सतभक्ति

  1. SAT BHAGATI
  2. संत रविदास जयंती 2023


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SAT BHAGATI

परमात्मा सशरीर प्रकट होते है जब भगवान अपने स्थान सतलोक से चलकर आते है तो कवियों की तरह आचरण करते हैं और अपने तत्वज्ञान को जगह-जगह प्रकट होकर फैलाते है। अपनी प्यारी आत्मो को मिलते हैं और जब वह परमात्मा पृथ्वी लोक पर आते है तो वह किसी माँ से जन्म नही लेता, कमल के फूल पर प्रकट होते है व उनकी परवरिश की लीला कंवारी गायों के दूध से होती है। मात-पिता मेरे कुछ नाही, ना मेरे घर दासी। जुलहा का सुत आन कहाया, जगत करे मेरी हाँसी।। 5 वर्ष की अवस्था मे वह बड़े-बड़े विद्वानों के छक्के छुड़ा देते है।और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान । जैसे गोला तोप का करता चले मैदान।। परमात्मा कभी मरते नहीं उनका शरीर अजर अमर और अविनाशी तत्व से बना होता है। जो बूझे सोए बावरा, क्या है उमर हमारी। असंखो युग प्रलय गई, मैं तब का ब्रह्मचारी।। जिसने ये लीला की वह परमात्मा न मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा, वहाँ जुलाहे ने पाया।। और वह परमात्मा चारो युगों में आते है सतयुग में सतसुकृत कह टेरा, त्रेता नाम मुनिन्द्र मे 600 सौ वर्ष बाद वही इतिहास दोहराने की कोशिश 600 सौ वर्ष पहले भी जब कबीर परमेश्वर जी हमें निज धाम सतलोक ले जाने के लिये आये थे तो उस वक्त भी उनको बहुत संघर्ष करना पड़ा था पाखंडी पंडितो ओर मुल्ला काजियो ने कबीर परमात्मा का बहुत विरोध किया उन्हे झूठा बदनाम किया यहां तक की उन्हे खत्म करने के लिये सभी प्रयास किये तोप से उड़ाने की कोशिश, भूखे शेर के पिंजरे में डाला, हाथी से कुचलना चाहा तो कभी गंगा में डुबोना चाहा, उबलते गर्म तेल की कड़ाई में डाला लेकिन वो दुष्ट लोग अविनाशी कबीर परमात्मा का कुछ नही बिगाड़ पाये परमात्मा चाहते तो क्षण भर में सबको सबक सिखा सकते थे लेकिन उन्होन...

संत रविदास जयंती 2023

Last Updated on 4 February 2023, 4:48 PM IST: संत रविदास जयंती 2023 (Sant Ravidas Jayanti in Hindi): धरती पर प्रत्येक युग में ऋषि मुनियों, संतों, महंतों, कवियों और महापुरुषों का जन्म होता रहा है। लोगों में भक्तिभाव जीवित रखने में महापुरुषों का विशेष योगदान रहा है। इन महापुरुषों ने समाज सुधारक का कार्य करते हुए संसार के लोगों में भक्तिभाव बढ़ाने, श्रद्धा और विश्वास जगाने का काम किया है। ईश्वर में इनके अटूट भक्तिभाव को देखकर लोगों के अन्दर भी आस्था और श्रद्धा जागृत होती है। ऐसे ही एक महापुरुष संत रविदास जी हुए हैं। जिन्होंने खुद पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की सतभक्ति की और संसार को सतभक्ति के बारे में बताया। संत रविदास जी की विचारधारा से प्रभावित होकर लोग इन्हें अपना गुरु तो मानने लगे परंतु उनके दिखाए मार्ग पर नही चले और उनके जैसी भक्ति भी वे नही कर सके। संतों के दिखाए सतमार्ग पर चलकर ही हम अपने जीवन और समाज की विचारधारा को बदल सकते हैं। संत रविदास जी ने जीवनपर्यंत सामाजिक भेदभाव को खत्म करने और समाज में सभी वर्ग के लोगों को समान अधिकार और सामाजिक एकता के निर्माण का संदेश दिया। “मन चंगा तो कठौती में गंगा” की सीख से संत रविदास जी ने बताया गंगा में स्नान करने से नहीं बल्कि पूर्ण ब्रह्म की भक्ति करने से उद्धार होता है और मन यदि पवित्र है तो गंगा तुम्हारे पास है। साथ ही जानें संत रविदास जी को इतना महान संत बनाने वाले उनके गुरु कौन थे? Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • इस वर्ष संत रविदास जयंती (Sant Ravidas Jayanti) कब है? भारतीय केलेंडर के अनुसार इस वर्ष संत रविदास जी की 646वीं जयंती 5 फरवरी, 2023 और दिन रविवार को मनाई जाएगी। क्या आप जानते हैं कि किस कर्म के कारण ...