सुंदरकांड की चौपाई

  1. *”सुंदरकांड’ रहस्य,इन 11 करिश्माई चौपाई से पाएं हर मुसीबत से छुटकारा* – Hindu Religion
  2. Ramayan ki Chaupai Paath in Ram Navami
  3. रामचरितमानस के छंद परिचय
  4. किसी भी काम को करने से पहले बोलें सुंदर कांड की ये चौपाई, मिलेगी सफलता
  5. [Free PDF] Sunderkand PDF In Hindi
  6. Sunderkand in Hindi
  7. [PDF] सुन्दरकाण्ड संपूर्ण पाठ
  8. रामचरितमानस सुंदरकांड की चौपाई
  9. 'गर्भवती महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए', तेलंगाना की राज्यपाल का बयान
  10. Telangana Governor Soundararajan Said Pregnant Women Should Recite Sunderkand, Read Ramayana


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*”सुंदरकांड’ रहस्य,इन 11 करिश्माई चौपाई से पाएं हर मुसीबत से छुटकारा* – Hindu Religion

नमस्कार मित्रो कैसे है आप सब मित्रो आज मैं बताने वाला हु हनुमान जी जे चमत्कारी सुंदरकांड के बारे में बातें जो कि बहुत कम लोग जानते है।हनुमान जी सफलता के देवता माने जाते है,और माना जाता है सुंदरकांड का अगर पाठ कर लेते है तो हर मुसीबत से आप छुटकारा पा जाते है।दोस्तो सुंदरकांड को याद किया जाता है सफलता के लिए।क्या है सुन्दरकांड सबसे पहले वो बताता हूं आप सभी को! श्रीरामचरितमानस के 5वे अध्याय में आता है इसको लोग अक्सर चर्चा करते है कि इस अध्याय का नाम सुन्दरकांड क्यों रखा गया।सबसे जान ले श्रीरामचरितमानस में 7 कांड हैं और सुन्दरकांड के अतिरिक्त सभी स्थानों के नाम या स्थितियों के आधार पे रखे गए है।बाली लीला को बालकांड बोलते हैं,अयोध्या की घटनाओं को अयोध्याकांड बोलते हैं,जंगल की जीवन का संस्कृत में बोलते हैं अरण्य तो इस लिए अरण्यकांड,किष्किंधा राज्य के कारण किष्किंधाकांड पड़ा,लंका में हुए युद्ध का लंकाकांड और जीवन से जुड़े सभी पश्नो के उत्तर “ उत्तरकांड” में दिए गए हैं।अब सुन्दरकांड का नाम सुन्दरकांड क्यों रखा गया,हनुमान जी सीता जी की खोज जब लंका गए थे और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पे बसी हुई है दोस्तो त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां 3 पर्वत थे पहला सुबेल पर्वत जहा के मैदान में पूरा युद्ध हुआ था,दूसरा है निल पर्वत जहा दैत्यों के घर बेस हुए थे और तीसरा सुंदर पर्वत जहा पर अशोक वाटिका पर्वत निर्मित है और इसी अशोक वाटिका में हनुमान जी और सीता माता जीका भेट हुआ था।इस कांड की सबसे प्रमुख घटना यही थी इसलिए इसका नाम सुन्दरकांड रखा गया।अब आज कस बाद कोई आप से पूछे कि सुन्दरकांड नाम क्यो रखा गया तो शायद आप बता सकते है।अक्सर आप देखते होंगे कि शुभ अवसरों पर गोस्वामी तुलसी दास द्वारा श्रीरामचरितमानस में सु...

