सुब्रह्मण्य भारती

  1. सुब्रह्मण्य भारती
  2. Tamil Language Mahakavi Bharathiyar
  3. Subramania Bharati Biography
  4. सुब्रमण्यम भारती जीवन परिचय Subramania Bharati Biography
  5. महाकवि सुब्रमण्यम भारती


Download: सुब्रह्मण्य भारती
Size: 55.22 MB

सुब्रह्मण्य भारती

बनारस प्रवास की अवधि में उनका हिन्दू भारती १९०८ में प्रमुख रचनाएँ [ ] ‘ तुम स्वयं ज्योति हो मां, शौर्य स्वरूपिणी हो तुम मां, दुःख और कपट की संहारिका हो मां, तुम्हारी अनुकम्पा का प्रार्थी हूं मैं मां। ( डॉ॰ भारती की कविता ‘मुक्ति का आह्वान’ से) ‘एक होने में जीवन है। अगर हमारे बीच ऐक्य भाव नहीं रहा तो सबकी अवनति है। इसमें हम सबका सम्यक उद्घार होना चाहिए। उक्त ज्ञान को प्राप्त करने के बाद हमें और क्या चाहिए?’ हम गुलामी रूपी धन्धे की शरण में पकड़कर बीते हुए दिनों के लिए मन में लिज्जत होकर द्वंद्वों एवं निंदाओं से निवृत्त होने के लिए इस गुलामी की स्थिति को (थू कहकर) धिक्कारने के लिए ‘वंदे मातरम्’ कहेंगे। उनकी कृतियाँ निम्नलिखित हैं- • कुयिल् पाट्टु • कण्णऩ् पाट्टु (=श्रीकृष्ण गान) • चुयचरितै (=सुचरितम्; आत्मकथा; १९१०) • तेचिय कीतंकळ् (देशभक्ति गीत) • पारति अऱुपत्ताऱु • ञाऩप् पाटल्कळ् (तात्विक गीत) • तोत्तिरप् पाटल्कळ् • विटुतलैप् पाटल्कळ् • विनायकर् नाऩ्मणिमालै • पारतियार् पकवत् कीतै (=भारतियार की भगवत गीता) • पतंचलियोक चूत्तिरम् (=पतंजलि योगसूत्रम्) • नवतन्तिरक्कतैकळ् • उत्तम वाऴ्क्कै चुतन्तिरच्चंकु • हिन्तु तर्मम् (कान्ति उपतेचंकळ्) • चिऩ्ऩंचिऱु किळिये • ञाऩ रतम (=ज्ञान रथम्) • पकवत् कीतै (=भगवत गीता) • चन्तिरिकैयिऩ् कतै • पांचालि चपतम् (=पांचालि शपथम्) • पुतिय आत्तिचूटि • पॊऩ् वाल् नरि • आऱिल् ऒरु पंकु सन्दर्भ [ ]

