स्टॉकहोम सम्मेलन क्या है

  1. Stockholm syndrome : स्टॉकहोम सिंड्रोम क्या है?
  2. स्टॉकहोम सम्मेलन क्या है इसके महत्व का वर्णन करें?
  3. Environment Day 2023: क्‍या है इस साल की थीम, इतिहास और जानें कौन करेगा मेजबानी
  4. स्टॉकहोम सम्मेलन (1972)
  5. स्टॉकहोम +50
  6. स्टॉकहोम +50
  7. Stockholm syndrome : स्टॉकहोम सिंड्रोम क्या है?
  8. स्टॉकहोम सम्मेलन (1972)
  9. स्टॉकहोम सम्मेलन क्या है इसके महत्व का वर्णन करें?
  10. Environment Day 2023: क्‍या है इस साल की थीम, इतिहास और जानें कौन करेगा मेजबानी


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Stockholm syndrome : स्टॉकहोम सिंड्रोम क्या है?

स्टॉकहोम सिंड्रोम (Stockholm syndrome) एक इस सिंड्रोम का नाम स्वीडन के स्टॉकहोम में हुए एक बैंक डकैती के आधार पर रखा गया है। 23 अगस्त 1973 को स्वीडन में एक बैंक डकैती हुई थी। दो लोग मशीन गन के साथ बैंक में घुसे और 4 बैंकक्रमियों को बंधक बनाकर 6 दिनों तक बैंक के लॉकर में किडनैप करके रखा था। जब पुलिस ने 6 दिनों के बाद दोनों डकैतो को पकड़ा तो उनके बनाए गए चारों बंधकों ने उन दोनों के प्रति सहानभूति जताई थी। इतना ही नहीं उन्हें कितना सामान्य है स्टॉकहोम सिंड्रोम होना? ऐसे कई उदाहरण हैं जब स्टॉकहोम सिंड्रोम किडनैप किए गए लोगों में पाया गया है। यहां कुछ लोकप्रिय मामले हैं जहां स्टॉकहोम सिंड्रोम के लक्षण दिखाई दिए थे। • सन् 1974 में हेइरेस पैटी हर्स्ट का राजनीतिक संगठन सिम्बायोनी लिबरेशन आर्मी ने अपहरण कर लिया था। बाद में, वह समूह की सदस्य बन गईं और बैंक डकैतियों में भी उनकी सहायता की। • सन् 1998 में, एक 10 साल की लड़की नताशा कम्पुश को ऑस्ट्रिया में अपहरण कर लिया गया था। वह साल 2006 में वापस घर आई थी। उसके बयान के मुताबिक किडनैपर ने उसे आठ सालों तक एक कोठरी में बंद करके रखा था। लेकिन फिर भी उस लड़की ने अपने किडनैपर के प्रति दया दिखाई। • साल 2203 में, साल्ट लेक सिटी में रहने वाले एक पुजारी ने 15 साल की एलिजाबेथ स्मार्ट नाम की एक लड़की का अपहरण किया था। वह नौ महीने बाद घर वापस आई। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि वह बहुत पहले बच सकती थी अगर उसने अपने कैदी के साथ खुद की पहचान नहीं की होती। • अपहरणकर्ताओं की प्रशंसा करना • उनका बचाव करना • अपहरणकर्ताओं को खुश करने की कोशिश करना • किडनैपर्स के खिलाफ गवाही देने से इनकार करना • अपहरणकर्ताओं से पास रहना स्टॉकहोम सिंड्रोम के लक्षणों इसके सभी ल...

स्टॉकहोम सम्मेलन क्या है इसके महत्व का वर्णन करें?

