सऊदी अरब करेंसी इंडिया

  1. earlier haj note was printed for haj pilgrims system changed after 70 now this note can be taken to saudi arabia aks
  2. सऊदी अरब में काम करने वाले भारतीयों के लिए मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, मिलेगा ये फायदा


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earlier haj note was printed for haj pilgrims system changed after 70 now this note can be taken to saudi arabia aks

बरेली: हज यात्रियों के जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. बरेली समेत यूपी के हज यात्रियों की पहली फ्लाइट रविवार को लखनऊ से मदीना को रवाना हुई थी. 2000 का नोट बंद होने जा रहा है, आरबीआई की घोषणा के बाद हज यात्री काफी दुविधा में हैं. नोट को लेकर अफवाहें भी उड़ रही हैं. इसके साथ सऊदी अरब से ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. भारत से जाने वाले हज यात्री 500, 200, 100, 50, 20, और 10 के नोट ले जा सकते हैं. सिर्फ 2000 के नोट ले जाने कर रोक है. हज यात्री बाकी सभी नोट करेंसी एक्सचेंज काउंटर पर बदलकर सऊदी रियाल ले सकेंगे. यह जानकर हैरानी होगी कि पहले भारत सरकार हज जाने वाले अपने हज यात्रियों के लिए हर साल स्पेशल नोट यानी 'हज नोट ' जारी करती थी. यह व्यवस्था पिछले कई वर्ष से बंद हैं. हज यात्रियों को उड़ान से पहले "हज नोट" दिए जाते थे.यह दो तरह के नोट होते थे.इसमें एक नीले रंग का 10 रुपये, और 100 रुपये का लाल रंग का नोट होता था.इनका रंग,और आकार इस तरह का होता था कि ये अलग ही पहचान में आ जाए. मक्का, और मदीने जाने वाले लोग इन्हें आसानी से रियाल में बदलकर इस्तेमाल कर लेते थे.बताया जाता है कि पहली बार 1959 में हज नोट जारी किया गया था. फिर ये "हज नोट" 70 के दशक के मध्य तक हज यात्रियों की सुविधा के लिए जारी रहे. इसके बाद इसे बंद कर दिया गया.ये नोट दिल्ली, और मुंबई से हज जाने वाले यात्रियों को जहाज में चढ़ने से पहले हज कमेटी अधिकारियों द्वारा दिए जाते थे.उस वक्त पानी के जहाज से हज यात्री जाते थे. 2000 का नोट बंद होने की घोषणा के बाद हज यात्रा के प्रशिक्षण के दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की टीम भी प्रशिक्षण में शामिल होने लगी है.हज यात्रियों को करेंसी एक्सचेंज काउंटर खुले होने की ज...

सऊदी अरब में काम करने वाले भारतीयों के लिए मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, मिलेगा ये फायदा

सऊदी अरब, बहरीन और यूएई जैसे गल्फ देशों में लाखों प्रवासी भारतीय काम करते हैं. समय-समय पर ये लोग भारत रुपया भेजते हैं. रुपया ट्रांसफर करने में कई बार उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. पैसे भेजने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए मोदी सरकार गल्फ देशों में यूपीआई सिस्टम लॉन्च करने के लिए बात कर रही है. सऊदी अरब और बहरीन जैसे गल्फ देशों में काम करने वाले भारतीय नागरिकों की सुविधा के लिए भारत सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सेवा का विस्तार करने के लिए बहरीन और सऊदी अरब सहित कई खाड़ी देशों के साथ बातचीत कर रहा है. हालांकि, यह बातचीत अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन खाड़ी देश भी यूपीआई में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. अगर भारत सरकार खाड़ी देशों में UPI लॉन्च करने में सफल हो जाती है तो यह उन लाखों भारतीय नागरिकों के लिए मददगार साबित होगा जो खाड़ी देशों में काम करते हैं. खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीय समय-समय पर अपनी कमाई का कुछ हिस्सा भारत में अपने परिवारों को ट्रांसफर करते हैं. जिसमें उन्हें कई बार कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता है. यूपीआई के आ जाने से भारतीय कामगार आसानी से अपना पैसा अपने परिवार को ट्रांसफर कर सकेंगे. एनपीसीआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप अस्बे ने कहा, "यूपीआई के माध्यम से क्रॉस-बॉर्डर पैसा ट्रांसफर सिस्टम डेवलप करने के लिए एनपीसीआई कुछ खाड़ी देशों के साथ चर्चा कर रहा है. इस सिस्टम के तहत पैसे का ट्रांसफर बैंक खाते से बैंक खाते में होगा. यह बातचीत भारतीय रिजर्व बैंक और खाड़ी देशों के केंद्रीय बैंक और हमारे भारतीय मिशन कार्यालयों के बीच हुई...