Subhash chandra bose in hindi

  1. Subhash chandra bose story in hindi
  2. सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु
  3. नेताजी सुभाषचंद्र बोस जीवनी
  4. Kolkata:नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट में लगी आग, कोई हताहत नहीं; चेक
  5. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी
  6. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में 15 रोचक तथ्य । Subhash Chandra Bose In Hindi
  7. डाउनलोड करें नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी (हिंदी में )। Download Biography of NetaJi Subhash Chandra Bose In Hindi
  8. सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय
  9. सुभाष चन्द्र बोस


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Subhash chandra bose story in hindi

सुभाष चंद्र बोस आजादी के उन मतवालों में से एक है जिन्होंने अपना घर,परिवार,समाज,देश के लिए त्याग कर एक ऐसी विशाल सेना खड़ी की जिन्होंने अंग्रेजों की समस्त सेना को चुनौती देने का कार्य किया। आजाद हिंद फौज का गठन कर सुभाष ने देश के प्रति अपनी निष्ठा और विश्वास अपने कर्तव्यों को उजागर किया। इस लेख में सुभाष चंद्र बोस से संबंधित कहानियों का अध्ययन करेंगे जो देशभक्ति से ओतप्रोत है। इसके माध्यम से आप उनके देश भक्ति तथा बुद्धिमता आदि को जान सकेंगे। “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” इस प्रकार के ओजस्वी नारे से सुभाष चंद्र बोस ने एक देशभक्तों की फौज खड़ी की।यह फ़ौज किसी भी देश की फौज से अधिक ताकतवर थी क्योंकि इस फौज में देशभक्ति सर्वोपरि थी। देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तत्पर जवान सुभाष चंद्र बोस की अगुवाई में कार्य कर रहे थे। सुभाष जी ने पुरुषों की फौज ही नहीं वीरांगनाओं की फौज भी समानांतर खड़ी की थी। यह वीरांगना किसी भी परिस्थिति में देश के हित के लिए तत्पर रहने वाली थी।उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शुमार सुभाष चंद्र बोस की कहानियां हम आज के लेख में प्रस्तुत कर रहे हैं। Table of Contents • • • • • • • • • • 1. देशभक्ति सर्वोपरि ( Subhash Chandra Bose story in Hindi ) मित्रों में बैठे बैठे यूं ही बात हो रही थी, बड़ा होकर कौन क्या बनेगा। एक मित्र ने कहा मैं बड़ा होकर छोटा-मोटा काम कर लूंगा। जानने की इच्छा हुई कि यह छोटा-मोटा काम क्या होता है। पूछने पर मित्र ने बताया जैसे- चाय पकौड़े बेचना, सब्जी-फल की दुकान लगाना आदि। मेरे घर पर कभी इस प्रकार के कामों के विषय में चर्चा नहीं होती थी। बड़े भैया और पिताजी सदैव शाम को बैठक में देश भक्ति की कहानी सुनाया करते। घर...

सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु

• S A NEWS (अंग्रेज़ी में). 2020-08-15 . अभिगमन तिथि 2020-10-29. • • • BBC News हिंदी. 2015-04-19 . अभिगमन तिथि 2020-10-29. • • • • • • द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). मूल से 30 जनवरी 2014 को . अभिगमन तिथि १९ अप्रैल २०१५. स्रोत [ ] • Bandyopādhyāẏa, Śekhara (2004), From Plassey to Partition: A History of Modern India (अंग्रेज़ी में), ओरियंट ब्लैकस्वान, 978-81-250-2596-2, मूल से 14 अप्रैल 2015 को , अभिगमन तिथि १९ अप्रैल २०१५ • Bayly, Christopher; Harper, Timothy (2007), Forgotten Wars: Freedom and Revolution in Southeast Asia (अंग्रेज़ी में), हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 978-0-674-02153-2, मूल से 19 मार्च 2015 को , अभिगमन तिथि १९ अप्रैल २०१५ • Bayly, Christopher; Harper, Timothy (2005), Forgotten Armies: The Fall of British Asia, 1941-1945 (अंग्रेज़ी में), हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 978-0-674-01748-1, मूल से 19 मार्च 2015 को , अभिगमन तिथि १९ अप्रैल २०१५ • Bose, Sugata (2011), His Majesty's Opponent: Subhas Chandra Bose and India's Struggle against Empire (अंग्रेज़ी में), हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 978-0-674-04754-9, मूल से 1 अक्तूबर 2013 को , अभिगमन तिथि १९ अप्रैल २०१५ • Fay, Peter Ward (1995), The Forgotten Army: India's Armed Struggle for Independence 1942-1945 (अंग्रेज़ी में), यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन प्रेस, 978-0-472-08342-8, मूल से 3 जनवरी 2014 को , अभिगमन तिथि १९ अप्रैल २०१५ • Gordon, Leonard A. (2006), इंडिया इंटरनेशनल सेंटर क्वार्टरली (अंग्रेज़ी में), 33 (1): 103–112, मूल से 14 अप्रैल 2016 को , अभिगमन तिथि 19 अप्रैल 2015 • Gordon, Leonard A. (1990), Brothers against the Ra...

