Surdas ke guru kaun the

  1. महाकवि संत सूरदास का जीवन परिचय
  2. सूरदास के गुरु का नाम क्या था ?
  3. सूरदास के जीवन की जानकारी तथा सूरदास के गुरू कौन थे
  4. महाकवि सूरदास का जीवन परिचय (Surdas ka jeevan Parichay)
  5. सूरदास का जीवन परिचय


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महाकवि संत सूरदास का जीवन परिचय

Biography of Surdas in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम इस लेख में वात्सल्य रस के सम्राट, अंधे कवि और संत, भक्ति काल के सगुण धारा कवियों में सर्वोपरि महाकवि सूरदास जीवन परिचय हिंदी में (Surdas ji ka Jivan Parichay) बताने जा रहे हैं। यहां पर हम उनके जन्म से लेकर अंतिम समय तक की जीवन यात्रा के बारे में जानने के साथ ही उनके गुरू और उनके द्वारा लिखित वात्सल्य रस से परिपूर्ण रचनाओं के बारे में भी जानेंगे। सूरदास जी द्वारा लिखित रचनाओं में हम श्री कृष्ण के भक्ति भाव को बहुत ही करीब से महसूस कर सकते हैं। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • सूरदास की जीवनी एक नज़र में नाम संत सूरदास जन्म और जन्मस्थान 1478 ईस्वी, किरोली गांव (रुनकता) पिता का नाम रामदास माता का नाम – स्टेटस अविवाहित पेशा महान कवि गुरू का नाम श्री वल्लभाचार्य प्रमुख रचनाएँ सूरसागर, सूर सरावली, साहित्य लहरी, नल दमयंती मृत्यु 1580 ईस्वी (102 वर्ष), पारसौली गांव (गोवर्धन पर्वत) Surdas Biography In Hindi संत सूरदास जी कौन थे? (surdas kaun the) संत सूरदास जी कृष्णाश्रय शाखा के प्रमुख कवि थे और इन्होंने अपनी रचनाओं में श्री कृष्ण जी की लीलाओं का दिल को स्पर्श करने वाला मार्मिक और विस्तारपूर्वक वर्णन किया है। संत सूरदास जी अपनी रचनाओं में इतनी ज्यादा मार्मिकता और सत्यता का वर्णन करते थे, मानो जैसे कि वह घटना स्वयं उन्होंने अपनी आंखों से देखी हो। संत सूरदास जी को पुराणों और उपनिषदों का बहुत ही करीब से ज्ञान था। विद्वानों और लोगों को सूरदास जी की जन्मतिथि और उनके जन्मस्थान को लेकर अभी बहुत से मतभेद है, इन्होने इनके जन्मस्थान को लेकर बहुत से मत प्रस्तुत किए गए हैं। बहुत से इतिहासकारो ने संत सूरदास की जन्म और जन्म स्थली को लेकर क...

सूरदास के गुरु का नाम क्या था ?

p. 1- 1 [Multi Choice Question] Description: This is a Most important question of gk exam. Question is : सूरदास के गुरु का नाम क्या था ? , Options is : 1. रामानन्द, 2. वल्लभाचार्य, 3.नरहरिदास, 4. इनमें से कोई नहीं, 5. NULL Publisher: upscgk.com & mympsc.com Source: Online General Knolwedge सूरदास के गुरु का नाम क्या था ? This is a Most important question of gk exam. Question is : सूरदास के गुरु का नाम क्या था ? , Options is : 1. रामानन्द, 2. वल्लभाचार्य, 3.नरहरिदास, 4. इनमें से कोई नहीं, 5. NULL Correct Answer of this Question is : 2 Online Electronics Shopping Store - Buy Mobiles, Laptops, Camera Online India Electronics Bazaar is one of best Online Shopping Store in India. Buy online Mobile Phones, Laptops, Tablets, Cameras & much more at best prices. Buy Now! online shopping Electronics india, online shopping in india, online shopping store, buy electronics online, online electronics shopping, online shopping stores, electronics online shopping, online electronics store, online electronic shopping india, online electronics store india • 📝 >राज्य को संविधान द्वारा प्रदत्त सभी शक्तियों को प्रयोग करने एवं कार्य कराने का अधिकार किसे प्राप्त है ? • 📝 >‘ग्रीन पार्क स्टेडियम’ कहाँ अवस्थित है ? • 📝 >भारत में बीमा क्षेत्र किसके द्वारा नियन्त्रित किया जाता है ? • 📝 >सूर्य में कौनसा परमाणु ईंधन होता है ? • 📝 >भू.पटल में सबसे अधिक मात्रा में कौनसी धातु है ? • 📝 >कौन-सा जलाशय अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों को अलग करता है ? • 📝 >माघ.खिचड़ी गुडि़या, बजहर, होली आदि त्यौहार किस जनजाति द...

