सनातन धर्म कितना वर्ष पुराना है

  1. सनातन धर्म कितना पुराना है ,तथा इसका क्या महत्व है
  2. Sanatan Dharma in Hindi
  3. सनातन धर्म क्या है
  4. Sanatan Dharm Kitna Purana Hai सनातन धर्म कितना पुराना है ? » Hindijod
  5. सनातन धर्म कितना पुराना है, अर्थ, महत्व हिंदी में (Sanatan Dharm Kitna Purana Hai)
  6. सनातन धर्म कितना पुराना है
  7. सनातन धर्म
  8. Hindu Dharma History Of Hindu Religious And Kalyug Ending Year Know Details In Hindi
  9. ऋग्वेद कितने वर्ष पुराना है? – ElegantAnswer.com
  10. ऋग्वेद कितने वर्ष पुराना है? – ElegantAnswer.com


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सनातन धर्म कितना पुराना है ,तथा इसका क्या महत्व है

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Sanatan Dharma in Hindi

आप लोग सनातन धर्म को एक यूनिवर्सिटी के मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका मतलब हुआ कि आप एक विशाल और परम प्रक्रिया को एक सीमित और कहीं छोटे मंच पर रखने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि अब वो समय आ गया है, जब ऐसा करना ही होगा, इसमें कोई दो राय ही नहीं है। लेकिन ऐसा करते समय कुछ बुनियादी सावधानियां बरतने की जरूरत है, ताकि यह किसी धर्म शास्त्र के अध्ययन जैसा बन कर न रह जाए, बल्कि यह लोगों के भीतर ज्ञान की लालसा जगाने का कारण बन कर उभरे। सनातन धर्म क्या है सनातन धर्म कोई ऐसी प्रक्रिया नहीं है, जो आपको बताए कि आप इस पर विश्वास कीजिए, वर्ना आप मर जाएंगे। यह इस तरह की संस्कृति नहीं है। यह आपको कुछ ऐसा बताता है, जो आपके मन में सवाल उठाए, ऐसे सवाल जिनके बारे में शायद आपने कभी कल्पना भी नहीं की हो। मानव बुद्धि या समझ की प्रकृति ही खोजने की है। लोगों के भीतर यह जिज्ञासा इसलिए खत्म होती गई, क्योंकि उन पर विश्वास या मत थोपे गए। सनातन धर्म की पूरी प्रक्रिया आपके भीतर प्रश्नों को खड़ा करने के लिए ही है। और सबसे बड़ी बात यह आपके सवालों के ‘रेडिमेड जवाब’ नहीं देता, बल्कि यह आपके भीतर इस तरह से सवाल खड़े करने की गहनता लाता है कि आप खुद ब खुद इन सवालों के जवाब का स्रोत तलाश लेते हैं। तो जिज्ञासा का वो आयाम या स्तर लाने के लिए इसमें कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतने की जरूरत है, ताकि यह एक दूसरी तरह का आध्यात्मिक अध्ययन भर बन कर न रह जाए। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि भारत से बाहर भी बहुत सारे लोगों में कुछ चीजों को स्थापित करने की बेचैनी धीरे-धीरे घर करती जा रही है। दूसरे धर्मों के आगे निकल जाने की भावना पैदा हो रही है। इस कोशिश में वह पूरे शाश्वत व सनातन ज्ञान को महज एक पवित्र किताब या ग्रंथ तक सीमित...

