Surah mulk in hindi

  1. Surah Mulk Ayat 16 Hindi translation
  2. Surah e Mulk in Hindi
  3. Surah Mulk PDF Download In English, Hindi, Bangla, Urdu
  4. सूरह बकराह 2:1
  5. Surah Mulk In Hindi


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Surah Mulk Ayat 16 Hindi translation

أأمنتم من في السماء أن يخسف بكم الأرض فإذا هي تمور سورة: -جزء: ( Surah Mulk Ayat 16 क्या तुम उससे निश्चिन्त हो जो आकाश में है कि तुम्हें धरती में धँसा दे, फिर क्या देखोगे कि वह डाँवाडोल हो रही है? Quran کیا تم اس سے جو آسمان میں ہے بےخوف ہو کہ تم کو زمین میں دھنسا دے اور وہ اس وقت حرکت کرنے لگے Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi (67:16) Do you feel secure that He Who is in the heaven *25 will not cause the earth to cave in with you, and then suddenly it will begin to rock violently? Do you feel secure that He who [holds authority] in the heaven meaning *25) This does trot mean that Allah lives in the heavens, but it has been so said because man naturally looks up to the heaven whenever he wants to turn to Allah, raises his hands heavenward in prayer and implores Allah turning his eyes up to heaven whenever he finds himself helpless in an affliction. Then whenever a calamity befalls him suddenly, he says it has descended from heaven; whenever something unusual happens, he says it has come from heaven; and he calls the Books revealed by Allah as heavenly Books. Accordingly to a tradition-in Abu Da'ud, a person came before the Holy Prophet with a black slave-girl and said: "It has become obligatory on me to set a slave free; can 1 set this slave-girl free? Holy Prophet asked the slave-girl, "Where is Allah?" She pointed heavenward with her forger. The Holy Prophet asked, "Who am I?" She first pointed towards him and then towards the heaven, by which she obvi...

Surah e Mulk in Hindi

Surah e Mulk in Hindi सूर ए मुल्क Surah e Mulk in Hindi: हज़रत अली इब्ने अबी तालिब अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) नबी अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) से रवायत करते हैं कि दुनिया में जो शख्श सूरह मुल्क की तिलावत करता रहेगा वह कयामत के रोज़ निजात पाएगा। फ़रिश्तों के परों पर उड़ेगा और उसका चेहरा हज़रत यूसुफ अ.स. की तरह हसीन व जमील होगा। इमाम मोः बाक़र अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) फ़रमाते हैं कि सूरह मुल्क, सूर के माने है क्योंकि ये अपने पढ़ने वाले को कब्र के अज़ाब से रोकता है। हर रोज़ इशा की नमाज़ के बाद इस सूरत को मनहिय्या यानी निजात देने वाला और वाकिय्या यानी कब्र के अज़ाब से महफूज रखने वाला है। बकौले इमाम जाफर अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) कि अगर इस सूरत मुबारका की तिलावत रात के वक्त की जाए तो पढ़ने वाला दूसरी सुबह तक अल्लाह की पनाह यानी हिफ़ाज़त में रहेगा। ये सूरत कयामत के रोज़ भी हमें अज़ाबे इलाही से बचाएगा। Surah e Mulk in Hindi बिसमिल्ला हिर रहमानिर रहीम :तबा-रकल्लजी बि-यदिहिल मुल्क, व हु-व अला कुल्लि शैइन कदीर • निल्लज़ी ख-ल-कल मौ–त वल हया-त लि-यब-लु-व-कुम अय्युकुम अह्सनु अ-म-ला, व हुवल अजीजुल गफूर • अल्लजी ख-ल-क सब-अ समावातिन तिबाक़ा, मा तराफ़ी ख़लकिर्रहमानि मिन तफावुत, फ़रजिइल ब-स-र, हल तरामिन फुतूर • सुम्मरजिइल ब-स-र कर्रतैनि यन्कलिब इलैकल ब-स-रू खासिअंव व हु-व हसीर • व लक़द जय्यन्नस्समाअदुनिया बि-मसाबी-ह व-जअल-नाहा रूजूमल्लिश्शयातीनि व अअतदना लहुम अज़ाबस्सईर • व लिल्लज़ी-न क-फ-रू बि-रबिहिम अज़ाबु जहन्नम, व बेअसल मसीर • इज़ा उलकू फ़ीहा समिऊ लहा शहीकंव व हि-य तफूर • तकादु त...