सूरदास के जीवन की जानकारी तथा सूरदास के गुरू कौन थे

• • • • जीवन परिचय- सूरदासकृष्णभक्ति की अजस्र धारा को प्रवाहित करने वाले भक्तकवियोंमें सर्वोपरि हैं। सूरदास जीब्रजभाषाके श्रेष्ठ कवि माने जाते हैं।सूरदास हिंन्दी साहित्य मेंभक्ति कालके सगुण भक्ति शाखा के कृष्ण-भक्ति उपशाखा के महान कवि हैं। सूरदास का जन्म 1478 ईस्वी में आगरा-मथुरा रोड पर स्थित रुनकता नामक गांव में हुआ था। वहीं कुछ विद्वानों का यह भी मत है कि उनका जन्म एक निर्धन सारस्वत ब्राह्मण परिवार में दिल्ली के पास सीही नामक गांव में 1479 ईस्वी में हुआ था। इसी तरह उनकी मृत्यु के संबंध में भी दो मत हैं। अतः हम कह सकते हैं कि इनके जन्म एवं मृत्यु की जानकारी के बारे में कोई सही तर्क हमारे पास नहीं है।सूरदास ने भक्ति के मार्ग को ही सर्वोपरि माना। सूरदास जन्म से ही अंधे थे, इस कारण उन्हें उनके परिवार ने छोड़ दिया था। उन्होंने महज छह साल की उम्र ही ही घर त्याग दिया था। जन्म से अंधे होने के बावजूद भी उनकी कविता में प्रकृति और दृश्य जगत की अन्य वस्तुओं का इतना सूक्ष्म और अनुभवपूर्ण चित्रण मिलता है कि उनके जन्म से अंधे होने पर सहज विश्वास नहीं होता। सूरदास की तथाकथित रचना ‘साहित्य लहरी’ के एक पद में तो उन्हें चंदबरदायी का वंशज माना गया है और उनका वास्तविक नाम सूरजचंद बताया गया है। सूरदास के गुरु कौन थे कृष्ण भक्ति में सूरदास का नाम सर्वोपरि है। वह एक कवि, संत और एक महान संगीतकार थे। उनके जीवनकाल से संबंधित कोई भी पुख्ता प्रमाण नहीं मिलते। उनके पिता रामदास गायक थे। उनके गुरु का नाम श्री वल्लभाचार्य था। 18 साल की उम्र में सूरदास गऊघाट (यमुना नदी के तट पर पवित्र स्नान स्थल) गए। यहां पर ही वह महान संत श्री सूरसागर’ के नाम से प्रसिद्ध है। सूरदास द्वारा रचित रचनाएं- सूरदास जी द्वारा लि...

महाकवि सूरदास का जीवन परिचय (Surdas ka jeevan Parichay)

