सत्य शोधक समाज

  1. [Solved] सत्य शोधक समाज की स्थापना किसने की थी?
  2. HBSE 12th Class Sociology Important Questions Chapter 5 सामाजिक विषमता एवं बहिष्कार के स्वरूप – Haryana Board Solutions
  3. भारत में समाज सुधार एवं धर्म सुधार आन्दोलन
  4. महात्मा ज्योतिबा फुले का जीवन परिचय
  5. सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन ( आधुनिक भारत का इतिहास नोट्स )
  6. [Solved] सत्य शोधक समाज ने संगठित किया:


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[Solved] सत्य शोधक समाज की स्थापना किसने की थी?

सही उत्‍तर ज्योतिबा फुले है। Key Points • ज्योतिबा फुले ने 24 सितंबर, 1873 को पुणे, महाराष्ट्र में एक सामाजिक सुधार संगठन, सत्य शोधक समाज की स्थापना की। • इसने महाराष्ट्र में महिलाओं, शूद्रों और दलितों पर विशेष जोर देने के साथ शिक्षा और अधिक राजनीतिक और सामाजिक पहुंच के माध्यम से हाशिए के समुदायों के सशक्तिकरण की वकालत की। • ज्योतिराव की पत्नी सावित्रीबाई ने, समाज के महिला विभाजन की अध्यक्षता की। • जैसे ही नेता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल होने गए, 1930 के दशक में समाज टूट गया । Additional Information • स्वामी विवेकानंद: • स्वामी विवेकानंद एक भारतीय हिंदू भिक्षु थे जो एक दार्शनिक, लेखक और धार्मिक प्रशिक्षक भी थे। • उन्होंने 1 मई, 1897 को कलकत्ता में समाज सेवा के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। • श्री रामकृष्ण परमहंस: • श्री रामकृष्ण परमहंस एक भारतीय हिंदू रहस्यवादी और धार्मिक नेता थे। • उन्होंने भिक्षुओं के रामकृष्ण आदेश की स्थापना की। • स्वामी दयानंद: • वह अर्श विद्या गुरुकुलम, AIM फॉर सेवा और आर्य समाज के संस्थापक हैं। • वह संन्यास के लिए, हिंदू आदेश के त्यागी थे।

HBSE 12th Class Sociology Important Questions Chapter 5 सामाजिक विषमता एवं बहिष्कार के स्वरूप – Haryana Board Solutions

Haryana State Board Haryana Board 12th Class Sociology Important Questions Chapter 5 सामाजिक विषमता एवं बहिष्कार के स्वरूप बहुविकल्पीय प्रश्न प्रश्न 1. मंडल आयोग ने पिछड़े वर्ग के लिए कितने प्रतिशत आरक्षण की सिफ़ारिश की थी? (A) 16.7% (B) 27% (C) 30% (D) 17% उत्तर: 27%. प्रश्न 2. भारत में अनुसूचित जातियां लगभग कितने प्रतिशत हैं? (A) 17% (B) 27% (C) 7% (D) 37%. उत्तर: 27%. प्रश्न 3. अनुसूचित जातियां, अन्य जातियों से किस आधार पर पृथक् हैं? (A) अस्पृश्यता (B) धार्मिक अशुद्धता (C) सामाजिक प्रतिबंध (D) उपर्युक्त सभी। उत्तर: उपर्युक्त सभी। प्रश्न 4. सबसे पहले हरिजन शब्द का प्रयोग किसने किया था? (A) अंबेदकर (B) महात्मा गांधी (C) संविधान (D) घूर्ये। उत्तर: महात्मा गांधी। प्रश्न 5. नागरिक अधिकार संरक्षण कानून कब पास हुआ था? (A) 1975 (B) 1976 (C) 1977 (D) 1978 उत्तर: 1976 प्रश्न 6. इनमें से धार्मिक निर्योग्यता चुनो। (A) धार्मिक पुस्तकें पढ़ने पर पाबंदी (B) धार्मिक संस्कार करने की पाबंदी (C) मंदिरों में जाने पर पाबंदी। (D) उपर्युक्त सभी। उत्तर: उपर्युक्त सभी। प्रश्न 7. संविधान के अनुसार कौन-सा वर्ग पिछड़ा है? (A) जिसके पास पैसा नहीं है (B) जो सामाजिक तथा शैक्षिक आधार पर पिछड़े हों (C) धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग (D) अस्पृश्य समूह। उत्तर: जो सामाजिक तथा शैक्षिक आधार पर पिछडे हों। प्रश्न 8. संविधान के किस अनुच्छेद में राष्ट्रपति को जनजातियों को अनुसूचित जनजाति में घोषित करने का प्रावधान (A) 342 में (B) 346 में (C) 356 में (D) 370 में। उत्तर: 342 में। प्रश्न 9. कौन-सा कथन असत्य है? (A) आरक्षण का लाभ सभी संबंधित जातियों को समान रूप से मिलता है (B) आरक्षण का आधार जाति नहीं आर्थिक होना चाहिए (C...

