सत्ता की साझेदारी की आत्मा है

  1. लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी ( लघु उत्तरीय प्रश्न )
  2. Class 10 Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी: NCERT Solutions


Download: सत्ता की साझेदारी की आत्मा है
Size: 10.31 MB

लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी ( लघु उत्तरीय प्रश्न )

लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी का प्रश्न उत्तर ( loktantra Mein satta ki sajhedari question answer)यहां पर दिया गया है। जो लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी का ऑब्जेक्टिव प्रश्न भी मिल जाएगा तथा आप इस वेबसाइट से सामाजिक विज्ञान का मॉडल पेपर डाउनलोड कर सकते हैं। डाउनलोड करने के लिए आपको नीचे दे दिया गया है। loktantra Mein satta ki sajhedari question answer 2022. 1. सामाजिक विभाजन से आप क्या समझते हैं ? उत्तर- विविधता विकासशील समाजों की विशेषता है। एक देश या क्षेत्र में निवास करने वाले जाति, धर्म, सम्प्रदाय के लोगों के बीच, जो विभिन्नताएँ होती हैं, वे सामाजिक विभेद कहलाती है। परन्तु धन, रंग, क्षेत्र का विभेद सामाजिक विभाजन का रूप ल लता है। भारत में सवर्ण और दलित, गोरे-काले या गरीब-अमीर का विभेद सामाजिक विभेद है। 2. सांप्रदायिकता क्या है ? उत्तर- जब समाज में एक धर्म के लोग दुसरे धर्म को छोटा एवं अपने धर्म को सर्वोच्च समझने लगते हैं तो समाज में धार्मिक आधार पर बिलगाव उत्पन्न होती है। इसी अवधारणा को सांप्रदायिकता कहते हैं। यह किसी भी लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। 3. साम्प्रदायिक सद्भाव को प्रोत्साहित करने के लिए आप क्या करेंगे ? उत्तर- भारत में विभिन्न धर्मों के लोग निवास करते हैं। राजनीतिक व आर्थिक स्वार्थों की पूर्ति के कारण सांप्रदायिक सद्भाव के स्थान पर सांप्रदायिक संघर्ष का जन्म होता है। सांप्रदायिक सद्भाव के लिए शिक्षा व जागरूकता का विकास, विभिन्न धर्मों के लोगों में आपसी समझ का विकास तथा धर्म के राजनीतिक उपयोग पर रोक लगाना आवश्यक है। 4. संघीय व्यवस्था राष्ट्रीय एकता के संवर्द्धन में सहायक है। कैसे ? उत्तर- भारत में संघीय शासन व्यवस्था की स्थापना की गई है। संविधान की रचना करते ...

Class 10 Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी: NCERT Solutions

प्रश्न अभ्यास पाठ्यपुस्तक से संक्षेप में लिखें निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए – प्रश्न 1. आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दें। उत्तर - आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अनेक रूप हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं– 1. शासन के विभिन्न अंगों के बीच बँटवारा– शासन के विभिन्न अंग, जैसे-विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा रहता है। इसमें सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी-अपनी शक्ति का उपयोग करते हैं। इसमें कोई भी एक अंग सत्ता का असीमित प्रयोग नहीं करता, हर अंग दूसरे पर अंकुश रखता है। इससे विभिन्न संस्थाओं के बीच सत्ता का संतुलन बना रहता है। इसके सबसे अच्छे उदाहरण अमेरिका व भारत हैं। यहाँ विधायिका कानून बनाती है, कार्यपालिका कानून को लागू करती है तथा न्यायपालिका न्याय करती है। भारत में कार्यपालिका संसद के प्रति उत्तरदायी है, न्यायपालिका की नियुक्ति कार्यपालिका करती है, न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के कानूनों की जाँच करके उन पर नियंत्रण रखती है। 2. सरकार के विभिन्न स्तरों में बँटवारा– पूरे देश के लिए एक सरकार होती है जिसे केंद्र सरकार या संघ सरकार कहते हैं। फिर प्रांत या क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सरकारें बनती हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। भारत में इन्हें राज्य सरकार कहते हैं। इस सत्ता के बँटवारे वाले देशों में संविधान में इस बात का स्पष्ट उल्लेख होता है कि केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच सत्ता का बँटवारा किस तरह होगा। सत्ता के ऐसे बँटवारे को ऊध्र्वाधर वितरण कहा जाता है। भारत में केंद्र और राज्य स्तर के अतिरिक्त स्थानीय सरका...