Ramayan ki Chaupai Paath in Ram Navami

रामनवमी के पावन दिन रामायण ग्रंथ का पाठ करने से अनेक कामनाएं पूरी होने के साथ जन्म जन्मांतरों के पाप से मुक्ति, भय, रोग आदि सभी दूर हो जाते हैं। रामायण के पाठ से धन की कामना रखने वाले को धन की प्राप्ति होती है। अगर रामनवमी के दिन संपूर्ण रामायण का पाठ नहीं हो सके तो सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए और अगर यह भी संभव ना हो तो अपनी समस्याओं के निवारण के लिए रामायण की केवल इन 10 चौपाईयों का पाठ करने मात्र से संपूर्ण रामायण के पाठ शुभ फल मिलता है।

रामचरितमानस के छंद परिचय

शंभुप्रसादसुमतिहियहुलसी।रामचरितमानसकवितुलसी॥ क. प्रस्तावना हिन्दीमेंलिखितयहलेखगोस्वामीतुलसीदासविरचितरामचरितमानसमेंप्रयुक्तसभीसंस्कृतऔरप्राकृतकेछंदोंकोसूचितकरताहै।अद्यतनग्रन्थकेबहुतसेमुद्रितसंस्करणप्रचलितहैं | मैंनेगुरुदेवजगद्गुरुरामभद्राचार्यद्वारासम्पादितऔरतुलसीपीठ, चित्रकूट, उत्तरप्रदेशद्वारा प्रकाशित रामचरितमानसकीप्रामाणिकप्रतिकोमान्यमानाहै। रामचरितमानसमें10902 पदहैं, जोकियहाँवर्णित18 संस्कृतऔरप्राकृतछंदोंमेंरचितहैं।छंदोंकाज्ञानत्रुटिरहितपाठऔरगानकेलिएअनिवार्यहै–मात्राओंऔरयतियोंकासूक्ष्मज्ञानग्रन्थकेपाठऔरगानमेंसहायकहै।एकभीमात्रायायतिमेंगड़बड़ीहोनेसेलयटूटजातीहै, औरयहमानसकेवरिष्ठगायकोंकेसाथभीहोताहै।उदाहरणार्थइसपंक्तिकागायनलीजिए (रामचरितमानस 1.96.9): जोफलचहियसुरतरुहिंसोबरबसबबूरहिलागई। शिवविवाहएल्बममेंअपनेगान्धर्वस्वरमेंइसपंक्तिकोप्रथमबारगातेहुएपण्डितछन्नूलालमिश्रकीलयएकमात्रासेटूटतीहै, वेचहियपदकोतीनमात्राओंकेबजायचारमात्राओंमेंगातेहैं।रामचरितमानसकेमंजेहुएगायकहोनेकेकारणवेइसत्रुटिकोतुरंतजानलेतेहैंऔरइसपंक्तिकोपुनःगातेहैं, इसबारपूर्णतःनिर्विकृत। ख. संस्कृतऔरप्राकृतछन्दःशास्त्रकासंक्षिप्तपरिचय रामचरितमानसअवधी (प्राकृत) औरसंस्कृतदोनोंमेंरचितहै।प्राकृतऔरसंस्कृतमेंछन्ददोप्रकारकेहोतेहैं– वार्णिकऔरमात्रिक।दोनोंकीइकाईहैवर्ण, जोकिकेवलएकस्वरसहितउच्चारितध्वनिहै।वर्णसेयहाँअर्थहै– एकअकेलाव्यञ्जनरहितस्वर (अ, इ, उ, एइत्यादि) एकयाएकसेअधिकव्यञ्जनकेबादएकअन्त्यस्वर (क, क्य, स्त्य, र्स्त्न्यइत्यादि) वार्णिकछन्दमेंवर्णोंकीसङ्ख्या, लघु-गुरुक्रमऔरतदनुसारमात्राओंकीसंख्याकानियमहोताहै।जबकिमात्रिकछन्दमेंकेवलमात्राओंकीसंख्याकानियमहोताहै।लघुवर्णकीएकमात्राहोतीहैऔरगुरुवर्णकीदो। छन्दःशास्त्रमेंलघु-गुरुनिर्धारणके...

