गिलोय जूस के फायदे

  1. गिलोय के फायदे, नुकसान और सेवन की विधि – NAMHYA
  2. Giloy Juice
  3. गिलोय के फायदे, उपयोग और नुकसान
  4. पतंजलि गिलोय आंवला रस
  5. गिलोय घनवटी के 11 {फायदे और नुकसान}
  6. गिलोय जूस के फायदे, नुकसान व बनाने की विधि
  7. गिलोय (गुडूची) के जूस के 20 फायदे, उपयोग और नुकसान
  8. गिलोय के फायदे जो आपकी सेहत के लिए बेहतरीन हैं
  9. Giloy juice को क्यों माना जाता है अमृत जानिए गिलोय जूस के 7 फायदे
  10. गिलोय जूस पीने का सही समय और 5 फायदे


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गिलोय के फायदे, नुकसान और सेवन की विधि – NAMHYA

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Giloy Juice

गिलोय जूस आज से कुछ वर्षो पूर्व Giloy के बारे में बहुत कम लोग जानते थे लेकिन अब Giloy juice एक पौष्टिक और स्वस्थ पेय है जिसने हाल के दिनों में लोकप्रियता हासिल की है। आज गिलोय जूस पिने के फायदे इतने ज्यादा हो चूका है की हर कोई इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर रहा है। गिलोय का जूस बनाने के लिए गिलोय के पौधे के तनों को पानी में उबालकर उसका रस निकालकर रस बनाया जाता है। गिलोय जूस का स्वाद कड़वा होता है, जो शायद सभी को पसंद न आए, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि giloy juice ke fayde इसके स्वाद से कहीं ज्यादा होते हैं। गिलोय का रस एक सिंथेटिक सप्लीमेंट्स का एक प्राकृतिक और जैविक विकल्प है, जो अक्सर हानिकारक साइड इफेक्ट्स से भी जुड़ा हैं। इसलिए बिना डॉक्टर के सलाह के आप अपने हिसाब से इसे कभी मत पिए। गिलोय के रस के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक है की गिलोय जूस आपके लिए बहुत अच्छा इम्युनिटी बूस्टर है । गिलोय जूस पिने से आपको बीमारी से लड़ने की छमता बढ़ जाती है और आप जल्दी बीमार भी नहीं होते। गिलोय का रस में प्राकृतिक कंपाउंड्स होते हैं जो शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं(white blood cells) के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जो संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे और भी बहुत गुणों का भण्डार है गिलोय का जूस। तो आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे की गिलोय जूस के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे। साथ ही जानेंगे घर पे giloy juice kaise banaye और गिलोय रस पीने का तरीका। सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी गिलोय का भरपूर मात्रा में उपयोग किया जाता रहा है। पर अगर आप नहीं गिलोय के बारे में नहीं जानते तो चलिए जानते है की गिलोय है क्या ? 1.2.4.1 निष्कर्ष गिलोय क्या है और गिलोय का वैज्ञा...

गिलोय के फायदे, उपयोग और नुकसान

Benefits of Giloy in Hindi (गिलोय के फायदे ):-दोस्तों अपने गिलोय का नाम सुना ही होगा और साथ ही गिलोय के फायदे, उपयोग और नुकसान के बारे में भी जानते होंगे। लेकिन शायद ही आपको गिलोय के फायदे के बारे में पूर्ण जानकारी होगी। इस Blogs में माध्यम से हम आपको पूरी व सटीक जानकारी देंगे। प्राचीन काल में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग कर कई बीमारियों के रोकथाम व उपचार के लिए किया जाता था। गिलोय के बारे में आयुर्वेदिक ग्रंथों में बहुत सारी फायदेमंद बातें बताई गई हैं। आयुर्वेद में इसे एक जड़ी-बूटी औषधि माना गया है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। क्या जानते है कि गिलोय क्या है, और गिलोय के क्या क्या फायदे होते है, किन किन बीमारियों में इसका उपयोग किया जाता है। गिलोय के औषधीय गुण किस तरह स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव करते हैं, समझने के लिए यह लेख जरूर पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • गिलोय क्या है (What is Giloy?) दोस्तों हम आपको बता देते है कि गिलोय एक प्रकार की बेल होती है। जो कि झाड़ियों और पेड़ो पर लिपटी रहती है। गिलोय की खास बात यह है कि यह जिस पेड़ पर लिपटी रहती है, उसके गुणों को अपने अंदर अवशोषित कर लेती है। इस कारण नीम पर लिपटी बेल काफी अच्छी मानी जाती है। जिसे हम नीम गिलोय भी कहते है। कोरोना काल के बाद लोगो में गिलोय के फायदों के बारे में जागरूकता बड़ी है। अब लोग इसे अपने घरो में भी उगाने लगे है। गिलोय को गुडूची (Guduchi), अमृता आदि नामों से भी जाना जाता है। कोरोना काल में गिलोय का उपयोग लोगो ने अपनी रोग-प्रतिरोधक समता बढ़ाने में काफी Use किया है। वैज्ञानिक भाषा में गिलोय की बेल को टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया (Tinospora cordifolia) के नाम से जाना जाता है। गिलोय के क्या...