विषयसूची Show • • • • • विकसित देशों में हुई वैज्ञानिक क्रान्ति के फलस्वरूप हुआ औद्योगीकरण पर्यावरण ही नहीं समूचे जैवमण्डल के लिए खतरनाक भी बनता गया। कई औद्योगिक इकाइयों के कारण ऐसी भयावह दुर्घटनाएँ हुई कि दुनिया हिल गई। विज्ञान के इस अभिशाप को अमेरिका, इग्लैण्ड, जापान सहित देशों में देखा गया। इन समस्याओं से परेशान होकर लोगों ने मानव के हित में पर्यावरण के महत्व पर सोचना शुरू किया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस पर विचार-विमर्श के लिए 1972 में स्टाकहोम (स्वीडन) में ‘मानव पर्यावरण’ पर अन्तर्राश्ट्रीय कांफ्रेस का आयोजन किया। 5 जून से 16 जून तक चलने वाले इस सम्मेलन में पूरी दुनिया के 113 राष्ट्रों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में की गई घोषणाओं और व्यापक विचार-विमर्श के बाद 26 सूत्री महाधिकार पत्र घोषित किया गया जिसे ‘मेग्नाकार्टा’ के नाम दिया गया। अन्तर्राश्ट्रीय स्तर पर, विश्व पर्यावरण के हित में यह एक ऐतिहासिक दस्तावेज है। स्टॉकहोम सम्मेलन 1972की विशेषताएं मानव पर्यावरण स्टॉकहोम सम्मेलन 1972 की विशेषताएं manav paryavaran stokahom sammelan 1972 ki visheshtayen है- • मानव को ऐसे पर्यावरण में, जिसमें वह सुखी जीवन जी सके तथा जहाँ रहन-सहन की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो, जाने का मूलभूत अधिकार है और साथ ही उसका यह दात्यिव कि वह भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण उपलब्ध कराये। • पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों वायु, जल, भूमि, पेड-पौधे, जीव-जन्तु को वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित रखा जाये। • पृथ्वी के संसाधनों को पुनर्निर्मित किये जा सकने वाली उत्पादन क्षमता को बनाये रखना चाहिए और जहाँ तक व्यावसायिक हो, उसे पुनस्र्थापित किया जाना चाहिए। • मनुष्य पर वन्य प्राणियों एवं उनके आश्रय क...

Environment Day 2023: क्‍या है इस साल की थीम, इतिहास और जानें कौन करेगा मेजबानी

To Start receiving timely alerts please follow the below steps: • Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options. • Click on the “Options ”, it opens up the settings page, • Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page. • Scroll down the page to the “Permission” section . • Here click on the “Settings” tab of the Notification option. • A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification. • Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes. पर्यावरण के संरक्षण करने के लिए हर साल 5 जून को वैश्विक स्‍तर पर पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने का मनाने का उद्देश्य पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना है, ओर ग्लोबल वार्मिग ओर जलवायु परिवर्तन, तथा प्रदूषण के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करना है, ताकि हर इंसान पर्यावरण के महत्व को समझ सकें और पर्यावरण को बचाने का काम करें। पर्यावरण दिवस क्या है? विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण को समर्पित एक दिन है और पर्यावरण के मुद्दों के बारे में आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। यह विभिन्न समाजों और समुदायों के लोगों को उत्सव में सक्रिय रूप से भाग लेने के साथ-साथ पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों को विकसित करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करता है। विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास और महत्व संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1972 में स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में घोषित किया। यह पर्यावरण संरक्षण को एक प्रम...

स्टॉकहोम सम्मेलन (1972)

स्टॉकहोम सम्मेलन ( 1972) अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण चेतना एवं पर्यावरण आंदोलन के प्रारंभिक सम्मेलन के रूप में 1972 में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में दुनिया के सभी देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 119 देशों ने भाग लिया और एक ही धरती के सिद्धांत को सर्वमान्य तरीके से मान्यता प्रदान की गई। लगातार हो रहे पर्यावरणीय क्षरण , मौसम परिवर्तन एवं आपदाओं पर नियंत्रण हेतु पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में यह प्रथम वैश्विक प्रयास था। संक्षेप में पर्यावरण संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्रित करने में स्कॉटहोम सम्मेलन का योगदान निम्नलिखित है - • मानवीय पर्यावरण पर घोषणापत्र प्रस्तुत करना , • मानवीय पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में कार्ययोजना बनाए जाने की आवश्यकता पर बल , • संस्थागत , प्रशासनिक तथा वित्तीय व्यवस्थाओं को अपनाए जाने पर बल , • प्रति वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की घोषणा का प्रस्ताव , • पर्यावरण संरक्षण की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर कार्यवाही को सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य , • पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए पुनः दूसरे सम्मेलन बुलाए जाने का प्रस्ताव। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम स्कॉटहोम सम्मेलन के दौरान 1972 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ( United Nations Environment Programme -UNEP) का शुभारंभ हुआ। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का मुख्यालय कीनिया की राजधानी नैरोबी में है। वैश्विक पर्यावरण एजेंडा के निर्माण एवं जलवायु नीतियों के कार्यान्वयन के संदर्भ में यह शीर्ष वैश्विक पर्यावरण प्राधिकरण है जो संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर कार्य करता है। संक्षेप में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के नि...