Tamil Language Mahakavi Bharathiyar

तमिल भाषा के कवि सुब्रह्मण्य भारती। इन्हें ‘महाकवि भारतियार’ के नाम से भी जाना जाता है। भारती एक जुझारू शिक्षक, देशप्रेमी और महान् कवि थे। उनकी देश प्रेम की कविताएँ इतनी श्रेष्ठ हैं कि उन्हें ‘भारती’ उपनाम से ही पुकारा जाने लगा। तमिल भाषा के महाकवि सुब्रमण्यम भारती ऐसे साहित्यकार थे, जो सक्रिय रूप से ‘स्वतंत्रता आंदोलन’ में शामिल रहे, जबकि उनकी रचनाओं से प्रेरित होकर दक्षिण भारत में आम लोग आज़ादी की लड़ाई में कूद पड़े। वे ऐसे महान् कवियों में से एक थे, जिनकी पकड़ हिंदी, बंगाली, संस्कृत, अंग्रेज़ी आदि कई भाषाओं पर थी, पर तमिल उनके लिए सबसे प्रिय और मीठी भाषा थी। उनका ‘गद्य’ और ‘पद्य’ दोनों विधाओं पर समान अधिकार था। सुब्रह्मण्य भारती जी की प्रारंभिक कविताओं में तमिल राष्ट्रवाद का उल्लेख मिलता है, किन्तु स्वामी विवेकानंद के प्रभाव में आने के बाद उनकी जीवन के उत्तरार्ध में लिखी कविताएं भारतीय हिन्दू राष्ट्रवाद का गुणगान करती हैं। उन्होंने अपनी आत्मकथा में स्वीकार किया कि यह परिवर्तन उनकी गुरु भगिनी निवेदिता और स्वामीजी के कारण उत्पन्न हुआ। देशभक्ति से ओतप्रोत स्वामीजी के भाषणों द्वारा पैदा की गई विचारों की चिंगारी का असर वीर सावरकर तथा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जैसे राष्ट्रभक्तों पर भी दिखाई देता है। ‘स्वदेश गीतांगल’ तथा ‘जन्मभूमि’ उनके देशभिक्तपूर्ण काव्य माने जाते हैं, जिनमें राष्ट्रप्रेम् और ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति ललकार के भाव मौजूद हैं। प्रत्येक संस्कृति की जानकारी प्राप्त कराने में ‘साहित्य’ महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साहित्य से हम अपनी विरासत के बारें में सीख सकते हैं। आज की भागती दौड़ती जिंदगी में यदि इंसान किसी चीज़ से सबसे ज़्यादा दूर हो रहा है तो वह है ‘साहित्य’...

Subramania Bharati Biography

Category : सुब्रह्मण्य भारती का जीवन परिचय, Subramania Bharati Biography in Hindi, भारती जी का जन्म भारत के दक्षिणी प्रान्त तमिलनाडु के एक् गांव एट्टयपुरम् में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय में ही हुई। मेधावी छात्र होने के नाते वहां के राजा ने उन्हें ‘भारती’ की उपाधि दी। जब वे किशोरावस्था में ही थे तभी उनके माता-पिता का निधन हो गया। उन्होंने सन् १८९७ में अपनी चचेरी बहन चेल्लमल के साथ विवाह किया। वे बाहरी दुनिया को देखने के बड़े उत्सुक थे। विवाह के बाद सन् १८९८ में वे उच्च शिक्षा के लिये बनारस चले गये। अगले चार वर्ष उनके जीवन में ‘‘खोज’’ के वर्ष थे। Advertisement सुब्रह्मण्य भारती (११ दिसम्बर १८८२ - ११ सितम्बर १९२१) एक तमिल कवि थे। उनको 'महाकवि भरतियार' के नाम से भी जाना जाता है। उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है। वह एक कवि होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल सेनानी, समाज सुधारक, पत्रकार तथा उत्तर भारत व दक्षिण भारत के मध्य एकता के सेतु समान थे। बनारस प्रवास की अवधि में उनका हिन्दू अध्यात्म व राष्ट्रप्रेम से साक्षात्कार हुआ। सन् १९०० तक वे भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में पूरी तरह जुड़ चुके थे और उन्होने पूरे भारत में होने वाली कांग्रेस की सभाओं में भाग लेना आरम्भ कर दिया था। भगिनी निवेदिता, अरविन्द और वंदे मातरम् के गीत ने भारती के भीतर आजादी की भावना को और पल्लवित किया। कांग्रेस के उग्रवादी तबके के करीब होने के कारण पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती थी। भारती १९०८ में पांडिचेरी गए, जहां दस वर्ष वनवासी की तरह बिताए। इसी दौरान उन्होंने कविता और गद्य के जरिये आजादी की बात कही। ‘साप्ताहिक इंडिया’ के द...

