Step up transformer in hindi

  1. ट्राँसफार्मर
  2. स्टेप अप और स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर क्या है
  3. Step Up ट्रांसफार्मर क्या है
  4. Transformer kya hai
  5. Step Up Transformer in Hindi
  6. ट्रांसफार्मर क्या है और इसकी सेफ्टी
  7. Step down transformer क्या है
  8. Step Down Transformer & Step Up Transformer Calculator


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ट्राँसफार्मर

यह लेख विद्युत उपकरण के बारे में है। काल्पनिक साहित्य के लिए, ट्राँसफार्मर या परिणामित्र एक किसी ट्राँसफार्मर में एक, दो या अधिक वाइन्डिंग हो सकती हैं। दो वाइंडिंग वाले ट्रान्सफार्मर के प्राथमिक (प्राइमरी) एवं द्वितियक (सेकेण्डरी) वाइण्डिंग के फेरों (टर्न्स) की संख्या एवं उनके विभवान्तरों में निम्नलिखित सम्बन्ध होता है: V S V P = N S N P इस सूत्र से स्पष्ट है कि प्राइमरी वोल्टता के दिये हुए मान के लिये प्राइमरी एवं सेकेणडरी वाइण्डिंग के फेरों की संख्या का उचित चयन करके हम द्वितीयक वाइंडिंग में इच्छित विभवान्तर प्राप्त कर सकते हैं। जब द्वितीयक वाइंडिंग का विभवान्तर प्राथमिक वाइंडिंग के विभवान्तर से अधिक होता है तो ऐसे ट्राँसफार्मर को उच्चायी परिणामित्र (स्टेप-अप ट्राँसफार्मर) कहते हैं। इसके विपरीत जब द्वितीयक वाइंडिंग का विभवान्तर प्राथमिक वाइंडिंग के विभवान्तर से कम होता है तो ऐसे परिणामित्र को अपचायी परिणामित्र (स्टेप-डाउन ट्राँसफार्मर) कहते हैं। अनुक्रम • 1 उपयोग • 2 परिणामित्र के प्रतीक • 3 परिचय • 4 परिणामित्र की दक्षता • 5 ट्रांसफॉर्मर के भाग • 6 विविध • 7 ट्रांसफॉर्मर का तुल्य परिपथ • 8 ट्रान्सफॉर्मर के प्रकार तथा विविध उपयोग • 9 इन्हें भी देखें • 10 बाहरी कड़ियाँ उपयोग [ ] ट्रान्सफार्मर का मुख्य उपयोग विद्युत शक्ति को अधिक वोल्टता से कम वोल्टता में या कम वोल्टता से अधिक वोल्टता में बदलना है । ऐसा करने से विद्युत उर्जा के उपयोग में सुविधा और दक्षता आती है। ध्यातव्य है कि आदर्श ट्रान्सफार्मर ट्रान्सफार्मर का मुख्य उपयोग विद्युत शक्ति को अधिक वोल्टता से कम वोल्टता में या कम वोल्टता से अधिक वोल्टता में बदलना है (जहाँ, जैसी आवश्यकता हो)। ऐसा करने से विद्युत उर्जा के उपय...

स्टेप अप और स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर क्या है

जब भी ट्रांसफार्मर के द्वारा विद्युत को स्थान्तरित करने की बात आये तो वोल्टेज की आवश्यकता के अनुसार Step Up एवं Step Down ट्रांसफार्मर को ही उपयोग किया जाता है | यदि आप जानना चाहते हे की स्टेप अप एवं स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर क्या होते है तथा इनमे क्या अंतर होता है एवं इनका उपयोग कहा किया जाता है तो यह आर्टिकल आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है | जब विद्युत उत्पादन केंद्र पर विद्युत को उत्पन्न करने के बाद एक जगह से दूसरी जगह स्थान्तरित किया जाता है तब पैदा की जाने वाली विद्युत की वोल्टेज को अधिक करके भेजा जाता है | यह ट्रांसफार्मर अक्सर डेल्टा – डेल्टा प्रकार के होते है | सामान्यत पारेषण लाइन की इनपुट एक स्टेप अप ट्रांसफार्मर की आउटपुट से ही प्राप्त की जाती है |