भारत में समाज सुधार एवं धर्म सुधार आन्दोलन

विभिन्न समाजों में सुधार आन्दोलन भारत में ऐसे कई धार्मिक-सामाजिक सुधार आन्दोलन हुए जिनके कार्य तथा उद्देश्य बहुत छोटे क्षेत्र तक सीमित थे। पारसियों ने अपने धर्म और समाज सुधार के लिए धार्मिक सुधार समुदाय की स्थापना की। दादा भाई नौरोजी पारसी पुरोहित परिवार से थे। उन्होंने पारसी धर्म के सुधार हेतु महत्त्वपूर्ण कार्य किया। महादेव गोविन्द रानाडे ने सामाजिक सुधारों के साथ डंकन एजूकेशन सोसायटी स्थापित कर शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य किया। हिन्दुओं के वैष्णव सम्प्रदाय में भी कुछ धार्मिक आन्दोलन हुए। माधव सम्प्रदाय ने अपनी धर्म सुधार सभा बनायी। शंकराचार्य के समर्थकों ने अपने मत का अलग प्रचार किया। ज्योति बा फुले और सत्य शोधक समाज ज्योति बा फुले का जन्म 1828 ई. में एक माली परिवार में हुआ। उन्होंने शक्तिशाली गैर ब्राह्मण आंदोलन को जन्म दिया तथा हिन्दू धर्म में प्रचलित प्रथाओं का विरोध किया। 1854 ई. में उन्होंने अछूतों के लिये विद्यालय खोले तथा विधवाओं के लिये अनाथालयों की स्थापना की। ज्योति बा फुले को ब्राह्मणों की पुरोहिताई से गहरी घृणा थी। दलित वर्गों के उत्थान के लिये उन्होंने 1873 ई. में सत्य शोधक समाज की स्थापना की। ब्राह्मण विरोधी गतिविधियों को संगठित रूप में प्रसारित करने हेतु उन्होंने दो पुस्तकों- सार्वजनिक सत्य धर्म पुस्तक तथा गुलामगिरि की रचना की। राधास्वामी सत्संग 1861 ई. में शिवदयाल (1818-1878 ई.) ने आगरा में राधास्वामी सत्संग की स्थापना की। राधास्वामी सत्संग के गुरु, ईश्वर के अवतार माने जाते थे। इसलिए इस संस्था में गुरु-भक्ति की प्रधानता थी। इस संस्था के अनुयायी जाति-पाँति के भेदभाव के बिना, ईश्वर की अराधना करते थे। वे ईश्वर, जीवात्मा और जगत को सत्य मानते थे।...

