सरस्वती वंदना मंत्र

  1. Saraswati Puja Aarti Mantra:वसंत पंचमी पर सरस्वती वंदना मंत्रों और सरस्वती मां की आरती से करें वीणावादिनी को प्रसन्न
  2. संस्कृत सुभाषितानि
  3. Sarasvati Mata Mantra
  4. [PDF] श्री सरस्वती आरती, मंत्र, वंदना


Download: सरस्वती वंदना मंत्र
Size: 18.60 MB

Saraswati Puja Aarti Mantra:वसंत पंचमी पर सरस्वती वंदना मंत्रों और सरस्वती मां की आरती से करें वीणावादिनी को प्रसन्न

Saraswati Puja Aarti Mantra: वसंत पंचमी पर सरस्वती वंदना मंत्रों और सरस्वती मां की आरती से करें वीणावादिनी को प्रसन्न Saraswati Chalisa, Puja Mantra, Shlok: वसंत पंचमी के दिन ही बुद्धि, ज्ञान और विवेक की जननी माता सरस्वती प्रगट हुई थीं, इस कारण से हर वर्ष उत्साह के साथ देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। वैसे तो कई मौकों पर मां सरस्वती की पूजा-आराधना की जाती हैं लेकिन वसंत पंचमी के दिन मां की पूजा विशेष फल देने वाली मानी गई है। विस्तार Saraswati Puja Aarti Mantra: आज माघ पचंमी है और इस दिन वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का पर्व हर वर्ष बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। इस तिथि पर देवी सरस्वती की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। वसंत पंचमी तिथि पर मां सरस्वती की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होती है। मान्यता है वसंत पंचमी के दिन ही बुद्धि, ज्ञान और विवेक की जननी माता सरस्वती प्रगट हुई थीं, इस कारण से हर वर्ष उत्साह के साथ देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। वैसे तो कई मौकों पर मां सरस्वती की पूजा-आराधना की जाती हैं लेकिन वसंत पंचमी के दिन मां की पूजा विशेष फल देने वाली मानी गई है। आइए इस अवसर पर सरस्वती वंदना एवं मंत्र से करें ज्ञानदायिनी मां सरस्वती की आराधना। सरस्वती वंदना या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥ या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता। सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥ शुक्लाम् ब्रह्मविचार सार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम्। वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥ हस्ते स्फटिकमालिकाम् विदध...

संस्कृत सुभाषितानि

शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीं । वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम् । हस्ते स्फाटिकमालिकां च दधतीं पद्मासने संस्थितां वन्दे ताम् परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ॥ Sarasvati Vandana with hindi meaning जिनका रूप श्वेत है, जो ब्रह्मविचार की परम तत्व हैं, जो सब संसार में फैले रही हैं, जो हाथों में वीणा और पुस्तक धारण किये रहती हैं, अभय देती हैं, मूर्खतारूपी अन्धकार को दूर करती हैं, हाथ में स्फटिकमणि की माला लिए रहती हैं, कमल के आसन पर विराजमान होती हैं और बुद्धि देनेवाली हैं, उन आद्या परमेश्वरी भगवती सरस्वती की मैं वन्दना करता हूँ । Jayatu Sanskritam, Jayatu Bharatam, Vadatu Sanskritam, Jayatu Jayatu Bharatam, Sanskrut, Sanskrit, Subhashit, Subhasit, Subhashitani, Subhashitam, Subhashita, Subhashit Sanskrit, Subhashitani in Sanskrit, Sanskritam, Sanskrut Quotes, Sanskrit Quotes

Sarasvati Mata Mantra

माता सरसवती को विद्या और कला की देवी माना जाता है। विद्यार्थी अपना ज्ञान बढ़ने के लिए माता सरस्वती की आराधना करते है। माता सरस्वती के आराधना में सरस्वती मंत्र ( Sarasvati Mata Mantra) सबसे पहले होता है। कलाकार अपनी कला से मन्त्रमुघ्ध करने के लिए माता की शरण में जाता है। वैज्ञानिक भी ज्ञान की देवी की उपासना करते है। यहाँ माता सरस्वती की आरती है। और बहुत ही प्रचलित माता सरस्वती का मंत्र ( Sarasvati Mata Mantra) है। माता सरस्वती का मंत्र प्रतिदिन पूजन के समय पठन किया जाता है। गीतकार, संगीतकार, कलाकार, लेखक या विधार्थी सभी माता सरस्वती की आराधना जरूर करता है। 1.1.1.1.1 माता सरस्वती मंत्र से लाभ माता सरस्वती की वंदना – Sarasvati Vandna सरस्वती मंत्र धर्म और ज्ञान का समन्वय है। हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले हर कोई माता सरसवती का पूजन करता है। छोटे विद्यार्थी से लेकर वैज्ञानिक तक माता सरस्वती की उपासना करते है। स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में माता सरस्वती की उपासना की जाती है। हमारे देश में वसंत पंचमी के दिन से सरस्वती जयंती मनाई जाती है। माँ सरस्वती वंदना मंत्र या कुन्देन्दु-तुषार-हार-धवला या शुभ्र-वस्त्रावृता। या विणा-वर-दण्ड-मण्डित-करा या श्वेत पद्मासना।। या भ्रह्माच्युत-शंकर-प्रभुतिभीदेवैः सदा वन्दिता। स मां पातु सरस्वती भगवती निः शेष जाड्यापहा:।। भावार्थ – जो विद्या की देवी सरस्वती कुंड के पुष्प, च्नद्र हिमराशि और मोती के हार की तरह सफ़ेद वर्ण के वस्त्र धारण किये हुए है। जिनके कर (हाथ) में विणा शोभायमान हो रही है। सफ़ेद कमल पर जिनका स्थान है। ब्रह्मा विष्णु एवं महेश और सभी देवता जिसकी प्रतिदिन वंदना करते है, वही हमारे अज्ञान के अँधेरे को दूर करने वाली माता भगवती हमारी रक...

[PDF] श्री सरस्वती आरती, मंत्र, वंदना

मां सरस्वती जी की आरती Hindi Lyrics जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता। सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी। सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला। शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया। पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो। मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो। ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे। हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ श्री सरस्वती वन्दन या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता । या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ॥ या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वंदिता। सा माम पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्यापहा ॥1॥ शुक्लाम् ब्रह्मविचार सार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम्। वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥ हस्ते स्फटिकमालिकाम् विदधतीम् पद्मासने संस्थिताम्। वन्दे ताम् परमेश्वरीम् भगवतीम् बुद्धिप्रदाम् शारदाम्॥2॥ सरस्वती पूजा मंत्र विघ्न-बाधाओं को दूर करने के लिए ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी। मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।। मां सरस्वती का संपूर्ण मंत्र ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।