Step Up ट्रांसफार्मर क्या है

हेल्लो दोस्तो आज की इस आर्टिकल में हम स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर के बारे में बात करेंगे । वैसे देखा जाए तो अधिकतर लोग ट्रांसफॉर्मर के बारे में जानते ही हैं लेकिन इसके भी आगे कई प्रकार होते हैं जैसे कि स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर, स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर, आइसोलेशन ट्रांसफॉर्मर इत्यादि । लेकिन आज के आर्टिकल में हम जानेंगे कि स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर क्या है और यह कैसे काम करता है । तो चलिए जानते हैं इसके बारे में आगे और बारीकी के साथ । What is Step Up Transformer in hindi | स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर क्या होता है : स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर में अप का मतलब होता है बढ़ाना या ऊपर । ठीक वैसे ही यह ट्रांसफॉर्मर जो कि वोल्टेज को बढ़ाने का काम करता है । इसीलिए इस ट्रांसफॉर्मर के नाम के आगे स्टेप अप का नाम रखा गया क्योंकि यह ट्रांसफॉर्मर वोल्टेज बढ़ाने का काम करता है । इसकी शुरुआत तब हुई जब दूर तक बिजली भेजने के लिए मुश्किल आती थी और बहुत से उपकरण ऐसे होते थे जो सिर्फ अधिक वोल्टेज पर चलते थे तब इस ट्रांसफॉर्मर को बनाया गया । जिसकी मदद से दूर तक बिजली भी आसानी से पहुंच जाती थी और जो उपकरण अधिक वोल्टेज पर चलने वाले होते थे वह भी चल जाते थे । दूर तक बिजली पहुंचाने के लिए इसी ट्रांसफॉर्मर का ही इस्तेमाल क्यों किया जाता है वो हम आपको आगे ही बताएंगे । What is Step Up Transformer in hindi बस यही खासियत है इस स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर को जो कि वोल्टेज को बढ़ाने का काम करता है । इसकी मदद से हम जितना चाहे वोल्टेज को बढ़ा सकते हैं जिससे उपकरण चाहे कितने भी अधिक वोल्टेज पर चलता हो वह चल पाते हैं । Step Up ट्रांसफॉर्मर कैसे काम करता है : स्टेज अप ट्रांसफॉर्मर को जब करंट दिया जाता है तब उसी प्राइमरी वाइंडिंग में करंट के गुज़रने ...

Transformer kya hai

Transformer kya hai ? ट्रांसफार्मर एक पैसिव passive इलेक्ट्रिकल यंत्र है इसका इस्तेमाल AC voltage को कम या फिर ज्यादा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है बिना frequency को बदले | आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे की ट्रांसफार्मर क्या है (what is transformer in hindi) और उसके प्रकार कोंसे है ट्रांसफार्मर का कार्य सिधांत और चित्र इन सबके बारेमे जाननेकी कोशिश करते है | ट्रांसफार्मर की खोज बोहोत पहले याने की सन 1880 के दशक में हुई थी लेकिन उस वक्त ट्रांसफार्मर transfomer का design उतना प्रभावशाली नहीं था | आगे जाके ट्रांसफार्मर के डिजाईन में सुधार किये गयेऔर उसके कम करने की क्षमता को बढाया गया ट्रांसफार्मर का कार्य सिधांत वही है बस उसमे बोहोत सारे सुधार किये गए इसी कारन के वजह से हम आज इतनी मात्रा में और अच्छी तरह से बिजली का इस्तेमाल कर पा रहे है | सन 1950 में 400 Kv विदुत ट्रांसफार्मर को पेश किया गया था उसके बाद बोहोत सारे निर्माता ओ ने 1980 में 800 Kv और उससे भी अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर का निर्माण किया गया | Transformer kya hai Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Transformer kya hai? (What is Transformer in Hindi) :- ट्रांसफार्मर एक स्थायी इलेक्ट्रिकल यंत्र है इसका इस्तेमाल AC voltage को एक circuit में से दुसरे circuit में स्थानांतरण किया जाता है frequency को बदले बिना | यह पूरी प्रक्रिया electromagnetic induction से होती है |इसका इस्तेमाल ज्यादा तर AC voltage को बढ़ाने के लिए याने voltage step up transformer या फिर AC voltage को कम करने के लिए याने voltage step down transformer के लिए इस...

