सत्यनारायण व्रत कथा आरती

  1. श्री सत्यनारायण व्रत कथा (आरती के साथ)
  2. [कथा & आरती] सत्यनारायण व्रत कथा
  3. सत्यनारायणाची आरती Satyanarayan Aarti Marathi Lyrics
  4. श्री सत्यनारायण व्रत पूजा विधि ( Shri Satyanarayan Vrat Puja Vidhi ) Shri Satyanarayan Puja Vidhi
  5. श्री सत्यनारायण व्रत विशेष: जानें श्री सत्यनारायण व्रत कथा पूजन विधि आरती जानें पूर्णिमा पर क्यों सुनी जाती है सत्‍यनारायण व्रत कथा ?
  6. श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा और व्रत कथा
  7. सत्यनारायण व्रत कथा एवं पूजा विधि
  8. सम्पूर्ण श्री सत्यनारायण व्रत कथा


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श्री सत्यनारायण व्रत कथा (आरती के साथ)

श्री सत्यनारायण भगवान की कथा एक समय नैमिषारण्य तीर्थ में शौनकादि अट्टासी हजार ऋषियों ने श्रीसूत जी से पूछा- हे प्रभु। इस कलियुग में वेद-विद्या रहित मनुष्यों को प्रभु भक्ति किस प्रकार मिलेगी तथा उनका उद्धार कैसे होगा? हे मुनि श्रेष्ठ। कोई ऐसा तप कहिए जिसमें थोड़े समय में पुण्य प्राप्त हो तथा मनवांछित फल भी मिले, वह कथा सुनने की हमारी प्रबल इच्छा है। सर्वशास्त्र ज्ञाता श्रीसूत जी बोलेहे वैष्णवों में पूज्य। आप सबने प्राणियों के हित की बात पूछी है। अब मैं उस श्रेष्ठ व्रत को आप लोगों से कहता हूं जिस व्रत को नारद जी ने श्रीलक्ष्मीनारायण भगवान् से पूछा था और श्री लक्ष्मीपति ने मुनि श्रेष्ठ नारद जी से कहा था। यह कथा ध्यान से सुनो प्रथम अध्याय एक समय योगीराज नारदजी दूसरों के हित की इच्छा से अनेक लोकों में घूमते हए मृत्युलोक में आ पहंचे। यहां अनेक योनियों में जन्मे हए प्रायः सभी मनुष्यों को अपने कर्मों द्वारा अनेकों दुखों से पीड़ित देखकर विचार करने लगे कि किसयत्न के करने से निश्चय ही मानवों के दुखों का नाश हो सकेगा। ऐसा मन में सोचकर भगवान् नारद विष्णु लोक को गये। वहां श्वेत वर्ण और चार भुजाओं वाले देवों के ईश नारायण का जिनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पदम थे तथा वरमाला पहने हुए थे, देखकर स्तुति करने लगे। हे भगवान! आप अत्यन्त शक्ति से सम्पन्न हैं। मन तथा वाणी भी आपको नहीं पा सकती। आपका आदि मध्य अन्त नहीं है। निर्गुण स्वरूप सृष्टि के कारण भक्तों के दुखों को नष्ट करने वालेहो।आपको मेरा नमस्कार है।नारदजी से इस प्रकार की स्तुति सुनकर विष्णु भगवान बोले-हे मुनि श्रेष्ठ आपके मन में क्या है? आपका किस काम के लिये आगमन हआ है? निःसंकोच कहो। तब नारद मुनि बोले-"मृत्युलोक में सब मनुष्य जो अनेक योन...