नेताजी सुभाषचंद्र बोस जीवनी

महानस्वतंत्रतासेनानीनेताजीसुभाषचंद्रबोसकीजीवनी– Subhash Chandra Bose Biography in Hindi Subhash Chandra Bose ka Photo सुभाषचंद्रबोसकीबायोग्राफी– Subhash Chandra Bose Information in Hindi नाम (Name): सुभाषचंद्रजानकीनाथबोस ( Subhash Chandra Bose) जन्म (Birth): 23 जनवरी 1897 जन्मस्थान (Birthplace): कटक, उड़ीसाराज्य, बंगालप्रांत, ब्रिटिशभारत पिता (Father Name): जानकीनाथबोस माता (Mother Name): प्रभावतीदेवी जीवनसाथी (Wife Name): एमिलीशेंकल बच्चे (Daughter Name): अनीताबोसफाफ शिक्षा (Education): 1909 मेंबैप्टिस्टमिशनकीस्थापनाकेबाद रावेनशॉकॉलेजिएटस्कूलमेंएडमिशनलिया। 1913 मेंमैट्रिकपरीक्षामेंद्वितीयस्थानहासिलकरने केबादउन्हेंप्रेसीडेंसीविश्वविद्यालयमेंदाखिलकरायागया जहाँउन्होंनेअपनीपढ़ाईकी। संगठन: आजादहिन्दफौज, आलइंडियानेशनलब्लॉकफॉर्वड, स्वतंत्रभारतकीअस्थायीसरकार मृत्यु (Death Date): 18 अगस्त 1945 सुभाषचन्द्रबोसकाबचपनऔरआरम्भिकजीवन– Subhash Chandra Bose History in Hindi सुभाषचन्द्रबोसकाजन्म 23 जनवरी, 187 को इसकेबादउन्होंनेकटककीमहापालिकामेंकाफीलम्बेसमयतककामभीकियाथाऔरवेबंगालविधानसभाकेसदस्यभीरहेथे।उन्हेंरायबहादुरकाख़िताबभीअंग्रेजोंद्वारादियागयाथा। सुभाषचन्द्रबोसकोदेशभक्तिअपनेपितासेविरासतकेरूपमेंमिलीथी।जानकीनाथसरकारीअधिकारीहोतेहुएभीकांग्रेसकेअधिवेशनोंमेंशामिलहोनेजातेथेऔरलोकसेवाकेकामोंमेंबढ़चढ़करहिस्सालेतेथेआपकोबतादेंकियेखादी, स्वदेशीऔरराष्ट्रीयशैक्षिकसंस्थाओंकेपक्षधऱथे। सुभाषचन्द्रबोसकीमाताप्रभावतीउत्तरीकलकत्ताकेपरंपरावादीदत्तपरिवारकीबेटीथी।येबहुतहीदृढ़इच्छाशक्तिकीस्वामिनी, समझदारऔरव्यवहारकुशलस्त्रीथीसाथहीइतनेबड़ेपरिवारकाभरणपोषणबहुतहीकुशलतासेकरतीथी। Subhash Chandra Bose Family Tree Subhash ...