Step Up Transformer in Hindi

स्टेप अप ट्रांसफार्मर एक ऐसा ट्रांसफार्मर होता है जो लो वोल्टेज को हाई वोल्टेज में परिवर्तित करता है। अर्थात जब ट्रांसफार्मर के प्राइमरी वाइंडिंग को एक लो वोल्टेज के श्रोत से जोड़ा जाता है तब इसके सेकेंडरी वाइंडिंग में हाई वोल्टेज प्राप्त होता है। ट्रांसफार्मर केवल वोल्टेज तथा विधुत धारा को ही बदलता है। इससे विधुत ऊर्जा में बढ़ोतरी नहीं होती है। स्टेप ट्रांसफार्मर की संरचना (Construction of Step Up Transformer) यह ट्रांसफार्मर का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। यह वाइंडिंग में उत्पन्न हुए चुम्बकीय फ्लक्स के लिए रास्ता उपलब्ध कराता है।ट्रांसफार्मर के कोर निर्माण के लिए उच्च किस्म के सिलकान तथा स्टील से बने हुए मिश्रधातु का प्रयोग किया जाता है।ट्रांसफार्मर के कोर निर्माण में सिलकान तथा स्टील का चयन कोर में होने वाले चुम्बकीय लॉस को कम करने के लिए किया जाता है। वाइंडिंग किसी भी ट्रांसफार्मर का अति ही महत्वपूर्ण भाग होता है। ट्रांसफार्मर में विधुत धारा का संचालन वाइंडिंग से ही होता है।स्टेप अप ट्रांसफार्मर के प्राइमरी वाइंडिंग में अल्युमिनियम या कॉपर के मोटे तार का प्रयोग किया जाता है। स्टेप अप ट्रांसफार्मर के प्राइमरी वाइंडिंग में टर्न की संख्या सेकेंडरी वाइंडिंग के तुलना में बहुत कम होता है। चूंकि प्राइमरी वाइंडिंग में लो वोल्टेज आरोपित किया जाता है और प्राइमरी वाइंडिंग में प्रवाहित होने वाला विधुत धारा का मान ज्यादा होता है इसलिए प्राइमरी वाइंडिंग में प्रयुक्त तार मोटे आकार के होते है। इसके विपरीत सेकेंडरी वाइंडिंग में प्रयुक्त तार का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल प्राइमरी वाइंडिंग की तुलना में कम तथा टर्न की संख्या बहुत ज्यादा होती है। स्टेप अप ट्रांसफार्मर का कार्य सिधांत तथा EMF Equation...

ट्रांसफार्मर क्या है और इसकी सेफ्टी

आज के समय में हम हर वक्त बिजली का इस्तेमाल करते रहते हैं और ऐसे में अगर आपको नहीं मालूम कि ट्रांसफार्मर क्या है (What is transformer in hindi) और इसकी दक्षता कितनी होती है. यह हमारे किस काम आता है तो आपको इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए. क्योंकि यह सीधे तौर पर हम जो बिजली इस्तेमाल करते हैं वह इसी पर निर्भर करता है. 9 संक्षेप में ट्रांसफार्मर क्या है – What is transformer in Hindi? ट्रांसफार्मर एक स्टैटिक इलेक्ट्रिकल मशीन है जो एसी इलेक्ट्रिकल पावर को कांस्टेंट फ्रिकवेंसी में दूसरे सर्किट में सप्लाई करता रहता है लेकिन वोल्टेज लेवल को बदला जा सकता है यानी की जरूरत के अनुसार वोल्टेज को बढ़ाया या फिर घटाया जा सकता है. एनर्जी ट्रांसफर आमतौर पर वोल्टेज और करंट के बदलाव के साथ होता है. यह AC करंट को घटाता है या फिर बढ़ाता है. विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस का इस्तेमाल किया जाता है. यहां तक कि अगर हमारे घरों में मशीनें काफी अधिक है और हमारे लिए करंट काफी नहीं होता तो हम CVT बनाते हैं जिसका पूरा नाम कांस्टेंट वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर है. इसके जरिए आने वाली कम वोल्टेज को हम अपनी इच्छा अनुसार बढ़ा लेते हैं. ट्रांसफार्मर की परिभाषा: ट्रांसफार्मर एक स्थिर उपकरण है जो इलेक्ट्रिकल एनर्जी को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के द्वारा एक सर्किट से दूसरे सर्किट में ट्रांसफर करता है. इसका उपयोग आमतौर पर सर्किट के बीच स्टेप अप और स्टेप डाउन यानी की वोल्टेज को बढ़ाने और घटाने के लिए किया जाता है. • • • ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर काम करता है यह फैराडे लॉ ऑफ मैग्नेटिक इंडक्शन के सिद्धांत पर काम करता है जिसके अनुसार वोल्टेज का मेग्नीट्यूड फ्लक्स में होने वाले बदलाव के दर के समानुपाती होता ...