स्टॉकहोम +50

• हमारे बारे में • • • • • • • सिविल सेवा परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • प्रारंभिक परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • मुख्य परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • प्रैक्टिस टेस्ट • • • • • • • • • • • • • • • • • पी.सी.एस. • • • • • • • • • टेस्ट सीरीज़ • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • करेंट अफेयर्स • • • • • • • • • दृष्टि स्पेशल्स • • • • • • • • • • • • • • • • • • • डाउनलोड्स • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वीडियो सेक्शन • • • • • • • • • • • • और देखें टैग्स: • • • • • • प्रिलिम्स के लिये: स्टॉकहोम घोषणा, जलवायु परिवर्तन, पेरिस समझौता, सतत् विकास, संयुक्त राष्ट्र, यूएनईपी, यूएनएफसीसीसी, यूएनसीसीडी, सीबीडी मेन्स के लिये: स्टॉकहोम घोषणा और उसके परिणाम, चुनौतियाँ और आगे की राह चर्चा में क्यों? स्टॉकहोम+50 का आयोजन स्टॉकहोम, स्वीडन में हो रहा है। यह मानव पर्यावरण पर वर्ष 1972 के संयुक्त राष्ट्र (UN) सम्मेलन (स्टॉकहोम सम्मेलन के रूप में भी जाना जाता है) के 50वीं वर्षगाँंठ का उत्सव है । • संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस अंतर्राष्ट्रीय बैठक का आयोजन किया जा रहा है। • यह ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब दुनिया स्टॉकहोम घोषणा के 50 वर्ष बाद भी जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और अपशिष्ट प्रकृति तथा जैवविविधता की क्षति केतिहरे ग्रहीय संकट केसाथ-साथ अन्य मुद्दों का सामना कर रही है। यह सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये खतरा है। • कोविड-19 महामारी से एक सतत् रिकवरी भी एजेंडा बिंदुओं में से एक रहेगा। स्टॉकहोम सम्मेलन, 1972: • पृष्ठभूमि : • वर्ष 1968 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ...

स्टॉकहोम +50

• हमारे बारे में • • • • • • • सिविल सेवा परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • प्रारंभिक परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • मुख्य परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • प्रैक्टिस टेस्ट • • • • • • • • • • • • • • • • • पी.सी.एस. • • • • • • • • • टेस्ट सीरीज़ • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • करेंट अफेयर्स • • • • • • • • • दृष्टि स्पेशल्स • • • • • • • • • • • • • • • • • • • डाउनलोड्स • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वीडियो सेक्शन • • • • • • • • • • • • और देखें टैग्स: • • • • • • प्रिलिम्स के लिये: स्टॉकहोम घोषणा, जलवायु परिवर्तन, पेरिस समझौता, सतत् विकास, संयुक्त राष्ट्र, यूएनईपी, यूएनएफसीसीसी, यूएनसीसीडी, सीबीडी मेन्स के लिये: स्टॉकहोम घोषणा और उसके परिणाम, चुनौतियाँ और आगे की राह चर्चा में क्यों? स्टॉकहोम+50 का आयोजन स्टॉकहोम, स्वीडन में हो रहा है। यह मानव पर्यावरण पर वर्ष 1972 के संयुक्त राष्ट्र (UN) सम्मेलन (स्टॉकहोम सम्मेलन के रूप में भी जाना जाता है) के 50वीं वर्षगाँंठ का उत्सव है । • संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस अंतर्राष्ट्रीय बैठक का आयोजन किया जा रहा है। • यह ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब दुनिया स्टॉकहोम घोषणा के 50 वर्ष बाद भी जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और अपशिष्ट प्रकृति तथा जैवविविधता की क्षति केतिहरे ग्रहीय संकट केसाथ-साथ अन्य मुद्दों का सामना कर रही है। यह सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये खतरा है। • कोविड-19 महामारी से एक सतत् रिकवरी भी एजेंडा बिंदुओं में से एक रहेगा। स्टॉकहोम सम्मेलन, 1972: • पृष्ठभूमि : • वर्ष 1968 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ...

