सरस्वती माता इमेजेज

  1. सरस्वती
  2. माँ सरस्वती की कथा Maa Saraswati Story And Names In Hindi
  3. हर काम के लिए सरस्वती माता के चमत्कारी मंत्र
  4. सरस्वती वंदना
  5. सरस्वती देवी
  6. मां सरस्वती जी की वन्दना, वर्णन, स्तुति, श्लोक, आराधना एवं वसन्त पञ्चमी पूजन।Vasant Panchami
  7. Sarasvati Mata Mantra
  8. सरस्वती माता


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सरस्वती

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माँ सरस्वती की कथा Maa Saraswati Story And Names In Hindi

माँ सरस्वती की कथा Maa Saraswati Story Goddess Saraswati Images Songs And Names In hindi: हंस एवं मोर की सवारी करने वाली सरस्वती देवी हिन्दुओं की मुख्य देवी माना जाता हैं, इन्हें शारदा, शतरूपा, वीणावादिनी, वीणापाणि, वाग्देवी, वागेश्वरी, भारती आदि नामों से भी भक्त पुकारते हैं. विद्या की अधिष्ठात्री देवी की उपासना करने से ज्ञान तथा सद्बुद्धि की प्राप्ति होती हैं. कहा जाता हैं कि कालिदास अपने जमाने का सबसे बड़ा मुर्ख था जिसने माँ सरस्वती की आराधना की जिससे वों महान कवि बन गया. बसंत पंचमी (माघ शुक्ल पंचमी) को इनका जन्म दिवस हैं. माँ सरस्वती की कथा Maa Saraswati Story Names In Hindi महासरस्वती या चामुंडा माता की कथा (story of maa saraswati)- एक समय शुम्भ निशुम्भ के दो दैत्य बहुत बलशाली थे. उनमे युद्ध में मनुष्य तो क्या देवता भी हार गये. जब देवताओं ने देखा कि अब युद्ध में जीत नही सकते. तब वे स्वर्ग छोड़कर भगवान विष्णु की स्तुति करने लगे. उस समय भगवान विष्णु के शरीर से एक ज्योति प्रकट हुई जो कि महासरस्वती थी. महासरस्वती अत्यंत रूपवान थी, उनका रूप देखकर वे दैत्य मुग्ध हो गये और अपना सुग्रीव नाम का दूत उस देवी के पास अपनी इच्छा प्रकट करने के लिए भेजा. उस दूत को देवी ने वापिस कर दिया. उसके बाद उन दोनों ने सोच समझकर अपने सेनापति धुभ्राक्ष को सेना सहित भेजा, जो देवी द्वारा सेना सहित मारा गया. फिर चंड मुंड लड़ने आए और वे भी मार डाले गये. इसके बाद रक्तबीज लड़ने आया, जिसके रक्त की एक बूंद जमीन पर गिरने से एक वीर पैदा होता था. वह बहुत बलवान था उसे भी देवी ने मार डाला. अंत में चामुंडा से शुम्भ निशुम्भ स्वयं दोनों लड़ने आए और देवी के हाथों मारे गये. सभी देवता दैत्यों की मृत्यु के बाद बहुत खुश हु...

हर काम के लिए सरस्वती माता के चमत्कारी मंत्र

इस पोस्ट में मैंने, विद्या, ज्ञान और वेदों की देवी सरस्वती माता के कुछ महाशक्तिशाली मंत्रों के जानकारी दी है। इन चमत्कारी और तुरंत काम करने वाले सरस्वती मंत्रों को बोलने से प्रचंड ज्ञान की प्राप्ति होकर साधक का कल्याण ही कल्याण होगा और उसका जीवन सफल हो जाएगा। आज कल के महामारी के काल में सभी छात्रों को पढ़ाई करनें में परेशानी हो रही है और पढ़ाई करते समय वह अपने मन को एकाग्रित नहीं कर पा रहे है क्योंकि आज-कल पाठशाला और विद्यालय ऑन लाइन पढ़ाते हैं। उसके कारण मन एकाग्रित नहीं हो पा रहा हैं। इसलिए नियमित रूप से १] आवाज या वाणी को शक्तिशाली करने का सरस्वती माता का मूल मंत्र: वद वद वाग्वादिनी स्वाहा || Vad Vad Vaagwaadinee Swaha || मंत्र को कैसें बोलें: सरस्वती तंत्र के अनुसार इस २] विद्या और ज्ञान पाने के सरस्वती मूल मंत्र: अ] ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः || Om Aim Saraswatyai Namah || ब] ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः || Om Aim Saraswatyai Aim Namah || मंत्र जाप कैसे करें: इन दो मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र को चुनकर उसका हर रोज १०८ बार जाप करना उचित होगा। हर प्रकार की विद्या और ज्ञान पाने के लिए यह अत्यंत सटीक और जल्द काम करने वाले ३] सरस्वती माता की कृपा पाने का मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः || Om Aim Hreem Maha Saraswati Devyai Namah || मंत्र बोलने का तरीका: इस मंत्र को बोलने से सरस्वती माता को खुश करके मनचाहा या अपने क्षेत्रे में अव्वल होने का ज्ञान और विद्या प्राप्त होती है। इच्छित ज्ञान पाने का यह सबसे शक्तिशाली सरस्वती मंत्र है जिससे साधक को सरस्वती माता का पूरा आशीर्वाद मिल जाता है। इस सरस्वती माता के मंत्र को हर दिन १ माला बोलें। ४] स्मरण शक्ति बढ़ाने का सरस्वती मं...