महात्मा ज्योतिबा फुले का जीवन परिचय

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सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन ( आधुनिक भारत का इतिहास नोट्स )

सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन 1.ब्रह्म समाज -20 अगस्त, 1828 को कलकत्ता में राजा राममोहन राय द्वारा स्थापना। -राजा राममोहन राय को आधुनिक भारत का पिता, अतीत व भविष्य के बीच का सेतु तथा भारत में पुनर्जागरण का जनक कहा जाता है। -राय को भारत में“पत्रकारिता का अग्रदूत/भाषायी प्रेस काप्रर्वतक” माना जाता है। -राजा राममोहन राय द्वारा स्थापित संगठन – 1. आत्मीय सभा– 1815 (डच घड़ीसाज डेविड हेमर के सहयोग से) 2. वेदान्त कॉलेज – 1825 3. ब्रिटिश यूनिटेरियन एसोसिएशन -राजा राममोहन राय की पुस्तकें– 1. तुहफात-उल-मुवाहिद्दीन (फारसी, 1809 ई. में) (एकेश्वरवादियों को उपहार) 2. प्रीसेप्ट्स ऑफ जीसस (1820 ई.) 3. हिन्दू उत्तराधिकार के नियम -राजा राममोहन राय के समाचार पत्र – 1. मिरातुल अखबार (फारसी) 2. संवाद कौमुदी (बांग्ला) 3. प्रज्ञाचंद -राजा राममोहन राय बचपन में सीरामपुर मिशनरियों के सम्पर्क में आए थे। -मुगल बादशाह अकबर द्वितीय ने राममोहन राय को‘राजा’ की उपाधि प्रदान की थी। -1829 ई. में सती प्रथा पर रोक लगवाई। (अधिनियम-17) -1833 ई. में ब्रिस्टल (इंग्लैण्ड) में इनका निधन हो गया और ब्रिस्टल में इनका स्मारक बना हुआ है। -राजा राममोहन राय ने अवतारवाद, जातिवाद, मूर्तिपूजा, बाल-विवाह, बहु विवाह, सती-प्रथा, धार्मिक अन्धविश्वास आदि का विरोध किया था। -आधुनिक शिक्षा, महिला शिक्षा, विधवा विवाह, प्रेस की स्वतंत्रता, पूँजीवाद, स्थायी बन्दोबस्त आदि के समर्थक थे। -एकेश्वरवाद के पक्ष में तर्क दिए। -बहुदेववाद व वर्णव्यवस्था की आलोचना की। -यूरोपीय मानववाद का समर्थन करते थे। -ब्रह्म समाज की स्थापना में द्वारिकानाथ टैगोर प्रमुख सहयोगी थे। ब्रह्म समाज के प्रथम मंत्री ताराचन्द चक्रवर्ती (24 वर्ष की आयु उन्होंने अंग्रेजी...

[Solved] सत्य शोधक समाज ने संगठित किया:

सही उत्तर महाराष्ट्र में एक जाति-विरोधी आंदोलन है। • सत्य शोधक समाज, महाराष्ट्र में एक जाति-विरोधी आंदोलन है। • इसका मुख्य उद्देश्य तथाकथित 'निचली/निम्नजातियों' को उनके शोषण व उत्पीड़न से मुक्त करना था। • सत्यशोधक समाज की स्थापना ज्योतिराव फुले ने की थी। • इसकी स्थापना 24 सितंबर 1873 को पुणे, महाराष्ट्र में हुई थी। Additional Information • सत्यशोधक समाज का तात्पर्य सत्य की खोज करने वाला समाज से है, जिसकीअध्यक्षता ज्योतिबा फुले द्वारा की गई थी। • इस आंदोलन का उद्देश्य विद्यमान सामाजिक ढांचे में बदलाव लाने के साथ-साथ जाति, कर्मकांड, मूर्ति पूजा और धर्म शास्त्रों का बहिष्कार करना भीथा। • निम्न जाति के समुदायों और महिलाओं को शिक्षित कर उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता के प्रयास में इस आंदोलन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। UPSC EPFO Admit Card has been released. The exam will be conducted on 2nd July 2023. A total of 418 vacancies were announced for the post ofEnforcement Officer/Accounts Officer and 159 vacancies for APFC. The selection process will consist of two stages: a recruitment test and an interview round. The weightage for the recruitment test will be 75%, and the weightage for the interview will be 25%. Candidates with a bachelor's degree and under the age of 35 will be considered for the recruitment drive. To enhance your exam preparation, refer to the