पतंजलि गिलोय आंवला रस

गिलोय गिलोय आंवला रस के प्रमुख उपयोग यह एक हेल्थ सप्लीमेंट की तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे किसी रोग में स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, बुखार, क्रोनिक बीमारियों आदि में ले सकते हैं। इसे ऐसे भी स्वास्थ्य को ठीक रखने और रोगों को नहीं होने देने के लिए दैनिक पी सकते हैं। इसमें गिलोय और आंवले का रस है और दोनों ही आयुर्वेद की रसायन औषधियां है। रसायन औषधियों को लेने का शरीर पर आमतौर पर कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं देखा जाता। गिलोय (टिनोस्पोरा कोर्डिफोलिया) आयुर्वेद की बहुत ही मानी हुई औषध है। इसे गुडूची, गुर्च, मधु]पर्णी, टिनोस्पोरा, तंत्रिका, गुडिच आदि नामों से जाना जाता है। यह एक बेल है जो सहारे पर कुंडली मार कर आगे बढती जाती है। इसे इसके गुणों के कारण ही अमृता कहा गया है। यह जीवनीय है और शक्ति की वृद्धि करती है। इसे जीवन्तिका भी कहा जाता है। दवा के रूप में गिलोय के अंगुली भर की मोटाई के तने का प्रयोग किया जाता है। जो गिलोय गिलोय वात-पित्त और कफ का संतुलन करने वाली दवाई है। यह रक्त से दूषित पदार्थो को नष्ट करती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। यह एक बहुत ही अच्छी ज्वरघ्न है और वायरस-बैक्टीरिया जनित बुखारों में अत्यंत लाभप्रद है। गिलोय के तने का काढ़ा दिन में तीन बार नियमित रूप से तीन से पांच दिन या आवश्कता हो तो उससे अधिक दिन पर लेने से ज्वर नष्ट होता है। किसी भी प्रकार के बुखार में लीवर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गिलोय का सवेन लीवर की रक्षा करता है। यदि रक्त विकार हो , पुराना बुखार हो, यकृत की कमजोरी हो, प्रमेह हो, तो इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार आंवला का सेवन करने से शरीर का कायाकल्प हो जाता है और शरीर की धातुएं पुष्ट हो जाती हैं। ...