Kolkata:नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट में लगी आग, कोई हताहत नहीं; चेक

Kolkata: नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट में लगी आग, कोई हताहत नहीं; चेक-इन व विमानों का संचालन बहाल विस्तार पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट में बुधवार रात आग लग गई। एयरपोर्ट अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट 3सी डिपार्चर टर्मिनल बिल्डिंग में गेट नंबर तीन के पास लगी। इसके बाद सेक्शन-3 को रवानगी के लिए बंद कर दिया गया। आग बुझाने के लिए दमकल की चार गाड़ियों ने मोर्चा संभाला और आग पर काबू पाया। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा है। मौके पर एनडीआरएफ की टीम को भी उतार दिया गया है। आग बुझने के बाद देर रात अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट पर चेक-इन प्रक्रिया और विमानों का संचालन रात 10:25 बजे से फिर से शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि इस घटना के कारण यहां आने वाली कोई उड़ान प्रभावित नहीं हुई है। धुएं की वजह से चेक-इन प्रक्रिया रोकनी पड़ी मामले में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने बताया कि चेक-इन एरिया पोर्टल-डी पर रात 9:12 बजे मामूली आग लगी थी। इस वजह से आसपास धुआं छा गया था। इस पर रात 9:40 बजे तक पूरी तरह से काबू पा लिया गया। इससे पहले सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया और चेक-इन एरिया में धुएं की वजह से चेक-इन प्रक्रिया को रोक दिया गया। चेक-इन और संचालन धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही यह बात इस बीच केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि कोलकाता हवाई अड्डे पर चेक-इन काउंटर के पास एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, लेकिन मामूली आग लगी थी। मैं एयरपोर्ट डायरेक्टर के संपर्क में हूं, स्थिति नियंत्रण में है। सभ...

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी

Subhash Chandra Bose Biography in Hindi | सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी Subhash Chandra Bose Biography in Hindiनेताजी सुभाष चन्द्र बोस (Subhash Chandra Bose ) भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी और Indian National Army के संस्थापक थे | आजादी के पूर्व की अवधि में वो भारत के भविष्य के लिए Labor Party से बात करने लन्दन गये थे | उनके ताइवान से अचानक खो जाने के कारण उनके अस्तित्व की सम्भावनाओ की कई बार वाद विवाद हुआ था | सुभाष चन्द्र बोस का प्रारम्भिक जीवन Early life of Subhash Chandra Bose Early life of Subhash Chandra Bose सुभाष चन्द्र बोस (Subhash Chandra Bose ) का जन्म 23 जनवरी 1897 को बंगाल प्रान्त के उडीसा भाग के कटक जिले में हुआ था | उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती देवी था | वो उनके परिवार के 14 बच्चो में से 9वे स्थान पर थे | उनको जनवरी 1902 में अपने भाई बहनों की तरह Protestant European School में दाखिला दिलाया गया | उन्होंने 1909 तक प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण कर रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल में भेज दिया गया | जिस दिन सुभाष चन्द्र बोस (Subhash Chandra Bose ) का दाखिला उस विद्यालय में हुआ तभी उनके प्रधानाध्यापक ने उनकी प्रतिभा समझ ली थी | 1913 में मैट्रिक परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त करने के बाद कॉलेज की पढाई के लिए Presidency College में प्रवेश लिया | Subhash Chandra Bose के राष्ट्रवादी स्वभाव के बारे में जानकारी जब हुई तब भारत विरोधी टिप्पणियों के विरोध में उन्होंने प्रोफेसर पर हमला कर दिया था और उन्हें कॉलेज से निष्काशित कर दिया गया | इसके बाद उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी के स्कॉटिश चर्च कॉलेज में प्रवेश लिया और दर्शनशास्र में बी.ए . पास की | 1919 में भारतीय सिवि...

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में 15 रोचक तथ्य । Subhash Chandra Bose In Hindi

