सुंदरकांड अर्थ सहित

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सुंदरकांड पाठ

Sunderkand Path – Sampoorna Sunderkand सम्पूर्ण सुंदरकांड के इस पेज में, सुंदरकांड पाठ के लिए सभी चौपाइयां एक ही पेज में दी गयी हैं। सुन्दरकांड में 526 चौपाइयाँ, 60 दोहे, 6 छंद और 3 श्लोक है। सुन्दरकांड में 5 से 7 चौपाइयों के बाद 1 दोहा आता है। सुन्दरकाण्ड की चौपाइयों को अर्थ सहित पढ़ने के लिए, सुंदरकांड सरल अर्थ सहित पेज देखें – लिंक को क्लिक करें – सुंदरकांड पाठ चौपाई जामवंत के बचन सुहाए। सुनि हनुमंत हृदय अति भाए॥ तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई। सहि दुख कंद मूल फल खाई॥ जब लगि आवौं सीतहि देखी। होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी॥ यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ माथा। चलेउ हरषि हियँ धरि रघुनाथा॥ सिंधु तीर एक भूधर सुंदर। कौतुक कूदि चढ़ेउ ता ऊपर॥ बार-बार रघुबीर सँभारी। तरकेउ पवनतनय बल भारी॥ जेहिं गिरि चरन देइ हनुमंता। चलेउ सो गा पाताल तुरंता॥ जिमि अमोघ रघुपति कर बाना। एही भाँति चलेउ हनुमाना॥ जलनिधि रघुपति दूत बिचारी। तैं मैनाक होहि श्रम हारी॥ दोहा – 1 हनूमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम। राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम ॥1॥ श्री राम, जय राम, जय जय राम हनुमानजीकी सुरसा से भेंट चौपाई जात पवनसुत देवन्ह देखा। जानैं कहुँ बल बुद्धि बिसेषा॥ सुरसा नाम अहिन्ह कै माता। पठइन्हि आइ कही तेहिं बाता॥ आजु सुरन्ह मोहि दीन्ह अहारा। सुनत बचन कह पवनकुमारा॥ राम काजु करि फिरि मैं आवौं। सीता कइ सुधि प्रभुहि सुनावौं॥ तब तव बदन पैठिहउँ आई। सत्य कहउँ मोहि जान दे माई॥ कवनेहुँ जतन देइ नहिं जाना। ग्रससि न मोहि कहेउ हनुमाना॥ जोजन भरि तेहिं बदनु पसारा। कपि तनु कीन्ह दुगुन बिस्तारा॥ सोरह जोजन मुख तेहिं ठयऊ। तुरत पवनसुत बत्तिस भयऊ॥ जस जस सुरसा बदनु बढ़ावा। तासु दून कपि रूप देखावा॥ सत जोजन तेहिं आनन कीन्हा। अति लघु रूप...

सुंदरकांड पाठ अर्थ सहित

Table of Contents • • • • • • • • सुंदरकांड पाठ अर्थ सहित (Sunderkand Path Lyrics In Hindi) जामवंत के बचन सुहाए ! सुनि हनुमंत हृदय अति भाए॥ तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई। सहि दुख कंद मूल फल खाई॥ अर्थ – जाम्बवान के सुहावने वचन सुनकर हनुमान जी को अपने मन में वे वचन बहुत अच्छे लगे ! और हनुमान जी ने कहा की हे भाइयो आप लोग कन्द, मूल व फल खा, दुःख सह कर मेरी राह देखना ! जय सियाराम जय जय सियाराम जब लगि आवौं सीतहि देखी। होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी॥ यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ माथा। चलेउ हरषि हियँ धरि रघुनाथा॥ अर्थ – जब तक मै सीता जी को देखकर लौट न आऊँ, क्योंकि कार्य सिद्ध होने पर मन को बड़ा हर्ष होगा॥ ऐसे कह, सबको नमस्कार करके, रामचन्द्र जी का ह्रदय में ध्यान धरकर, प्रसन्न होकर हनुमान जी लंका जाने के लिए चले॥ जय सियाराम जय जय सियाराम सिंधु तीर एक भूधर सुंदर। कौतुक कूदि चढ़ेउ ता ऊपर॥ बार-बार रघुबीर सँभारी। तरकेउ पवनतनय बल भारी॥ अर्थ – समुद्र के तीर पर एक सुन्दर पहाड़ था। उसपर कूदकर हनुमान जी कौतुकी से चढ़ गए॥ फिर वारंवार रामचन्द्र जी का स्मरण करके, बड़े पराक्रम के साथ हनुमान जी ने गर्जना की॥ जय सियाराम जय जय सियाराम जेहिं गिरि चरन देइ हनुमंता। चलेउ सो गा पाताल तुरंता॥ जिमि अमोघ रघुपति कर बाना। एही भाँति चलेउ हनुमाना॥ अर्थ – जिस पहाड़ पर हनुमान जी ने पाँव रखे थे, वह पहाड़ तुरंत पाताल के अन्दर चला गया॥ और जैसे श्रीरामचंद्र जी का अमोघ बाण जाता है, ऐसे हनुमान जी वहा से चले॥ जय सियाराम जय जय सियाराम जलनिधि रघुपति दूत बिचारी। तैं मैनाक होहि श्रम हारी॥ अर्थ – समुद्र ने हनुमान जी को श्रीराम(रघुनाथ) का दूत जानकर मैनाक नाम पर्वत से कहा की हे मैनाक, तू जा,और इनको ठहरा कर श्रम मिटाने वाला हो॥ जय सिय...