सरस्वती वंदना

• Q.1 सरस्वती वंदना क्या है? सरस्वती वंदना एक भजन या भक्ति गीत है जो ज्ञान, संगीत, कला, ज्ञान और शिक्षा की देवी सरस्वती को समर्पित है। • Q.2 सरस्वती कौन है? माता सरस्वती सबसे सम्मानित और पूजा की जाने वाली हिंदू देवियों में से एक है। वह ज्ञान, संगीत, कला, ज्ञान और विद्या की देवी हैं। उन्हें ब्रह्मांड के निर्माता भगवान • Q.3 सरस्वती वंदना का क्या महत्व है? सरस्वती वंदना भक्ति व्यक्त करने और देवी सरस्वती से आशीर्वाद लेने का एक तरीका है। ऐसा माना जाता है कि सरस्वती वंदना का पाठ करने से ज्ञान, शिक्षा और परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है • Q.4 सरस्वती वंदना का पाठ कब किया जाता है? सरस्वती वंदना सरस्वती पूजा के दौरान पाठ किया जाता है, जो भारत के कई हिस्सों में मनाई जाने वाली देवी सरस्वती को समर्पित त्योहार है। इस • Q.4 कुछ लोकप्रिय सरस्वती वंदना भजन कौन से हैं? कुछ लोकप्रिय सरस्वती वंदना भजनों में “सरस्वती वंदना मंत्र,”“या कुंदेंदु तुषारहर धवला,”“वक्रतुंड महाकाय,” और “ओम सरस्वती नमस्तुभ्यम” शामिल हैं। • Q.5 क्या कोई सरस्वती वंदना पढ़ सकता है? हां, सरस्वती वंदना का पाठ कोई भी कर सकता है, चाहे उसकी उम्र, लिंग या धर्म कुछ भी हो। यह आशीर्वाद मांगने और देवी सरस्वती के प्रति समर्पण व्यक्त करने का एक तरीका है। • Q.6 क्या सरस्वती वंदना का पाठ करने का कोई विशिष्ट तरीका है? सरस्वती वंदना के पाठ का कोई निश्चित तरीका नहीं है। हालाँकि, यह आमतौर पर भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत में पढ़ी जाती है। भजन का पाठ करते हुए देवी सरस्वती को दीपक जलाने और फूल और अन्य प्रसाद चढ़ाने की भी प्रथा है।