Surah Mulk PDF Download In English, Hindi, Bangla, Urdu

Assalamwalekum my dear sisters and brothers, Surah Al-Mulk is the 67th chapter of the Quran, which consists of 30 verses. It is one of the most revered chapters in the Quran, known for its beautiful recitation and powerful message. Muslims around the world recite Surah Al-Mulk as a part of their daily prayers, as well as during special occasions such as Ramadan. In this article, we will discuss Surah Mulk’s benefits and also guide you on how to Surah Mulk PDF Download and how to Surah Al Mulk Mp3 download. Table of Contents • • • • • • Surah Al-Mulk بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ تَبَارَكَ الَّذِي بِيَدِهِ الْمُلْكُ وَهُوَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ الَّذِي خَلَقَ الْمَوْتَ وَالْحَيَاةَ لِيَبْلُوَكُمْ أَيُّكُمْ أَحْسَنُ عَمَلًا ۚ وَهُوَ الْعَزِيزُ الْغَفُورُ الَّذِي خَلَقَ سَبْعَ سَمَاوَاتٍ طِبَاقًا ۖ مَا تَرَىٰ فِي خَلْقِ الرَّحْمَٰنِ مِنْ تَفَاوُتٍ ۖ فَارْجِعِ الْبَصَرَ هَلْ تَرَىٰ مِنْ فُطُورٍ ثُمَّ ارْجِعِ الْبَصَرَ كَرَّتَيْنِ يَنْقَلِبْ إِلَيْكَ الْبَصَرُ خَاسِئًا وَهُوَ حَسِيرٌ وَلَقَدْ زَيَّنَّا السَّمَاءَ الدُّنْيَا بِمَصَابِيحَ وَجَعَلْنَاهَا رُجُومًا لِلشَّيَاطِينِ ۖ وَأَعْتَدْنَا لَهُمْ عَذَابَ السَّعِيرِ وَلِلَّذِينَ كَفَرُوا بِرَبِّهِمْ عَذَابُ جَهَنَّمَ ۖ وَبِئْسَ الْمَصِيرُ إِذَا أُلْقُوا فِيهَا سَمِعُوا لَهَا شَهِيقًا وَهِيَ تَفُورُ تَكَادُ تَمَيَّزُ مِنَ الْغَيْظِ ۖ كُلَّمَا أُلْقِيَ فِيهَا فَوْجٌ سَأَلَهُمْ خَزَنَتُهَا أَلَمْ يَأْتِكُمْ نَذِيرٌ قَالُوا بَلَىٰ قَدْ جَاءَنَا نَذِيرٌ فَكَذَّبْنَا وَقُلْنَا مَا نَزَّلَ اللَّهُ مِنْ شَيْءٍ إِنْ أَنْت...

सूरह बकराह 2:1

सूरह बकराह: संक्षिप्त परिचय यह सूरह मदनी है, इस में 286 आयते है। • यह सूरह कुरान की सब से बडी सूरह है। इस के एक स्थान पर “ बकरह “(अर्थात: गाय ) कि चर्चा आई है जिस के कारण इसे यह नाम दिया गाया है। • इस कि आयत 1 से 21 तक में इस पुस्तक का परिचय देते हुये यह बताया गया है कि किस प्रकार के लोग इस मार्गदर्शन को स्वीकार करेगे। और किस प्रकार के लोग इसे स्वीकार नहीं करेगे। • आयत 22 से 29 तक में सर्व साधारण लोगों को अपने पालनहार कि आज्ञा का पालन करने के निर्देश दिये गये है। और जो इस से विमुख हों उन के दुराचारी जीवन और उस के दुष्परिणाम को, और जो स्वीकार कर ले उन के सदाचारी जीवन और शुभपरिणाम को बताय गया है। • आयत 30 से 39 तक के अन्दर प्रथम मनुष्य आदम (अलैहिस्सलाम) की उत्पति और शैतान के विरोध की चर्चा करते हुये यह बताया गया है कि मनुष्य की रचना कैसे हुई , उसे क्यों पैदा किया गया, और उस की सफलता की राह क्या है ? • आयत 40 से 123 तक , बनी इस्रराईल को सम्बोधित किया गया है की यह अन्तिम पुस्तक और अन्तिम नबी वही है जिन की भविष्यवाणी और उन पर ईमान लाने का वचन तुम से तुम्हारी पुस्तक तौरात में लिया गया है। इस लिये उन पर ईमान लाओ। और इस आधार पर उन का विरोध न करो की वह तुम्हारे वंश से नहीं है। वह अरबों में पैदा हुये है, इसी के साथ उन के दुराचारों और अपराधों का वर्णन भी किया गया है| • आयत 124 से 167 तक आदरणीय इब्रराहीम (अलैहिस्सलाम ) के काबा का निर्माण करने तथा उन के धर्म को बताया गया है जो बनी इस्राईल तथा बनी ईसमाईल (अरबों) दोनों ही के परम पिता थे कि वह यहूदी, ईसाई या किसी अन्य धर्म के अनुयायी नहीं थे। उन का धर्म यही इस्लाम था। और उन्हों ने ही काबा बनाने के समय मक्का में एक नबी भेजने की प्रार्थना क...