सनातन धर्म क्या है

सनातन धर्म को हिन्दू धर्म और वैदिक धर्म के वैकल्पिक नाम से जाना जाता है जिसका इतिहास हज़ारों वर्ष पुराना है। सनातन धर्म दुनिया के सबसे प्रमुख धर्मों में से एक माना जाता है जिसका वर्णन धार्मिक ग्रंथों में भी किया गया है। यह भारत का सबसे बड़ा और मूल समूह है। भारत की 79.8% जनसंख्या सनातन धर्म की अनुयायी है। लेकिन लोगों के मन में अब भी कई सवाल आते हैं जैसे की सनातन धर्म क्या है , सनातन धर्म के नियम क्या हैं, सनातन धर्म के प्रतीक चिन्ह, आदि। तो आज हम जानेंगे की सनातन धर्म क्या है और इससे जुड़ी कुछ खास बातें। सनातन का अर्थ है ‘शाश्वत’ या ‘सदा बना रहने वाला’ है। सरल भाषा में कहें तो जिसका ना आदि है ना अन्त है वही सनातन है। सनातन धर्म को विश्व का सबसे पुराना धर्म माना जाता है क्योंकी इसका वर्णन वेद पुराणों में भी किया गया है। यानि सनातन धर्म वेदों पर आधारित धर्म है जिसे झूटलाया नहीं जा सकता। ब्रह्म सुत्र, गीता और उपनिषद सनातन धर्म के तीन आधार हैं जिसे ‘त्रिवेणी’ के नाम से भी जाना जाता है। सनातन धर्म में शाश्वत का अर्थ ‘सत्य’ है। ‘सत्य’ दो शब्दों से मिलकर बना है सत् और तत्। सत् का अर्थ है यह और तत् का अर्थ है वह। यह दोनों ही सत्य है। जो अनादि काल से चला आ रहा है और जिसका कभी अंत ना हो, वही सत्य है। और इस सत्य को बताने वाला धर्म सनातन धर्म भी सत्य है यानि ये कहा जा सकता है कि ‘ सनातन ही शाश्वत है’। धार्मिक ग्रंथों और पुराणों के अनुसार हमने जाना सनातन धर्म क्या है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में ईश्वर आस्था और उनसे जुड़े प्रसंगो के अलावा सनातन धर्म के नियम यानि जीवन जीने के नियमों को भी विस्तार से समझाया गया है। हिन्दू धर्म और वैदिक धर्म के वैकल्पिक नाम से जाना जाने वाला सनातन धर्म के निय...

Sanatan Dharm Kitna Purana Hai सनातन धर्म कितना पुराना है ? » Hindijod

सनातन धर्म एक सार्वभौमिक धर्म है।आज हम यहाँ पता करेंगे कि सनातन धर्म कितना पुराना है ? sanatan dharm kitna purana hai. हम सनातन धर्म की प्राचीन जड़ों की खोज करेंगे, जो दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है और सबसे स्थायी धर्म है।आज हम इसकी उत्पत्ति, मान्यताओं और प्रथाओं के बारे में जानेंगे। हम जानेंगे की सनातन धर्म (Sanatan Dharma) आज भी करोडो अनुयायियों को क्यों प्रेरित करता है। हम आपको यहाँ सनातन धर्म के इतिहास और संस्कृति की प्रामाणिक और मौलिक जानकारी देने के लिए कटिबद्ध है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • कई लोगों द्वारा आमतौर पर पूछा जाने वाला प्रश्न है की सनातन धर्म कितना पुराना है ? sanatan dharm kitna purana hai ? तो हम आपको बता दे की, सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है। यह लेख सनातन धर्म के इतिहास, इसकी उत्पत्ति और सदियों से इसके विकास की पड़ताल करता है। हजारों वर्षों से चली आ रही इस प्राचीन धर्म की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक महत्व की जानकारी देता है। Sanatan Dharm Kya Hai (सनातन धर्म क्या है): सनातन धर्म का मतलब है एक शाश्वत धर्म, जिसकी प्रासंगिकता हमेशा रहेगी। सिर्फ यही संस्कृति आपको इतनी आजादी देती है कि आप अपना भगवान खुद चुन सकते हैं – पुरुष देवता, स्त्री देवता, पशु देवता, वृक्ष देवता, आप जिसे चाहें उसे इष्ट देवता कह सकते हैं, जिसका मतलब है अपना मनचाहा भगवान चुन सकते है। सनातन धर्म की पूरी प्रक्रिया आपके भीतर प्रश्नों को खड़ा करने के लिए ही है। सनातन धर्म के बारे मे और हम इस लेख में (sanatan dharm kitna purana hai) जानेंगे। Sanatan Dharm (सनातन धर्म): हर व्यक्ति अपने जीवन के किसी खास समय पर किस चीज से सबसे अधिक जुड़...

सनातन धर्म कितना पुराना है, अर्थ, महत्व हिंदी में (Sanatan Dharm Kitna Purana Hai)

