समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल का फार्मूला

  1. समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल का फार्मूला, परिभाषा
  2. चक्रीय चतुर्भुज किसे कहते हैं, सूत्र, गुण
  3. समद्विबाहु त्रिभुज का फार्मूला एवं गुण: Isosceles Triangle in Hindi
  4. समबाहु त्रिभुज का परिमाप का फार्मूला क्या होता है?
  5. त्रिभुज का क्षेत्रफल (tribhuj ka kshetrafal) फार्मूला
  6. क्षेत्रमिति मैथ्स फार्मूला
  7. क्षेत्रमिति के सभी फार्मूला
  8. सरलीकरण फार्मूला, परिभाषा


Download: समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल का फार्मूला
Size: 5.44 MB

समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल का फार्मूला, परिभाषा

Sambahu tribhuj ka kshetrafal in hindi:- त्रिभुज के विभिन्न प्रकारों में से समबाहु त्रिभुज एक ऐसा ज्यामिति आकृति है जिससे की प्रश्न अक्सर परिक्षावों में पूछे जाते हैं. समबाहु त्रिभुज पर आधारित अनेकों प्रश्न बनते हैं जैसे कि समबाहु त्रिभुज किसे कहते हैं, Sambahu Tribhuj के क्षेत्रफल का सूत्र, समबाहु त्रिभुज की परिभाषा और गुणधर्म लिखिए, समबाहु त्रिभुज की ऊँचाई कैसे निकालें, Equilateral Triangle का परिमाप कैसे निकालते हैं इत्यादि. आज के इस लेख में समबाहु त्रिभुज से सम्बंधित जानकारियां साझा करने वाले हैं जैसे कि समबाहु त्रिभुज की परिभाषा, क्षेत्रफल, परिमाप का फार्मूला, Sambahu Tribhuj पर आधारित प्रश्न आदि. समबाहु त्रिभुज किसे कहते हैं ? Definition of Equilateral Triangle समबाहु त्रिभुज की परिभाषा, ” समबाहु त्रिभुज एक ऐसा त्रिभुज का प्रकार होता है जिसमे की तीनों भुजाएं आपस में बराबर होती है तथा त्रिभुज के अन्तः कोणों का मान 60 ० होता है.” अर्थात sambahu tribhuj एक नियमित बहुभुज होता है जिसमे की तीनों भुजावों का माप सामान होता है तथा प्रत्येक आंतरिक कोण 60 ० का होता है. Equilateral Triangle जैसा की ऊपर दिए गए चित्र में देख सकते हैं की एक नियमित त्रिभुज की सभी भुजावों का मान “a” है तथा आन्तरिक कोण 60 अंश के हैं. समबाहु त्रिभुज के गुण (Properties of Equilateral Triangle) किसी भी समबाहु त्रिभुज में ये निम्नलिखित गुण विद्यमान होते हैं, जो कि इसप्रकार से है. • किसी भी एक समबाहु त्रिभुज के तीनो भुजावों का माप सामान या बराबर होता है. • एक समबाहु त्रिभुज के प्रत्येक अन्तः कोण 60 अंश का होता है. • समबाहु त्रिभुज के अन्तः कोणों का योग 180 ० के बराबर होता है. • त्रिभुज के किसी भुजा का लम्ब...