सरस्वती देवी

महासरस्वती संगीत, कला, वाणी, मातृत्व, आध्यात्मिकता, विद्या, ज्ञान, ग्रंथ, मन्त्र, तंत्र , ज्ञान, विद्या और नदियों की अधिष्ठात्री देवी; मंत्र (दक्षिण मार्ग/वैदिक मार्ग) और तंत्र(वाम मार्ग) की देवी पेड़ के नीचे मां सरस्वती की प्रतिमा की पूजा कर रहे श्रद्धालु अन्य नाम संबंध निवासस्थान सत्य लोक (यहाँ अकेली रहती है) ब्रह्मा लोक ( यहाँ ब्रह्मा देव के साथ रहती हैं) ॐ श्री श्री महासरस्वती देवी भगवती नमः ॥ अस्त्र भाई-बहन संतान प्रजापति, स्वयंभू मनु, सप्त ऋषि एवं अन्य सवारी शास्त्र ब्रह्मवैवर्त पुराण, स्कंद पुराण, गणेश पुराण, विष्णु पुराण, देवी भागवत पुराण,शिव पुराण, कालिका पुराण, तंत्र चुरामणी, सरस्वती उपपुराण, एवं अन्य सभी पुराण, रामायण, महाभारत, क्षेत्र सर्वस्व इनकी पूजा की जाती हैं त्यौहार अनुक्रम • 1 वैदिक धर्म • 1.1 परिचय • 1.2 स्वरूप • 1.3 पूजकगण • 1.4 फल • 1.5 शिक्षा • 1.6 सरस्वती वंदना • 2 जैन धर्म [5] • 2.1 स्वरूप • 2.2 नाम • 2.3 सरस्वती वंदना • 2.4 सरस्वती स्तोत्र • 2.5 त्यौहार • 3 बौद्ध धर्म • 4 पुरातात्विक इतिहास [10] [11] • 5 चित्र विथिका • 6 अन्य देशों में सरस्वती • 7 सन्दर्भ • 8 इन्हें भी देखें • 9 बाहरी कड़ियाँ वैदिक धर्म [ ] महासरस्वती ज्ञान-विद्या, संगीत, कला की अधिष्ठात्री देवी चतुर्भुज देवी महासरस्वती अन्य नाम महासरस्वती , शारदा , श्वेतांबरी , श्वेता , ब्रह्मावल्लभा , शिवभगिनी आदि संबंध निवासस्थान ब्रह्मलोक ॐ ऐं महासरस्वत्यै नमः अस्त्र वीणा, माला, पुस्तक जीवनसाथी भाई-बहन भगवान सवारी सरस्वती ब्रह्म विद्या एवं नृत्य संगीत क्षेत्र के अधिष्ठाता के रूप में दक्षिणामूर्ति/नटराज शिव एवं सरस्वती दोनों को माना जाता है इसी कारण दुर्गा सप्तशती की मूर्ति रहस्य में दोनों को ए...

मां सरस्वती जी की वन्दना, वर्णन, स्तुति, श्लोक, आराधना एवं वसन्त पञ्चमी पूजन।Vasant Panchami

मां सरस्वती जी की वन्दना, वर्णन, स्तुति, श्लोक, आराधना एवं वसन्त पञ्चमी पूजन। Worship, description, praise, sloka, worship and worship of Vasant Panchami of Mother Saraswati विद्या की देवी माँ शारदाजिस मस्तिष्क में विराजमान होती है, वह सभी गुणों से सुशोभित हो जाता है, और समस्त संसार में उसकी ख्याती बढती है। सरस्वती को ज्ञान की अधीष्ठात्रि भी कहा गया है, विना ज्ञान के मनुष्य का जीवन किसी काम का नही है। अर्थात सरस्वती की आराधना मन और मस्तिष्क के वेगों को सकारात्मका ऊर्जाप्रदान करके उसका सम्पूर्ण विकास करती है। इसलिए हम लेकर आए है जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए , , आदि शेयर कर रहा हूँ। जो आपको जीवन जीने, समझने और Life में भूमिका निभाते है,आध्यात्म ज्ञान से सम्बंधित , , , आदि सरस्वती मंत जो है सफलता की कुंजी Saraswati Mantra which is the key to success (1) सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी, विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा। अर्थात-हे सबकी कामना पूर्ण करने वाली माता सरस्वती, आपको नमस्कार करता हूँ। मैं अपनी विद्या ग्रहण करना आरम्भ कर रहा हूँ , मुझे इस कार्य में सिद्धि मिले। (2) या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ अर्थात-वह देवी जो तीनों लोकों का उद्धारबल,विद्या को देने वाली है, करने वाली है,उसको नमस्कार है, नमस्कार है, नमस्कार हैं। ऐसे करें माता सरस्वती की आराधना This is how to worship Mata Saraswati मां सरस्वती ऋग्वेद में यह वाग्देवी के रूप में वर्णित हुई हैं। भारतीय वाङ्मय में इनको विद्या , प्रत्यभिज्ञा , मेधा , तर्क शक्ति तथा वाणी की देवीमाना गया है। यह काव्य की भी अधिष्ठात्री देवी हैं। सरस्वती का ध्यान प्रायः इस मंत्र से किया...