Sanatan Dharm Kitna Purana Hai: सनातन धर्म जिसे हिंदू धर्म भी कहा जाता है। आपको बता दें कि सनातन धर्म दुनिया और इस धरती का सबसे पुराना धर्म है। आपको बता दें कि इस दुनिया में सिर्फ एक ही धर्म हैं और वो है सनातन धर्म। सनातन धर्म का अपना एक समृद्ध और विविध इतिहास है। लेकिन बहुत से लोग सनातन धर्म और हिन्दू धर्म को अलग-अलग मानते हैं। बहुत से लोगो के यह मानना है कि हिन्दू नाम तो विदेशियों का दिया हुआ है जो कि सिन्धु शब्द से निकला है। ऐसा कहा जाता है कि पहले हिन्दू धर्म का नाम सनातन धर्म ही था। लेकिन कुछ ज्ञानी ऐसा भी कहते हैं कि इसका नाम पहले आर्य धर्म था। वहीँ कुछ इसे वैदिक धर्म भी बताते हैं। कुछ विद्वान् हिन्दू धर्म को ही वैदिक धर्म भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह लगभग 1,96,58,83,110 वर्ष पुराना है। सनातन धर्म को हिंदू धर्म भी कहा जाता है। सनातन का अर्थ होता है सारस्वत या हमेशा रहने वाला जिसका मतलब यह है कि जिसका न कोई आदि है और ना ही अंत। आपको बता दें कि सनातन धर्म ही हमारे देश का मूल धर्म है। एक ऐसा समय था जब पूरे भारत उपमहाद्वीप में था। लेकिन जब देश में कई आक्रमणकारी आये तो धर्म परिवर्तन की वजह से बहुत ही लोग दूसरे धर्म में परिवर्तित हो गए। 2 सनातन का अर्थ क्या है (Sanatan dharm ka arth kya hai) हमारे पौराणिक कथाओं की माने तो हमारा सनातन धर्म लगभग 90 साल पुराना है बताया है लेकिन कई विद्वानों का ऐसा मानना है कि यह धर्म 1,96,58,83,110 साल पुराना है। ऐसा माना जाता है कि हिंदू धर्म में 9057 ई। पू। स्वायंभुव मनु हुए इसके बाद 6673 ई. पू. में वैवस्वत मनु हुए। हमारे भगवान् श्री राम का जन्म 5114 ई. पू. का है और भगवान् श्री कृष्ण का जन्म 3112 ई. पू. का बताया जाता है। लेकिन कई शोध...

सनातन धर्म कितना पुराना है

सनातन धर्म कितना पुराना है | Sanatan dharma kitna purana hai आज के इस लेख में हम आपको सनातन धर्म कितना पुराना है (Sanatan dharma kitna purana hai). सनातन धर्म क्या है Sanatan Dharm Kya Hai. सनातन धर्म का अर्थ. (meaning of sanatan dharma). सनातन धर्म के संस्थापक कौन हैं, सनातन धर्म के नियम Sanatan dharma rules. what is sanatan dharma. sabse purana dharm kaun sa hai. कुल मिलाकर सनातन धर्म के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं Sanatan dharma kitna purana hai : आज के समय में सनातन धर्म (sanatan dharma) बहुत ही प्रसिद्ध धर्म है भारत में सनातन धर्म मानने वालो की संख्या बहुत ही ज्यादा है सनातन धर्म (sanatan dharma) को हिन्दू धर्म भी कहा जाता है अगर आप भी भारतीय हैं और हिन्दू हैं तो आपको सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना जरूरी है अगर आप हिन्दू नहीं भी हैं तब भी सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना चाहिए क्योकि यह धर्म किसी एक आदमी का धर्म नहीं है बल्कि यह धर्म सत्य का धर्म है। अगर आप सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना चाहते हैं तो आज के इस लेख में हम आपको सनातन धर्म कितना पुराना है (Sanatan dharma kitna purana hai). सनातन धर्म क्या है Sanatan Dharm Kya Hai. सनातन धर्म का अर्थ. (meaning of sanatan dharma). सनातन धर्म के संस्थापक कौन हैं, सनातन धर्म के नियम Sanatan dharma rules. what is sanatan dharma. sabse purana dharm kaun sa hai. कुल मिलाकर सनातन धर्म के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं अगर आप हिन्दू हैं और सनातन धर्म (sanatan dharma) को मानते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • •...