Surdas (महाकवि सूरदास) सूरदास हिन्दी के भक्तिकाल के महान कवि थे। हिन्दी साहित्य में भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य उपासक और ब्रजभाषा के श्रेष्ठ कवि महात्मा सूरदास हिंदी साहित्य के सूर्य माने जाते हैं। सूरदास जन्म से अंधे थे या नहीं, इस संबंध में विद्वानों में मतभेद है। भक्तमाल के रचयिता श्रीनाभा जी ने लिखा है कि सूरदासजी उद्धवजी के अवतार थे। 15 वीं सदी को अपनी रचनाओं से प्रभावित करने वाले कवि, महान् संगीतकार और संत थे सूरदास जी। सूरदास जी ने सिर्फ एक सदी को ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व को अपने काव्य से रोशन किया है। सूरदास जी की रचना की प्रशंसा करते हुए डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी ने लिखा है कि काव्य गुणों की विशाल वनस्थली में सूरदास जी का एक अपना सहज सौन्दर्य है। सूरदास जी उस रमणीय उद्यान के समान नहीं जिनका सौन्दर्य पद पद पर माली के कृतित्व की याद दिलाता हो। बल्कि उस अकृत्रिम वन भूमि की तरह है, जिसका रचयिता स्वंय रचना में घुलमिल गया हो। इनकी कृति सूरसागर हिन्दी साहित्य का “गौरव – ग्रन्थ” है |भक्त शाखा के कवियों में अष्टछाप के कवि ही प्रधान है और उनमे भी श्रेष्ठतम कवि हिंदी सहित्य के सूर्य सूरदास जी है सूरदास जी वात्सल्य रस के “सम्राट” माने जाते है | आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार – ‘जयदेव की देववाणी की स्निग्ध पीयूषधारा, जो काल की कठोरता में दब गयी थी अवकाश पाते ही लोकभाषा की सरलता में परिणत होकर मिथिला की अमराइयों में विद्यापति के कोकिल – कंठ से प्रकट हुई और आगे चलकर ब्रज के कुंजो के बीच फैलकर मुरझाये मनो को सीचने लगी आचार्यो की छाप लगी हुई आठ वीणाएँ श्री कृष्णा की प्रेम – लीला का कीर्तन कर उठी, जिनमे सबसे ऊँची और मधुर क्षंकार अन्धे कवि “सूरदास” की वीणा की थी | महाकवि सूरदास के...

सूरदास का जीवन परिचय

सूरदास जी (Surdas ) सगुण भक्ति के उपासक और ब्रजभाषा के महान कवि व संत हैं। सूरदास ‘अष्टछाप’ के कवियों में सिरमौर माना जाता है। इनका नाम भगवान कृष्ण की भक्ति के अजस्र धारा को प्रवाहित करने वाले महान संत के रूप में लिया जाता है। उन्होंने वात्सल्य भाव द्वारा भगवान श्री कृष्ण की आराधना की। इस प्रकार इनका समस्त जीवन श्रीकृष्ण भक्ति में समर्पित रहा। भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य उपासक महान कवि व संत को हिंदी साहित्य में अद्वितीय योगदान के लिए हमेशा याद किये जायेंगे। सूरदास का जीवन परिचय – Biography Of Surdas In Hindi सूरदास का जीवन परिचय हिंदी में – surdas ka jivan parichay • सूरदास – भगवन श्री कृष्ण के परम भक्त • सूरदास जी का जन्म -1478 ईस्वी • सूरदास जी की मृत्यु – 1580 ईस्वी • सूरदास जी का जन्म स्थान -रुनकता ,मथुरा के पास • सूरदास की रचनायें – सूरसागर, सूरसारावली,साहित्य-लहरी इत्यादि • सूरदास के गुरु का नाम– बल्लभाचार्य • साहित्यिक भाषा – ब्रजभाषा सूरदास की जीवनी– surdas ki jivani in hindi इनका जन्म कब और कहाँ हुआ था इसके लिए विद्वानों की बीच मतांतर है। लेकिन अधिकतर विद्वान के अनुसार इनका जन्म 1478 ईस्वी में रुनकता में हुआ था। कहते हैं की सूरदास का जन्म स्थान रुनकता (रेनू का क्षेत्र) मथुरा और आगरा के बीच स्थित एक गाँव था। सूरदास के माता पिता का नाम की बात करें तो उनके पिता का नाम रामदास था। गूगल सर्च के अनुसार सूरदास के माता का नाम जमुनादास था। कुछ विद्वानों का के अनुसार इनका का जन्म दिल्ली के निकट सीही नामक ग्राम में हुआ था। गोकुलदास कृत ‘चौरसी वैष्णवों की वार्ता’ के अनुसार उनका जन्म एक निर्धन सारस्वत ब्राह्मण के घर पैदा हुए थे। सूरदास की शिक्षा दीक्षा– surdas biography in hindi ...