Sunderkand PDF

सुंदरकांड में गोस्वामी तुलसीदासजी ने प्रभु श्री राम के परम प्रिय भक्त हनुमानजी की लीलाओं का विशद् वर्णन किया है। इस अध्याय में प्रस्तुत की गई अद्भुत और मनोहारी लीलाओं के कारण ही तुलसीदास ने इसे 'सुंदरकांड' का नाम दिया। इस अध्याय में हनुमानजी की सुंदर लीलाओं के साथ ही राजनीति, ज्ञान, कर्म और भक्ति के भी सुंदर दर्शन होते हैं। तुलसीदास सुंदरकांड पाठ हिंदी में PDF के द्वारा संदेश देते हैं कि भक्त को सदैव ज्ञान, भक्ति और कर्म से युक्त होना चाहिए। जीवन में ज्ञान, भक्ति और कर्म का समन्वय निश्चित सफलता की ओर अग्रसर करता है। उम्मीद है जिस प्रकार आपने गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित Shri Sunderkand PDF आपके आधुनिक जीवन में अपना दैनिक स्थान बनाएगा एवं आपके परिजनों के लिए अत्यंत उपयोगी एवं प्रेरणादायी सिद्ध होगा। Sunderkand in Hindi PDF | सुंदरकांड पाठ आपकी जिंदगी में किसी प्रकार का कष्ट या दुख है तो आप संकल्प लेकर सुंदरकांड के साथ 3 दिनों तक संकटमोचन हनुमान जी की मित्रों, ऊपर आपने जो Sunderkand PDF in Hindi डाउनलोड कर पढ़ा, वो मूल रामायण का ही एक पाठ है। आदिकवि वाल्मीकि द्वारा विरचित आदिकाव्य रामायण भारतीय संस्कृति का अमूल्य रत्न है। यह राम के चरित्र का अनूठा काव्यमय वर्णन ही नहीं प्रत्युत भारतीय धर्मप्राण संस्कृति का अद्वितीय उपास्य ग्रन्थ है। रामायण का 'सुंदरकांड' आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। • Sankatmochan Hanuman Ashtak in Hindi PDF | संकटमोचन हनुमानाष्टक • Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi PDF | श्री हनुमान जी की आरती • Shri Hanuman Bahuk in Hindi PDF | हनुमान बाहुक राम कथा के मार्मिक अंशों को समेटे हुए यह कांड अपने आप में अद्भुत है। इसमें जीवन की विविध दशाएं, उनका कोमल और कठ...

