सरस्वती पूजा 2023 में कब है

  1. बसंत पंचमी 2024
  2. सती पूजा 2023 में कब है?
  3. Basant Panchami 2023 Date 25 Or 26 January Saraswati Puja Exact Date Time Muhurat
  4. Guru Purnima 2023 Date, Guru Purnima Puja Shubh Muhrut, Kab Hai Guru Purnima


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बसंत पंचमी 2024

महत्वपूर्ण जानकारी • वसंत पंचमी 2024, बसंत पंचमी 2024 • बुधवार, 14 फरवरी 2024 • पंचमी तिथि प्रारंभ : 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02:41 बजे • पंचमी तिथि समाप्त : 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:09 बजे Vasant Panchami 2024 : वसंत पंचमी (Vasant Panchami) या श्रीपंचमी सनातन धर्म का प्रमुख पर्व है. इस दिन विद्या की देवी माता सरस्वती का पूजन किया जाता है. बिहार में सरस्वती पूजन उल्लास के साथ मनाया जाता है. पूर्वी भारत, बिहार, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल में वसंत पंचमी उत्साह के साथ मनाया जाता है. हिंदू धर्म में इस दिन पीले वस्त्र पहनकर पूजन किया जाता है. माघ माह की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी पर्व मनाया जाता है. इस बार वसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी 2024, बुधवार को मनाया जाएगा. इस दिन माता सरस्वती कि विशेष पूजा की जाती है. ऐसे में आज हम लेख के जरिए वसंत पंचमी के दिन राशिनुसार मंत्रों का जाप करने के बारे में बताने जा रहे हैं. इन मंत्रों (Vasant Panchami Mantra) का जाप करके आपको सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी. आइए जानते हैं. वसंत पंचमी कथा प्रारंभिक काल में, भगवान शिव की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने जीवों और मनुष्य की रचना की थी। परन्तु ब्रह्मा जी अपने रचना से संतुष्ट नही थे। तो ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु की आराधना की, तब विष्णु से उनके समक्ष प्रकट हुए। ब्रह्मा जी ने अपनी समस्या विष्णु जी के सामने रखी परन्तु विष्णु जी के पास उनकी समस्या का हल नहीं था। इसलिए दोनों ने आदिशक्ति दुर्गा माता का आव्हान किया। तब दुर्गा माता प्रकट हुई और उनकी समस्या के हल के लिए अपने शरीर में से देवी सरस्वती को प्रकट किया। तभी से, सभी जीवों का वाणी प्राप्त हुई। इस प्रकार देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। vasant panchami मेष राशि-...

सती पूजा 2023 में कब है?

विषयसूची Show • • • • • • सरस्वती पूजा 2023 – इस पोस्ट में हम सरस्वती पूजा के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करेंगे. सरस्वती पूजा कब है? महत्व, सरस्वती पूजा 2023 तारीख और शुभ मुहूर्त. माँ सरस्वती की वंदना और आराधना का दिन है सरस्वती पूजा. इस दिन को वसंत पंचमी (Vasant Panchami) या श्रीपंचमी (ShriPanchami) के नाम से भी जाना जाता है. सरस्वती माता विद्या, ज्ञान, बुद्धि और कला-संस्कृति की देवी है. स्कूली विद्यार्थियों के लिए तो माता सरस्वती का पूजन और आराधना करना बेहद ही शुभ फलदायक होता है. सनातन धर्म में सरस्वती पूजा का दिन बेहद ही पवित्र और शुभ दिन होता है. भारत के उत्तर पूर्वोत्तर राज्य में सरस्वती पूजा बेहद ही उत्साह के साथ मनाई जाती है. इस दिन के अधिकतर स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजा अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है. बिहार राज्य की बात करें तो इस दिन स्कूली बच्चे अपने स्कूल की पाठ्य पुस्तकें माता सरस्वती के समक्ष रख देते हैं। इस दिन कोई भी पेन या पेसिंल का उपयोग नहीं करता है. सरल शब्दों में कहा जाएं तो वसंत पंचमी सरस्वती पूजा के दिन पढ़ाई की शुरुआत करना बेहद ही शुभ होता है. इस कारण से इस दिन माता पिता अपने बच्चों के हाथ को पकड़ कर पहला अक्षर ॐ लिखवायें. यह अत्यंत ही शुभ होता है. विद्यारम्भ करने वाले बच्चे को इस दिन सरस्वती माता का आशीर्वाद दिलवाना चाहिए. सरस्वती माता की कृपा से उसे अथाह विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होगी और उसका भविष्य उज्ज्वल होगा. Saraswati Puja 2023 तो दोस्तों अब देर ना करते हुए चलिए हम सब सरस्वती पूजा 2023 (Saraswati Puja 2023) और वसंत पंचमी 2023 (Vasant Panchami 2023) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं. सरस्वती पूजा...

