सर्व

  1. ग्रंथालय
  2. सर्वोदय
  3. 1500+ सुविचार मराठी संग्रह
  4. Piyush Mishra
  5. ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके मंत्र
  6. What is the Aghora Mantra mentioned in Shiva Mahimna Stotram Verse 35?
  7. Surya Mantra
  8. सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य, उद्देश्य एवं महत्व


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ग्रंथालय

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सर्वोदय

सर्वोदय, अंग्रेज लेखक इस अंतवाले को भी। सर्वोदय का अर्थ है - सबका उदय, सबका विकास। सर्वोदय भारत का पुराना आदर्श है। हमारे ऋषियों ने गाया है-"सर्वेपि सुखिन: संतु"। सर्वोदय शब्द भी नया नहीं है। जैन मुनि समंतभद्र कहते हैं - सर्वापदामंतकरं निरंतं सर्वोदयं तीर्थमिदं तवैव। "सर्व खल्विदं ब्रह्म", "वसुधैव कुटुंबकं", अथवा "सोऽहम्" और "तत्त्वमसि" के हमारे पुरातन आदर्शों में "सर्वोदय" के सिद्धांत अंतर्निहित हैं। सर्वोदय समाज गांधी के कल्पनाओ का समाज था, जिसके केन्द्र मे भारतीय ग्राम व्यवस्था थी। सुबहवाले को जितना, शामवाले को भी उतना ही-प्रथम व्यक्ति को जितना, अंतिम व्यक्ति को भी उतना ही, इसमें समानता और अद्वैत का वह तत्व समाया है, जिसपर सर्वोदय का विशाल प्रासाद खड़ा है। ( अनुक्रम • 1 सर्वोदय का उद्देश्य • 2 सर्वोदय दर्शन • 3 सर्वोदय दर्शन के प्रमुख तत्व • 4 पूँजीवाद, साम्यवाद और सर्वोदय सर्वोदय का उद्देश्य [ ] १ आत्म-संयम २ शोषणहीन समाज ३ सर्वांगीण विकास ४ लोकनीति के आधार पर शासन सर्वोदय दर्शन [ ] "सर्वोदय" का आदर्श है अद्वैत और उसकी नीति है समन्वय। मानवकृत विषमता का वह अंत करना चाहता है और प्राकृतिक विषमता को घटाना चाहता है। जीवमात्र के लिए समादर और प्रत्येक व्यक्ति के प्रति सहानुभूति ही सर्वोदय का मार्ग है। जीवमात्र के लिए सहानुभति का यह अपूत जब जीवन में प्रवाहित होता है, तब सर्वोदय की लता में सुरभिपूर्ण सुमन खिलते हैं। डार्विन ने कहा-"प्रकृति का नियम है, बड़ी मछली छोटी मछली को खाकर जीवित रहती है।" हक्सले ने कहा-जीओ और जीने दो।" सर्वोदय कहता है-"तुम दूसरों को जिलाने के लिए जीओ।" दूसरों को अपना बनाने के लिए प्रेम का विस्तार करना होगा, अहिंसा का विकास करना होगा और शोषण को समाप्त कर आ...

