Surah kahf in hindi

  1. Surah Kahf
  2. Surah Al Kahaf In Hindi
  3. 18. सूरह अल कहफ़


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Surah Kahf

Surah Kahf Surah Kahf, also known as Surah Al-Kahf, holds great importance in Islamic teachings and offers valuable lessons for believers. This chapter, composed of 110 verses, recounts stories that impart profound moral and spiritual guidance. Surah Kahf, derived from the Arabic word "Kahf" meaning "The Cave," has been revered by Muslims for centuries and serves as a source of inspiration and reflection. You can also do Surah Kahf read online. Reciting Surah Kahf is highly recommended on Fridays, as it is believed to provide protection from the trials of the Dajjal, the great deceiver in Islamic eschatology. Its recitation is seen as a means of seeking blessings and seeking refuge in Allah from the challenges of the world. Another notable story in Surah Kahf is that of Moses and Khidr, which underscores the importance of humility, knowledge-seeking, and submission to Allah's wisdom. It teaches believers to be humble in their quest for knowledge and to trust in the unseen wisdom behind Allah's decrees. The chapter also narrates the story of Dhul-Qarnayn, a just ruler who traversed the world, spreading justice and righteousness. His narrative highlights the responsible use of power and the importance of maintaining moral values. In conclusion, Surah Kahf online is a profound chapter that imparts essential teachings for Muslims. Its stories offer timeless wisdom, promoting faith, patience, gratitude, and righteousness. By incorporating the recitation and understanding of Sur...

Surah Al Kahaf In Hindi

Surah Al Kahaf In Hindi क़ुरान की मशहूर सूरह अल कहफ़ हिंदी अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम 1. अल हम्दुलिल लाहिल लज़ी अन्ज़ला अला अब दिहिल किताबा वलम यज अल लहू इवाजा 2. क़य्यिमल लियुन्ज़िरा बअ’सन शदीदम मिल लदुन्हु व युबश शिरल मुअ’मिनीनल लज़ीना यअ मलूनस सालिहाति अन्न लहुम अजरं हसना 3. मा किसीन फीहि अबदा 4. व युनज़िरल लज़ीना क़ालुत तखज़ल लाहू वलदा 5. मा लहुम बिही मिन इलमिव वला लिआबा इहिम कबुरत कलिमतन तखरुजू मिन अफ्वा हिहिम इय यक़ूलूना इल्ला कज़िबा 6. फ़ला अल्लका बाखिउन नफ्सका अला आसारिहिम इल लम युअ’मिनू बिहाज़ल हदीसि असफा 7. इन्ना जअल्ना मा अलल अरदि जीनतल लहा लिनब लुवहुम अय्युहुम अहसनु अमला 8. व इन्ना लजाइलूना मा अलैहा सईदन जुरुज़ा 9. अम हसिब्ता अन्न अस्हाबल कह्फि वर रक़ीमि कानू मिन आयातिना अजबा 10. इज़ अवल फित्यतु इलल कह्फि फक़ालू रब्बना आतिना मिल लदुन्का रहमतव व हय्यिअ लना मिन अमरिना रशदा 11. फ़दरब्ना अला आजानिहिम फ़िल कह्फि सिनीना अददा [divider] 2 12. सुम्मा बअस्नाहुम लिनअ’लमा अय्युल हिज्बैनी अहसा लिमा लबिसू अमदा 13. नहनु नकुस्सु अलैका नबा अहुम बिल हक्क़, इन्नहुम फित्यतुन आमनू बिरब बिहिम व ज़िदनाहुम हुदा 14. व रबतना अला क़ुलूबिहिम इज़ क़ामू फ़क़ालू रब्बुना रब्बुस समावाति वल अर्द, लन नदउवा मिन दूनिही इलाहल लक़द कुल्ना इजन शतता 15. हाउलाइ कौमुनत तख़जू मिन दूनिही आलिहह, लौला यअ’तूना अलैहिम बिसुल्तानिम बय्यिन, फ़मन अज्लमु मिम मनिफ तरा अलल लाहि कज़िबा 16. व इज़िअ तज़ल तुमूहुम वमा यअ’बुदूना इल्लल लाहा फ़अवू इलल कहफि यन्शुर लकुम रब्बुकुम मिर रहमतिही व युहययिअ लकुम मिन अमरिकुम मिरफका 17. व तरश शमसा इज़ा तलअत तज़ावरू अन कहफ़िहिम जातल यमीनि व इज़ा गरबत तक़रिज़ुहुम ज़ातश शिमालि व हुम फ़ी फज्वतिम म...

18. सूरह अल कहफ़

सूरह कहफ के संक्षिप्त विषय यह सूरह मक्की है, इस में 110 आयतें हैं। • इस में कहफ़ (गुफा) वालों की कथा का वर्णन है, जिस से दूसरे जीवन का विश्वास दिलाया गया है। • इस में नसारा (ईसाईयों) को चेतावनी दी गयी है जिन्हों ने अल्लाह का पुत्र होने की बात घड़ ली और शिर्क में उलझ गये, जिस से तौहीद पर आस्था का कोई अर्थ नहीं रह गया। • इस में दो व्यक्तियों की दशा का वर्णन किया गया है जिन में एक संसारिक सुख में मग्न था और दूसरा परलोक पर विश्वास रखता था। फिर जो संसारिक सुख में मग्न था, उस का दुष्परिणाम दिखाया गया है और संसारिक जीवन का एक उदाहरण दे कर बताया गया है कि परलोक में सदाचार ही काम आयेगा। • इस में मूसा (अलैहिस्सलाम) की यात्रा का वर्णन करते हुये अल्लाह के ज्ञान के कुछ भेद उजागर किये गये हैं, ताकि मनुष्य यह समझे की संसार में जो कुछ होता है उस में कुछ भेद अवश्य होता है जिसे वह नहीं जान सकता। • इस में (जुल करनैन) की कथा का वर्णन कर के यह दिखाया गया है उस ने कैसे अल्लाह से डरते हुये और परलोक की जवाब देही (उत्तर दायित्व) का ध्यान रखते हुये अपने अधिकार का प्रयोग किया। • अन्त में शिर्क और परलोक के इन्कार पर चेतावनी है। हदीस में है कि जो सुरह कहफ के आरंभ की दस आयतें याद कर ले तो वह दज्जाल के उपद्रव से बचा लिया जायेगा। (सहीह मुस्लिम, 809)। दूसरी हदीस में है कि एक व्यक्ति रात में सूरह कह्फ़ पढ़ रहा था और उस का घोड़ा उस के पास ही बंधा हुआ था कि एक बादल छा गया और समीप आता गया और घोड़ा बिदकने लगा। जब सवेरा हुआ तो उस ने यह बात नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म को बतायी| आप ने कहाः यह शान्ति थी जो कुआन के कारण उतरी थी| (बुख़ारीः 5011, मुस्लिमः 795) Surah Al Kahf in Hindi हिंदी अनुवाद जब नवयुवकों ने गुफा...