Basant Panchami 2023 Date 25 Or 26 January Saraswati Puja Exact Date Time Muhurat

Basant Panchami 2023: माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. ये दिन ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. इसे श्री पंचमी, मधुमास और सरस्वती पंचमी भी कहा जाता है. बसंत पंचमी के दिन बच्चों की शिक्षा और कला से संबंधित कार्य करने पर उस क्षेत्र में वृद्धि होती है. इस दिन काम देव की भी पूजा की जाती है. इस साल बसंत पंचमी की डेट और देवी सरस्वती की पूजा के मुहूर्त को लेकर संशय की स्थिति है. आइए जानते हैं बसंत पंचमी की सही तारीख और मुहूर्त. 25 या 26 जनवरी बसंत पंचमी कब ? (25 or 26 January when is Basant Panchami) माघ माघ के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानी बसंत पंचमी की तिथि की शुरुआत 25 जनवरी 2023 को दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 पर होगा. शास्त्रों के अनुसार जिस दिन बसंत पंचमी तिथि सूर्योदय से दोपहर के बीच में व्याप्त होती है, उस दिन को देवी सरस्वती की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 26 जनवरी 2023 को बसंत पंचमी का त्योहार मनाना शुभ रहेगा. बसंत पंचमी 2023 सरस्वती पूजा का मुहूर्त (Basant Panchami 2023 Puja Muhurat) बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 मां सरस्वती की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. बसंत पंचमी पूजा विधि (Basant Panchami Puja Vidhi) बसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है. इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें और हल्दी, पीले अक्षत, रोली, मौली, पीले या सफेद रंग का फूल से मां सरस्वती की पूजा करें. देवी सरस्वती को मीठे पीले चावल का नेवैद्य लगाएं और फिर सरस्वती कवच का पाठ करें. इस दिन मां शारदा के ...

Guru Purnima 2023 Date, Guru Purnima Puja Shubh Muhrut, Kab Hai Guru Purnima

Guru Purnima 2023: पूर्णिमा तिथि की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है. आषाढ़ के मास में पड़ रही पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा कहते हैं और इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन ही वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. आमतौर पर पूर्णिमा (Purnima) पर खासतौर से पूजा-पाठ और स्नान-दान किया जाता है, लेकिन गुरु पूर्णिमा होने के चलते इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन विद्यार्थी अपने गुरु की सेवा करते हैं और गुरु को आदरभाव के साथ धन्यवाद देते हैं. गुरु पूर्णिमा कब है पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि 2 जुलाई की रात 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 3 जुलाई शाम 5 बजकर 8 मिनट पर होगा. उदया तिथि को देखते हुए 3 जुलाई के दिन के गुरु पूर्णिमा मनाई जाने वाली है. गुरु पूर्णिमा पर पूजा मान्यतानुसार गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आदर-सत्कार के साथ ही पूर्णिमा की पूजा भी की जाती है. पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान किया जाता है. बहुत से भक्त इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने जाते हैं. जो नदी तक स्नान करने नहीं जा सकते वे पानी में गंगाजल मिलाकर भी नहा सकते हैं. स्नान पश्चात भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और वेदों के रचयिता वेद व्यास का ध्यान किया जाता है. इसके पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. सूर्य देव को अर्घ्य देना भी इस दिन बेहद शुभ होता है. गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और वेद व्यास जी (Ved Vyas) की पूजा की जाती है. फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, दूर्वा और हल्दी आदि पूजा सामग्री म...