सुंदरकांड पाठ हिंदी में अर्थ सहित

सुंदरकांड पाठ हिंदी PDF | Sunderkand Hindi PDF Download by Gita Press Gorakhpur PDF Name सुंदरकांड पाठ हिंदी में अर्थ सहित | Sunderkand Hindi Lyrics PDF No. of Pages 158 PDF Size 1.7 MB Language Hindi PDF Catagory Religion & Spirituality Source Geeta Press, Gorakhpur Download Link Given here अगर आप सुंदरकांड का हिंदी पाठ डाउनलोड करना चाहते हैं, तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं, क्योंकि इस पोस्ट पर सुंदरकांड पाठ का संपूर्ण हिंदी लिरिक्स का डाउनलोड लिंक दिया गया है | If you are searching for Sunderkand Hindi lyrics PDF, then you have came to the right place, because direct Download link of Full Sunderkand Hindi Lyrics by Gita Press Gorakhpur is given here in this article. Table of Contents • • • • • • • • सुंदरकांड क्या है | What Is Sunderkand in Hindi हनुमान जी के माता अंजनी हनुमान जी को प्यार से “सुंदर” नाम से बुलाते है, और महर्षि बाल्मीकि इस नाम को चुनते हुए, हनुमान जी के द्वारा लंका में जो कांड हुआ था उसका नाम सुंदरकांड रख दिया। सुंदर कांड श्री रामचरित मानस का पंचम कांड है, जिसको रामायण में ऋषि वाल्मीकि ने सबसे पहले संस्कृत भाषा में लिखा था। इसके बाद जब तुलसीदास जी ने “रामचरितमानस” लिखा, तो सुंदरकांड का यह हिंदी रूप हमारे सामने आया। सुंदरकांड में हनुमान जी के द्वारा लंका में किए गए सारे घटनाओं के बारे में वर्णन किया गया है, इसके साथ साथ हनुमान जी के स्वरूप, उनके जीवनकाल, उनके स्वभाव-चरित्र, गुण और आदर्शों के बारे में वर्णन किया गया है। READ ALSO সম্পূর্ণ হনুমান চালিশা মন্ত্র বাংলা PDF | Hanuman Chalisa Bengali PDF Download सुंदरकांड पाठ के फायदे | Benefits of Chanting Sunder...

सुंदरकांड पाठ अर्थ सहित

Table of Contents • • • • • • • • सुंदरकांड पाठ अर्थ सहित (Sunderkand Path Lyrics In Hindi) जामवंत के बचन सुहाए ! सुनि हनुमंत हृदय अति भाए॥ तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई। सहि दुख कंद मूल फल खाई॥ अर्थ – जाम्बवान के सुहावने वचन सुनकर हनुमान जी को अपने मन में वे वचन बहुत अच्छे लगे ! और हनुमान जी ने कहा की हे भाइयो आप लोग कन्द, मूल व फल खा, दुःख सह कर मेरी राह देखना ! जय सियाराम जय जय सियाराम जब लगि आवौं सीतहि देखी। होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी॥ यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ माथा। चलेउ हरषि हियँ धरि रघुनाथा॥ अर्थ – जब तक मै सीता जी को देखकर लौट न आऊँ, क्योंकि कार्य सिद्ध होने पर मन को बड़ा हर्ष होगा॥ ऐसे कह, सबको नमस्कार करके, रामचन्द्र जी का ह्रदय में ध्यान धरकर, प्रसन्न होकर हनुमान जी लंका जाने के लिए चले॥ जय सियाराम जय जय सियाराम सिंधु तीर एक भूधर सुंदर। कौतुक कूदि चढ़ेउ ता ऊपर॥ बार-बार रघुबीर सँभारी। तरकेउ पवनतनय बल भारी॥ अर्थ – समुद्र के तीर पर एक सुन्दर पहाड़ था। उसपर कूदकर हनुमान जी कौतुकी से चढ़ गए॥ फिर वारंवार रामचन्द्र जी का स्मरण करके, बड़े पराक्रम के साथ हनुमान जी ने गर्जना की॥ जय सियाराम जय जय सियाराम जेहिं गिरि चरन देइ हनुमंता। चलेउ सो गा पाताल तुरंता॥ जिमि अमोघ रघुपति कर बाना। एही भाँति चलेउ हनुमाना॥ अर्थ – जिस पहाड़ पर हनुमान जी ने पाँव रखे थे, वह पहाड़ तुरंत पाताल के अन्दर चला गया॥ और जैसे श्रीरामचंद्र जी का अमोघ बाण जाता है, ऐसे हनुमान जी वहा से चले॥ जय सियाराम जय जय सियाराम जलनिधि रघुपति दूत बिचारी। तैं मैनाक होहि श्रम हारी॥ अर्थ – समुद्र ने हनुमान जी को श्रीराम(रघुनाथ) का दूत जानकर मैनाक नाम पर्वत से कहा की हे मैनाक, तू जा,और इनको ठहरा कर श्रम मिटाने वाला हो॥ जय सिय...