Step down transformer क्या है

ट्रांसफार्मर के बारे में अधिकतर लोग जानते ही हैं लेकिन ट्रांसफॉर्मर के भी कई प्रकार होते हैं और उनमें से आज के इस आर्टिकल में हम स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर के बारे में बात करेंगे । जिसका इस्तेमाल भी आज के समय मे अधिक मात्रा में किया जाता है और किया भी जा रहा है चाहे वह कोई छोटा उपकरण हो इलेक्ट्रॉनिक का या बड़ा या किसी ओर जगहों में । इसका इस्तेमाल किया ही जाता है । तो चलिये जानते हैं स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर क्या है और यह कैसे काम करता है । Step down ट्रांसफॉर्मर क्या होता है : स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर एक ऐसा ट्रांसफॉर्मर है जो कि वोल्टेज को घटाने का काम करता है । ट्रांसफॉर्मर जो कि एक स्टेटिक डिवाइस कहलाता है यानी कि वह डिवाइस जो बिना हिले काम करता है उसमें भी ट्रांसफॉर्मर का भी यही हाल है जो कि बिना आवाज किये और मूव किये बिना काम करता है । स्टेप डाउन के नाम से ही पता चल जाता है कि यह ट्रांसफॉर्मर वोल्टेज को घटाने का काम करता है क्योंकि इसके नाम के आगे लिखा हुआ है स्टेप डाउन और डाउन का मतलब होता है नीचे या कम करना इत्यादि । What is Step Down Transformer in hindi इसके काम के बारे में तो आपको पता चल ही गया होगा कि यह वोल्टेज को घटाने का काम करता है और इसका इस्तेमाल भी ऐसे ही उपकरणों में किया जाता है जहां वोल्टेज कम चाहिये होता है जबकि बाहर से वोल्टेज की मात्रा अधिक आती है तब इसको लगाया जाता है उस उपकरण में जहां वोल्टेज चाहिए होता है कम । लेकिन यह ट्रांसफॉर्मर जो की सिर्फ ac करंट पर ही काम करता है अगर हम बात करें dc करंट की तो यह ट्रांसफॉर्मर dc करंट पर काम नहीं करता । वैसे देखा जाए तो यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है जो कि वोल्टेज को कम करके देता है तभी तो इसका इस्तेमाल आज के समय में च...

Step Down Transformer & Step Up Transformer Calculator

Transformer Type: Single Phase Step Up Transformer The transformers are being classified based on the output voltage levels and they are step-down transformer and step-up transformer. Step-up transformer: If the output voltage is greater than the input voltage, then such transformers are called a step-up transformer. i.e Vp input voltage in volts and Vs output voltage in volts, if Vs > Vs then such transformers are called a step-up transformer. Output voltage > Input Voltage Step Down Transformer: The transformer which output voltage is lesser than the input voltage is called step down transformer. Typically, Vp > Vs Input Voltage > Output Voltage The difference between these two voltages always maintains an integer ratio, It is called voltage ratio. Learn More: Capacitor Charge and Time Constant Calculation, Formula, Example How to identify a transformer? Generally, if the transformer is mentioned by 11kV/415V means, it is called step-down transformer, the input will be given as 11kV and the output will be connected to 415V. At the same time, the transformer is mentioned by 22kV/220kV means, it is called a step-up transformer. The input will be 22kV and the output will be 220kV. Another transformer is called the ideal transformer whose input voltage is equal to the output voltage. In the article above you called both examples step-up, I believe you meant to state “step-down” on first example instead of the following: Generally, if the transformer is mentioned by 11kV/415V...