चक्रीय चतुर्भुज किसे कहते हैं, सूत्र, गुण

चक्रीय चतुर्भुज किसे कहते है, परिभाषा, विकर्ण, क्षेत्रफल का सूत्र:- चक्रीय चतुर्भुज एक ऐसा चतुर्भुज होता है जिसके शीर्ष बिंदु एक वृत पर स्थित होते हैं. Chakriya Chaturbhuj से बहुत ही अच्छे प्रश्न निर्मित होते हैं जो की विद्यार्थियों के कक्षा 9 तथा 10 के परिक्षावों में पूछे जाते हैं. साथ ही UPTET, CTET, TET तथा अन्य सरकारी परिक्षावों की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के एग्जाम में भी Cyclic Quadilateral पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं. आज के इस पोस्ट में चक्रीय चतुर्भुज से सम्बंधित बेसिक जानकारियों को साझा करने वाले हैं. जैसे की चक्रीय चतुर्भुज किसे कहते है, इसके क्षेत्रफल का सूत्र, चित्र, गुणधर्म, विकर्ण, सम्मुख कोणों में सम्बन्ध तथा परिभाषा क्या है. अतः एक चक्रीय चतुर्भुज से सम्बंधित मूल जानकारियों को जानने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें. चक्रीय चतुर्भुज सम्मुख कोण, विकर्ण, परिभाषा, गुण, उदाहरण Definition of cyclic quadrilateral in Hindi:- चक्रीय चतुर्भुज को निम्नलिखित तरीकों द्वारा परिभाषित कर सकते है, ” किसी भी वृत पर स्थिति किन्ही चार बिन्दुवों को आपस में मिलाने पर जो चतुर्भुज निर्मित होता है, उसे चक्रीय चतुर्भुज (Chakriya Chaturbhuj) कहते हैं.” या ” ऐसा चतुर्भुज जिसकी चारो शीर्ष बिंदु एक एक वृत पर स्थित होते हैं, उसे चक्रीय चतुर्भुज कहते हैं. वृत पर स्थित सभी बिंदु चक्रीय बिंदु कहलाते हैं.” चक्रीय चतुर्भुज का चित्र | Diagram नीचे दिए गए चित्र में देख सकते हैं की एक चतुर्भुज ABCD एक वृत के अन्दर निर्दिष्ट है. माना कि वृत की त्रिज्या R है. किसी चक्रीय चतुर्भुज के क्षेत्रफल का सूत्र/फार्मूला Chakriya Chaturbhuj ka Kshetrafal:- माना कि एक चक्रीय चतुर्भुज में भुजाएं a, b, c, तथा d ...

समद्विबाहु त्रिभुज का फार्मूला एवं गुण: Isosceles Triangle in Hindi

समद्विबाहु त्रिभुज एक ऐसा गणितीय त्रिभुज है, जिसके दोनों भुजा एक दूसरे के बराबर होते हैं. साथ ही, इन समान भुजाओं के विपरीत कोण भी समान होते हैं. सामान्यतः त्रिभुज एक बहुभुज है, जिसमें तीन भुजाएँ, तीन शीर्ष और तीन कोण होते हैं. विशेष स्थिति में, त्रिभुज की भुजाएँ और कोण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन Isosceles Triangle in Hindi में केवल दो भुजा और दो कोण होते बराबर होते है. त्रिकोण यानि जबकि कोणों के आधार पर, त्रिभुज को तीन वर्गों में व्यक्त किया जाता है, न्यूनकोण, समकोण, एवं अधिककोण. समद्विबाहु त्रिभुज का सबसे अधिक प्रयोग क्लास 9th एवं 12th में होता है. जिसका सम्पूर्ण विवरण यानि समद्विबाहु त्रिभुज का फार्मूला, परिभाषा, एवं गुण यहाँ पढ़ेंगे. Table of Contents • • • • • समद्विबाहु त्रिभुज की परिभाषा ऐसा गणितीय त्रिभुज जिसकी दो भुजाएं एवं दो कोण आपस में बराबर हो, वे समद्विबाहु त्रिभुज कहलाता है. अर्थात, जिस त्रिभुज में सामने की दो भुजा एवं दो कोण एक दुसरें से बराबर हो, तो वह समद्विबाहु त्रिभुज कहलाता है. यदि विशेष स्थति में तीनों भुजाएँ समान लंबाई की हैं, तो वह परिभाषा को सरल बनाने के लिए समद्विबाहु त्रिभुज को निम्न भाग में विभक्त कर याद किया जा सकता है. • सम = बराबर • द्वि = दो • बाहु = भुजा अर्थात, समान लम्बाई की दो भुजा = समद्विबाहु त्रिभुज अवश्य पढ़े, समद्विबाहु त्रिभुज की गुणधर्म • समद्विबाहु त्रिभुज की दो भुजाएं आपस में बराबर होती हैं. • शेष यानि तीसरी भुजा को आधार आधार कहा जाता है. • त्रिभुज के दो समान भुजाओं के विपरीत कोण हमेशा एक दुसरें से समान होते हैं. • बराबर भुजाओं के सामने के कोण बराबर होते हैं. • शीर्ष से आधार पर डाला गया लम्बवत रेखा आधार को समद्विभाजित करती है. • आध...