सुन्दरकाण्ड पाठ हिंदी में अर्थ सहित

श्रीगणेशाय नमः श्रीजानकीवल्लभोविजयते श्रीरामचरितमानस पञ्चम सोपान सुन्दरकाण्ड श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदांतवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम् ॥ १ ॥ (शान्त, सनातन, अप्रमेय (प्रमाणोंसे परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशान्ति देनेवाले, ब्रह्मा, शम्भु और शेषजी से निरन्तर सेवित, वेदान्तके द्वारा जाननेयोग्य, सर्वव्यापक, देवताओं में सबसे बड़े, माया से मनुष्य रूप में दिखने वाले, समस्त पापों को हरनेवाले, करुणाकी खान, रघुकुल में श्रेष्ठ तथा राजाओं के शिरोमणि राम कहलाने वाले जगदीश्वर की मैं वंदना करता हूँ॥१॥ ) नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा । भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च ॥ २ ॥ ( हे रघुनाथजी! मैं सत्य कहता हूँ और फिर आप सबके अंतरात्मा ही हैं (सब जानते ही हैं) कि मेरे हृदय में दूसरी कोई इच्छा नहीं है। हे रघुकुलश्रेष्ठ! मुझे अपनी निर्भरा (पूर्ण) भक्ति दीजिये और मेरे मन को काम आदि दोषों से रहित कीजिये॥२॥) अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् । सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ॥ ३ ॥ (अतुल बलके धाम, सोनेके पर्वत (सुमेरु) के समान कान्तियुक्त शरीरवाले, दैत्यरूपी वन (को ध्वंस करने) के लिये अग्निरूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, संपूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथजी के प्रिय भक्त पवनपुत्र श्री हनुमान्‌जी को मैं प्रणाम करता हूँ॥३॥) सुन्दरकाण्ड -होम पेज “हनुमान वडवानल स्तोत्र” का पाठ बड़ी विपत्ति आ जाने पर किया जाता है । इस स्तोत्र के पाठ करने से बड़ी...

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सुंदरकांड में गोस्वामी तुलसीदासजी ने प्रभु श्री राम के परम प्रिय भक्त हनुमानजी की लीलाओं का विशद् वर्णन किया है। इस अध्याय में प्रस्तुत की गई अद्भुत और मनोहारी लीलाओं के कारण ही तुलसीदास ने इसे 'सुंदरकांड' का नाम दिया। इस अध्याय में हनुमानजी की सुंदर लीलाओं के साथ ही राजनीति, ज्ञान, कर्म और भक्ति के भी सुंदर दर्शन होते हैं। तुलसीदास सुंदरकांड पाठ हिंदी में PDF के द्वारा संदेश देते हैं कि भक्त को सदैव ज्ञान, भक्ति और कर्म से युक्त होना चाहिए। जीवन में ज्ञान, भक्ति और कर्म का समन्वय निश्चित सफलता की ओर अग्रसर करता है। उम्मीद है जिस प्रकार आपने गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित Shri Sunderkand PDF आपके आधुनिक जीवन में अपना दैनिक स्थान बनाएगा एवं आपके परिजनों के लिए अत्यंत उपयोगी एवं प्रेरणादायी सिद्ध होगा। Sunderkand in Hindi PDF | सुंदरकांड पाठ आपकी जिंदगी में किसी प्रकार का कष्ट या दुख है तो आप संकल्प लेकर सुंदरकांड के साथ 3 दिनों तक संकटमोचन हनुमान जी की मित्रों, ऊपर आपने जो Sunderkand PDF in Hindi डाउनलोड कर पढ़ा, वो मूल रामायण का ही एक पाठ है। आदिकवि वाल्मीकि द्वारा विरचित आदिकाव्य रामायण भारतीय संस्कृति का अमूल्य रत्न है। यह राम के चरित्र का अनूठा काव्यमय वर्णन ही नहीं प्रत्युत भारतीय धर्मप्राण संस्कृति का अद्वितीय उपास्य ग्रन्थ है। रामायण का 'सुंदरकांड' आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। • Sankatmochan Hanuman Ashtak in Hindi PDF | संकटमोचन हनुमानाष्टक • Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi PDF | श्री हनुमान जी की आरती • Shri Hanuman Bahuk in Hindi PDF | हनुमान बाहुक राम कथा के मार्मिक अंशों को समेटे हुए यह कांड अपने आप में अद्भुत है। इसमें जीवन की विविध दशाएं, उनका कोमल और कठ...