गिलोय घनवटी के 11 {फायदे और नुकसान}

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • गिलोय क्या है? What is Giloy in Hindi – गिलोय घनवटी एक प्रकार की बेल है जो जगंलों, पहाड़ों व खेतों की मेड़ों में झाडियों के रूप में पाई जाती है। प्राचीन काल से ही गिलोय को एक आयुर्वेदिक औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। अधिकांश लोग इसके पौधे की पहचान नहीं कर पाते हैं। इसकी पत्तियां पान के पत्तों के समान ही होती हैं और इनका गहरा रंग हरा होता है। इसका तना हरा और गूदेदार होता है। इसे देखने में यह एक रस्सी के समान दिखता है। इसके बीज मटर की तरह दिखते हैं। गर्मी में इसमें पीले रंग के छोटे—छोटे फूल खिलते हैं। इसके नर पौधे में यह फूल गुच्छों में व मादा पौधे में अकेले होते हैं। गिलाय के नर व मादा पौधे को फूलों से पहचाना जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। गिलोय (Giloy in hindi) के कई फायदों को को देखते हुये लोग अब इसे अपने घर में भी लगाने लगे हैं। गिलोय घनवटी को कई नामों से जाना जाता है जिनमें से अमृता, और गुडूची (Guduchi) प्रमुख हैं। गिलोय का वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया (Tinospora Cordifolia) है। ऐसा माना जाता है कि गिलोय की बेल जिस भी पौधे पर चढ़ती है वह उसके गुणों को अपने में समाहित कर लेती है, इसी कारण से आयुर्वेद में नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल को दवा बनाने के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसको इसे नीम गिलोय भी कहा जाता है। गिलोय घनवटी में पाए जाने वाले पोषक तत्व – गिलोय घनवटी में औषधीय गुणों का भण्डार है। इसमें मौजूद पोषक तत्व निम्न हैं — • कॉपर • आयरन • फॉस्फोरस • जिंक • कैल्शियम • मैगनीज इन सबसे अलावा इसमें कई और तत्व होते हैं जैसे — • पॉलीफेनोल्स और टैनिन • क्विनोन्स • फ्लेवेनॉ...

गिलोय जूस के फायदे, नुकसान व बनाने की विधि

गिलोय का आयुर्वेदिक उपचार में काफी महत्व है. इसे कई शारीरिक स्थितियों के इलाज के लिए प्रयोग किया जा सकता है. साथ ही इसका प्रयोग आमतौर पर रोजाना इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए किया जा सकता है. इससे बुखार व डायरिया जैसी स्थितियों को ठीक किया जा सकता है. इसमें कुछ एक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो इसे अच्छा मेडिकल हर्ब बनाते हैं. आइए, इसके अन्य फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं - गिलोय जूस का सेवन ब्लड शुगर को कम करने में सहायक हो सकता है. गिलोय के जूस में बरबाइन नामक कंपाउंड मिलता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में सहायक माना जाता है. यह सेल्स को इंसूलिन रेजिस्टेंट बनाकर शुगर लेवल कम कर सकता है. इसके अलावा, गिलोस में एंटी हाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव भी पाया जाता है, जो (और पढ़ें - अगर गिलोय के जूस को पीने से विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं, तो वहीं कुछ मामलों में इसके जूस का सेवन नुकसानदायक भी साबित हो सकता है. आइए, इसके कुछ दुष्प्रभावों के बारे में जानते हैं - • अगर व्यक्ति डायबिटिक हैं और ब्लड शुगर को कम करने की दवाइयां ले रहा है, तो गिलोय के जूस का सेवन करते समय सावधानी बरतना जरूरी है, क्योंकि यह भी ब्लड शुगर लेवल को कम करता है, जिससे • अगर • गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए गिलोय के जूस का सेवन करना सुरक्षित नहीं, इसलिए इसका सेवन करने से बचें. (और पढ़ें - गिलोय के जूस को बनाने का तरीका आसान है, जिसे नीचे बताया गया है - • सबसे पहले गिलोय की 2 मीटर लंबी टहनी को साफ पानी से अच्छी तरह धो लें. • फिर इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और बाद में पीसकर पेस्ट बना लें. • इसके बाद 1 लीटर पानी में इस पेस्ट को मिक्स कर लें और फिर गैस पर चढ़ा दें. • पानी को तब तक उबा...