सुब्रमण्यम भारती जीवन परिचय Subramania Bharati Biography

• • Sub Menu #1 • Sub Menu #2 • Sub Menu #3 • Sub Menu #4 • Sub Menu #5 • • Sub Menu #1 • Sub Menu #2 • Sub Menu #3 • Sub Menu #4 • Sub Menu #5 • • Sub Menu #1 • Sub Menu #2 • Sub Menu #3 • Sub Menu #4 • Sub Menu #5 • • Sub Menu #1 • Sub Menu #2 • Sub Menu #3 • Sub Menu #4 • Sub Menu #5 • • Search for • Random Article सुब्रमण्यम भारती का जीवन परिचय Subramania Bharati Biography in Hindi: सुब्रमण्यम भारती (1882-1921) दक्षिण भारत के इस महान कवि, समाज सुधारक व स्वतंत्रता सेनानी का जन्म 11 दिसंबर 1882 को तमिलनाडु के तिन्न्वेल्ली जिले में हुआ था. मृत्यु11 सितम्बर,1921 को चेन्नई में हुई थी । जिन्होंने अपनी देश भक्तिपूर्ण गीतों व कविताओं के द्वारा मातृभूमि को स्वतंत्र कराने के लिए समर्पित देशभक्तों की रगो व मन मस्तिष्क में एक नए उत्साह व जोश को बढ़ावा दिया. महाकवि भारती के नाम से प्रसिद्ध सुब्रह्मण्यम भारती जी केवल तमिल भाषा के ही नहीं बल्कि भारत के बड़े राष्ट्रवादी कवियों में गिने जाते है. बुद्धिमता, लेखन, दर्शन विशेष्यज्ञ राष्ट्रप्रेमी लेखक थे. बंगाली, हिंदी, संस्कृत, फे्रंच और अंग्रेजी भाषाओं पर भी भारती की अच्छी पकड़ थी. भारती जी की काव्य शक्ति इतनी प्रखर थी, कि वे बहुत कम आयु में ही कविता की रचना करने लगे थे. तथा 11 वर्ष की आयु में ही उनके भारतीय की उपाधि से सुशोभित किया गया. इन्होने अपने जिले के हिन्दू कॉलेज स्कूल में शिक्षा प्राप्त की तथा संस्कृत व हिंदी में विद्वता प्राप्त की. एट्टयपुरम एक जमीदारी ठिकाना था सुब्रह्मण्यम भारती के पिता चिन्नास्वामी अय्यर जी जमीदार के यहाँ काम करते थे. जब भारती की उम्र पांच वर्ष थी तभी उनकी माँ का देहांत हो गया. पिता और नानाजी की छत्रछाया में...

महाकवि सुब्रमण्यम भारती

• हमारे बारे में • • • • • • • सिविल सेवा परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • प्रारंभिक परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • मुख्य परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • प्रैक्टिस टेस्ट • • • • • • • • • • • • • • • • • पी.सी.एस. • • • • • • • • • टेस्ट सीरीज़ • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • करेंट अफेयर्स • • • • • • • • • दृष्टि स्पेशल्स • • • • • • • • • • • • • • • • • • • डाउनलोड्स • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वीडियो सेक्शन • • • • • • • • • • • • और देखें टैग्स: • • • प्रिलिम्स के लिये महाकवि सुब्रमण्यम भारती मेन्स के लिये स्वतंत्रता संग्राम में दक्षिण भारत का साहित्यिक योगदान, सुब्रमण्यम भारती का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान चर्चा में क्यों? हाल ही में उपराष्ट्रपति ने महाकवि ‘सुब्रमण्यम भारती’ को उनकी 100वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रमुख बिंदु • जन्म: सुब्रमण्यम भारती का जन्म 11 दिसंबर, 1882 को मद्रास प्रेसीडेंसी के ‘एट्टायपुरम’ में हुआ था। • संक्षिप्त परिचय: वे राष्ट्रवादी काल (1885-1920) के भारतीय लेखक थे, जिन्हें आधुनिक तमिल शैली का जनक माना जाता है। • उन्हें 'महाकवि भारथियार' के नाम से भी जाना जाता है। • सामाजिक न्याय को लेकर उनकी मज़बूत भावना ने उन्हें आत्मनिर्णय और सम्मान हेतु लड़ने के लिय प्रेरित किया। • राष्ट्रवादी काल के दौरान भागीदारी: • वर्ष 1904 के बाद वह तमिल दैनिक समाचार पत्र ‘स्वदेशमित्रन’ से जुड़ गए। • राजनीतिक मामलों के साथ उनके इस जुड़ाव के कारण वे जल्द ही ‘भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस’ (INC) के चरमपंथी विंग का हिस्सा बन गए। • सुब्रमण्यम भ...