सुंदरकांड पाठ अर्थ सहित

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सुंदरकांड में गोस्वामी तुलसीदासजी ने प्रभु श्री राम के परम प्रिय भक्त हनुमानजी की लीलाओं का विशद् वर्णन किया है। इस अध्याय में प्रस्तुत की गई अद्भुत और मनोहारी लीलाओं के कारण ही तुलसीदास ने इसे 'सुंदरकांड' का नाम दिया। इस अध्याय में हनुमानजी की सुंदर लीलाओं के साथ ही राजनीति, ज्ञान, कर्म और भक्ति के भी सुंदर दर्शन होते हैं। तुलसीदास सुंदरकांड पाठ हिंदी में PDF के द्वारा संदेश देते हैं कि भक्त को सदैव ज्ञान, भक्ति और कर्म से युक्त होना चाहिए। जीवन में ज्ञान, भक्ति और कर्म का समन्वय निश्चित सफलता की ओर अग्रसर करता है। उम्मीद है जिस प्रकार आपने गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित Shri Sunderkand PDF आपके आधुनिक जीवन में अपना दैनिक स्थान बनाएगा एवं आपके परिजनों के लिए अत्यंत उपयोगी एवं प्रेरणादायी सिद्ध होगा। Sunderkand in Hindi PDF | सुंदरकांड पाठ आपकी जिंदगी में किसी प्रकार का कष्ट या दुख है तो आप संकल्प लेकर सुंदरकांड के साथ 3 दिनों तक संकटमोचन हनुमान जी की मित्रों, ऊपर आपने जो Sunderkand PDF in Hindi डाउनलोड कर पढ़ा, वो मूल रामायण का ही एक पाठ है। आदिकवि वाल्मीकि द्वारा विरचित आदिकाव्य रामायण भारतीय संस्कृति का अमूल्य रत्न है। यह राम के चरित्र का अनूठा काव्यमय वर्णन ही नहीं प्रत्युत भारतीय धर्मप्राण संस्कृति का अद्वितीय उपास्य ग्रन्थ है। रामायण का 'सुंदरकांड' आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। • Sankatmochan Hanuman Ashtak in Hindi PDF | संकटमोचन हनुमानाष्टक • Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi PDF | श्री हनुमान जी की आरती • Shri Hanuman Bahuk in Hindi PDF | हनुमान बाहुक राम कथा के मार्मिक अंशों को समेटे हुए यह कांड अपने आप में अद्भुत है। इसमें जीवन की विविध दशाएं, उनका कोमल और कठ...

सुंदरकांड पाठ हिंदी में अर्थ सहित

सुंदरकांड पाठ हिंदी PDF | Sunderkand Hindi PDF Download by Gita Press Gorakhpur PDF Name सुंदरकांड पाठ हिंदी में अर्थ सहित | Sunderkand Hindi Lyrics PDF No. of Pages 158 PDF Size 1.7 MB Language Hindi PDF Catagory Religion & Spirituality Source Geeta Press, Gorakhpur Download Link Given here अगर आप सुंदरकांड का हिंदी पाठ डाउनलोड करना चाहते हैं, तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं, क्योंकि इस पोस्ट पर सुंदरकांड पाठ का संपूर्ण हिंदी लिरिक्स का डाउनलोड लिंक दिया गया है | If you are searching for Sunderkand Hindi lyrics PDF, then you have came to the right place, because direct Download link of Full Sunderkand Hindi Lyrics by Gita Press Gorakhpur is given here in this article. Table of Contents • • • • • • • • सुंदरकांड क्या है | What Is Sunderkand in Hindi हनुमान जी के माता अंजनी हनुमान जी को प्यार से “सुंदर” नाम से बुलाते है, और महर्षि बाल्मीकि इस नाम को चुनते हुए, हनुमान जी के द्वारा लंका में जो कांड हुआ था उसका नाम सुंदरकांड रख दिया। सुंदर कांड श्री रामचरित मानस का पंचम कांड है, जिसको रामायण में ऋषि वाल्मीकि ने सबसे पहले संस्कृत भाषा में लिखा था। इसके बाद जब तुलसीदास जी ने “रामचरितमानस” लिखा, तो सुंदरकांड का यह हिंदी रूप हमारे सामने आया। सुंदरकांड में हनुमान जी के द्वारा लंका में किए गए सारे घटनाओं के बारे में वर्णन किया गया है, इसके साथ साथ हनुमान जी के स्वरूप, उनके जीवनकाल, उनके स्वभाव-चरित्र, गुण और आदर्शों के बारे में वर्णन किया गया है। READ ALSO সম্পূর্ণ হনুমান চালিশা মন্ত্র বাংলা PDF | Hanuman Chalisa Bengali PDF Download सुंदरकांड पाठ के फायदे | Benefits of Chanting Sunder...