1500+ सुविचार मराठी संग्रह

Table of Contents • • • • क्र. सुविचार मराठी 1 हृदयात दोनच शब्द असतात ते म्हणजे आई. 2 तारुण्याचा काळ हा पुढील जीवनाचा मार्गदर्शक असतो. 3 संस्कार आणि विकास जो साधतो तो मनुष्य व जो साधत नाही तो पशु होय! 4 अपयशाने डगमगू नका व यशाने फुशारून जाऊ नका. 5 आपली स्तुती आपण करू नये. ना ती इतरांना करू द्यावी. 6 जीवन हे सुख व दुःख यांचा संगम होय. 7 सुखात वाटेकरी खूपच असतात. दुःखात जो वाटेकरी असतो तोच आपला खरा मित्र असतो. 8 भीड ही भिकेची बहिण आहे. 9 स्त्री ही अशी व्यक्ती आहे, तिला नवऱ्याची बायकोच होऊन चालत नाही तर वेळप्रसंगी त्याची मैत्रिण व त्याची आई सुद्धा व्हावे लागते. 10 श्रद्धा असावी पण अंधश्रद्धा नसावी. 11 शिक्षणाने माणसातील अज्ञान संपते. 12 सुख दुःखात आपल्या बरोबर असलेला मित्र, हाच खरा मित्र. 13 ग्रंथ हेच आपले गुरु. 14 पुस्तकांनी मनाचा विकास साधतो. 15 खरा मित्र आपली पुस्तके होय. 16 पशुंना धनाची इच्छा नसते पण तीच इच्छा माणसाला पशु बनवते. 17 सत्य हेच अंतिम समाधान असते. 18 कुणीही जन्मतः दुर्जन नसतो. पण त्याला दुर्जन बनवतो तो समाज. 19 पापी मनुष्याला सत्य हे सापासारखे दंश करत असते. 20 तुम्हाला कोणाचा मान करायचा नसेल तर करू नका. पण त्याचा अपमानही करू नका. 21 दानापेक्षाही त्यागाने माणूस मोठा होतो. 22 दान देताना बघावे आपले दान योग्य वक्तिला देतो की नाही. 23 तुमच्या अंगी शौर्य नाही तर सांगण्यास घाबरू नका. इतरांना तेवढे ही धारीष्ट नसते. 24 अपयश ही यशाची पहिली पायरी आहे. 25 अंधारातच आहे उद्याचा उषःकाल. 26 आशा व निराशा या दोन्ही सख्या बहिणी आहेत. प्रत्येकाने ठरवायचे की आपण कोणाशी मैत्री करावी. 27 गर्वाने मित्र शत्रू बनतात. 28 रोपाला खतपाणी दिल्याने त्याचा वृक्ष बनतो. तसेच मुलावर संस्कार केले...

Piyush Mishra

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ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके मंत्र

Table of Contents • • • • • • • • • • Om Sarva Mangala Mangalye इस मंत्र Sarva Mangala Mangalye Mantra को प्रत्येक दिन पढ़ने से माता प्रसन्न होती हैं और सभी प्रकार से भक्त का मंगल करती हैं। यह मंत्र (sarva mangala mangalye mantra for marriage) कहीं पर भी विवाह हो या मां दुर्गा की विशेष पूजा, यह मंत्र हमको सुनाई दे ही जाता है। नवरात्रि की इस मंत्र ( सर्व मंगल मंगलये मंत्र ) में एक जगह कहा गया है कि मां मैं आपकी शरण में हूं इसलिये यदि आपको (भक्त को ) कोई भय सताता है तो उस भय एवं बुरी शक्तियों का नाश कर मां दुर्गा, सभी बाधाओं को समाप्त कर सभी प्रकार से आपका (भक्त का ) कल्याण करती हैं। मित्रों आप भी इस मंत्र को अपने दैनिक जीवन में शामिल करके इसका लाभ उठा सकते हैं। यह मंत्र (Sarva Mangala Mangalye Mantra) प्रतिदिन (नवरात्रि के 9 दिन तक) कम से कम 108 बार शुद्ध उच्चारण में करना चाहिए! नवरात्र के बाद भी आप अगर इसे जारी रखना चाहे तो रख सकते हैं। Also Read: Sarva Mangala Mangalye Mantra ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।। शब्द का अर्थ: ॐ सर्व मंगल मांगल्ये= सभी मंगलों में मंगल शिवे= कल्याणकारी सर्व अर्थ साधिके= सभी मनोरथों को सिद्ध करने वाली शरण्ये = शरणागत वत्सला , शरण ग्रहण करने योग्य त्रयम्बके= तीन नेत्रों वाली नारायणी= विष्णु की पत्नी नमः अस्तु ते = तुम्हे हिंदी अर्थ- सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगलमयी कल्याण करने वाली, सब के मनोरथ को पूरा करने वाली, तुम्हीं शरण ग्रहण करने योग्य हो, तीन नेत्रों वाली यानी भूत भविष्य वर्तमान को प्रत्यक्ष देखने वाली हो, तुम्ही Sarva Mangala Mangalye Mantra Meaning in English: सर्वमङ्गलमाङ्गल्य...

What is the Aghora Mantra mentioned in Shiva Mahimna Stotram Verse 35?