[कथा & आरती] सत्यनारायण व्रत कथा

4.1) सत्यनारायण व्रत कथा पीडीएफ कैसे डाउनलोड करें? Satyanarayan Vrat Katha Hindi PDF Download Satyanarayan Vrat Katha in Hindi PDF download : जय श्री सत्यनारायण भक्तो! हमारी वेबसाइट पर आपका स्वागत है | आज हम आपके लिए लेकर आये है भगवान श्री सत्यनारायण की कथा और आरती को पीडीऍफ़ फॉर्मेट में लेकर आये है ताकि आप इन्हें डाउनलोड करके वाचन कर सकते है | इस पोस्ट में आपको पूजा विधि के बारे में भी बताया गया है | • श्री सत्यनारायण व्रत-पूजनकर्ता पूर्णिमा या संक्रांति के दिन स्नान करके कोरे अथवा धुले हुए शुद्ध वस्त्र पहनें, माथे पर तिलक लगाएँ और शुभ मुहूर्त में पूजन शुरू करें। • इस हेतु शुभ आसन पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुँह करके सत्यनारायण भगवान का पूजन करें | • इसके बाद सत्यनारायण व्रत कथा का श्रवण अथवा वाचन करें। Satyanarayan Bhagwan ki Vrat Katha PDF | सत्यनारायण व्रत कथा Article Satyanarayan Vrat Katha PDF PDF Size 0.69 MB No. of Pages 10 Download Link Click here to Download पवित्रकरण बाएँ हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ की अनामिका से निम्न मंत्र बोलते हुए अपने ऊपर एवं पूजन सामग्री पर जल छिड़कें मंत्र ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा । यः स्मरेत्‌ पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः ॥ पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं । आसन निम्न मंत्र से अपने आसन पर उपरोक्त तरह से जल छिड़कें- ॐ पृथ्वी त्वया घता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता । त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु च आसनम्‌ ॥ ग्रंथि बंधन यदि यजमान सपत्नीक बैठ रहे हों तो निम्न मंत्र के पाठ से ग्रंथि बंधन या गठजोड़ा करें- ॐ यदाबध्नन दाक्षायणा हिरण्य(गुं)शतानीकाय सुमनस्यमानाः । तन्म आ बन्धामि शत शारदायायुष्यंज...

सत्यनारायणाची आरती Satyanarayan Aarti Marathi Lyrics

गजानन महाराज हे महाराष्ट्रातील एक संत होते. महाराष्ट्रातील विदर्भात स्थित शेगाव हे स्थान गजानन महाराजांमुळे नावारूपाला आले आहे. बुलढाणा जिल्ह्यातील शेगाव येथील गजानन महाराज हे दत्तात्रेय परंपराचे गुरू होते. गजानन महाराज यांचा जन्म कधी झाला हे माहीत नाही, परंतु ते पहिल्यांदा त्यांच्या तरुण वयात म्हणजे वयाच्या 30 व्या वर्षी 23 फेब्रुवारी 1878 या दिवशी प्रथमच दिसल्याचे सांगितले जाते. महाराजांचे भक्त ही तिथी गजानन महाराज प्रकट दिन म्हणून साजरी करतात. मनःशांती असो किंवा आयुष्यात येणारी कोणतीही समस्या असो. भगवंताच्या आश्रयाला गेल्याने सर्व प्रकारचे दु:ख, संकट दूर होऊन घरात सुख-समृद्धी नांदते. पुजा करताना अनेकदा लोक देवाला नैवेद्य अर्पण करतात. तथापि, बर्याच लोकांना योग्य आनंद आणि ते लागू करण्याचा नियम माहित नाही. तिथेच. नैवेद्य देताना काय बोलावे हेही कळत नाही. ज्योतिष शास्त्रात पूजेचे नियम दिलेले आहेत. नैवेद्य अर्पण करण्याबाबतही हे नियम आहेत. नर्मदा नदी ही मध्य प्रदेश आणि गुजरातची जीवनरेखा आहे, परंतु त्यातील बहुतांश नदी मध्य प्रदेशातच वाहते. हे मध्य प्रदेशातील तीर्थक्षेत्र अमरकंटक येथून उगम पावते आणि नेमावर नगरमध्ये तिचे नाभिस्थान आहे. नंतर ओंकारेश्वरातून पुढे जाऊन ही नदी गुजरातमध्ये प्रवेश करते आणि खंभातच्या आखातात विलीन होते. नर्मदा नदीच्या काठावर अनेक प्राचीन तीर्थक्षेत्रे आणि शहरे आहेत. हिंदू पुराणात तिला रेवा नदी म्हणतात. त्याची परिक्रमा अत्यंत महत्त्वाची आहे. गुरू हा कुंभारासारखा असतो, जो कच्च्या मातीचा योग्य वापर करून आकर्षक भांडे बनवतो. एक चांगला शिक्षक आपल्या शिष्याचे जीवन घडवू शकतो, कोणत्याही व्यक्तीच्या यशासाठी आणि जीवनात यशस्वी होण्यासाठी गुरु असणे आवश्यक आहे, कोणीतरी...