गिलोय (गुडूची) के जूस के 20 फायदे, उपयोग और नुकसान

स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेद में कई तरह की जड़ी-बूटियों को उपयोग में लाया जाता है। इन जड़ी-बूटियों में विभिन्न पेड़-पौधों की जड़, तना और पत्तियां शामिल की जाती हैं। ऐसी ही एक जड़ी-बूटी है, गिलोय। अधिकतर लोगों ने इसका नाम जरूर सुना होगा, लेकिन गिलोय के औषधीय गुण की जानकारी बहुत कम को ही होगी। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम गिलोय जूस के फायदे विस्तार से बताने जा रहे हैं। साथ ही यहां आपको घर में ही गिलोय का रस बनाने की विधि बड़े ही सहज ढंग से समझाई जाएगी, जिससे आप आसानी से गिलोय के लाभ हासिल कर सकें। उससे पहले यह जरूर ध्यान रखें कि गिलोय लेख में शामिल समस्याओं में राहत पहुंचा सकता है, लेकिन उनका पूर्ण इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है। विषय सूची • • • • • • गिलोय (गुडूची) क्या है? गिलोय एक प्रकार की बेल है, जिसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह स्वभाव से गर्म तासीर वाली होती है। इसका तना हरा और गूदेदार होता है। वहीं, इसके फल देखने में हरी मटर के बीज के समान लगते हैं। गर्मियों के दिनों में गिलोय की बेल पर पीले रंग के फूल खिलते हैं। इन फूलों के आधार पर ही गिलोय की नर और मादा बेल की पहचान की जाती है। जहां मादा बेल में फूल अकेले नजर आते हैं, वहीं नर बेल में यह फूल गुच्छे में दिखाई देते हैं। यह बेल आमतौर पर पहाड़ों की चट्टानों, जंगलों और खेतों की मेड़ों पर पाई जाती हैं ( वैज्ञानिक भाषा में गिलोय की बेल को टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया (Tinospora cordifolia) के नाम से पुकारा जाता है। चूंकि अकेले ही यह कई बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखती है, इसलिए इसे अमृता (अमृत के समान) भी कहा जाता है। माना जाता है कि यह जिस भी पेड़ से लिपटकर बढ़ती है, उस पेड़ के कई ...

गिलोय के फायदे जो आपकी सेहत के लिए बेहतरीन हैं

भारत में काफी तरह की जड़ीबूटियां अथवा पौधे पाए जाते है, इन पौधों का औषधिक महत्व बहुत होता है। इन ही पौधों में से एक है गिलोय। गिलोय एक औषधिक पौधा है। आयुर्वेद में गिलोय को बहुत ही लाभदायक माना गया है क्यूंकि यह आपके स्वास्थय के लिए बहुत अच्छा रहता है। गिलोय को कई आयुर्वेदिक ग्रंथों और किताबों में एक महत्वकांशी औषधि माना जाता है। गिलोय के फायदे आयुर्वेदिक वैद्य में भी जाने जाते हैं। गिलोय कभी नहीं सूखता जिस वजह से इसे अमृत के नाम से भी सम्भोदित किया जाता है। गिलोय की तना रस्सी जैसा होता है जिससे शाखाएं निकलती हैं। यह तना बहुत ही कोमल होती हैं जिस वजह से यह आसानी से टूट जाती हैं। गिलोय के पौधे पर पीले रंग के फूल और मटर के दाने जैसे फल लगते है। गिलोय की बेल किसी भी वृक्ष पर लग जाती है , किन्तु यह माना जाता है की गिलोय की बेल यदि नीम के वृक्ष पर लगी हो तो उसे इस्तेमाल करना काफी लाभदायक है। Table of Contents • • • गिलोय के फायदे गिलोय बहुत ही लाभदायक पौधा है। गिलोय को पेट के कीड़े मारने के लिए अथवा काफी अन्य रोगों से बचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गिलोय जूस के फायदे बहुत अधिक हैं। यदि गिलोय को सही मात्रा में लिया जाये तो वह अनेक बिमारियों से लड़ने में सहयता करता है। गिलोय से जुड़े फायदों के बारे में जानते है – 1. गिलोय आँखों के रोग को ठीक करने में बहुत लाभदायक साबित होता है। १ ग्राम शहद और १ ग्राम सेंधा नमक को गिलोय के जूस में मिलाये और फिर इसे आँखों पर लगाए। गिलोय के जूस से मोतियाबिंद, आँखों में चुभन और आँखों के आगे अँधेरा छाना ठीक हो जाता है। 2. आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए २० मिलीलीटर गिलोय के जूस में पीपली चूर्ण मिलाकर प्रति दिन २ बार सेवन करने से आँखों की रौशनी बढ़ जात...