सनातन धर्म

अनुक्रम • 1 इतिहास • 2 स्वरूप • 3 मार्ग • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ इतिहास “ यह पथ सनातन है। समस्त देवता और मनुष्य इसी मार्ग से पैदा हुए हैं तथा प्रगति की है। हे मनुष्यों आप अपने उत्पन्न होने की आधाररूपा अपनी माता को विनष्ट न करें। ” —ऋग्वेद-3-18-1 सनातन धर्म जिसे प्राचीन काल में कालान्तर में जब औपनिवेशिक ब्रिटिश शासन को स्वरूप सनातन में आधुनिक और समसामयिक चुनौतियों का सामना करने के लिए इसमें समय समय पर बदलाव होते रहे हैं, जैसे कि सनातन धर्म की गुत्थियों को देखते हुए कई बार इसे कठिन और समझने में मुश्किल मार्ग विज्ञान जब प्रत्येक वस्तु, विचार और तत्व का मूल्यांकन करता है तो इस प्रक्रिया में हमारे ऋषि-मुनियों ने ध्यान और मोक्ष की गहरी अवस्था में इन्हें भी देखें • Lester R. Kurtz, Gods in the global village: the world's religions in sociological perspective, Pine Forge Press, 2007, 9781412927154, मूल से 3 जनवरी 2014 को , अभिगमन तिथि 11 नवंबर 2013, ... Hinduism — or Sanatana Dharma, as some believers prefer to call it — is a religious tradition that encompasses layers of complex deposits from many different cultures over the centuries. Its remarkable diversity and doctrinal tolerance ... • सनातनमेनमहुरुताद्या स्यात पुनण्रव् (अधर्ववेद 10/8/23) अर्थात - सनातन उसे कहते हैं जो, जो आज भी नवीकृत है। • "एस धम्मो सनन्तनो" (धम्मपद, गाथा -5) • J. Zavos, Defending Hindu Tradition: Sanatana Dharma as a Symbol of Orthodoxy in Colonial India, Religion (Academic Press), Volume 31, Number 2, April 2001, pp. 109-123; see also R. D. Baird, "Swami Bhaktivedant a and the Encounter with Religi...

Hindu Dharma History Of Hindu Religious And Kalyug Ending Year Know Details In Hindi

Hindu Dharma in Kalyug: मान्यता है कि सनातन हिंदू धर्म पूरी दुनिया का सबसे पुराना धर्म है. इससे पहले किसी धर्म के होने का प्रमाण नहीं मिलता. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म 90 हजार वर्ष पुराना है. कितना पुराना है हिंदू धर्म ? हिन्दू धर्म को 90 हजार वर्ष पुराना बताया जाता है. हिन्दू धर्म में सबसे पहले 9057 ईसा पूर्व स्वायंभुव मनु हुए, 6673 ईसा पूर्व में वैवस्वत मनु हुए. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म 5114 ईसा पूर्व और श्रीकृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व बताया जाता हैं. वहीं वर्तमान शोध के अनुसार हिंदू धर्म को 12-15 हजार वर्ष पुराना और ज्ञात रूप से लगभग 24 हजार वर्ष पुराना माना गया है. हिंदू धर्म के चार युगों का काल वेदों के अनुसार हिंदू धर्म में चार युग सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग के बारे में बताया गया है. इसमें सतयुग लगभग 17 लाख 28 हजार वर्ष पुराना, त्रेतायुग 12 लाख 96 हजार वर्ष, द्वापरयुग 8 लाख 64 हजार वर्ष और कलियुग को 4 लाख 32 हजार वर्ष का बताया गया है. भगवान राम का काल त्रेतायुग का था और श्रीकृष्ण द्वापरयुग में जन्मे थे. वर्तमान में कलियुग चल रहा है. कलियुग में कितना समय है शेष ? विद्वानों की माने तो कलियुग के 4 लाख 32 हजार मानव वर्ष में अभी कुछ ही हजार वर्ष बीते हैं. अगर कलियुग समय की आधुनिक गणना की जाए तो इसकी शुरुआत 3,120 ईसा पूर्व हुई थी. जब मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्पति और शनि पांच ग्रह मेष राशि पर 0 डिग्री पर थे. इसके अनुसार अबतक कलियुग के 3102+2023= 5125 साल बीत चुके हैं. इस तरह से कलियुग के 4,32.000 साल में 5,125 को घटाने पर 4,26,875 वर्ष शेष रहते हैं. यानी अभी कलियुग खत्म होने में 4,26,875 वर्ष बाकी है. वर्तमान समय को कलियुग का प्र...