Stockholm syndrome : स्टॉकहोम सिंड्रोम क्या है?

स्टॉकहोम सिंड्रोम (Stockholm syndrome) एक इस सिंड्रोम का नाम स्वीडन के स्टॉकहोम में हुए एक बैंक डकैती के आधार पर रखा गया है। 23 अगस्त 1973 को स्वीडन में एक बैंक डकैती हुई थी। दो लोग मशीन गन के साथ बैंक में घुसे और 4 बैंकक्रमियों को बंधक बनाकर 6 दिनों तक बैंक के लॉकर में किडनैप करके रखा था। जब पुलिस ने 6 दिनों के बाद दोनों डकैतो को पकड़ा तो उनके बनाए गए चारों बंधकों ने उन दोनों के प्रति सहानभूति जताई थी। इतना ही नहीं उन्हें कितना सामान्य है स्टॉकहोम सिंड्रोम होना? ऐसे कई उदाहरण हैं जब स्टॉकहोम सिंड्रोम किडनैप किए गए लोगों में पाया गया है। यहां कुछ लोकप्रिय मामले हैं जहां स्टॉकहोम सिंड्रोम के लक्षण दिखाई दिए थे। • सन् 1974 में हेइरेस पैटी हर्स्ट का राजनीतिक संगठन सिम्बायोनी लिबरेशन आर्मी ने अपहरण कर लिया था। बाद में, वह समूह की सदस्य बन गईं और बैंक डकैतियों में भी उनकी सहायता की। • सन् 1998 में, एक 10 साल की लड़की नताशा कम्पुश को ऑस्ट्रिया में अपहरण कर लिया गया था। वह साल 2006 में वापस घर आई थी। उसके बयान के मुताबिक किडनैपर ने उसे आठ सालों तक एक कोठरी में बंद करके रखा था। लेकिन फिर भी उस लड़की ने अपने किडनैपर के प्रति दया दिखाई। • साल 2203 में, साल्ट लेक सिटी में रहने वाले एक पुजारी ने 15 साल की एलिजाबेथ स्मार्ट नाम की एक लड़की का अपहरण किया था। वह नौ महीने बाद घर वापस आई। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि वह बहुत पहले बच सकती थी अगर उसने अपने कैदी के साथ खुद की पहचान नहीं की होती। • अपहरणकर्ताओं की प्रशंसा करना • उनका बचाव करना • अपहरणकर्ताओं को खुश करने की कोशिश करना • किडनैपर्स के खिलाफ गवाही देने से इनकार करना • अपहरणकर्ताओं से पास रहना स्टॉकहोम सिंड्रोम के लक्षणों इसके सभी ल...

स्टॉकहोम सम्मेलन (1972)

स्टॉकहोम सम्मेलन ( 1972) अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण चेतना एवं पर्यावरण आंदोलन के प्रारंभिक सम्मेलन के रूप में 1972 में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में दुनिया के सभी देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 119 देशों ने भाग लिया और एक ही धरती के सिद्धांत को सर्वमान्य तरीके से मान्यता प्रदान की गई। लगातार हो रहे पर्यावरणीय क्षरण , मौसम परिवर्तन एवं आपदाओं पर नियंत्रण हेतु पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में यह प्रथम वैश्विक प्रयास था। संक्षेप में पर्यावरण संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्रित करने में स्कॉटहोम सम्मेलन का योगदान निम्नलिखित है - • मानवीय पर्यावरण पर घोषणापत्र प्रस्तुत करना , • मानवीय पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में कार्ययोजना बनाए जाने की आवश्यकता पर बल , • संस्थागत , प्रशासनिक तथा वित्तीय व्यवस्थाओं को अपनाए जाने पर बल , • प्रति वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की घोषणा का प्रस्ताव , • पर्यावरण संरक्षण की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर कार्यवाही को सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य , • पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए पुनः दूसरे सम्मेलन बुलाए जाने का प्रस्ताव। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम स्कॉटहोम सम्मेलन के दौरान 1972 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ( United Nations Environment Programme -UNEP) का शुभारंभ हुआ। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का मुख्यालय कीनिया की राजधानी नैरोबी में है। वैश्विक पर्यावरण एजेंडा के निर्माण एवं जलवायु नीतियों के कार्यान्वयन के संदर्भ में यह शीर्ष वैश्विक पर्यावरण प्राधिकरण है जो संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर कार्य करता है। संक्षेप में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के नि...