Giloy juice को क्यों माना जाता है अमृत जानिए गिलोय जूस के 7 फायदे

गिलोय जूस पीने के फायदे – Benefits of giloy juice in hindi इस लेख में बात करते है गिलोय जूस क्या है, Giloy juice ke fayde, इसका सेवन किन रोगो में किया जाता है Health benefits of giloy juice आयुर्वेद में गिलोय का महत्व क्या हैं। आयुर्वेद में गिलोय को अमृत के समान माना गया है। गिलोय के फायदों ( Giloy juice benefits) के कारण पिछले कुछ वर्षों से गिलोय के प्रति जागरूकता काफी बढ़ी है।गिलोय के साथ साथ गिलोय जूस में अनेक प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। जानिए गिलोय जूस के फायदे Giloy juice benefits in hindi गिलोय क्या होती है : What is giloy यह Tinospora Cordifolia यानि गिलोय एक बहुत ही गुणकारी औषधि होती है। गिलोय एक कुल मेनिसर्परमेसी प्रजाति का सदस्य है। यह एक बहूवर्षीय मांसल, चिकना तथा रोम रहित लता होती है। इसकी जड़ें सफेद मुलायम रोमयुक्त होती है व तना हरा, मांसल व भीतरी भाग चक्राकार, पत्तियां गहरे रंग की हृदयकार एवं एकान्तरित क्रम में होती है जो मुख्य तने से जुड़ी हुई होती है। इसके पुष्प हरा पीला और रेमिस क्रम में अप्रैल-मई में आते हैं। फल मटर के समान गोल या अंडाकार होते हैं। इसके फल में एक बीज होता है जो घुमावदार व परिपक्व अवस्था में लाल वर्ण का होता है। इसलिए इसका सेवन प्राचीन काल से आयुर्वेदिक औषधि के रूप में अनेक रोगों में उपचार के लिए किया जाता है। इसकी लताओं से जूस निकाला जाता है और Giloy juice का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए गुणकारी और अमृत सामान माना गया है। Table of Contents • 0.1 गिलोय जूस पीने के फायदे – Benefits of giloy juice in hindi • 0.2 गिलोय क्या होती है : What is giloy • 0.3 गिलोय के नाम : Names of giloy in hindi • 0.4 गिलोय के पोषक तत्व : Nutrients of giloy in h...

गिलोय जूस पीने का सही समय और 5 फायदे

गिलोय (Giloy) एक प्रकार की जड़ीबूटी है। गिलोय को वैज्ञानिक रूप से हिंदी में टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया या गुडुची के नाम से जाना जाता है। गिलोय का तना अपनी उच्च पोषण सामग्री और इसमें पाए जाने वाले एल्कलॉइड के कारण अत्यधिक प्रभावी माना जाता है लेकिन जड़ और पत्तियों का भी उपयोग किया जा सकता है। यह जड़ी-बूटी अपने औषधीय गुणों के कारण उपयोग की जाती है। इसका सेवन करने के लिए गिलोय का जूस पीया जा सकता है। इस लेख में गिलोय जूस (Giloy juice) पीने का सही समय और फायदे बताये गए हैं। गिलोय जूस पीने का सही समय : Right Time To Drink Giloy Juice In Hindi गिलोय जूस आप प्रतिदिन 2 बार ले सकते हैं। इसका सेवन पानी में मिलाकर भी किया जा सकता है। गिलोय का जूस बनाने के लिए आपको पौधे की कुछ साफ, कटी हुई शाखाओं की जरूरत होती है। इन कटी हुई शाखाओं को एक कप पानी के साथ बारीक, हरे तरल पेस्ट में ब्लेंड करें। अब इस हरे पेस्ट को छानकर गिलोय का जूस बना लें। 10 से 15 ml गिलोय जूस का सेवन करने से लाभ मिल सकते हैं। गिलोय जूस पीने के फायदे : Benefits Of Drinking Giloy Juice In Hindi 1. पुराना बुखार ठीक करे (cure chronic fever) आयुर्वेद में बुखार के दो कारण होते हैं - अमा (शरीर में खराब पाचन के कारण विषाक्त पदार्थ रह जाता है) और दूसरा कुछ बाहरी कणों के कारण होता है। गिलोय पुराने, बार-बार होने वाले बुखार में अद्भुत काम करता है। यह एक विरोधी भड़काऊ, ज्वरनाशक जड़ी बूटी है जो संक्रमण से लड़ने के लिए आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करती है और जल्दी ठीक होने में भी मदद करती है। गिलोय में ज्वरघना (antipyretic) गुण होता है जो बुखार को कम करता है। 2. डेंगू बुखार के इलाज में उपयोगी (Useful in the treatment of dengue ...