समबाहु त्रिभुज का परिमाप का फार्मूला क्या होता है?

समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल इस आर्टिकल में आप सीखेंगे- • समबाहु त्रिभुज की परिभाषा • समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल (chetrafal) • समबाहु त्रिभुज का परिमाप • अभ्यास प्रश्न • अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQ) समबाहु त्रिभुज की परिभाषा आगे बढ़ने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि समबाहु त्रिभुज क्या है ? यानि की समबाहु त्रिभुज किसे कहा जाता है? जिस त्रिभुज की तीनों भुजायें बरबार तथा तीनों कोण समान होते है उसे समबाहु त्रिभुज कहा जाता है। समबाहु त्रिभुज के तीनों कोण 60 ° के होते है। समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल (Sambahu tribhuj ka kshetrafal/ chetrafal) तो चलिए समबाहु त्रिभुज के क्षेत्रफल को निकलते है । त्रिभुज PQR में जैसा की हम सभी जानते है की समबाहु त्रिभुज की सभी भुजायें तथा सभी कोण बराबर होते है। तो चलिए इस के आधार पर sambahu tribhuj ka chetrafal ka formula निकलते है। समबाहु त्रिभुज के क्षेत्रफल को निकालने के लिए कुछ steps का use किया गया है- • PQR एक त्रिभुज है जो समबाहु है। जिसकी सभी भूजायें PQ, QR तथा PR है जिसकी लंबाई s है। • बिन्दु P से आधार QR पर एक शीर्षलम्ब 'h' डाला गया। • जिससे QR दो भागों में विभाजित हो गया। तथा दोनों की लंबाई s/2 है। • त्रिभुज में लंब डालने से त्रिभुज PQR भी दो समकोण त्रिभुजों में विभाजित हो गया । • इन दो समकोण त्रिभुजों में से एक त्रिभुज PRS को लेंगे। • त्रिभुज PRS में PS = h, PR =s तथा SR= s/2 है । अतः उदाहरण: एक त्रिभुज जिसकी सभी भूजायें 2 cm है तो वह कौन सा त्रिभुज है। तथा उसके सभी कोण कितने डिग्री के होंगे और उस त्रिभुज का क्षेत्रफल क्या होगा ? उत्तर: दिया हुआ है- भुज = 2 cm ज्ञात करना है- त्रिभुज का प्रकार = ? कोण = ? क्षेत्रफल = ? त्रिभुज की तीनों...

त्रिभुज का क्षेत्रफल (tribhuj ka kshetrafal) फार्मूला

त्रिभुज (triangle)तीन रेखाओ द्वारा घिरा हुआ एक दो विमीय(two dimensional) आकृति होता है। दो विमीय से हमारा अभिप्राय यह केवल दो तल में ही बनाया जा सकता है। त्रिभुज को कभी भी तीन तल में नहीं बनाया जा सकता है। एक एक बहुत ही महत्वपूर्ण आकृति होता है। जमीन संबंधित गणना में त्रिभुजाकार आकृति से मिलता जुलता बहुत से प्लाट पाए जाते है उन सभी प्लाट का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए त्रिभुज से सम्बंधित सूत्र की आवश्यकता होती है। इस लेख में त्रिभुज से सम्बंधित सभी प्रकार के सूत्र की व्याख्या किया जायेगा। त्रिभुज के परिमाप से हमारा अभिप्राय इसके तीनो भुजाओ के लम्बाई के योग से होता है। परिमाप त्रिभुज से सम्बंधित एक बहुत ही महत्वपूर्ण पैरामीटर होता है। इसे अंग्रेजी में Premeter कहा जाता है। किसी भी त्रिभुज का परिमाप इसके तीनो भुजाओ के लम्बाई के योग के बराबर होता है। त्रिभुज के लम्बाई की गणना उस वक्त किया जाता है जब किसी त्रिभुजाकार आकृति के चारो तरफ घेरने के लिए रस्सी या बास (Bamboos) की जरुरत पड़ती है। जैसे यदि किसी त्रिभुजाकार प्लाट को बांस से घेरना है। तब इसको घेरने के लिए बांस की लम्बाई कितनी होगी। ऐसे स्थिति में घेरने के लिए लगाये गए कुल बांस की लम्बाई उस त्रिभुजाकार प्लाट के तीनो भुजाओ के योग के बराबर अर्थात त्रिभुज के परिमाप के बराबर होगी। त्रिभुज का क्षेत्रफल इसके तीनो भुजाओ के बीच घिरे हुए क्षेत्र को कहते है। किसी भी त्रिभुज द्वारा घेरा गया क्षेत्र उसके भुजाओ के लम्बाई के समानुपाती होता है। अर्थात तत्रिभुज के भुजाओ की लम्बाई जितनी ज्यादा होगी उसका क्षेत्रफल भी उतना ही ज्यादा होता है। किसी भी त्रिभुज का क्षेत्रफल उसके आधार तथा संगत उचाई के गुणनफल का आधा(Half) होता है।