किसी भी काम को करने से पहले बोलें सुंदर कांड की ये चौपाई, मिलेगी सफलता

धर्म डेस्क . कई बार लोग किसी काम को पूरी मेहनत और लगन से करते हैं लेकिन वो काम बनते-बनते बिगड़ जाता है अगर आपके साथ भी ऐसा ही होता है तो सिर्फ एक चौपाई के जाप से आपका काम बन सकते हैं। यह चौपाई सुंदर काण्ड में दी गई है। चौपाई प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥ भावार्थ - किसी भी काम की करने से पहले प्रभु श्रीराम का स्मरण करने से सफलता मिलेगी। जो भी ऐसा करता है उसके लिए विष भी अमृत हो जाता है, शत्रु मित्र बन जाता है, समुद्र गाय के खुर के बराबर हो जाता है, अग्नि में शीतलता आ जाती है क्या है मान्यता? - ऐसा माना जाता है कि जब हनुमानजी लंका में माता सीता का पता लगाने गए थे तो इनके मन में इस काम के सफल होने को लेकर शंका थी। तब उन्होने श्रीराम का ध्यान कर लंका में प्रवेश किया , और अपने काम में सफल रहे। - इसीलिए ये माना जाता है कि किसी भी काम को करने से पहले या इंटरव्यू आदि से पहले इस चौपाई को बोलने और श्रीराम को याद करने से हर काम बन जाता है। - रामचरितमानस की रचना तुलसीदास ने महार्षि वाल्मिकी की रामायण को आधार बनाकर की है। सुंदरकांड रामचरितमानस का ही पंचम सोपान है। इसमेंहनुमान जी के गुणों और यश के बारे में बताया गया है।

[Free PDF] Sunderkand PDF In Hindi

Page Contents • • • • • • • रामायण काल में श्रीराम भक्त भगवान् हनुमान जी ने अनेको ऐसे असंभव कार्य किए जिनको करने के बारे में देवता भी नहीं सोच पाते थे। सुंदरकांड में उन सभी कार्यो के द्वारा हनुमान जी के बल, बुद्धि और विवेक का बहुत ही सुंदरता से वर्णन किया गया है। “सुंदरे सुंदरो रामा, सुंदरे सुंदरी कथा || सुंदरे सुंदरी सीता, सुंदरे किम ना सुंदरम || अर्थात: श्रीराम सुंदर है उनकी कथा सुंदर है, श्री सीताजी सुंदर है जब यह सब सूंदर है तो यह सुंदरकांड सुंदर कैसे ना हो। इस अत्यंत प्रभावशाली सुंदरकांड का पाठ करने से साधक का मन, वाणी, चरित्र इत्यादि सभी सुंदर हो जाता है। Sunderkand PDF Download Link ऑफ़लाइन पढ़ने के लिए, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और मुफ्त Sunderkand PDF डाउनलोड करें। सुंदरकांड पाठ के लाभ– Sunderkand Paath Ke Labh सुंदरकांड के पाठ से होने वाले अनंत लाभो का वर्णन पाठ के दोहो द्वारा सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुणगान | सादर सुनहि हो तरहि भव सिंधु बिना जल जान || अर्थात: प्रभु श्रीरघुनाथजी का गुणगान संपूर्ण सुमंगल देने वाला है। जो भी इसे आदर पूर्वक भाव से सुनेंगे, वे बिना किसी जहाज के ही इस संसार रूपी भवसागर को तर जाएँगे। सुंदरकांड के निम्लिखित दोहे में भी शरणागत वत्सल प्रभु श्रीराम किस प्रकार अपनी शरण में आए हुए पर उदार व् दयालु होते है इसके संबंध तुलसीदास जी कहते है। रावन क्रोध अनल निज स्वास समीर प्रचंड । जरत बिभीषनु राखेउ दीन्हेहु राजु अखंड ।। जो संपति सिव रावनहि दीन्हि दिएँ दस माथ । सोइ संपदा बिभीषनहि सकुचि दीन्ह रघुनाथ ।। प्रभु श्री रामजी की शरण लेने पर प्रभु शरणागत की ना सिर्फ सुरक्षा करते है बल्कि उन्हें धन-धान्य से भी परिपूर्ण कर देते है। जैसा की विभीषण को उन्हो...