ऋग्वेद कितने वर्ष पुराना है? – ElegantAnswer.com

ऋग्वेद कितने वर्ष पुराना है? इसे सुनेंरोकेंदार्शनिक और भाषाई साक्ष्य इंगित करते हैं कि ऋग्वेद संहिता के थोक की रचना भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में हुई थी, जो कि सबसे अधिक संभावना है- 1500 और 1000 ईसा पूर्व, 1700-1000 BCE भी दिया गया है। ऋक् संहिता में 10 मण्डल, बालखिल्य सहित [[१०२८|1028]॰ सूक्त हैं। चारों वेदों के रचयिता कौन थे? इसे सुनेंरोकेंअतः कुछ विद्वान ऋग्वेद के रचना की तिथि को 1500 ई० पू० से 1000 ई० पू० रखते हैं जो कि अब तक कि सर्वमान्य तिथि है। तथा इसी काल (1500-1000 ई. पू.) को ऋग्वैदिक काल भी कहा जाता है। ऋग्वेद का जन्म कब हुआ? इसे सुनेंरोकें१८००-११०० ईसा पूर्व सनातन धर्म का सबसे आरम्भिक स्रोत है। इसमें 10 मण्डल, 1028 सूक्त और वर्तमान में 10,462मन्त्र हैं, मन्त्र संख्या के विषय में विद्वानों में कुछ मतभेद है। मन्त्रों में देवताओं की स्तुति की गयी है। वेदों को कब लिखा गया? इसे सुनेंरोकेंकालक्रम वेद सबसे प्राचीन पवित्र ग्रंथों में से हैं। संहिता की तारीख लगभग 1700-1100 ईसा पूर्व, और “वेदांग” ग्रंथों के साथ-साथ संहिताओं की प्रतिदेयता कुछ विद्वान वैदिक काल की अवधि 1500-600 ईसा पूर्व मानते हैं तो कुछ इससे भी अधिक प्राचीन मानते हैं। जिसके परिणामस्वरूप एक वैदिक अवधि होती है, जो 1000 ईसा पूर्व से लेकर 200 ई. ऋग्वेद के रचनाकार कौन है? इसे सुनेंरोकेंऋग्वेद का संकलन किसने किया? वेदों के संकलन कर्ता महर्षि द्वैपायन वेद व्यास जी को माना जाता है। वेदों की रचना कब हुई और किसने की? इसे सुनेंरोकेंवेद भारत के सबसे प्राचीन धर्म ग्रंथ है। इसका संकलन महर्षि कृष्ण व्यास द्वैपाजन जी ने किया था। वेद का अर्थ है – ज्ञान ( knowledge ) । इनसे आर्यों के आगमन व बसने की जानकारी ...

ऋग्वेद कितने वर्ष पुराना है? – ElegantAnswer.com

ऋग्वेद कितने वर्ष पुराना है? इसे सुनेंरोकेंदार्शनिक और भाषाई साक्ष्य इंगित करते हैं कि ऋग्वेद संहिता के थोक की रचना भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में हुई थी, जो कि सबसे अधिक संभावना है- 1500 और 1000 ईसा पूर्व, 1700-1000 BCE भी दिया गया है। ऋक् संहिता में 10 मण्डल, बालखिल्य सहित [[१०२८|1028]॰ सूक्त हैं। चारों वेदों के रचयिता कौन थे? इसे सुनेंरोकेंअतः कुछ विद्वान ऋग्वेद के रचना की तिथि को 1500 ई० पू० से 1000 ई० पू० रखते हैं जो कि अब तक कि सर्वमान्य तिथि है। तथा इसी काल (1500-1000 ई. पू.) को ऋग्वैदिक काल भी कहा जाता है। ऋग्वेद का जन्म कब हुआ? इसे सुनेंरोकें१८००-११०० ईसा पूर्व सनातन धर्म का सबसे आरम्भिक स्रोत है। इसमें 10 मण्डल, 1028 सूक्त और वर्तमान में 10,462मन्त्र हैं, मन्त्र संख्या के विषय में विद्वानों में कुछ मतभेद है। मन्त्रों में देवताओं की स्तुति की गयी है। वेदों को कब लिखा गया? इसे सुनेंरोकेंकालक्रम वेद सबसे प्राचीन पवित्र ग्रंथों में से हैं। संहिता की तारीख लगभग 1700-1100 ईसा पूर्व, और “वेदांग” ग्रंथों के साथ-साथ संहिताओं की प्रतिदेयता कुछ विद्वान वैदिक काल की अवधि 1500-600 ईसा पूर्व मानते हैं तो कुछ इससे भी अधिक प्राचीन मानते हैं। जिसके परिणामस्वरूप एक वैदिक अवधि होती है, जो 1000 ईसा पूर्व से लेकर 200 ई. ऋग्वेद के रचनाकार कौन है? इसे सुनेंरोकेंऋग्वेद का संकलन किसने किया? वेदों के संकलन कर्ता महर्षि द्वैपायन वेद व्यास जी को माना जाता है। वेदों की रचना कब हुई और किसने की? इसे सुनेंरोकेंवेद भारत के सबसे प्राचीन धर्म ग्रंथ है। इसका संकलन महर्षि कृष्ण व्यास द्वैपाजन जी ने किया था। वेद का अर्थ है – ज्ञान ( knowledge ) । इनसे आर्यों के आगमन व बसने की जानकारी ...