Shiva Mahimna Stotram Verse 35 महेशान्नापरो देवो महिम्नो नापरा स्तुतिः। अघोरान्नापरो मन्त्रो नास्ति तत्त्वं गुरोः परम्॥ Maheśānnāparo devo mahimno nāparā stutiḥ| Aghorānnāparo mantro nāsti tattvaṁ guroḥ param|| There is no God greater than Lord Mahesha, No Stuti greater than Mahimna, No Mantra greater than the Aghora, And no Tatwa greater than the Guru. Which Mantra exactly is mentioned here? @Rickross While I understand the reason behind your thinking but I don't think it is referring to Sri Rudram. If it was referring Sri Rudram, then definitely mentioned the word 'Rudram' and a Mantra unlikely to be named after the Rishi, like we rarely call Gayatri Mantra as Viswamitra Mantra or Mahamrityunjaya Mantra as Markandeya Mantra. Mantra generally named after the Deity. Mantra-s are beings, who are residing in the higher plane of existence that is being governed by Aghora form of param Śiva is the reason Aghora has been called the highest mantra, i.e. the highest being residing in that particular plane of existence. The word ‘hṛdaya’ is synonymous with consciousness. Śiva`s form which is of the nature of that consciousness is pure and tranquil. Being free from the state of dreadfulness (aghora), the mantra assumes the form ‘aghora hṛdaya’... - Mṛgendra Āgama 3.11.

Surya Mantra

Surya, the chief of the Navagraha ( the nine Classical planets) and important elements of Hindu astrology, is the main solar deity in Hinduism and generally referred to as the Sun in Nepal and India. He is often depicted riding a chariot harnessed by seven horses which might represent the seven colors of the rainbow or the seven chakras in the body. He is also the presiding deity of Sunday. The Sun God is shown with 4 hands, three of which are carrying a wheel, a conch-shell and a lotus respectively and the fourth is see in the Abhay Mudra. Being the source of warmth and light, he has the ability to control the seasons and the power to withhold or grant the ripening of the crops. As the economy is mainly agricultural based, the Sun is placed amongst the highest of the Gods, especially for the agricultural communities. He is also known as the “pratyakshadaivam” – the only God visible to us every day. The Sun God is “Karma Sakshi”, who has eternal wisdom and knowledge. He is the Source of all life, and it is because of him that life exists. Thanks to the energy from his rays, life on Earth is sustained. There are different forms of Surya and they are : • Arka form : “Arka” form is worshiped mostly in North India and Eastern parts of India. The temples dedicated to the “Arka” form of Surya are Konark Temple in Orissa, Uttararka and Lolarka in Uttar Pradesh, and Balarka in Rajasthan. • Mitra form : Surya is also known as “Mitra” for his life nourishing properties. The Mitra fo...

सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य, उद्देश्य एवं महत्व

अनुक्रम (Contents) • • • • सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य एवं उद्देश्य | Aims and Objectives of Sarva Shiksha Abhiyan in Hindi जब से भारत ने स्वतन्त्रता प्राप्त की है तब से शिक्षा एक महत्वपूर्ण विषय क्षेत्र रहा है। स्वतन्त्र भारत के नेतृत्व ने प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण (यूईई) के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्राथमिक औपचारिक और गैर-औपचारिक शिक्षा के लिए प्रावधान बनाए थे। दिसम्बर 2002 में अधिक नियमित संविधान (86वाँ संशोधन) अधिनियम 2002 का लक्ष्य 6-14 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बालकों के लिए शिक्षा को निःशुल्क तथा अनिवार्य एवं एक मौलिक अधिकार बनाना है। इस पर बल देने के लिए संविधान के भाग III ‘ सर्वशिक्षा अभियान का महत्व – प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण के अन्तर्गत प्रारम्भ किए गए सर्वशिक्षा अभियान के परिणामस्वरूप प्राथमिक शिक्षा का कार्यक्षेत्र विस्तृत हुआ है। इसके अन्तर्गत शिक्षा के विभिन्न कार्यक्रम तथा योजनाओं को लागू किया गया। परिणामस्वरूप प्रारम्भिक शिक्षा ने अनेकों उपलब्धियों को हासिल किया। 4. प्रथम कक्षा से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले सभी लड़कियों एवं अनुसूचित जातियों / जनजातियों के लगभग 6 करोड़ बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें वितरित की गई। इस तरह सर्वशिक्षा अभियान के फलस्वरूप विद्यालय छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में भारी कमी लाने में सफलता प्राप्त हुई है। लेकिन वर्ष 2010 तक सर्वशिक्षा अभियान का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है। केन्द्र सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान को और अधिक प्रभावशाली बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2010 में ‘शिक्षा का अधिकार’ अधिनियम लागू किया। इस अधिनियम में सर्वशिक्षा अभियान के सभी लक्ष्यों को समाहित किया गया है। इसका लाभ उठाते हुए मानव संसाधन विकास मन्त...