क्षेत्रमिति मैथ्स फार्मूला

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • क्षेत्रफल: किसी समतल आकृति द्वारा घेरा जाने वाला स्थान अथवा आकृति की सीमाओं के अंदर के धरातल का परिमाप, उसका क्षेत्रफल कहलाता है। क्षेत्रफल का मात्रक ‘वर्ग इकाई’ होता है। जैसे:- किसी आयत की लंबाई (l) = 3 सेमी तथा चौड़ाई (b) = 4 सेमी, तब, आयत का क्षेत्रफल(A) = l X b = 3 X 4 = 12 सेमी परिमाप (perimeter in Hindi): किसी समतल आकृति की सभी भुजाओं का योग उसका परिमाप कहलाता है। इसे परिमिति भी कहते है जिस इकाई में भुजा की माप दी गई होती है, वही इकाई परिमिति की माप होती है जैसे:- किसी त्रिभुज की भुजाएँ क्रमश: 3 सेमी, 4 सेमी व 5 सेमी है, तब, त्रिभुज का परिमाप (P) = तीनों भुजाओं का योग = 12 सेमी त्रिभुज (Triangle in Hindi): तीन भुजाओं से घिरी हुई आकृति त्रिभुज कहलाती है। इसमें तीन कोण होते है| जिसका योग 180° होता है। तथा किन्हीं दो भुजाओं का योग तीसरी भुजा से अधिक होता है। त्रिभुज का क्षेत्रफल = 1/2 × आधार × ऊँचाई = 1/2 × a × h समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle in Hindi): ऐसे त्रिभुज जिनकी तीनों भुजाऐं समान होती हैं समबाहु त्रिभुज कहलाते हैं। और इसका प्रत्ये क कोण 60° का होता है। 1) समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √3/4 a² 2) समबाहु त्रिभुज का परिमाप = 3a 3) समबाहु त्रिभुज की ऊँचाई h = √3/2a = 1/2 × a × h समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle in Hindi): ऐसे त्रिभुज जिसकी दो भुजाऐं समान होती है। समद्विबाहु त्रिभुज कहलाते है। 1) समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √s(s-a)(s-a)(s-b) = (s-a) √s(s-b) 2) समद्विबाहु त्रिभुज का परिमाप = 2a + b = 1/2 × a × h विषमबाहु त्रिभुज (Scalene Triangle in Hindi): ऐसे त्रिभुज जिसकी कोई भी भुजा समान नहीं ...