Amazing Facts about Subhash Chandra Bose in Hindi – नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में रोचक तथ्य होश न उनको था और न ही हमें, आज़ादी भी मिली, संविधान भी बना, कई सरकारें आईं और कई चली भी गईं, लेकिन… किसी ने उसकी सुध लेने की कोशिश नहीं की, जिसने हमारी इस आज़ादी के लिए अपनी ज़िंदगी तक कुर्बान कर दी. कोई कहता है कि उनकी मौत प्लेन क्रैश होने से हुई है, तो कईयों का कहना है कि उनकी मौत नहीं हुई थी. लेकिन… इसे क़िस्मत का ही खेल कहा जाए, या फ़िर उनकी बदक़िस्मती!, अभी तक उनकी मौत की पुष्टि नहीं हुई है. हम आपको बताने जा रहे है “Subhash Chandra Bose in Hindi” पोस्ट में कुछ ऐसे तथ्य जो हममें से अधिकतर को नहीं मालूम होंगे… 1. आजाद हिंद फौज का गठन करके अंग्रेजों की नाक में दम करने वाले फ्रीडम फाइटर सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उ़डीसा के कटक शहर में हुआ था. 2. सुभाष चन्द्र बोस अपनी 3. सुभाषचंद्र बोस ने भारतीय स्‍वतंत्रता संग्राम के सेनानी भगत सिंह की फांसी रुकवाने का भरसक प्रयत्‍न किया. उन्‍होंने 4. उनके पिता की इच्छा थी कि सुभाष आई.सी.एस. बनें. उन्होंने अपने पिता की यह इच्छा पूरी की. 1920 की आई.सी.एस. परीक्षा में उन्होंने चौथा स्थान पाया मगर सुभाष का मन अंग्रेजों के अधीन काम करने का नहीं था. 22 अप्रैल 1921 को उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दे दिया. 5. सन् 1933 में उन्हें देश निकाला दे दिया। 1934 में पिताजी की मृत्यु पर तथा 1936 में काँग्रेस के (लखनऊ) अधिवेशन में भाग लेने के लिए सुभाष चन्द्र बोस दो बार भारत आए, मगर दोनों ही बार ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर वापस देश से बाहर भेज दिया। 6. सबसे पहले 7. सन् 1938 में सुभाष चन्द्र बोस कांग्रेस के अध्यक्ष हुए। अध्यक्ष पद के लिए गांध...

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सुभाष चन्द्र बोस (जन्म: 23 जनवरी 1897, मृत्यु: 18 अगस्त 1945) नेता जी के नाम से प्रसिद्ध थे। वे भारतीयस्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया "जय हिन्द" का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा आज भी हमारी रागों में दौड़ता है। आजाद हिन्द फौज के माध्यम से भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करने का नेताजी का प्रयास प्रत्यक्ष रूप में तोसफल नहीं हो सका किन्तु उसका दूरगामी परिणाम अवश्यहुआ। सन् १९४६ के नौसेना विद्रोह इसका उदाहरण है। नौसेना विद्रोह के बाद ही ब्रिटेन को विश्वास हो गया कि अब भारतीय सेना के बल पर भारत में शासन नहीं किया जा सकता और भारत को स्वतन्त्र करने के अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा। ​,3,अंकेश धीमान,3,अकबर-बीरबल,15,अजीत कुमार सिंह,1,अजीत झा,1,अटल बिहारी वाजपेयी,5,अनमोल वचन,44,अनमोल विचार,2,अबुल फजल,1,अब्राहम लिँकन,1,अभियांत्रिकी,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक चतुर्वेदी,1,अभिषेक चौधरी,1,अभिषेक पंडियार,1,अमर सिंह,2,अमित शर्मा,13,अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’,2,अरस्तु,1,अर्नेस्ट हैमिग्व,1,अर्पित गुप्ता,1,अलबर्ट आईन्सटाईन,1,अलिफ लैला,64,अल्बर्ट आइंस्टाईन,1,अशफाकुल्ला खान,1,अश्वपति,1,आचार्य चाणक्य,22,आचार्य विनोबा भावे,1,इंजीनियरिंग,1,इंदिरा गांधी,1,उद्धरण,42,उद्योगपति,2,उपन्यास,2,ओशो,10,ओशो कथा-सागर,11,कबीर के दोहे,2,कवीश कुमार,1,कहावतें तथा लोकोक्तियाँ,11,कुमार मुकुल,1,कृष्ण मलिक,1,केशव किशोर जैन,1,क्रोध,1,ख़लील जिब्रान,1,खेल,1,गणतंत्र दिवस,1,गणित,1,गोपाल प्रसाद व्यास...

सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय

सुभाष चंद्र बोस भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी में से एक थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना को दुबारा जीवन दिया, जिसे “आजाद हिंद फौज” के नाम से जाना जाता था, शुरुवात में यानी 1942 में इसे रास बिहारी बोस द्वारा गठित किया गया था। उन्होंने स्वतंत्रता से पहले लेबर पार्टी के सदस्यों के साथ भारत के भविष्य पर चर्चा करने के लिए लंदन का दौरा किया था। Subhash Chandra Bose को असाधारण नेतृत्व कौशल और एक करिश्माई वक्ता के साथ सबसे प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है। भारत के प्रति इनकी देशभक्ति ने कई भारतीयों के दिलों में छाप छोड़ी है। Subhash Chandra Bose का प्रसिद्ध नारा ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’है। इन्होने भारत को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, चलिए इनके (Subhash Chandra Bose in Hindi) के बारे में विस्तार से जानते हैं! सुभाष चंद्र बोस का जन्म | Birth of Subhash Chandra Bose सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को कटक, उड़ीसा में हुआ था Subhash Chandra Bose के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती देवी था। जानकीनाथ बोस कटक के सफल वकीलों में से एक थे और उन्होंने “राय बहादुर”की उपाधि भी प्राप्त की थी। वह बाद में बंगाल विधान परिषद के सदस्य भी बने। Subhash Chandra Bose एक बहुत ही बुद्धिमान और ईमानदार छात्र थे लेकिन खेलों में उनकी कभी ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी। उन्होंने B.A. कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से दर्शनशास्त्र से पूरा किया। वह स्वामी विवेकानंद के माता पिता ने उनकी शिक्षा से प्रभावित होकर उन्हें भारतीय सिविल सेवा की तैयारी के लिए इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय भेजा। 1920 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन अप्रैल ...

सुभाष चन्द्र बोस

5वें कार्यकाल 22 अगस्त 1930 – 15 अप्रैल 1931 पूर्वाधिकारी उत्तराधिकारी जन्म 23 जनवरी 1897 मृत्यु 18 अगस्त 1945 ( 1945-08-18) (उम्र48) सेना अस्पताल नानमोन शाखा, जन्म कानाम सुभाष चन्द्र बोस राजनीतिकदल जीवन संगी वि॰1937) (गुप्त रूप से विवाह किया जिसमें किसी तरह का कोई कार्यक्रम अथवा गवाह नहीं था, बोस ने सार्वजनिक रूप से इसकी घोषणा नहीं की। बच्चे शैक्षिक सम्बद्धता अनुक्रम • 1 जन्म और पारिवारिक जीवन • 2 शिक्षादीक्षा से लेकर आईसीएस तक का सफर • 3 स्वतन्त्रता संग्राम में प्रवेश और कार्य • 4 कारावास • 5 यूरोप प्रवास • 6 ऑस्ट्रिया में प्रेम विवाह • 7 हरीपुरा कांग्रेस का अध्यक्ष पद • 8 कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा • 9 फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना • 10 नजरबन्दी से पलायन • 11 जर्मनी में प्रवास एवं हिटलर से मुलाकात • 12 पूर्व एशिया में अभियान • 13 दुर्घटना और मृत्यु की खबर • 14 सुनवाई के लिये विशेष पीठ का गठन • 15 भारत की स्वतन्त्रता पर नेताजी का प्रभाव • 16 लेखन (एवं वाचिक) कार्य तथा प्रकाशन • 16.1 नेताजी संपूर्ण वाङ्मय • 17 इन्हेंभीदेखें • 18 सन्दर्भ • 19 बाहरीकड़ियाँ जन्म और पारिवारिक जीवन [ ] कटक के प्रोटेस्टेण्ट स्कूल से प्राइमरी शिक्षा पूर्ण कर 1909 में उन्होंने रेवेनशा कॉलेजियेट स्कूल में दाखिला लिया। कॉलेज के प्रिन्सिपल बेनीमाधव दास के व्यक्तित्व का सुभाष के मन पर अच्छा प्रभाव पड़ा। मात्र पन्द्रह वर्ष की आयु में सुभाष ने विवेकानन्द साहित्य का पूर्ण अध्ययन कर लिया था। 1915 में उन्होंने इण्टरमीडियेट की परीक्षा बीमार होने के बावजूद द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की। 1916 में जब वे दर्शनशास्त्र (ऑनर्स) में बीए के छात्र थे किसी बात पर प्रेसीडेंसी कॉलेज के अध्यापकों और छात्रों के बीच झग...