श्री सत्यनारायण व्रत पूजा विधि ( Shri Satyanarayan Vrat Puja Vidhi ) Shri Satyanarayan Puja Vidhi

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श्री सत्यनारायण व्रत विशेष: जानें श्री सत्यनारायण व्रत कथा पूजन विधि आरती जानें पूर्णिमा पर क्यों सुनी जाती है सत्‍यनारायण व्रत कथा ?

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श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा और व्रत कथा

प्रत्येक माह की पूर्णिमा तिथि को सत्यनारायण व्रत रखा जाता है। लेकिन कभी-कभी यह व्रत चतुर्दशी तिथि में भी रखा जाता है। क्योंकि चन्द्रोदय कालिक एवं प्रदोषव्यापिनी पूर्णिमा ही व्रत के लिए ग्रहण करनी चाहिए l सत्यनारायण व्रत में कथा, स्नान-दान आदि का बहुत महत्व माना गया है l इस व्रत में सत्यनारायण भगवान अर्थात विष्णु जी की पूजा की जाती है। सारा दिन व्रत रखकर संध्या समय में पूजा तथा कथा की जाती है l श्री सत्यनारायण व्रत की सूची संवत 2079 | सन 2022-23 मास (महीना) श्री सत्यनारायण व्रत | पूर्णिमा व्रत पूर्णिमा (स्नान, दान आदि के लिए) पौष मास 6 जनवरी 2023 6 जनवरी 2023 माघ मास 5 फरवरी 2023 5 फरवरी 2023 फाल्गुन मास 6 मार्च 2023 7 मार्च 2023 चैत्र मास 5 अप्रैल 2023 6 अप्रैल 2023 वैशाख मास 05 मई 2023 05 मई 2023 ज्येष्ठ मास 03 जून 2023 04 जून 2023 आषाढ़ मास 02 जुलाई 2023 03 जुलाई 2023 श्रावण मास 01 अगस्त 2023 01 अगस्त 2023 श्रावण मास 30 अगस्त 2023 31 अगस्त 2023 भाद्रपद मास 28 सितंबर 2022 29 सितंबर 2023 आश्विन मास 28 अक्टूबर 2022 28 अक्टूबर 2023 कार्तिक मास 26 नवंबर 2022 27 नवंबर 2023 मार्गशीर्ष मास 26 दिसंबर 2022 26 दिसंबर 2023 पौष मास 25 जनवरी 2024 25 जनवरी 2024 माघ मास 23 फरवरी 2024 24 फरवरी 2024 फाल्गुन मास 24 मार्च 2024 25 मार्च 2024 बहुत समय पहले नैमिषारण्य तीर्थ में शौनकादिक अट्ठासी हजार ऋषियों ने पुराणवेत्ता श्री सूतजी से पूछा- हे सूतजी! इस कलियुग में वेद-विद्या-रहित मानवों को ईश्वर भक्ति किस प्रकार मिलेगी तथा उनका उद्धार कैसे होगा? हे मुनिश्रेष्ठ! कोई ऐसा व्रत अथवा तप बताइये जिसके करने से थोड़े ही समय में पुण्य प्राप्त हो तथा मनोवाञ्छित फल भी मिले। ऐसी कथा सुनने की हमारी बहुत इच्छ...