Sarasvati Mata Mantra

माता सरसवती को विद्या और कला की देवी माना जाता है। विद्यार्थी अपना ज्ञान बढ़ने के लिए माता सरस्वती की आराधना करते है। माता सरस्वती के आराधना में सरस्वती मंत्र ( Sarasvati Mata Mantra) सबसे पहले होता है। कलाकार अपनी कला से मन्त्रमुघ्ध करने के लिए माता की शरण में जाता है। वैज्ञानिक भी ज्ञान की देवी की उपासना करते है। यहाँ माता सरस्वती की आरती है। और बहुत ही प्रचलित माता सरस्वती का मंत्र ( Sarasvati Mata Mantra) है। माता सरस्वती का मंत्र प्रतिदिन पूजन के समय पठन किया जाता है। गीतकार, संगीतकार, कलाकार, लेखक या विधार्थी सभी माता सरस्वती की आराधना जरूर करता है। 1.1.1.1.1 माता सरस्वती मंत्र से लाभ माता सरस्वती की वंदना – Sarasvati Vandna सरस्वती मंत्र धर्म और ज्ञान का समन्वय है। हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले हर कोई माता सरसवती का पूजन करता है। छोटे विद्यार्थी से लेकर वैज्ञानिक तक माता सरस्वती की उपासना करते है। स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में माता सरस्वती की उपासना की जाती है। हमारे देश में वसंत पंचमी के दिन से सरस्वती जयंती मनाई जाती है। माँ सरस्वती वंदना मंत्र या कुन्देन्दु-तुषार-हार-धवला या शुभ्र-वस्त्रावृता। या विणा-वर-दण्ड-मण्डित-करा या श्वेत पद्मासना।। या भ्रह्माच्युत-शंकर-प्रभुतिभीदेवैः सदा वन्दिता। स मां पातु सरस्वती भगवती निः शेष जाड्यापहा:।। भावार्थ – जो विद्या की देवी सरस्वती कुंड के पुष्प, च्नद्र हिमराशि और मोती के हार की तरह सफ़ेद वर्ण के वस्त्र धारण किये हुए है। जिनके कर (हाथ) में विणा शोभायमान हो रही है। सफ़ेद कमल पर जिनका स्थान है। ब्रह्मा विष्णु एवं महेश और सभी देवता जिसकी प्रतिदिन वंदना करते है, वही हमारे अज्ञान के अँधेरे को दूर करने वाली माता भगवती हमारी रक...

सरस्वती माता

माँ सरस्वती ज्ञान कि देवी है! सरस्वती का अर्थ है 'वह जो आत्म-ज्ञान के सार की ओर ले जाती है'। यह संस्कृत का संयुक्त शब्द है: • (सार) यानी सारांश • (स्व) यानी स्वयं • (ती) यानी एक माँ सरस्वती की पूजा की परिभाषा क्या है? इसका अर्थ है, कि हमे किसी भी प्रकार से, वाणी का दुरुपयोग नहीं करना या स्वार्थ पूर्ण भाषा का प्रयोग नहीं करना। यदि आप, क्या आप जानते हैं कि आजकल लोगों की वाणी में शक्ति क्यों नहीं रही है? ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों ने वाणी के नियमों का पालन नहीं करते है। इसके बजाय, वे वाणी के नियमो का उल्लंघन करते है:- • अपनी वाणी का प्रयोग लोगों को और जानवरों को डराने, झूठ बोलने और धोखा देने के लिए करते हैं। उसके फलस्वरूप वाणी की शक्ति क्षीण हो जाती है। • स्वार्थ के लिए झूठ बोलना। उसके परिणामस्वरूप वाणी और मन दोनों बिगड़ जाते हैं। • भीतर के भावों और वाणी में विरोधाभास या हम जैसा सोचते है, वैसा बोलते नहीं है। • दूसरों का मजाक बनाना। हमे यह एहसास होना चाहिए कि हम उसके भीतर बैठे हुए भगवान का अपमान कर रहें है, जिसकी हमे भविष्य में बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसलिए, जब भी किसी से बात करे, तो हमेशा यह सावधानी रखे, कि प्रत्येक जीवमात्र के भीतर बैठे हुए भगवान का सम्मान बना रहें। वाणी की शक्ति: वचनबल उत्पन्न होना या उसकी शक्ति बढ़ना, तब होता है जब आप: • दूसरों का मजाक उड़ाने के लिए एक भी शब्द का प्रयोग न करें • अपनी वाणी का प्रयोग अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए न करें • अपनी वाणी में किसी प्रकार का छल-कपट न करें • अपनी बात से कभी पीछे न हटें • जब केवल सत्य बोलते है, लेकिन साथ ही, यदि उस सत्य से, दुसरो को दुःख होता है, तो उसका आग्रह न रखे । • जब आप सच बोलते हैं, जो दूसरों के लिए फायदेमंद होता ...