Surah Mulk In Hindi

• तबाराकल्लाजी बियादीहिल मुल्कु वहूवा अला कुल्ली शएंयिन कदीर। • अल्लजी खलाकल मौता वल हयाता लियाबलुवाकुम अय्यूकुम अहसानु अमाला अहुवल अज़ीजुल गफ़ूर। • अल्लजी खलाका सबाआ समावतिन तिबाका मा तरा फ़ी खलकिर रहमानी; मिन तफाउत फर्जियिल बसारा हल तरा मिन फुतूर। • सुम्मर जीयिल बसारा कर्ररतैनी यानकलीबु इलाईकल बसारू खाशिऔं वहूवा हसीर। • वलाक़द ज़य्यन्नस समााआद्दुनिया बिमासा बीहा वजा अलनहा रूजूमल लिश्शयातीन; वआ तदना लहुम अजाबस सईर। • वालिल्लाजिना कफारू बिराब्बिहिम आजबु जहान्नमा वा बीसल मसीर। • इज़ा उलकू फीहा समिऊ लहा शहीकनवं वहिया तफूर। • तकादु तमाय्यजु मिनल गैज कुल्लमा उल्किया फीहा फौजुं सआलाहुम खाजानतुहा अलम यातिकूम नजीर। • कालू बला कद जाअना नजीरूं फकज़्ज़बना वकुलना मा नज्जलललाहू मिंन शय इन अंतुमइल्ला फी जलालिनं कबीर। • वकालु लव कुन्ना नस्मऊ औे नआकिलु मा कुन्ना फी असहाबिस सयीर। • फातराफु बिज़नंबिहिम फसुहकल लियसहाबिस सईर। • इन्नललजिना यख्शौना रब्बाहुम बिलगैबी लहुम मगफिरातुं वा अजरून कबीर। • वा असिर्रू कौलाकुम अविजहरु बिही इन्नहु अलीमुम बिजतिस सूदूर। • अला यालामु मन खलक़ वहुवल लतीफुल खबीर। • हुवललज़ी जाआला लकुमुल अर्जा जलूलन फामशू फी मनाकिबिहा वकुलू मिर रिज्किही वा इलैहिन नुशूर। • आ आमिंतुम मन फीस समाई अंय यखसिफा बीकुमुल अरजा फइज़ा हिया तमूर। • अम अमिंतुम मंन फिस्समाई अंय युरसिला अलैयकूम फइज़ा हासिबन फसातालामूना कईफा नज़ीर। • वलाकद कज्जबल्लजीना मिन क़ब्लिहिम फकईफ़ा काना नकीर। • अवालम यराऊ इलत्तयरी फौकाहुम साफ्फातिंव वयकबिज्न मा युम्सिकुहुन्ना; इल्लर रहमानु इन्नहु बिकुल्ल शैइंम बसीर। • अम्मन हाजल्लजी हुआ जुंदुल लकुम यनसुरुकुम मिन दूनिर रहमानी इनिल काफिरूना इल्ला फी गुरुर। • अम्मन हाजाल्लजी...