सत्यनारायण व्रत कथा एवं पूजा विधि

Contents • • • • • • • • • • • सम्पूर्ण सत्यनारायण व्रत कथा एवं पूजा विधि [Book PDF] प्रश्न: सत्यनारायण व्रत कब करते है? उत्तर: श्री सत्यनारायण व्रत किसी भी दिन या शुभ कार्य से पहले किया जा सकता है। सक्राति, पूर्णमासी, अमावस्या या एकादशी में सत्यदेव का पूजन अति उत्तम माना गया है। सत्यनारण व्रत पूजन विधि (Satyanarayan Vrat katha pooja vidhi in Hindi) श्रीसत्यदेव के पूजन का व्रती जिस दिन कथा सुनना चाहे उस दिन सबेरे स्नान कारके भगवान सत्यनारायण (श्रीकृष्ण, राम आदि) को श्रद्धापूर्वक प्रणाम करें। और चंदन, चावल धूप, दीपादि से की पूजा कर व्रत का संकल्प लें। और पढ़ें: इस प्रकार व्रत का सकल्प करके व्रती सारे दिन निराहार रहकर विष्णु भगवान का ध्यान और गुणगान करें। सायकाल पूजन का विधान है- • सायकाल के समय स्नान करके पूजन के स्थान में आकर आसन पर बैठकर आचमन करे तथा पवित्री धारण करे। • गाय के गोबर से अल्पना बनाएं और उस पर पूजा की चौकी रखें। • चौकी के चारों और केले के पत्ते लगाए। चौकी पर भगवान सत्यनारायण (शालिग्राम / विष्णु / कृष्ण / राम, कोई भी विष्णु अवतार) को स्थापित करें। • पूजा प्रारम्भ करने से पहले गणपति की पूजा करें। • फिर इंद्रादि दशदिक्पाल, पंच लोकपाल, सत्यनारायण, लक्ष्मी, महादेव औऱ ब्रह्मा आदि देवता की धूप दीप आदि से पूजा करें, भोग लगाएं। • तत्पश्चात भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़कर आरती करें। • फिर पुरोहित को दक्षिणा एवं वस्त्रादि दे। भोजन करवाने के बाद अंत मे स्वयं भोजन करें। श्री सत्यनारायण व्रत पूजन सामग्री (Satya NarayanPujan SamagriList) सत्यनारायण कथा में केले के पत्ते व फल के अलावा पंचामृत, पंचगव्य, सुपारी, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, दुर्वा की आवश्यकता होती जिनसे भगवान की ...

सम्पूर्ण श्री सत्यनारायण व्रत कथा

Shri Satyanarayan Vrat Katha – पुराणों और ग्रंथो के अनुसार श्री सत्यनारायण व्रत कथा को सुनने से भी सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सत्य को ईश्वर मानकर, निष्ठा के साथ कोई भी प्राणी या जीव यदि इस व्रत व कथा का श्रवण कर लेता है, तो उसे इससे निश्चित ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कई पाठकों का प्रश्न है सत्यनारायण भगवान की कथा कब करनी चाहिए तो यथार्थ अनुसार सत्यनारायण भगवान की पूजा के लिए आपको सिर्फ शुद्ध मन और सामग्री इकट्ठा कर लीजिये और किसी भी शुभ दिन पूजा कर लीजिये इसमें कोई हर्ज नहीं है, शास्त्रों में कहा गया है कि सत्यनारायण कथा कराने से हजारों साल तक किए गए यज्ञ के बराबर फल मिलता है और बुराइयों का नाश होता है सुख समृद्धि बनी रहती है। • • • • • • • • • • • • श्री सत्यनारायण व्रत कथा – प्रथम अध्याय (Shri Satyanarayan Vrat Katha Pratham Adhyay) एक समय की बात है नैषिरण्य तीर्थ में शौनिकादि, अठ्ठासी हजार ऋषियों ने श्री सूतजी से पूछा हे प्रभु! इस कलियुग में वेद विद्या रहित मनुष्यों को प्रभु भक्ति किस प्रकार मिल सकती है? तथा उनका उद्धार कैसे होगा? हे मुनि श्रेष्ठ ! कोई ऎसा तप बताइए जिससे थोड़े समय में ही पुण्य मिलें और मनवांछित फल भी मिल जाए। इस प्रकार की कथा सुनने की हम इच्छा रखते हैं। सर्व शास्त्रों के ज्ञाता सूत जी बोले: हे वैष्णवों में पूज्य ! आप सभी ने प्राणियों के हित की बात पूछी है इसलिए मैं एक ऎसे श्रेष्ठ व्रत को आप लोगों को बताऊँगा जिसे नारद जी ने लक्ष्मीनारायण जी से पूछा था और लक्ष्मीपति ने मनिश्रेष्ठ नारद जी से कहा था। आप सब इसे ध्यान से सुनिए – एक समय की बात है, योगीराज नारद जी दूसरों के हित की इच्छा लिए अनेकों लोको में घूमते हुए मृत्युलोक में आ पहुंचे। यहाँ उन्ह...