क्षेत्रमिति के सभी फार्मूला

गणितीय ज्यामिति में, क्षेत्रमिति फार्मूला का महत्व सबसे अधिक है. एक गणितीय सर्वे के अनुसार प्रत्येक प्रकार के एग्जाम में ( ) All Mensuration Formula in Hindi से सम्बंधित प्रश्न लगभग 45 % से अधिक होते है. इसलिए, ऐसे प्रश्नों को हल करने के लिए विशेष फार्मूला का प्रयोग करना अनिवार्य होता है. हाल ही में हुए कुछ वार्षिक बोर्ड और कम्पटीशन एग्जाम में देखा गया है कि शंकु, बेलन, गोला, आयत, त्रिभुज, चतुर्भुज आदि जैसे ज्यामितीय आकृति से सम्बंधित अधिक प्रश्न पूछा गया है. जो दर्शाता है कि क्षेत्रमिति फार्मूला स्मरण होना कितना आवश्यक है. आवश्यकता के अनुसार, क्षेत्रमिति से जुड़े लगभग सभी घटकों यानि आयतन, क्षेत्रफल, परिमाप आदि का अवश्य पढ़े, वर्ग का परिभाषा एवं क्षेत्रफल आयत का विशेष क्षेत्रफल समानान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • क्षेत्रमिति की परिभाषा ज्यामितीय क्षेत्रमिति गणित की एक ऐसी शाखा है जो मापन सम्बन्धित क्रियाओं को पूर्ण करती है. मापन में भी विशेष रूप से यह ज्यामितीय आकृतियों के क्षेत्रफल, आयतन, एवं परिमिति या परिमाप के सूत्रों की निष्पत्ति एवं उनके प्रयोग से सम्बन्ध रखती है. यहाँ क्षेत्रमिति के कुछ प्रमुख घटक है जो इस प्रकार है. परिमाप / परिधि: क्षेत्रमिति में परिमाप या परिधि एक ऐसी दुरी है जो रेखाखंडो से बनी आकृति के रेखाखंडो के साथ-साथ चलते हुए एक बंद आकृति बनाती है. अतः उस आकृति के चारों और चक्कर ही परिमाप कहलाता है. दुसरें शब्दों में, किसी आकृति के सभी भुजाओं की लंबाइयों का योग उस आकृति का परिमाप या परिमिति कहलाता हैं क्षेत्रफल: किसी समतल या वक्रतल के द्वि-आयामी आकृति के परिमाण को क्षेत्रफल ...

सरलीकरण फार्मूला, परिभाषा

Simplification In Hindi : प्रिय मित्रों आज हम आपको सरलीकरण के बारे में विस्तार से बताएंगे। आज हमने इस लेख में सरलीकरण किसे कहते है, सरलीकरण की परिभाषा, सरलीकरण सूत्रइत्यादी के बारे आपके लिए विस्तार से जानकारी दी है। हमारा यह लेख पढ़ने के बाद आपको Sarlikaran Kya Hai की पूर्ण जानकारी के बारे में पता लग जाएगा। कोष्ठक चार प्रकार के होते हैं – 1 . ― → रेखा कोष्ठक ( Line Bracket ) 2 . ( ) → छोटा कोष्ठक ( Simple or Small Bracket ) 3 . → मझला कोष्ठक ( Curly Bracket ) 4 . [ ] → बड़ा कोष्ठक ( Square Bracket ) इनको इसी क्रम में सरल करते हैं । सरलीकरण के महत्वपूर्ण बीजगणितीय सूत्र सरलीकरण के महत्वपूर्ण बीजगणितीय सूत्र a²- b² = (a + b) (a – b) (a+b)²= a²+ 2ab + b² (a-b)²= a²- 2ab + b² (a+b)² + (a-b)²= 2(a²+b²) (a+b)² – (a-b)²= 4ab (a+b)³ = a³ + b³ + 3ab(a+b) (a-b)³ = a³- b³- 3ab(a-b) a³+ b³ = (a + b) (a² – ab + b²) a³- b³ = (a-b) (a² + ab + b²) (a + b + c +)² = a² + b² + c² + 2ab + 2bc + 2ca a³+ b³ + c³- 3abc = (a + b + c) (a² + b² + c²- ab – bc – ca) Note:- यदि a + b + c = 0 हो, तो a³+ b³ + c³ = 3abc होता है। उपरोक्त फार्मूला बहुपद, अलजेब्रा आदि में भी प्रयुक्त होते है। यह भी पढ़ें – हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया Simplification In Hindi आपको पसंद आयी होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। Categories Post navigation