Sunderkand in Hindi

Sunderkand with Meaning in Hindi सुन्दरकाण्ड – हिन्दी में – अर्थ सहित सुन्दरकांड में 60 दोहे, 526 चौपाइयाँ, 6 छंद और 3 श्लोक है। सुन्दरकांड में 5 से 7 चौपाइयों के बाद 1 दोहा आता है। इस पेज में सम्पूर्ण सुंदरकांड सरल अर्थ सहित दिया गया है। सुंदरकाण्ड पाठ के लिए सुंदरकांड के 60 दोहे और 526 चौपाइयाँ, एक अलग पेज में दी गयी है। उस पेज को पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें – Sunderkand in Hindi with Meaning इस पोस्ट से सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण बात इस लेख में सुंदरकांड की सभी चौपाइयां अर्थ सहित दी गयी हैं। सुंदरकांड सिर्फ हिन्दी में सम्पूर्ण सुंदरकांड सिर्फ हिंदी में पढ़ने के लिए, अर्थात सभी चौपाइयां हाईड (hide) करने के लिए क्लिक करें – सिर्फ हिंदी में (Hide Chaupai) चौपाइयां अर्थ सहित सुंदरकांड की सभी चौपाइयां अर्थ सहित पढ़ने के लिए (यानी की सभी चौपाइयां unhide या show करने के लिए) क्लिक करें – सभी चौपाइयां देखें (Show Chaupai) साथ ही साथ हर चौपाई के स्थान पर एक छोटा सा arrow है, जिसे क्लिक करने पर, वह चौपाई दिखाई देगी। और सभी चौपाइयां हाईड और शो (दिखाने) के लिए भी लिंक दी गयी है। जामवंत के बचन सुहाए। सुनि हनुमंत हृदय अति भाए॥ तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई। सहि दुख कंद मूल फल खाई॥1॥ सुहाए – सूंदर, अच्छे लगने वाले, शोभित | परिखेहु – राह देखना, प्रतीक्षा करना जाम्बवान के (सुन्दर, सुहावने) वचन सुनकर हनुमानजी को अपने मन में वे वचन बहुत अच्छे लगे॥ और हनुमानजी ने कहा की – हे भाइयो! आप लोग कन्द, मूल व फल खाकर समय बिताना, और तब तक मेरी राह देखना, जब तक कि मैं सीताजी का पता लगाकर लौट ना आऊँ, (जब तक मै सीताजी को देखकर लौट न आऊँ)॥1॥ जब लगि आवौं सीतहि देखी। होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी॥ यह कहि नाइ ...