स्टॉकहोम सम्मेलन क्या है इसके महत्व का वर्णन करें?

विषयसूची Show • • • • • विकसित देशों में हुई वैज्ञानिक क्रान्ति के फलस्वरूप हुआ औद्योगीकरण पर्यावरण ही नहीं समूचे जैवमण्डल के लिए खतरनाक भी बनता गया। कई औद्योगिक इकाइयों के कारण ऐसी भयावह दुर्घटनाएँ हुई कि दुनिया हिल गई। विज्ञान के इस अभिशाप को अमेरिका, इग्लैण्ड, जापान सहित देशों में देखा गया। इन समस्याओं से परेशान होकर लोगों ने मानव के हित में पर्यावरण के महत्व पर सोचना शुरू किया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस पर विचार-विमर्श के लिए 1972 में स्टाकहोम (स्वीडन) में ‘मानव पर्यावरण’ पर अन्तर्राश्ट्रीय कांफ्रेस का आयोजन किया। 5 जून से 16 जून तक चलने वाले इस सम्मेलन में पूरी दुनिया के 113 राष्ट्रों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में की गई घोषणाओं और व्यापक विचार-विमर्श के बाद 26 सूत्री महाधिकार पत्र घोषित किया गया जिसे ‘मेग्नाकार्टा’ के नाम दिया गया। अन्तर्राश्ट्रीय स्तर पर, विश्व पर्यावरण के हित में यह एक ऐतिहासिक दस्तावेज है। स्टॉकहोम सम्मेलन 1972की विशेषताएं मानव पर्यावरण स्टॉकहोम सम्मेलन 1972 की विशेषताएं manav paryavaran stokahom sammelan 1972 ki visheshtayen है- • मानव को ऐसे पर्यावरण में, जिसमें वह सुखी जीवन जी सके तथा जहाँ रहन-सहन की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो, जाने का मूलभूत अधिकार है और साथ ही उसका यह दात्यिव कि वह भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण उपलब्ध कराये। • पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों वायु, जल, भूमि, पेड-पौधे, जीव-जन्तु को वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित रखा जाये। • पृथ्वी के संसाधनों को पुनर्निर्मित किये जा सकने वाली उत्पादन क्षमता को बनाये रखना चाहिए और जहाँ तक व्यावसायिक हो, उसे पुनस्र्थापित किया जाना चाहिए। • मनुष्य पर वन्य प्राणियों एवं उनके आश्रय क...

Environment Day 2023: क्‍या है इस साल की थीम, इतिहास और जानें कौन करेगा मेजबानी

To Start receiving timely alerts please follow the below steps: • Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options. • Click on the “Options ”, it opens up the settings page, • Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page. • Scroll down the page to the “Permission” section . • Here click on the “Settings” tab of the Notification option. • A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification. • Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes. पर्यावरण के संरक्षण करने के लिए हर साल 5 जून को वैश्विक स्‍तर पर पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने का मनाने का उद्देश्य पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना है, ओर ग्लोबल वार्मिग ओर जलवायु परिवर्तन, तथा प्रदूषण के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करना है, ताकि हर इंसान पर्यावरण के महत्व को समझ सकें और पर्यावरण को बचाने का काम करें। पर्यावरण दिवस क्या है? विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण को समर्पित एक दिन है और पर्यावरण के मुद्दों के बारे में आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। यह विभिन्न समाजों और समुदायों के लोगों को उत्सव में सक्रिय रूप से भाग लेने के साथ-साथ पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों को विकसित करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करता है। विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास और महत्व संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1972 में स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में घोषित किया। यह पर्यावरण संरक्षण को एक प्रम...