्रश्नों को इस लेख में बहुत ही सरल भाषा में विस्तार पूर्वक बताया गया है। Attention Class 9 and 10 Superstars: Signup for CBSE News, Videos & notes! समास की परिभाषा - SAMAS Definition समास का तात्पर्य होता है - संक्षिप्तीकरण। इसका शाब्दिक अर्थ होता है - छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं। दूसरे शब्दों में - दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर ब...

समास

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