[PDF] सुन्दरकाण्ड संपूर्ण पाठ

सुंदरकाण्ड सम्पूर्ण पाठ अर्थ सहित शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम् ॥ शान्त, सनातन, अप्रमेय (प्रमाणों से परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशान्ति देने वाले, ब्रह्मा, शम्भु और शेषजी से निरंतर सेवित, वेदान्त के द्वारा जानने योग्य, सर्वव्यापक, देवताओं में सबसे बड़े, माया से मनुष्य रूप में दिखने वाले, समस्त पापों को हरने वाले, करुणा की खान, रघुकुल में श्रेष्ठ तथा राजाओं के शिरोमणि राम कहलाने वाले जगदीश्वर की में वंदना करता हूँ ॥ नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुंगव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च ॥ भावार्थ:-हे रघुनाथजी। मैं सत्य कहता हूँ और फिर आप सबके अंतरात्मा ही हैं (सब जानते ही हैं) कि मेरे हृदय में दूसरी कोई इच्छा नहीं है। हे रघुकुलश्रेष्ठ | मुझे अपनी निर्भरा (पूर्ण) भक्ति दीजिए और मेरे मन को काम आदि दोषों से रहित कीजिए ॥ अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ॥ हनुमानजी का सीता शोध के लिए लंका प्रस्थान चौपाई (Chaupai) जामवंतकेबचनसुहाए। सुनि हनुमंतहृदयअति भाए॥ तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई। सहि दुखकंदमूलफलखाई॥ जामवंत जी के सुहावने वचन सुनकरहनुमानजीको अपने मन में वे वचनबहुत अच्छेलगे॥ और हनुमानजी ने कहा की हे भाइयो! आप लोग कन्द, मूल व फल खा, दुःख सह करमेरी राह देखना॥ जब लगि आवौंसीतहिदेखी। होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी॥ यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ माथा। चलेउहरषिहियँ धरिरघुनाथा॥ जबतक मैसीताजीकोदेखकर लौट न ...

रामचरितमानस सुंदरकांड की चौपाई

एक ब्लॉग जो की हिंदी साहित्य से जुड़ी जानकारियाँ आपके साथ शेयर करता है जो की आपके प्रतियोगिता परीक्षा में पूछे जाते हैं, इस ब्लॉग पर एम्. ए. हिंदी साहित्य का पूरा कोर्स लॉन्च करने का प्लान है. अगर आपका सहयोग अच्छा रहा हमारे ब्लॉग में पूरा कोर्स उपलब्ध करा दिया जाएगा. इसमें जो प्रश्न लिखे जा रहे हैं वह न केवल एम्. ए. के लिए उपयोगी है बल्कि यह विभिन्न प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी हिंदी साहित्य के प्रश्न विभिन्न फोर्मेट में हमारा ब्लॉग आपके लिए कंटेंट बनाते रहेगा अपना सहयोग बनाये रखें. सुंदरकांड के 60 दोहे तुलसीदास जी के द्वारा लिखा गया रामचरित मानस का पंचम सोपान जिसे सुंदरकाण्ड के नाम से जाना जाता है। यहां पर गोरखपुर प्रकाशन से प्रकाशित सुंदरकाण्ड को लिखा गया है। यह गोस्वामी तुलसीदास जीद्वारा रचित श्रीरामचरित मानस सुन्दरकाण्ड की जो की हमारे हिंन्दी साहित्य के द्वितीय सेमेस्टर के षष्ठप्रश्नपत्र में है। सुंदरकांड की चौपाई शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रम्हाशंभुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम । रामाख्यं जगदीश्वरम सुरगुरुं मायामनुष्यम हरिं। वन्देअहं करुणाकरं रघुवरं भुपालचूडामणिम ।। 1 ।। नान्या स्पृहा रघुपते हृदयासदीये सत्यं वदामि च भवानखहिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे कामादिदोषरितं कुरु मानसं च ।। 2।। अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम । सकलगुणनिधानं वनराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।। 3 ।। जामवंत के बचन सुहाए । सुनि हनुमंत ह्रदय आति भाए ।। तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई । सहि दुख कंद मूल फल खाई ।। जब लगि आवौं सीतहि देखी। होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी।। यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ माथा। चलेउ हरषि हियँ धर...

'गर्भवती महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए', तेलंगाना की राज्यपाल का बयान

तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और भ्रूण चिकित्सक भी हैं. राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े संवर्धनी न्यास संगठन के कार्यक्रम 'गर्भ संस्कार' के दौरान उन्होंने ये टिप्पणी की है. इस कार्यक्रम के जरिए गर्भवती महिलाओं को वैज्ञानिक और पारंपरिक नुस्खों के जरिए बच्चों को जन्म देने से संस्कारी और देशभक्त बनने की उम्मीद की जाती है. समृद्धिनी न्यास, राष्ट्र सेविका संघ का एक हिस्सा है. सूत्रों के अनुसार, डॉक्टरों के नुस्खे में भगवद गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को पढ़ना, संस्कृत मंत्रों का जाप और योग का अभ्यास करना शामिल है. इसे पूर्व-गर्भाधान से प्रसव तक और यहां तक ​​कि बच्चे के दूसरे वर्ष तक पालन करने के लिए डिजाइन किया गया है. कार्यक्रम गर्भवती माताओं के परिवार के सदस्यों को मार्गदर्शन भी प्रदान करता है. गर्भावस्था के दौरान करें सुंदरकांड का पाठ: राज्यपाल इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि गांवों में हमने गर्भवती माताओं को रामायण, महाभारत और अन्य महाकाव्यों के साथ-साथ अच्छी कहानियां पढ़ते देखा है. विशेष रूप से तमिलनाडु में यह धारणा है कि गर्भवती महिलाओं को कम्बा रामायण के सुंदरकांडम को सीखना चाहिए. सुंदरराजन का मानना ​​है कि गर्भावस्था के दौरान "सुंदरकांड" का जाप करना शिशुओं के लिए फायदेमंद होगा. सुंदरकांड हिंदू महाकाव्य, रामायण का एक अध्याय है, जो भगवान हनुमान के कारनामों और उनकी निस्वार्थता, शक्ति और भगवान राम के प्रति समर्पण को दर्शाता है. सुंदरराजन, पुडुचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में भी काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जहां वैज्ञानिक दृष्टिकोण गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं को रोकने पर ध्यान केंद्रित करता है, वहीं एक समग्र दृष्टिक...

Telangana Governor Soundararajan Said Pregnant Women Should Recite Sunderkand, Read Ramayana

गर्भवती महिलाएं 'सुंदरकांड' का पाठ करें, रामायण को पढ़ें : तेलंगाना की राज्यपाल सौंदरराजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सौंदरराजन ने 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम मॉड्यूल विकसित करने में संवर्धिनी न्यास के प्रयासों की सराहना की और कहा कि गर्भावस्था के प्रति इस 'वैज्ञानिक और समग्र दृष्टिकोण' के कार्यान्वयन से 'निश्चित रूप से' सकारात्मक परिणाम मिलेंगे. नई दिल्ली: तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने रविवार को कहा कि गर्भवती महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बच्चे पैदा करने के लिए 'सुंदरकांड' का पाठ करें और उन्हें रामायण जैसे महाकाव्यों को भी पढ़ना चाहिए. सौंदरराजन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े एक संगठन के 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए यह टिप्पणी की. वह स्त्री रोग विशेषज्ञ और भ्रूण चिकित्सक भी हैं. संवर्धिनी न्यास द्वारा तैयार किए गए 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम के तहत, संगठन से जुड़े डॉक्टर गर्भवती माताओं को 'वैज्ञानिक और पारंपरिक' उपायों के बारे में बतायेंगे ताकि वे 'संस्कारी और देशभक्त' बच्चों को जन्म दे सकें. ऑनलाइन माध्यम से जारी किए 'गर्भ संस्कार' मॉड्यूल के अनुसार इन उपायों में भगवद गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना, संस्कृत मंत्रों का जाप करना और योगाभ्यास शामिल होगा. यह प्रक्रिया गर्भाधान से पहले से प्रसव के चरण तक शुरू होगी और तब तक जारी रहेगी जब तक कि बच्चा दो साल का नहीं हो जाता. इसके अनुसार कार्यक्रम के दौरान गर्भवती महिलाओं के परिवार के सदस्यों का भी मार्गदर्शन किया जाएगा. संवर्धिनी न्यास, राष्ट्र सेविका समिति की एक शाखा है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सौंदरराजन ने 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम मॉड्यूल विकसित करने में संवर्धिनी न...